Vikesh Gupta

Vikesh Gupta Banker, Logistic, Expert in Thinking

भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरा टेस्ट मैच बर्मिंघम के एजबेस्टन क्रिकेट ग्राउंड पर खेला गया। यह मैच भारत ने 336 रनों के बड़...
07/07/2025

भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरा टेस्ट मैच बर्मिंघम के एजबेस्टन क्रिकेट ग्राउंड पर खेला गया। यह मैच भारत ने 336 रनों के बड़े अंतर से जीतकर इतिहास रच दिया। यह एजबेस्टन में भारत की पहली टेस्ट जीत है, जिससे सीरीज 1-1 से बराबर हो गई है।

एतिहासिक जीत की भूमिका:
* विशाल लक्ष्य: भारत ने इंग्लैंड को जीत के लिए 608 रनों का विशाल लक्ष्य दिया था।
* अभूतपूर्व जीत का अंतर: रनों के लिहाज से यह विदेश में भारत की सबसे बड़ी टेस्ट जीत है। इससे पहले भारत की विदेश में सबसे बड़ी जीत 317 रनों की थी।
* एजबेस्टन में पहली जीत: भारतीय टीम अपने टेस्ट इतिहास में एजबेस्टन में कभी भी टेस्ट मैच नहीं जीत पाई थी। शुभमन गिल की कप्तानी में यह ऐतिहासिक जीत दर्ज हुई।
जीत में अहम भूमिका निभाने वाले खिलाड़ी:
इस ऐतिहासिक जीत में कई खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया, जिनमें प्रमुख भूमिका इन खिलाड़ियों की रही:
* शुभमन गिल (कप्तान और बल्लेबाज): उन्होंने पहली पारी में 269 रनों की शानदार दोहरी शतकीय पारी खेली और दूसरी पारी में भी 161 रन बनाए। इस मैच में कुल 430 रन बनाकर उन्होंने प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब जीता और अपनी कप्तानी में टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाई।
* आकाश दीप (गेंदबाज): उन्होंने मैच में कुल 10 विकेट लिए, जिसमें दूसरी पारी में 6 विकेट शामिल थे। उनकी शानदार गेंदबाजी ने इंग्लैंड की बल्लेबाजी को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया।
* मोहम्मद सिराज (गेंदबाज): उन्होंने पहली पारी में 6 विकेट लेकर इंग्लैंड के टॉप ऑर्डर को झकझोर दिया, जिससे भारत को पहली पारी में बड़ी बढ़त मिली।
* रवींद्र जडेजा (ऑलराउंडर): उन्होंने बल्लेबाजी में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया, पहली पारी में 89 और दूसरी पारी में 69 रन बनाए।
* ऋषभ पंत (बल्लेबाज): दूसरी पारी में उन्होंने 65 रनों की तेज तर्रार पारी खेली, जिससे भारत ने बड़ा स्कोर खड़ा किया।
* यशस्वी जायसवाल (बल्लेबाज): उन्होंने पहली पारी में 87 रनों की अहम पारी खेली।

यह जीत भारतीय क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और टीम के युवा खिलाड़ियों के प्रदर्शन को उजागर करती है। कप्तान शुभमन गिल ने भी अपनी रणनीति और खिलाड़ियों पर विश्वास के लिए काफी प्रशंसा बटोरी है।

*बुमराह का 2025 में 5 विकेट हॉल: एक शानदार उपलब्धि*जसप्रीत बुमराह ने 2025 में टेस्ट क्रिकेट में एक बार फिर अपनी शानदार ग...
22/06/2025

*बुमराह का 2025 में 5 विकेट हॉल: एक शानदार उपलब्धि*

जसप्रीत बुमराह ने 2025 में टेस्ट क्रिकेट में एक बार फिर अपनी शानदार गेंदबाजी का प्रदर्शन किया है। उन्होंने 22 जून, 2025 को हेडिंग्ले, लीड्स में इंग्लैंड के खिलाफ चल रहे एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के पहले टेस्ट में अपना 14वां पांच-विकेट हॉल (फाइव-फॉर) हासिल किया। इस पारी में उनके आंकड़े 5/83 रहे।

