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29/08/2025

🌱 पत्तियों से पोषक तत्वों की कमी पहचानना

𝟏. नाइट्रोजन (𝐍) की कमी

लक्षण: पुरानी पत्तियाँ सबसे पहले हल्की हरी से पीली होने लगती हैं।

पूरी पत्ती का रंग फीका पड़ जाता है।

पौधे की वृद्धि धीमी या रुक-सी जाती है।

फल छोटे और कम विकसित रह जाते हैं।

𝟐. फॉस्फोरस (𝐏) की कमी

लक्षण: पत्तियों के नीचे की सतह पर गहरा हरा या बैंगनी (जामुनी) रंग दिखाई देता है।

पौधे की जड़ें और तने कमजोर रह जाते हैं।

समग्र वृद्धि धीमी हो जाती है और फलने-फूलने की क्षमता घट जाती है।

ठंडे मौसम में यह कमी और स्पष्ट दिखाई देती है।

𝟑. पोटाशियम (𝐊) की कमी

लक्षण: पुरानी पत्तियों के किनारे पहले पीले और फिर भूरे हो जाते हैं।

पत्तियों का किनारा जला हुआ या झुलसा-सा प्रतीत होता है (𝐒𝐜𝐨𝐫𝐜𝐡𝐢𝐧𝐠)।

पेड़ रोग और सूखे के प्रति संवेदनशील हो जाता है।

फलों में रंग और स्वाद की गुणवत्ता प्रभावित होती है।

𝟒. मैग्नीशियम (𝐌𝐠) की कमी

लक्षण: पुरानी पत्तियों में नसों के बीच का हिस्सा पीला पड़ जाता है, जबकि नसें हरी रहती हैं।

इस लक्षण को 𝐈𝐧𝐭𝐞𝐫𝐯𝐞𝐢𝐧𝐚𝐥 𝐂𝐡𝐥𝐨𝐫𝐨𝐬𝐢𝐬 कहते हैं।

पत्तियाँ समय से पहले झड़ सकती हैं।

फलन कम हो जाता है और पेड़ कमजोर दिखने लगता है।

𝟓. आयरन (𝐅𝐞) की कमी

लक्षण: सबसे नई पत्तियों (ऊपरी कोमल पत्तियों) में नसों के बीच पीला रंग आ जाता है, जबकि नसें हरी रहती हैं।

इसे भी 𝐈𝐧𝐭𝐞𝐫𝐯𝐞𝐢𝐧𝐚𝐥 𝐂𝐡𝐥𝐨𝐫𝐨𝐬𝐢𝐬 कहते हैं लेकिन यह नयी पत्तियों में दिखाई देता है।

गंभीर कमी में पूरी पत्ती पीली हो जाती है।

फल बनने की प्रक्रिया प्रभावित होती है और पेड़ की वृद्धि रुक सकती है।

𝟔. बोरॉन (𝐁) की कमी

लक्षण: पेड़ के नए अंकुर और कोमल पत्तियाँ सूख जाती हैं और मरने लगती हैं।

फलों में दरारें, कॉर्की (स्पंजी या रूखे) धब्बे, और आकार बिगड़ना आम है।

फूल कम बनते हैं और फल झड़ने की समस्या अधिक होती है।

पेड़ का ऊपरी हिस्सा सूख सकता है, जिससे पैदावार पर सीधा असर पड़ता है।

नेक्रोटिक लीफ ब्लॉच कोई फफूंदी (fungal) रोग नहीं है, बल्कि एक शारीरिक विकार (physiological disorder) है जो अक्सर 'गोल्डन...
16/08/2025

नेक्रोटिक लीफ ब्लॉच कोई फफूंदी (fungal) रोग नहीं है, बल्कि एक शारीरिक विकार (physiological disorder) है जो अक्सर 'गोल्डन डिलीशियस' सेब के पेड़ों और इससे मिलती-जुलती किस्मों में देखा जाता है।
यह रोग नहीं, बल्कि एक विकार है जिसके बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें यहाँ दी गई हैं:
लक्षण (Symptoms): इस विकार में, पत्तियों पर अचानक भूरे, मृत (necrotic) धब्बे दिखाई देते हैं। ये धब्बे आमतौर पर पत्तियों की नसों से घिरे होते हैं। धब्बे दिखाई देने के कुछ ही दिनों में, प्रभावित पत्तियाँ पीली होकर गिर जाती हैं। यह समस्या अक्सर तब होती है जब ठंडे और बारिश वाले मौसम के बाद अचानक गर्मी और धूप वाला मौसम आता है।
कारण (Cause): इसका सटीक कारण पूरी तरह से पता नहीं है, लेकिन माना जाता है कि यह तापमान, प्रकाश की तीव्रता और मिट्टी की नमी में अचानक बदलाव से होने वाले हार्मोनल असंतुलन के कारण होता है।
प्रबंधन (Management): चूंकि यह कोई फफूंदी रोग नहीं है, इसलिए फफूंदनाशक दवाएं आमतौर पर इस पर असरदार नहीं होती हैं। हालांकि, कुछ शोधों में यह पाया गया है कि जिंक युक्त कवकनाशी या जिंक ऑक्साइड का छिड़काव करने से इसके लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।

