Akhlak Ahmad

Akhlak Ahmad SAUDI ARABIA..
सऊदी के दौलत मुफ्त में नहीं मिलती
यहां अपना हरी भरी जवानी लुटानी पड़ती है..!!

07/08/2025

#सऊदी #अरब में रहने के कई फायदे हैं, जो इसे कई लोगों के लिए आकर्षक गंतव्य बनाते हैं। नीचे कुछ प्रमुख फायदों का उल्लेख है:कर-मुक्त आय: सऊदी अरब में व्यक्तिगत आयकर नहीं लगता, जिससे आपकी कमाई का अधिक हिस्सा आपके पास रहता है।
उच्च वेतन और नौकरी के अवसर: तेल और गैस, निर्माण, स्वास्थ्य, और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में उच्च वेतन और अच्छे करियर के अवसर उपलब्ध हैं, खासकर प्रवासियों के लिए।
आधुनिक सुविधाएं: रियाद, जेद्दा और दम्मम जैसे शहरों में विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा, शॉपिंग मॉल, अस्पताल, और स्कूल उपलब्ध हैं।
सुरक्षा: सऊदी अरब में अपराध दर अपेक्षाकृत कम है, जिससे यह रहने के लिए सुरक्षित देश माना जाता है।
सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व: इस्लाम के पवित्र स्थल मक्का और मदीना यहाँ स्थित हैं, जो मुस्लिमों के लिए आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण है। उमराह और हज के लिए आसान पहुंच।
विविध प्रवासी समुदाय: सऊदी अरब में विभिन्न देशों के लोग रहते हैं, जिससे एक वैश्विक और बहुसांस्कृतिक माहौल मिलता है।
मुफ्त या रियायती सुविधाएं: कई कंपनियां कर्मचारियों को मुफ्त आवास, परिवहन, और स्वास्थ्य बीमा प्रदान करती हैं।
पर्यटन और मनोरंजन: सऊदी अरब ने हाल के वर्षों में पर्यटन को बढ़ावा दिया है, जिसमें रेगिस्तानी साहसिक गतिविधियां, समुद्र तट, और सांस्कृतिक आयोजन शामिल हैं।
शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं: अंतरराष्ट्रीय स्कूल और विश्वस्तरीय अस्पताल उपलब्ध हैं, जो परिवारों के लिए सुविधाजनक है।
विकास और निवेश के अवसर: सऊदी विजन 2030 के तहत देश में तेजी से विकास हो रहा है, जिससे व्यवसाय और निवेश के नए अवसर पैदा हो रहे हैं।

*ऐ ज़िन्दगी*और कितने तजुर्बे कराएगी..*कोई तो अपना रहने दे,*क्या सबके चेहरे से नकाब हटाएगी..!!
06/08/2025

*ऐ ज़िन्दगी*
और कितने तजुर्बे कराएगी..

*कोई तो अपना रहने दे,*
क्या सबके चेहरे से नकाब हटाएगी..!!

05/08/2025
05/08/2025

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Manju Boudh  हमने बचपन में पढ़ा था तीसरी या चौथी क्लास में सिद्धार्थ के बारे में जो बगीचे में खेल रहे थे और भी बच्चे थे ...
05/08/2025

Manju Boudh
हमने बचपन में पढ़ा था तीसरी या चौथी क्लास में सिद्धार्थ के बारे में जो बगीचे में खेल रहे थे और भी बच्चे थे उनमें उनके चचेरे भाई भी थे देवदत्त जो एक हंस को तीर से मारकर घायल कर दिया बाद में सिद्धार्थ ने उसे हंस के घाव के जगह पर मिट्टी लगाकर उसको ठीक किया और जब हंस ठीक हो गया तब हंस को आजाद कर दिए सिद्धार्थ गौतम को बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे आत्मज्ञान प्राप्त हुआ, और वे गौतम बुद्ध बने। यह बौद्ध धर्म का सबसे महत्वपूर्ण क्षण है, जो करुणा, ध्यान, और चार आर्य सत्यों (दुख, दुख का कारण, दुख का निवारण, और अष्टांगिक मार्ग) की समझ को दर्शाता है।

  Me and my Egyptian friends Mahmoud and Mohammed
05/08/2025


Me and my Egyptian friends Mahmoud and Mohammed

04/08/2025

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री आदरणीय शिबू सोरेन जी का निधन हो गया है हमें बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आज वह हमारे ब...
04/08/2025