*बुमराह के ऐतिहासिक रिकॉर्ड*

यह शानदार प्रदर्शन बुमराह को कई रिकॉर्ड बुक में शामिल कर गया है:
* कपिल देव के रिकॉर्ड की बराबरी: उन्होंने भारत के लिए विदेशी टेस्ट में 12 पांच-विकेट हॉल के महान कपिल देव के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है। यह और भी उल्लेखनीय है कि बुमराह ने यह उपलब्धि सिर्फ 34 मैचों में हासिल की, जबकि कपिल देव को वहां तक पहुंचने में 66 मैच लगे थे।
* SENA देशों में 150 विकेट: बुमराह SENA देशों (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) में 150 टेस्ट विकेट लेने वाले पहले एशियाई गेंदबाज बन गए हैं।

*चारों ओर से मिली सराहना*

क्रिकेट जगत में बुमराह के प्रदर्शन की खूब तारीफ हो रही है। इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर मार्क बुचर ने बुमराह को "पूर्ण चैंपियन" बताया और उनकी "पूरी तरह से उत्कृष्ट" और "अदम्य तेज गेंदबाजी" की सराहना की। कई अन्य क्रिकेट विशेषज्ञ और दिग्गज भी उनके प्रदर्शन की प्रशंसा कर रहे हैं, जो उनकी क्लास और टेस्ट क्रिकेट में उनके लगातार प्रभाव को दर्शाता है। यह एक ऐसा प्रदर्शन है जो यह साबित करता है कि जसप्रीत बुमराह इस खेल के सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाजों में से एक हैं।

#बुमराह ゚viralシfypシ゚viralシalシ #

22/06/2025

6×6÷2×6

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22/06/2025

&&&गाँव के लड़के की सफलता की कहानी&&&&

एक समय की बात है, छत्तीसगढ़ के छोटे से गाँव, मानपुर में, राहुल नाम का एक होनहार लड़का रहता था। उसका परिवार बहुत गरीब था। उसके पिता दिन-भर खेतों में मजदूरी करते, माँ घर का काम संभालती और दोनों छोटी बहनें भी अक्सर घर के कामों में हाथ बंटातीं। राहुल जानता था कि गरीबी एक अभिशाप है, और वह इसे तोड़ना चाहता था। उसके मन में एक ही सपना था – पढ़-लिखकर एक अच्छी नौकरी पाना और अपने परिवार को गरीबी के दलदल से बाहर निकालना।
राहुल की पढ़ाई गाँव के सरकारी स्कूल में हुई थी, जहाँ संसाधनों की भारी कमी थी। न अच्छी किताबें थीं, न ही पर्याप्त शिक्षक। लेकिन राहुल ने कभी हार नहीं मानी। वह दिन-रात पढ़ाई करता। जब बिजली नहीं होती, तो वह लालटेन की रोशनी में पढ़ता। स्कूल से लौटने के बाद, वह अपने पिता के साथ खेतों में भी हाथ बंटाता, ताकि कुछ पैसे कमा सके।

गाँव के एक बुजुर्ग शिक्षक, मास्टर साहब, ने राहुल की लगन और प्रतिभा को पहचान लिया था। उन्होंने राहुल को मुफ्त में पढ़ाया और उसे हमेशा प्रोत्साहित किया। मास्टर साहब की प्रेरणा से, राहुल ने 10वीं और 12वीं की परीक्षाएँ बहुत अच्छे अंकों से पास कीं।
अब बारी थी आगे की पढ़ाई की। राहुल को इंजीनियरिंग करने का मन था, लेकिन इसके लिए शहर जाना पड़ता और पैसे नहीं थे। यह उसके जीवन का सबसे मुश्किल दौर था। एक दिन, उसने अपने परिवार को इकट्ठा किया और अपने मन की बात बताई। उसके पिता ने कहा, "बेटा, हम जानते हैं कि तुम बहुत मेहनती हो, लेकिन हमारे पास इतने पैसे नहीं हैं।"

