24/07/2025
"अब वो दौर गया… जब वोट ₹500 और मुर्गे की थाली में बिक जाया करता था!"
अब जनता जाग गई है।
अब वोट सिर्फ़ उस उम्मीदवार को मिलेगा —
जो गाँव में दिखता है, चुनाव में नहीं छिपता है।
जो साल भर खेत-खलिहान में साथ रहा,
ना कि सिर्फ़ प्रचार में फूलमाला लेकर आया।
पंचायत चुनाव है भाई —
ये विधायक या मंत्री बनने का टेस्ट नहीं है,
ये गाँव की ज़िम्मेदारी उठाने का इम्तिहान है।
अब जनता कह रही है — "हमें नेता नहीं, सेवक चाहिए।"
और जो समझेगा, वही जीतेगा।
✊ Namaste from Uttarakhand भी यही कहता है —
अब की बार, वोट दिल से दो…
क्योंकि पंचायत चुनाव, सिर्फ़ कुर्सी का नहीं — भरोसे का चुनाव है।
"अब कोई भी वोट डालने से पहले — सोचो,
तुम सिर्फ़ वोट नहीं डाल रहे…
तुम गाँव का भविष्य चुन रहे हो!"