22/09/2025
आज अनशन का 11वां दिन है.!
लेकिन इस तानाशाह भाजपा सरकार के कानों पर जूं तक रेंग नहीं रही!
यह सरकार इतनी निरंकुश हो चुकी है कि गरीब बच्चे मरे इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता, किसानों की फसल तबाह हो जाए, इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता, नरेश जैसे युवा मर जाए इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। यह बकरी सरकार है जो सिर्फ मोदी और शाह के सामने मिमिया सकती है, किसी को न्याय नहीं दे सकती!
बाकी साथियों, हम भी हार नहीं मानने वाले, बेशक नरेश मीणा रहे या ना रहे, कोई फ़र्क नहीं पड़ता, लेकिन उन मासूम गरीब आदिवासी बच्चों को न्याय नहीं मिलता, तो बहुत फर्क पड़ता हैं।
मेरे ऊपर भी बहुत दबाव आ रहा है। सभी समर्थक, मिलने वाले यहां तक की परिजन, खुद मेरी माताजी बार बार रो कर कह रही हैं कि – बेटा रोटी खा ले, यह सरकार गूंगी है,अंधी हो चुकी हैं, इनसे न्याय की उम्मीद मत करो"
लेकिन मैं क्या करूं, अगर आज हार गया तो फिर कोई भगत सिंह कैसे खड़ा होगा, फिर कोई गरीब मजदूर, किसान किससे न्याय और इंसाफ की उम्मीद करेगा।
इसलिए आप सब मेरी परवाह किए बिना कि नरेश मीणा जिंदा रहेगा या नहीं, इसकी चिंता छोड़ कर इस गूंगी बहरी सरकार को जगाने के लिए गांव गांव ढाणी ढाणी दबाव बनाने की मुहिम शुरू करे।
मैं आप सभी के आदेशानुसार गांधीवादी तरीके से ही आंदोलनरत हूं..
मेरा एक विचार है कि इस गूंगी बहरी सरकार के खिलाफ मेरे अनशन के 21वे दिन यानी 02 अक्टूबर को गांधी जयंती और दशहरे के दिन गांव गांव में बुराई अत्याचार के रूप में इस बार रावण की जगह भाजपा सरकार के रावण रूपी मुख्यमंत्री, कुंभकर्ण रूपी मंत्री मंडल और मेघनाद रूपी भाजपा विधायकों का पुतला दहन किया जाए और सोशल मीडिया के माध्यम से जन जन तक पीपलोदी हादसे में मृत बच्चों को न्याय की आवाज पहुंचाए।
मुझे उम्मीद है कि "भगत सिंह सेना" पूरे राज्य में इस निरंकुश सरकार का पुतला दहन कर जनक्रांति और न्याय की इस लड़ाई को जरूर सफल बनाएगी!
"पीड़ितों को न्याय मिलने तक मेरा अन्न त्याग आमरण अनशन जारी रहेगा"
-:नरेश मीणा:-