यह सुनकर राहुल निराश हो गया, लेकिन उसने उम्मीद नहीं छोड़ी। उसने गाँव में ही एक छोटी-मोटी नौकरी करने का फैसला किया और साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी। वह जानता था कि सरकारी नौकरी ही उसके परिवार की किस्मत बदल सकती है। उसने एक स्थानीय दुकान पर काम करना शुरू किया और बचे हुए समय में अपनी किताबों में डूबा रहता। रात को देर तक जागकर पढ़ता और सुबह जल्दी उठकर रिवीजन करता।

कई बार वह परीक्षाओं में असफल भी हुआ, लेकिन हर असफलता उसे और मजबूत बनाती गई। वह अपनी गलतियों से सीखता और दोगुनी लगन से तैयारी करता। आखिरकार, उसकी मेहनत रंग लाई। एक दिन उसे भारतीय रेलवे से एक जॉइनिंग लेटर मिला। उसे क्लर्क के पद पर चुन लिया गया था!
यह खबर पूरे गाँव में आग की तरह फैल गई। राहुल के घर में जैसे खुशियों की दिवाली मन रही थी। उसकी माँ की आँखों से खुशी के आँसू बह रहे थे, पिता का सीना गर्व से चौड़ा हो गया था और बहनें खुशी से उछल रही थीं। राहुल ने गाँव के सबसे गरीब परिवार से निकलकर यह मुकाम हासिल किया था।
जब राहुल अपनी पहली सैलरी लेकर घर आया, तो उसने सबसे पहले अपने पिता के हाथों में पैसे रखे। उसके पिता ने उसे गले लगा लिया। उस दिन राहुल के परिवार ने भरपेट खाना खाया, जैसा उन्होंने कभी नहीं खाया था। राहुल ने अपनी बहनों को अच्छी स्कूल में दाखिला दिलवाया, अपनी माँ के लिए नई साड़ी खरीदी और अपने पिता के लिए एक नया कुर्ता-पायजामा। उसने धीरे-धीरे अपने गाँव में एक छोटा सा पक्का मकान बनवाया और अपने परिवार को सारी सुख-सुविधाएँ दीं।

राहुल की कहानी गाँव के हर बच्चे के लिए प्रेरणा बन गई। उसने दिखा दिया कि अगर सच्ची लगन, कड़ी मेहनत और अटूट विश्वास हो, तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है, चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी विपरीत क्यों न हों। उसके परिवार में खुशियों का अंबार लग गया, और वह खुशियाँ सिर्फ राहुल की नौकरी लगने से नहीं, बल्कि उसके संघर्ष और सफलता से मिली थीं, जिसने पूरे परिवार को एक नया जीवन दिया था।

भाई रिषभ पंत ने तो आग लगा दी लीड्स के मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ शतक, मजा आ गया भाई।जबरजस्त तूफानी शतक।पहली बार बहुत साल...
22/06/2025

भाई रिषभ पंत ने तो आग लगा दी लीड्स के मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ शतक, मजा आ गया भाई।

जबरजस्त तूफानी शतक।

पहली बार बहुत सालों बाद पहली इनिंग में तीन शतकबीर।

Shout out to my newest followers! Excited to have you onboard! Vikas Gupta, Dwarka Mahant
21/06/2025

Shout out to my newest followers! Excited to have you onboard! Vikas Gupta, Dwarka Mahant

इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में शुभमन गिल ने अपनी कप्तानी पारी में शानदार शतक जड़ा है।यह उनके टेस्ट करियर का छठा शतक है,...
20/06/2025

इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में शुभमन गिल ने अपनी कप्तानी पारी में शानदार शतक जड़ा है।