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री
आदरणीय शिबू सोरेन जी का निधन हो गया है हमें बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आज वह हमारे बीच नहीं रहे 😥
शिबू सोरेन (11 जनवरी 1944 – 4 अगस्त 2025) एक प्रमुख भारतीय राजनेता और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक थे। उन्हें "दिशोम गुरु" के नाम से जाना जाता था, खासकर आदिवासी समुदाय में, जहां उनकी व्यापक लोकप्रियता थी। वे झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद थे।जीवन और राजनीतिक सफर:जन्म और प्रारंभिक जीवन: शिबू सोरेन का जन्म बिहार (अब झारखंड) के हजारीबाग जिले के नेमरा गांव में हुआ था। उनके पिता, सोबरन मांझी, एक शिक्षक थे, जिनकी हत्या ने शिबू को आदिवासी समुदाय के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा दी। उन्होंने दसवीं तक शिक्षा प्राप्त की और बाद में खेती में अपने परिवार की मदद की।
झारखंड आंदोलन: शिबू सोरेन ने 1972 में झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना की और बिहार से अलग झारखंड राज्य की मांग को लेकर लंबा आंदोलन चलाया। उनकी अगुवाई में 2000 में झारखंड राज्य का गठन हुआ। उन्होंने सूदखोरी और शराबबंदी के खिलाफ भी आंदोलन चलाए।
राजनीतिक करियर:मुख्यमंत्री: शिबू सोरेन तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे—2005 (10 दिन), 2008-09, और 2009-10, लेकिन वे कभी भी पूर्ण कार्यकाल पूरा नहीं कर सके।
सांसद: वे 1980 से 2019 तक दुमका लोकसभा सीट से 8 बार सांसद चुने गए। इसके अलावा, वे तीन बार राज्यसभा सांसद रहे।
केंद्रीय मंत्री: उन्होंने नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह की सरकारों में कोयला मंत्री के रूप में कार्य किया, लेकिन 2004 में चिरूडीह कांड के कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।
विवाद: शिबू सोरेन पर 1975 के चिरूडीह कांड में हत्या का आरोप लगा, जिसमें 11 लोग मारे गए थे। इसके अलावा, 1993 के सांसद घूसकांड और 1994 में उनके निजी सचिव शशि नाथ झा की हत्या के मामले में भी उनका नाम उछला, हालांकि बाद में वे बरी हो गए।

निधन:शिबू सोरेन का 4 अगस्त 2025 को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया। वे 81 वर्ष के थे और लंबे समय से किडनी की बीमारी, डायबिटीज, और फेफड़ों की समस्याओं से जूझ रहे थे। जून 2025 में उन्हें ब्रेन स्ट्रोक हुआ था, जिसके बाद वे वेंटिलेटर पर थे। उनके निधन की पुष्टि उनके बेटे और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की, जिन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए हैं। आज मैं शून्य हो गया हूँ...”विरासत:शिबू सोरेन को झारखंड की राजनीति में एक युग का प्रतीक माना जाता है। उनके निधन से राज्य में शोक की लहर दौड़ गई। उनके योगदान को झारखंड आंदोलनकारी चिह्नितीकरण आयोग द्वारा मान्यता दी गई, और उन्हें आंदोलनकारी घोषित किया गया।परिवार:शिबू सोरेन की पत्नी रूपी सोरेन और उनके चार बच्चों में से हेमंत सोरेन (वर्तमान मुख्यमंत्री), बसंत सोरेन, और अंजली सोरेन उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। उनके सबसे बड़े बेटे दुर्गा सोरेन का निधन हो चुका है।