एप्पल स्कैब (Apple Scab)
16/08/2025

एप्पल स्कैब (Apple Scab)

अल्टरनेरिया लीफ स्पॉट (Alternaria Leaf Spot) on apple
16/08/2025

अल्टरनेरिया लीफ स्पॉट (Alternaria Leaf Spot) on apple

मार्सेनिना लीफ ब्लॉच (Marssonina Leaf Blotch)
16/08/2025

मार्सेनिना लीफ ब्लॉच (Marssonina Leaf Blotch)

16/08/2025

🍂 असमय पत्तियाँ झड़ने के प्रमुख कारण 🍂⁣

👉 सेब के बागानों में पत्तियों का समय से पहले गिरना उत्पादन और गुणवत्ता दोनों पर असर डालता है। इसके मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:⁣

1️⃣ एप्पल स्कैब (Apple Scab)⁣

पत्तियों पर जैतून-हरे या काले धब्बे दिखाई देते हैं।⁣

धब्बे बाद में पीले होकर पत्तियाँ गिरा देते हैं।⁣

गर्म और बारिश वाला मौसम इस रोग के लिए आदर्श है।⁣

2️⃣ मार्सेनिना लीफ ब्लॉच (Marssonina Leaf Blotch)⁣

पत्तियों पर छोटे भूरे-काले धब्बे बनते हैं।⁣

धब्बे मिलकर बड़े हो जाते हैं और पत्तियाँ पीली होकर गिर जाती हैं।⁣

यह रोग 20–22°C तापमान और नमी में तेज़ी से फैलता है।⁣

3️⃣ अल्टरनेरिया लीफ स्पॉट (Alternaria Leaf Spot)⁣

पत्तियों पर बैंगनी-काले धब्बे बनते हैं।⁣

धब्बे अनियमित आकार के होकर पत्तियों को पीला और कमजोर कर देते हैं।⁣

यह रोग अधिकतर कमजोर या पोषण-कमी वाले पेड़ों पर होता है।⁣

✅ बचाव और उपाय ✅⁣

🌿 सफाई: गिरे हुए पत्तों और फलों को तुरंत हटाकर नष्ट करें।⁣
🌿 हवा का संचार: पेड़ों की उचित छंटाई करें ताकि हवा आसानी से चले और नमी जल्दी सूख जाए।⁣
🌿 फफूंदनाशी का प्रयोग: गंभीर स्थिति में सही समय पर फफूंदनाशियों का छिड़काव करें।

🔴 सेब लाल क्यों दिखता है?सेब के लाल रंग का मुख्य कारण है एन्थोसायनिन पिगमेंट।यह पिगमेंट नीली और हरी रोशनी को सोखता है और...
01/08/2025

🔴 सेब लाल क्यों दिखता है?

सेब के लाल रंग का मुख्य कारण है एन्थोसायनिन पिगमेंट।

यह पिगमेंट नीली और हरी रोशनी को सोखता है और लाल रोशनी को परावर्तित करता है, जिससे सेब हमें लाल दिखता है।

🔴 सेब लाल क्यों दिखता है?सेब की त्वचा (छिलके) में पाए जाने वाले पिगमेंट ही उसके लाल, हरे या पीले रंग के लिए जिम्मेदार हो...
31/07/2025

🔴 सेब लाल क्यों दिखता है?

सेब की त्वचा (छिलके) में पाए जाने वाले पिगमेंट ही उसके लाल, हरे या पीले रंग के लिए जिम्मेदार होते हैं।

सेब के लाल रंग का मुख्य कारण है एन्थोसायनिन पिगमेंट।

यह पिगमेंट नीली और हरी रोशनी को सोखता है

और लाल रोशनी को परावर्तित करता है, जिससे सेब हमें लाल दिखता है।

🎨 पिगमेंट (𝐏𝐢𝐠𝐦𝐞𝐧𝐭) क्या होता है?

पिगमेंट एक ऐसा पदार्थ (रसायन) होता है जो किसी वस्तु या जीवित चीज़ को उसका रंग देता है।

यह पदार्थ प्रकाश (𝐥𝐢𝐠𝐡𝐭) के कुछ रंगों को सोखता है (𝐚𝐛𝐬𝐨𝐫𝐛 करता है) और बाकी को परावर्तित (𝐫𝐞𝐟𝐥𝐞𝐜𝐭) करता है — वही रंग हमें दिखाई देता है।

🧪 एन्थोसायनिन कैसे बनता है?