यह उनके टेस्ट करियर का छठा शतक है, जिसमें से यह इंग्लैंड के खिलाफ उनका तीसरा शतक है। सबसे खास बात यह है कि यह शतक उन्होंने अपने पहले टेस्ट कप्तानी मैच में जड़ा है। इस पारी के साथ, शुभमन गिल चौथे भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं जिन्होंने अपनी पहली टेस्ट कप्तानी पारी में शतक बनाया है। उन्होंने विजय हजारे, सुनील गावस्कर और विराट कोहली जैसे दिग्गजों की सूची में अपना नाम शामिल किया है।
इसके साथ ही, 25 साल और 285 दिन की उम्र में, वह टेस्ट क्रिकेट में कप्तान के तौर पर अपनी पहली पारी में शतक बनाने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय खिलाड़ी भी बन गए हैं। यह शतक उनके लिए और भारतीय टीम के लिए इंग्लैंड में एक नई शुरुआत का प्रतीक है, खासकर विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे अनुभवी खिलाड़ियों के टेस्ट से संन्यास लेने के बाद।

शुभमन गिल का ऐतिहासिक शतक
* कप्तानी डेब्यू पर शतक: शुभमन गिल ने अपने पहले ही टेस्ट कप्तानी मैच में शतक जड़कर इतिहास रच दिया है। वह ऐसा करने वाले चौथे भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं, जिन्होंने अपनी पहली टेस्ट कप्तानी पारी में शतक बनाया है। उनसे पहले विजय हजारे (बनाम इंग्लैंड, 1951), सुनील गावस्कर (बनाम न्यूजीलैंड, 1976) और विराट कोहली (बनाम ऑस्ट्रेलिया, 2014) ने यह कारनामा किया था।
* सबसे युवा भारतीय कप्तान: 25 साल और 285 दिन की उम्र में, शुभमन गिल टेस्ट क्रिकेट में कप्तान के तौर पर अपनी पहली पारी में शतक बनाने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय खिलाड़ी भी बन गए हैं।
* छठा टेस्ट शतक: यह उनके टेस्ट करियर का छठा शतक है।
* इंग्लैंड के खिलाफ तीसरा शतक: इंग्लैंड के खिलाफ यह उनका तीसरा शतक है।
* एशिया के बाहर पहला शतक: यह शुभमन गिल का एशिया के बाहर टेस्ट क्रिकेट में पहला शतक है। इससे पहले उनका सर्वोच्च स्कोर ऑस्ट्रेलिया में 91 रन था।
* तेज अर्धशतक: इस पारी में उन्होंने 56 गेंदों में अपना अर्धशतक भी पूरा किया, जो उनके टेस्ट करियर का सबसे तेज अर्धशतक है।
कप्तानी की शुरुआत और महत्वपूर्ण योगदान
शुभमन गिल ने ऐसे समय में कप्तानी संभाली है जब भारतीय टेस्ट क्रिकेट में बदलाव का दौर चल रहा है, खासकर विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गज खिलाड़ियों के टेस्ट से संन्यास के बाद। उन्होंने नंबर 4 पर बल्लेबाजी करते हुए, शुरुआती विकेट गिरने के बाद यशस्वी जायसवाल (जिन्होंने भी शतक जड़ा) के साथ मिलकर भारतीय पारी को संभाला। उनकी यह शतकीय पारी न सिर्फ उनके व्यक्तिगत प्रदर्शन को दर्शाती है, बल्कि एक कप्तान के रूप में उनकी क्षमता और दबाव में प्रदर्शन करने की उनकी योग्यता को भी रेखांकित करती है।

#शुभमन ゚viralシfypシ゚viralシalシ

इंग्लैड टेस्ट क्रिकेट और यशस्वी जायसवाल यशस्वी जायसवाल ने हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में शानदार शतक जड़कर क्...
20/06/2025

इंग्लैड टेस्ट क्रिकेट और यशस्वी जायसवाल

यशस्वी जायसवाल ने हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में शानदार शतक जड़कर क्रिकेट जगत में अपनी छाप छोड़ी है। यह उनके टेस्ट करियर का पांचवां शतक और इंग्लैंड की सरजमीं पर उनका पहला शतक है।