03/08/2025

Sonu Sood
Happy Birthday 🎁🎂
Sonu Bhaiya
सोनू सूद एक भारतीय अभिनेता, फिल्म निर्माता, मॉडल और परोपकारी हैं, जो मुख्य रूप से हिंदी, तेलुगु, तमिल और कन्नड़ फिल्मों में काम करते हैं। उनका जन्म 30 जुलाई 1973 को मोगा, पंजाब में हुआ था। उनके पिता शक्ति सागर सूद एक उद्यमी और माता सरोज सूद एक शिक्षिका थीं। सोनू ने नागपुर के यशवंतराव चव्हाण कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।
व्यक्तिगत जीवन:जन्म और परिवार: सोनू का जन्म मध्यमवर्गीय हिंदू परिवार में हुआ। उनकी दो बहनें हैं, जिनमें से एक, मोनिका सूद, वैज्ञानिक हैं।
विवाह: उन्होंने 1996 में सोनाली सूद से शादी की, जो आंध्र प्रदेश की रहने वाली हैं। दंपति के दो बेटे हैं, अयान और ईशान।
मुंबई में शुरुआत: सोनू केवल 5,000 रुपये लेकर मुंबई आए थे और शुरुआती दिनों में एक कमरे के फ्लैट में अपनी पत्नी और अन्य स्ट्रगलर्स के साथ रहे।
करियर:अभिनय की शुरुआत: सोनू ने 1999 में तमिल फिल्म "कल्लाझगर" से अभिनय शुरू किया और 2002 में बॉलीवुड में "शहीद-ए-आजम" में भगत सिंह की भूमिका निभाकर डेब्यू किया।
प्रमुख फिल्में: उनकी उल्लेखनीय फिल्मों में दबंग (2010), अरुंधति (2009), जोधा अकबर (2008), शूटआउट एट वडाला (2013), हैप्पी न्यू ईयर (2014) और फतेह (2025) शामिल हैं। फतेह उनकी पहली निर्देशित फिल्म है, जिसमें उन्होंने लेखन और अभिनय भी किया।
पुरस्कार: उन्हें अरुंधति के लिए नंदी और फिल्मफेयर अवॉर्ड, दबंग के लिए अप्सरा और IIFA अवॉर्ड, और जुलायी (2012) के लिए SIIMA अवॉर्ड मिला।
निर्देशन: फतेह में उनके निर्देशन और डायलॉग लेखन को सराहा गया। उनकी आगामी फिल्म नंदी में भी वे अभिनय और निर्देशन करेंगे।
परोपकारी कार्य:कोविड-19 में योगदान: 2020 में लॉकडाउन के दौरान, सोनू ने सूद चैरिटी फाउंडेशन के तहत लाखों प्रवासी मजदूरों को बसों, ट्रेनों और चार्टर्ड उड़ानों से उनके घर पहुंचाया। उन्होंने ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और बेड की व्यवस्था भी की।
अन्य कार्य: उन्होंने किर्गिस्तान में फंसे 1,500 भारतीय छात्रों, मॉस्को में फंसे तमिलनाडु के मेडिकल छात्रों, और उत्तराखंड के दो युवाओं को घर पहुंचाया। एक किसान की बेटियों को ट्रैक्टर भेजा और झारखंड के एक मरीज के इलाज का खर्च उठाया।
पुरस्कार: उनके मानवीय कार्यों के लिए उन्हें 2020 में UNDP का SDG स्पेशल ह्यूमैनिटेरियन एक्शन अवॉर्ड और 2025 में मिस वर्ल्ड फेस्टिवल में ह्यूमैनिटेरियन अवॉर्ड मिला।
विवाद:कानूनी मामला: 2025 में, लुधियाना में एक मल्टीलेवल मार्केटिंग फ्रॉड केस में सोनू गवाह थे। बार-बार समन के बावजूद पेश न होने पर उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी हुआ, लेकिन बाद में उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से गवाही दी।
धोखाधड़ी: कुछ ठगों ने उनके फाउंडेशन के नाम पर फर्जी लोन स्कीम चलाई, जिसके खिलाफ उन्होंने मुंबई पुलिस में शिकायत दर्ज की।
अन्य रोचक तथ्य:सोशल मीडिया: सोनू का ऑफिशियल ट्विटर हैंडल
और इंस्टाग्राम हैंडल sonu_sood है।
आत्मकथा: दिसंबर 2020 में उनकी आत्मकथा I Am No Messiah प्रकाशित हुई, जिसमें उनके परोपकारी कार्यों और अभिनय यात्रा का जिक्र है।
घर: वे मुंबई के अंधेरी वेस्ट में 2600 स्क्वेयर फुट के आलीशान 4 BHK अपार्टमेंट में रहते हैं, जो वास्तु शास्त्र के अनुसार डिजाइन किया गया है।
धर्म और आस्था: सोनू धार्मिक हैं और तिरुमाला के वेंकटेश्वर मंदिर में पूजा करते हैं।
सोनू सूद को उनके परोपकारी कार्यों के कारण "लोगों का मसीहा" कहा जाता है, और वे फिल्मों के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहते हैं

23/05/2024

EVM कि हेरा फेरी या वोट चोरी यह सुनते हि आपके दिमाग में सबसे पहले क्या
आता है ?

03/04/2024

आम आदमी पार्टी के संजय सिंह बिना मतलब के इतना दिन जेल में रहे क्या इनको ED पर केस नहीं करना चाहिए

01/04/2024

जनधन खाता अभी चालू रहने दूं या बंद कर दूं कृपया अपनी राय दें 😂

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