यह एक प्राकृतिक रसायन है जो पौधे खुद बनाते हैं।

यह बनता है जब:

फल पक रहा होता है

दिन में हल्की धूप और रात में ठंड होती है

एथीफोन जैसी चीजें दी जाती हैं जो इथिलीन गैस बनाती हैं

29/07/2025

1. 𝐂𝐨𝐥𝐨𝐮𝐫 𝐒𝐩𝐫𝐚𝐲 और सेब गिरना (𝐒𝐞𝐛 𝐃𝐫𝐨𝐩)

कलर स्प्रे में सबसे अधिक प्रयोग होता है एथीफोन (𝐄𝐭𝐡𝐞𝐩𝐡𝐨𝐧) का, जो सेब में इथिलीन गैस छोड़ता है।

यह गैस फल के पकने और रंग (एन्थोसायनिन) बनने में तो मदद करती है, लेकिन अगर सही मात्रा और समय न हो तो:
फल समय से पहले पेड़ से गिर सकते हैं!

सही तरीका:

✔️ 𝟑𝟎𝟎–𝟔𝟎𝟎 𝐩𝐩𝐦 की मात्रा
✔️ कटाई से 𝟏𝟎–𝟏𝟓 दिन पहले
✔️ ठंडी रात और धूप वाले दिन में छिड़काव
✔️ अधिक रंग आ चुके फलों पर ही करें

⚠️ बचाव कैसे करें?

एथीफोन का उपयोग नाप-तौल कर और सीमित मात्रा में करें

फलों में रंग आना शुरू हो गया हो तभी स्प्रे करें

बादल, ओस या वर्षा वाले दिन न करें

याद रखें: रंग जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है फल को पेड़ पर सुरक्षित रखना!

𝟐. एथीफोन और एन्थोसायनिन (𝐀𝐧𝐭𝐡𝐨𝐜𝐲𝐚𝐧𝐢𝐧) का संबंध

एन्थोसायनिन वह प्राकृतिक रंगद्रव्य (𝐩𝐢𝐠𝐦𝐞𝐧𝐭) है जो सेब में लाल, नीला या बैंगनी रंग पैदा करता है। इसका निर्माण कई कारकों पर निर्भर करता है:

कारक

सूर्यप्रकाश एन्थोसायनिन बनने के लिए आवश्यक

तापमान दिन का तापमान 𝟐𝟎–𝟐𝟓°𝐂 और रात का ठंडा तापमान (𝟏𝟎–𝟏𝟓°𝐂) अनुकूल होता है

एथीफोन इथिलीन रिलीज करता है, जिससे एन्थोसायनिन बनने की प्रक्रिया तेज होती है

🍎ओलावृष्टि के बाद सेब के फल की स्थिति निर्धारित करने वाले कारक: फफूंदनाशक का उपयोग (Fungicide Application)सड़न (Rot) और ...
21/07/2025

🍎ओलावृष्टि के बाद सेब के फल की स्थिति निर्धारित करने वाले कारक:

फफूंदनाशक का उपयोग (Fungicide Application)
सड़न (Rot) और कैन्कर (Canker) से बचाव के लिए समय पर छिड़काव ज़रूरी।

उच्च कैल्शियम स्तर (High Calcium Levels)
कैल्शियम फल की कोशिकाओं को मज़बूत बनाता है, जिससे क्रैकिंग और सड़न की संभावना कम होती है।

गाढ़ी पत्तियां या छाया (Dense Foliage or Canopy Cover)
फल पर सीधे चोट के असर को कम करती हैं।

विकास नियामक (Growth Regulators)
जैसे NAA, GA₃ आदि से फल की मरम्मत और गुणवत्ता सुधार में मदद मिलती है।

प्रभाव की तीव्रता (Severity of Hail Impact)
हल्की चोट में फल ठीक हो सकता है, लेकिन गहरे कट या फटने की स्थिति में सड़न ज़्यादा होती है।

ओलावृष्टि के बाद मौसम (Post-Hail Weather)
शुष्क और ठंडा मौसम मरम्मत में मदद करता है।

लगातार नमी या बारिश सड़न को बढ़ाती है।
फल की परिपक्वता (Stage of Maturity)

अपरिपक्व फल में ठीक होने की संभावना अधिक होती है।

सेब के रंग को निर्धारित करने वाले कारक:
20/07/2025

सेब के रंग को निर्धारित करने वाले कारक:

सेब के आकार को निर्धारित करने वाले कारक:
20/07/2025

सेब के आकार को निर्धारित करने वाले कारक:

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