यशस्वी जायसवाल ने लीड्स में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट में 144 गेंदों में अपना शतक पूरा किया, जिसमें 16 चौके और 1 छक्का शामिल था। इस पारी के दौरान उन्हें क्रैम्प्स से भी जूझना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी बल्लेबाजी जारी रखी। यह शतक कई मायनों में ऐतिहासिक रहा:

* हेडिंग्ले में शतक जड़ने वाले पहले भारतीय सलामी बल्लेबाज: यशस्वी जायसवाल हेडिंग्ले क्रिकेट ग्राउंड पर टेस्ट क्रिकेट में शतकीय पारी खेलने वाले पहले भारतीय सलामी बल्लेबाज बन गए हैं।

* इंग्लैंड में पहली पारी में शतक: वह इंग्लैंड में अपनी पहली टेस्ट पारी में शतक जड़ने वाले पांचवें भारतीय बल्लेबाज हैं।

* प्रशंसा और रिकॉर्ड: इस शतक के बाद सोशल मीडिया और क्रिकेट विशेषज्ञों ने उनकी खूब सराहना की। फैंस उन्हें भारतीय बल्लेबाजी का भविष्य बता रहे हैं। उन्होंने कप्तान शुभमन गिल के साथ शतकीय साझेदारी भी की, जिससे टीम इंडिया मजबूत स्थिति में आ गई।

भविष्य की संभावनाएं

यशस्वी जायसवाल का भविष्य काफी उज्ज्वल दिख रहा है और वह भारतीय क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में उभर रहे हैं।

* रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन: उन्होंने 2024 की टेस्ट सीरीज में इंग्लैंड के खिलाफ लगातार दो दोहरे शतक भी जड़े थे, जिससे वह विनोद कांबली और विराट कोहली जैसे दिग्गजों की सूची में शामिल हो गए। उन्होंने एक टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा छक्के (20) लगाने का रिकॉर्ड भी बनाया।

* करियर के आंकड़े: 23 वर्षीय यशस्वी ने अब तक 19 टेस्ट मैच में लगभग 53 की औसत से 1798 रन बनाए हैं, जिसमें 5 शतक शामिल हैं। उन्होंने घरेलू क्रिकेट में भी शानदार प्रदर्शन किया है।
* नेतृत्व की क्षमता: उनके कोच ज्वाला सिंह का मानना है कि उनका प्राथमिक ध्यान भारत के लिए सभी प्रारूपों में अच्छा प्रदर्शन करने पर होना चाहिए, और टीम का नेतृत्व करने का अवसर बाद में आएगा।
* वित्तीय पहलू: क्रिकेट में उनके शानदार प्रदर्शन के साथ-साथ उनकी नेट वर्थ भी काफी बढ़ गई है, जिससे वह भारतीय क्रिकेट के उभरते सितारों में से एक बन गए हैं।

कुल मिलाकर, यशस्वी जायसवाल ने अपनी प्रतिभा, जुझारूपन और बड़े स्कोर बनाने की क्षमता से यह साबित कर दिया है कि वह भारतीय क्रिकेट के लिए एक लंबी रेस के घोड़े हैं। उनका भविष्य निश्चित रूप से बहुत आशाजनक है।

#यशस्वी ゚viralシfypシ゚viralシalシ

19/06/2025

🎯🎯🎯 बारिश 🎯🎯🎯

बारिश लंबे समय तक बारिश होने से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन कुछ सावधानियां और उपाय अपनाकर इन समस्याओं से बचा जा सकता है।

