शब्द मंदाकिनी- स्वरचित

शब्द मंदाकिनी- स्वरचित लिखने और पढ़ने में जो सुकून ढूंढते है,उन्हें सारी परेशानियों का हल मिल जाता है।

10/05/2025

हथियार नहीं किताबें है जरूरी।

ज्ञान रहता है सदा अमर,
जाना ये किताबें पढ़कर।
कुछ नही मिला मनुज को,
मनुज का ही अरि बनकर।
दिल में इतनी घृणा भरकर,
क्या करेगा जंग जीतकर।
करुण रुदन ने तोड़ दिया
दम जहां थककर।
मौत की ही फसल उगेगी
रक्तसिंचित उस जमीं पर।
जीता है जो विजयी होकर,
नहीं गया वो कुछ भी लेकर।
युद्ध नही किसी समस्या का समाधान,
युद्ध तो है बस सुख-शांति में व्यवधान।
किताबें यही करती है बयां,
पढें जरा लगाकर ध्यान।
युद्धों ने पल में जो छीना,
सदियां नहीं कर पायी उसका भुगतान।
किताबों में लिखा है यही इतिहास,
जंग से हुआ है सदा ही सर्वनाश।
शोणित से नहीं बुझी कभी प्यास,
आओ करें शांति का प्रयास।
युद्ध से हमें क्या मिला है?
युद्ध से किसका हुआ भला है?
दर्द और आँसू के सिवा,
युद्ध ने मानव को दिया ही क्या है।
युद्ध तो बेबसी और सिसकियों
का अंतहीन सिलसिला है।
क्या सुलझाएगा उलझने हमारी,
युद्ध तो खुद ही एक गंभीर मसला है।
मिल जाता है हर विवाद का हल,
गर हो विचारशक्ति प्रबल।
ज्ञान से होता परिवर्तन हृदय,
यही होती है सच्ची विजय।
युद्ध गहन अंधकार है,
परिणाम जिसका संहार है।
ज्ञान के अभाव में,
जो चुनता हथियार है।
नेह के धागे से वसुधा को जोड़े,
नफरत की जंजीर को तोड़े,
किताबें वो औजार हैं।
®©लक्ष्मी बिष्ट

04/05/2025

Stat of mind is everything..

#मन्दाकिनी
©शब्द -मन्दाकिनी

27/10/2024

जीवन में सुख और दुःख देखा जाए तो दोनों का उद्देश्य हमें कुछ न कुछ सिखाने का ही होता है.. यह जीवन की एक प्रक्रिया मात्र है, वास्तव में सिर्फ घटनाएं ही है.. जो एक के बाद एक घटित होती है.. कुछ चीज़े हमें दुःखी कर देती है.. क्योंकि वे हमारे अनुसार नहीं होती अर्थात मन को प्रतिकूल लगती है.. और कुछ चीज़े हमारे मन मुताबिक होती है वे हमारे मन की इच्छाओं के अनुकूल होती है तो हम इन्हें सुख कहते है..देखने का नज़रिया ही तो है.. क्यों न इन्हें खूबसूरत आयाम दे दिया जाए. एक बार कोशिश करके जरूर देखिएगा, यकीन मानिये जीने का अंदाज़ शानदार हो जायेगा.. 🙏
#सुख
#मन्दाकिनी
©शब्द मन्दाकिनी

शाश्वत आनंद संसार से कभी नहीं मिल सकता है.. क्योंकि यहां हर एक चीज नश्वर है.. कितनी भी बड़ी इच्छा पूरी हो जाए, कितना भी आ...
27/10/2024

शाश्वत आनंद संसार से कभी नहीं मिल सकता है.. क्योंकि यहां हर एक चीज नश्वर है.. कितनी भी बड़ी इच्छा पूरी हो जाए, कितना भी आपको मिल जाए,कभी न कभी वो समाप्त हो ही जाता है.. या फिर उसे पाने के बाद उसका उतना महत्व नहीं रहता.., जितना प्राप्त करने से पहले होता है.. इसलिए आनंद तो आनंद के महासागर ( ईश्वर ) में डुबकी लगा कर ही मिलेगा..बस संसार के कार्य करते रहे तन्मयता से.. सागर (ईश्वर स्मरण ) में डुबकी लगा कर आनंद के साथ हर कार्य आनंदमय हो जायेगा.. फिर पाना खोना बहुत छोटी बातें हो जाती है..मिल गया तो प्रभु कृपा न मिला तो प्रभु इच्छा.. दोनों ही सही.. दोनों का अपना अपना सौंदर्य है, इसे महसूस करने के लिए रचनात्मक होना जरूरी है.. कुछ भी मिले, अच्छा सा बना दो.. सृष्टा भी यहीं करते हैं..©Laxmi Bisht
#मन्दाकिनी
#शब्द
#अर्थ

22/10/2024
दर्द और कष्ट जीवन को एक नया आयाम देते है.. आप इन्हें कैसे लेते हो यह आपके दृष्टिकोण पर निर्भर है. #मन्दाकिनी  #शब्द    #...
22/10/2024

दर्द और कष्ट जीवन को एक नया आयाम देते है.. आप इन्हें कैसे लेते हो यह आपके दृष्टिकोण पर निर्भर है.
#मन्दाकिनी
#शब्द

#सुख
#कष्ट

©शब्द मन्दाकिनी

जीवन का अर्थ. और जीवन में अर्थ.   #अर्थ
17/10/2024

जीवन का अर्थ. और जीवन में अर्थ.
#अर्थ

जीवन में अर्थ ( money) जरुरी तो है किन्तु जीवन का अर्थ ( meaning, goal ) समझे बिना अर्थ (money ) का अर्जन करना निरर्थक ह...
17/10/2024

जीवन में अर्थ ( money) जरुरी तो है किन्तु जीवन का अर्थ ( meaning, goal ) समझे बिना अर्थ (money ) का अर्जन करना निरर्थक है..©laxmiBisht
#मन्दाकिनी
#सुख


#अर्थ

16/10/2024

#मन्दाकिनी
#शब्द

समय सापेक्ष होता है, किसी के लिए जो समय उत्तम होता है, वही दूसरे के लिए सबसे बुरा दौर भी हो सकता है..इसलिए समय को दोष दे...
06/10/2024

समय सापेक्ष होता है, किसी के लिए जो समय उत्तम होता है, वही दूसरे के लिए सबसे बुरा दौर भी हो सकता है..इसलिए समय को दोष देने की बजाय ईश्वर को अर्पित कर अपना सर्वोत्तम प्रयास करना ही बेहतर है..
#सुख #मन्दाकिनी
©शब्द मन्दाकिनी

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