Krishna Bhakati Marg "कृष्ण भक्ति मार्ग"

Krishna Bhakati Marg "कृष्ण भक्ति मार्ग" "हमारे साथ भक्ति का उत्सव मनाएं! कृष्ण के भजनों, पवित्र संगीत और प्रेरणादायक सामग्री के साथ...
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😊सुबह आती है, तो मैं सुबह को स्वीकार कर लेता हूँ और सांझ आती है, तो सांझ को। प्रकाश का भी आनंद है और अंधकार का भी। जब से...
03/09/2025

😊सुबह आती है, तो मैं सुबह को स्वीकार कर लेता हूँ और सांझ आती है, तो सांझ को। प्रकाश का भी आनंद है और अंधकार का भी। जब से यह जाना, तब से दुख नहीं जाना है।
किसी आश्रम से एक साधु बाहर गया था। लौटा तो उसे ज्ञात हुआ कि उसका एकमात्र पुत्र मर गया है और उसकी शवयात्रा अभी राह में ही होगी। वह दुख में पागल हो गया। उसे खबर क्यों नहीं की गई? वह आवेश में अंधा दौड़ा हुआ शमशान की ओर चला। शव मार्ग में ही था। उसके गुरु शव के पास ही चल रहे थे। उसने दौड़कर उन्हें पकड़ लिया। दुख में वह मूर्छित-सा हो गया था। फिर अपने गुरु से उसने प्रार्थना की :"दो शब्द सांत्वना के कहें। मैं पागल हुआ जा रहा हूँ।" गुरु ने कहा :"शब्द क्यों, सत्य ही जानो।😊😊 उससे बड़ी कोई सांत्वना नहीं।" और, उन्होंने शव पेटिका के ढक्कन को खोला और उससे कहा :"देखो - 'जो है', उसे देखो।" उसने देखा।उसके आंसू थम गए। सामने मृत देह थी। वह देखता रहा और एक अंतर्दृष्टि का उसके भीतर जन्म हो गया। जो है - है, उसमें रोना-हंसना क्या? जीवन एक सत्य है, तो मृत्यु भी एक सत्य है। जो है - है। उससे अन्यथा चाहने से ही दुख पैदा होता है।
एक समय मैं बहुत बीमार था।चिकित्सक भयभीत थे और प्रियजनों की आंखो में विषाद छा गया था।और,मुझे बहुत हंसी आ रही थी,मैं मृत्यु को जानने को उत्सुक था।मृत्यु तो नहीं आई, लेकिन एक सत्य अनुभव में आ गया।जिसे भी हम स्वीकार कर लें,वही हमें पीड़ा पहुंचाने में असमर्थ हो जाता है।😊😊
~ ओशो

"In the divine presence of Guruji, every moment becomes a blessing. May Premanand Maharaj’s teachings guide us toward in...
26/08/2025

"In the divine presence of Guruji, every moment becomes a blessing. May Premanand Maharaj’s teachings guide us toward inner peace and unwavering devotion. जय श्रीराम! ❤️🕉️"
"

पूज्य श्री प्रेमानन्द जी को गलत बोलने वालो को शर्म आनी चाहिए फिर वो स्वयं कोई श्री रामभद्राचार्य जी ही क्यों ना हो....  ...
25/08/2025

पूज्य श्री प्रेमानन्द जी को गलत बोलने वालो को शर्म आनी चाहिए फिर वो स्वयं कोई श्री रामभद्राचार्य जी ही क्यों ना हो....
केवल किताबी ज्ञान या डिग्री प्राप्त करना ही पर्याप्त नहीं होता, जीवन का सच्चा ज्ञान प्रेम, करुणा और मानवता में निहित है।
वही व्यक्ति सच्चा पंडित (ज्ञानी) होता है, जो प्रेम और सद्भावना को समझकर जीवन जीता है।
इस पर सन्त कबीर दास जी ने भी लिखा है
" पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ, पंडित भया न कोय।
ढाई आखर 'प्रेम' का, पढ़े सो पंडित होय।।"
भक्ति श्लोकों से नहीं प्रेम और भाव से की जाती है। रामभद्राचार्य होंगे श्रेष्ठ मगर प्रेम भक्ति में पूज्य प्रेमानंद जी महाराज की कोई बराबरी नहीं कर सकता।
श्लोकों से उन्हें कथा नहीं कहनी ना ही वो कथावाचक हैं वो तो समाज को सत्य की परख और प्रभु की भक्ति और मुक्ति का मार्ग दिखाने वाले महान सन्त हैं
परम पूज्य प्रेमानंद जी महाराज प्रेम की भाषा को बोलते हैं और पढ़ते हैं हमारे लिए वही गुरु, वही ईश्वर, वही मार्गदर्शक हैं।
पूज्य रामभद्राचार्य जी के सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं है
और पूज्य गुरुदेव ने कब कहा कि वो विद्वान हैं, कब बोले कि हम बहुत पढ़े लिखे ज्ञानी हैं, कब सुना लोगों ने कि उन्होंने कहा हो कि वो चमत्कारी हैं चमत्कार करते हैं बल्कि इसके ठीक विपरीत वो कहते हैं कि
हम पढ़े लिखे नहीं हैं, हम कोई विद्वान नहीं हैं हमारे यहां ऐसा कोई भी व्यक्ति इस आशा के साथ न आवे कि हम कोई चमत्कार कर देंगे, जन्तुर मन्तुर कर देंगे कि सब ठीक हो जाएगा
वो स्वयं इन सब आडम्बरों, अंधविश्वासों का विरोध करते हैं इसी कारण आज तक आपके शिष्य श्री धीरेन्द्र शास्त्री जी अनेकों बार वृन्दावन गये किन्तु पूज्य गुरुदेव के पास नहीं गये वहीं अनेक सिद्ध सन्त, कथावाचक, बड़े बड़े विद्वान, सेलिब्रिटी उनके पास जाते रहते हैं केवल उनका आशीर्वाद पाने की लालसा लेकर ना कि किसी चमत्कार की आशा से...........
और वैसे भी हमारे पूज्य गुरुदेव महाराज कहते हैं कि सब कुछ सुन लेना परन्तु कभी गुरु‌ निन्दा मत सुनना......
आप इतने बड़े विद्वान, वेद शास्त्रों के ज्ञाता है किन्तु आज आपका ज्ञान पूज्य प्रेमानंद जी महाराज के सामने फीका पड़ गया क्योंकि आपका अहंकार और ईर्ष्या उनके प्रति ये दर्शाता है कि उनकी लोकप्रियता सबको खटक रही हैं.......
जिन तुलसीदास जी के नाम पर आप तुलसीपीठ के पीठाधीश्वर हो वो तुलसीदास जी महाराज भगवान परशुराम के लिए लिखते हैं कि
बोले लखन सुनो मुनि ज्ञानी । संत नहीं होत अभिमानी ।।
पू्ज्य गुरुदेव के लिए आज आपके मुख से ऐसे शब्द सुनकर अपार कष्ट हैं ......
(अगर गुरुदेव को सच्चे दिल से मानते हो तो एक शेयर जरुर कर दीजिए ताकि हर भक्त तक ये बात पहुंच सके),.....









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