✅लंबी बारिश से होने वाली समस्याएं
* स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं:
* पानी से होने वाली बीमारियां: दूषित पानी के कारण पीलिया, दस्त, टाइफाइड, हैजा जैसी बीमारियां फैल सकती हैं।
* मच्छर जनित बीमारियां: जगह-जगह पानी जमा होने से मच्छर पनपते हैं, जिससे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया का खतरा बढ़ जाता है।
* फंगल इंफेक्शन: नमी के कारण त्वचा पर फंगल इंफेक्शन और अन्य त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
* श्वसन संबंधी बीमारियां: सर्दी, खांसी, जुकाम, वायरल बुखार और अस्थमा जैसी समस्याएं भी बढ़ सकती हैं।
* एलर्जी: हवा में पोलन का स्तर बढ़ने से एलर्जी की समस्या भी हो सकती है।
* आवागमन और बुनियादी ढांचे संबंधी समस्याएं:
* बाढ़ और जलभराव: लगातार बारिश से निचले इलाकों में पानी भर सकता है, जिससे बाढ़ आ सकती है और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है।
* सड़क दुर्घटनाएं: सड़कें फिसलन भरी हो जाती हैं और दृश्यता कम होने से दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है।
* भूस्खलन: पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है।
* बिजली कटौती: भारी बारिश और तूफान के कारण बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है।
* यातायात जाम: जलभराव और सड़कों पर पानी भरने से यातायात में बाधा आती है।
* अन्य समस्याएं:
* फसलों का नुकसान: खेतों में पानी भरने से फसलें खराब हो सकती हैं।
* मकानों को नुकसान: लगातार नमी से दीवारों और छतों को नुकसान पहुंच सकता है।
बचाव और सुझाव
✅ स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां:
* साफ पानी पिएं: हमेशा उबला हुआ या फिल्टर किया हुआ पानी ही पिएं।
* ताजा और पौष्टिक भोजन: घर का बना ताजा और हल्का भोजन करें। बाहर के खुले खाने और जंक फूड से बचें।
* स्वच्छता का ध्यान रखें: खाने से पहले और बाद में हाथ अच्छी तरह धोएं।
* मच्छरों से बचाव:
* अपने आस-पास पानी जमा न होने दें। कूलर और गमलों का पानी नियमित रूप से बदलें।
* मच्छर भगाने वाली क्रीम, मच्छरदानी और स्प्रे का इस्तेमाल करें।
* शाम को बाहर निकलते समय पूरे कपड़े पहनें।
* गीले कपड़ों से बचें: बारिश में भीगने पर तुरंत सूखे और साफ कपड़े पहनें।
* निजी स्वच्छता: रोज नहाएं और शरीर को सूखा रखें, खासकर पैरों को।
* टीकाकरण: यदि आवश्यक हो तो बीमारियों से बचाव के लिए टीके लगवाएं।
* रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं: अपनी डाइट में फल और हरी सब्जियां शामिल करें, ताकि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो।
* बीमार होने पर डॉक्टर से मिलें: यदि बुखार, दस्त या अन्य कोई लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

✅ घर और आवागमन संबंधी सावधानियां:

* घर की तैयारी:
* छत और नालियों को साफ रखें ताकि पानी जमा न हो।
* घर के अंदर नमी से बचाव के लिए उचित वेंटिलेशन सुनिश्चित करें।
* जरूरी सामानों (जैसे टॉर्च, बैटरी, फर्स्ट-एड किट, सूखा भोजन और पानी) का एक इमरजेंसी किट तैयार रखें।
* बिजली के उपकरणों को सुरक्षित रखें और बिजली कटने पर अनावश्यक उपकरणों को बंद कर दें।
* यात्रा में सावधानी:
* जरूरत न हो तो यात्रा से बचें।
* यदि गाड़ी चला रहे हैं, तो हेडलाइट ऑन करें, गति धीमी रखें और भारी जलभराव वाले रास्तों से बचें।
* बाढ़ वाले इलाकों में गाड़ी न चलाएं, क्योंकि पानी की गहराई का अंदाजा लगाना मुश्किल हो सकता है।
* बिजली के खंभों और तारों से दूर रहें।
* पहाड़ी इलाकों में: भूस्खलन के खतरे वाले क्षेत्रों में जाने से बचें और स्थानीय अधिकारियों की चेतावनी पर ध्यान दें।
* अफवाहों से बचें: केवल विश्वसनीय सरकारी सूचना स्रोतों पर भरोसा करें।

