06/12/2025
🌺 शनिवार की पवित्र कथा – हनुमान जी और सब्र का आशीर्वाद 🌺
एक बार भगवान राम अपने आश्रम में बैठे चिंतन कर रहे थे। तभी हनुमान जी वहाँ पहुँचे और बोले—
“प्रभु! आपकी सेवा में मैं और क्या कर सकता हूँ?”
भगवान राम मुस्कुराए और बोले—
“हनुमान, कभी-कभी सबसे बड़ी सेवा इंतज़ार करना होती है… समय आने पर काम अपने आप सामने आ जाता है।”
हनुमान जी यह सुनकर शांत हो गए, लेकिन उनका मन बार-बार यही सोचता कि ‘सेवा बिना चैन कैसे?’
कुछ ही दिनों बाद ऐसा समय आया जब लक्ष्मण जी को गंभीर बुखार हो गया। आश्रम में सब बेचैन थे। तभी दूर से एक बाल साधु आया और बोला—
“उनकी दवा केवल वही दे सकता है जिसे धैर्य और विश्वास दोनों की कसौटी पर परखा गया हो।”
राम जी ने मुस्कुराकर हनुमान जी की तरफ देखा।
हनुमान जी तुरंत समझ गए कि प्रभु की कही बात का अर्थ आज खुल रहा है।
बाल साधु ने कहा—
“वन में एक दुर्लभ जड़ी-बूटी है, उसका फूल तभी दिखाई देगा जब उसे ढूँढने वाला मन से शांत और सब्र से भरा हो।”
हनुमान जी उड़े… लेकिन जितना ढूँढते, फूल नजर नहीं आता।
उन्होंने आँखे बंद कीं, गहरी साँस ली और प्रभु का नाम लेकर मन को शांत किया।
जैसे ही मन शांत हुआ…
झाड़ी के बीच वह चमकता हुआ फूल दिखाई दे गया।
फूल लेकर लौटे, दवा बनी और लक्ष्मण जी स्वस्थ हो गए।
राम जी ने हनुमान जी से कहा:
“देखो हनुमान, शक्ति तो तुम्हारे भीतर हमेशा से थी… आज सब्र ने उसे दिशा दी।”
हनुमान जी folded hands के साथ बोले—
“प्रभु, अब समझ गया—जो धैर्य रखता है, वही सच्चा विजयी होता है।”
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✨ इस कथा का संदेश
धैर्य हर कठिनाई की चाबी है
शांत मन से हर समाधान दिखाई देता है
हनुमान जी हमें सिखाते हैं — बल से पहले बुद्धि और सब्र जरूरी है
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🙏 शनिवार का शुभ मंत्र
“ॐ हनुमंते नमः”
इसका जाप दिन भर आपमें शक्ति, शांति और साहस भरता है।