
27/05/2025
जब तक सरना धर्म कोड नहीं, तब तक जातीय जनगणना नहीं — बोकारो में झामुमो का जोरदार धरना प्रदर्शन ।
बोकारो, 27 मई:
झारखंड में सरना धर्म कोड/आदिवासी धर्म कोड की मांग को लेकर जनभावना दिन-ब-दिन तेज होती जा रही है। इसी क्रम में सोमवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) द्वारा बोकारो जिला मुख्यालय में एक दिवसीय विशाल धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। इस धरना में बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं, आदिवासी संगठनों और समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने भाग लिया।
प्रदर्शनकारियों का स्पष्ट कहना था कि "जब तक सरना धर्म कोड को मान्यता नहीं दी जाती, तब तक जातीय जनगणना नहीं होनी चाहिए।"
धरना स्थल पर जोरदार नारों और जनसभाओं के माध्यम से यह संदेश केंद्र सरकार को दिया गया कि यदि जल्द से जल्द कोड को मान्यता नहीं दी गई, तो आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।
झामुमो नेताओं ने कहा कि झारखंड सरकार ने सरना धर्म कोड विधेयक को विधानसभा से पारित कर राज्यपाल के माध्यम से केंद्र सरकार को भेज दिया था। लेकिन करीब पांच वर्ष बीत जाने के बावजूद अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि केंद्र सरकार आदिवासियों की आस्था और पहचान को नजरअंदाज कर रही है।
धरने को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि सरना धर्म कोड आदिवासी समाज की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान का प्रतीक है। इसे जनगणना में शामिल न करना, उनकी अस्मिता और अधिकारों पर कुठाराघात के समान है।
कार्यक्रम के अंत में एक ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को यह मांग दोहराई गई कि सरना धर्म कोड को जल्द से जल्द मान्यता दी जाए। साथ ही चेतावनी दी गई कि यदि केंद्र सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया, तो झामुमो सड़क से संसद तक आंदोलन को और तेज करेगा।