कृपया सावधान रहें:
✅ तेज़ स्पीड से बचें
✅ हेडलाइट और वाइपर चालू रखें
✅ पानी से भरी सड़कों से ना गुजरें
✅ दोपहिया वाहन पर स्लिप से सतर्क रहें
✅ अनावश्यक यात्रा टालें

🙏 सेफ ड्राइव, सेफ लाइफ

*************खेक्सा***********खेक्सा, जिसे कंटोला या ककोड़ा भी कहते हैं, एक मौसमी सब्जी है जो खासकर बरसात के मौसम में पा...
18/06/2025

*************खेक्सा***********

खेक्सा, जिसे कंटोला या ककोड़ा भी कहते हैं, एक मौसमी सब्जी है जो खासकर बरसात के मौसम में पाई जाती है। यह छोटे करेले जैसी दिखती है और इस पर छोटे-छोटे कांटेदार रेशे होते हैं। यह पहाड़ी और जंगली इलाकों में अपने आप उगने वाली बेल वाली सब्जी है।

खेक्सा के फायदे=-

खेक्सा सिर्फ स्वादिष्ट ही नहीं, बल्कि पोषक तत्वों से भरपूर होती है और इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं:

* पोषक तत्वों का भंडार: इसमें विटामिन B12, विटामिन D, कैल्शियम, जिंक, कॉपर, मैग्नीशियम, प्रोटीन, आयरन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें कैरोटीन, थायमिन, राइबोफ्लेविन और नियासिन जैसे विटामिंस भी होते हैं।
* पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद: इसमें फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाने और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करती है।
* वजन घटाने में सहायक: खेक्सा में कैलोरी कम होती है और फाइबर अधिक, जिससे यह पेट को लंबे समय तक भरा रखती है और वजन कम करने में मददगार होती है।
* ब्लड शुगर कंट्रोल: डायबिटीज के मरीजों के लिए यह फायदेमंद मानी जाती है, क्योंकि यह रक्त में शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है।
* रोग प्रतिरोधक क्षमता: इसमें मौजूद पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और मौसमी बीमारियों जैसे सर्दी, खांसी और एलर्जी से बचाव में मदद करते हैं।
* किडनी और पथरी की समस्या: यह किडनी से जुड़ी समस्याओं में भी लाभकारी बताई जाती है, खासकर पथरी की समस्या में।
* त्वचा के लिए: कंटोला का नियमित सेवन त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है, क्योंकि इसमें मौजूद बीटा कैरोटीन और ल्यूटिन जैसे पोषक तत्व त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

खेक्सा कहाँ पाई जाती है?=-

खेक्सा मुख्य रूप से पहाड़ी और जंगली क्षेत्रों में पाई जाती है। यह बरसात के मौसम में अपने आप बेल के रूप में उग आती है। भारत के कुछ राज्यों जैसे राजस्थान, गुजरात और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में इसकी खेती भी की जाती है।

खेक्सा की सब्जी कैसे बनाएं?=-

खेक्सा की सब्जी बनाना काफी आसान है और इसे कई तरीकों से बनाया जा सकता है, जैसे सूखी सब्जी या रसेदार सब्जी। इसे बनाने के लिए खेक्सा को छोटे टुकड़ों में काटकर प्याज, लहसुन, अदरक और मसालों के साथ पकाया जाता है। कुछ लोग इसमें आलू भी डालते हैं। यह अपने आप में ही बहुत स्वादिष्ट होती है और इसे कम मसालों में भी बनाया जा सकता है। इसे रोटी, पराठे या चावल के साथ खाया जा सकता है।
आप नॉर्मल आलू की तरह भुजिया भी बना सकते है अच्छा लगता है।

आपके पास खेक्सा की कोई खास रेसिपी है तो कमेंट में हमें बताएं?????

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02/01/2025

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