08/09/2025
* अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 8 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य शिक्षा के अधिकार और सिद्धांतों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इस दिन को पहली बार साल 1967 में मनाया गया था।
सरकार ने वित्त वर्ष 2022-2027 की अवधि के लिए 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020' और 2021-22 की बजट घोषणाओं के तहत माध्यमिक वयस्क शिक्षा के सभी प्रस्तावों को कवर करने के लिए "न्यू इंडिया लिटरेसी कार्यक्रम" को मंजूरी दी है।
साक्षरता सिर्फ पढ़ने-लिखने की क्षमता नहीं, बल्कि समाज में समान अवसर पाने का अधिकार भी है। यह गरीबी कम करने, रोजगार पाने और महिला सशक्तिकरण में अहम भूमिका निभाती है। डिजिटल युग में साक्षरता का मतलब सिर्फ अक्षरज्ञान नहीं, बल्कि डिजिटल साक्षरता भी है।
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2025 की थीम है 'डिजिटल युग में साक्षरता को बढ़ावा देना'। इसके पहले साल 2024 साक्षरता दिवस की थीम "बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा देना: आपसी समझ और शांति के लिए साक्षरता" थी।
भारत की साक्षरता दर की स्थिति :
राष्ट्रीय सर्वेक्षण और शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट्स के अनुसार, 2025 तक भारत की कुल साक्षरता दर लगभग 80% से अधिक तक पहुंच चुकी है। पुरुषों की साक्षरता दर लगभग 84% और महिलाओं की करीब 76% आंकी गई है। में मिजोरम, गोवा और त्रिपुरा पूर्ण साक्षर राज्यों के दायरे में आते हैं। वहीं केरल सबसे ज्यादा साक्षर है, जबकि बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में साक्षरता दर अभी भी कम है। सरकार की नवभारत साक्षरता कार्यक्रम, डिजिटल इंडिया, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाओं ने इसमें अहम योगदान दिया है।