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चरस तस्करी में तीन दोषियों को 10 से 15 साल की सजा, देना होगा भारी जुर्मानाउत्तराखंड की विशेष सत्र न्यायाधीश (एनडीपीएस) अ...
24/09/2025

चरस तस्करी में तीन दोषियों को 10 से 15 साल की सजा, देना होगा भारी जुर्माना

उत्तराखंड की विशेष सत्र न्यायाधीश (एनडीपीएस) अनुज कुमार संगल की अदालत ने चरस तस्करी के मामले में नैनीताल जिले के तीन आरोपियों को दोषी करार देते हुए कड़ी सजा सुनाई है। अदालत ने हल्द्वानी रानीबाग निवासी सुनील भट्ट को 12 साल, मुक्तेश्वर क्षेत्र के यशोद मेहरा को 15 साल और बिशन मेहरा को 10 साल जेल की सजा दी है। इसके अलावा यशोद पर डेढ़ लाख रुपये और सुनील व बिशन पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

यह मामला अक्टूबर 2020 का है, जब रीठा साहिब पुलिस ने रात करीब आठ बजे धरसों-परेवा रोड पर चेकिंग के दौरान तीनों आरोपियों को पकड़ा था। तलाशी में सुनील के पास से 2 किलो, यशोद के पास से 3 किलो और बिशन के पास से 1 किलो चरस बरामद हुई थी।

मुकदमे के दौरान पुलिस ने सात गवाहों और 40 से अधिक साक्ष्यों को अदालत में पेश किया। जिला शासकीय अधिवक्ता विद्याधर जोशी ने अभियोजन पक्ष की पैरवी की। सभी साक्ष्यों और गवाहियों के आधार पर अदालत ने तीनों आरोपियों को दोषी मानते हुए यह सजा सुनाई।

इस फैसले को न्यायालय ने समाज के लिए संदेश बताया कि नशीले पदार्थों की तस्करी और इससे जुड़ा अपराध किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

चरस तस्करी मामले में नैनीताल के तीन आरोपियों को अदालत ने 10 से 15 साल की जेल और एक से डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना सुनाया....

कानूनगो घर से चला रहा था तहसील, कमिश्नर दीपक रावत का छापा, घर से मिली फाइलों का ढेरहल्द्वानी – हल्द्वानी तहसील में लंबे ...
24/09/2025

कानूनगो घर से चला रहा था तहसील, कमिश्नर दीपक रावत का छापा, घर से मिली फाइलों का ढेर

हल्द्वानी – हल्द्वानी तहसील में लंबे समय से अधिकारियों की लापरवाही और भ्रष्ट सिस्टम से लोग परेशान थे। बुधवार को कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने निरीक्षण के दौरान तहसील की हकीकत उजागर कर दी। निरीक्षण के दौरान पता चला कि कानूनगो असरफ अली घर से ही तहसील चला रहा था। उसके घर से 143 के मामलों से जुड़ी फाइलें और मूल रजिस्टर बरामद हुए।

कमिश्नर का औचक निरीक्षण और खुलासा
कमिश्नर दीपक रावत हल्द्वानी तहसील का औचक निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने 143 के दस्तावेज तलब किए तो कर्मचारी आधे घंटे तक जवाब नहीं दे पाए। बाद में कुछ अधूरी और त्रुटिपूर्ण फाइलें लेकर पहुंचे। नाराज कमिश्नर ने जब असरफ अली से पूछा, तो उसने स्वीकार किया कि फाइलें उसके घर पर रखी हैं। इस पर कमिश्नर खुद बरेली रोड स्थित उजाला नगर में असरफ के घर पहुंचे। वहां फाइलों का ढेर देखकर वह भड़क उठे।

एक भी मौका मुआयना नहीं किया गया
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि असरफ अली ने अब तक एक भी मामले में मौका मुआयना नहीं किया था। फाइलों को बिना कारण लंबित रखा गया था। सरकारी दस्तावेजों को घर में रखना गंभीर लापरवाही मानते हुए कमिश्नर ने डीएम को जांच के निर्देश दिए।

पुराना रिश्वत प्रकरण भी आया सामने
गौरतलब है कि असरफ अली वर्ष 2022 में सितारगंज में लेखपाल रहते हुए 15 हजार की रिश्वत लेते हुए विजिलेंस के हत्थे चढ़ा था और जेल भी गया था। अब हल्द्वानी में उसके घर से तहसील की फाइलें मिलने पर विभागीय कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ गए हैं।

पांच साल से लंबित मामले, अब तीन महीने में निपटाओ
निरीक्षण के दौरान कमिश्नर ने 3 से 5 साल पुराने पांच लंबित मामलों की फाइलें भी तलब कीं। पाया गया कि ये फाइलें पटवारियों द्वारा जानबूझकर लटकाई गई थीं। इस पर नाराज कमिश्नर ने तहसीलदार मनीषा बिष्ट को आदेश दिए कि इन मामलों की 14-14 दिन में समीक्षा हो और तीन महीने के भीतर निस्तारण किया जाए।

‘अग्रिम कार्रवाई’ शब्द पर रोक
कमिश्नर ने अधिकारियों को साफ निर्देश दिया कि अब किसी भी फाइल पर “अग्रिम कार्रवाई” शब्द नहीं लिखा जाएगा। हर मामले में साफ बताया जाए कि क्या कार्रवाई हुई। जब एक अमीन से पूछा गया कि ‘अग्रिम कार्रवाई’ का क्या मतलब होता है, तो वह कुछ नहीं बोल पाया।

निरीक्षण के दौरान अमीन कांपने लगा
निरीक्षण के दौरान जब कमिश्नर ने पटवारी और अमीनों से राजस्व वसूली के लक्ष्य पूछे, तो कई कर्मचारी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। पूछताछ के दौरान एक अमीन इतना घबरा गया कि कमिश्नर के सामने कांपने लगा। उसकी हालत देखकर कमिश्नर को कहना पड़ा, “बीमार हो क्या?”

हल्द्वानी तहसील का हाल
इस वर्ष जनवरी से अब तक 7000 प्रकरण दर्ज हुए।

इनमें से 1044 अभी भी लंबित हैं।

अब तक 3.45 करोड़ की वसूली हुई है, जबकि 4.99 करोड़ बाकी है।

कमिश्नर ने निर्देश दिए कि लंबित मामलों का शीघ्र निस्तारण हो और तहसील की फाइलें व्यवस्थित की जाएं।

बकायेदारों के नाम अब गेट पर लिखे जाएंगे
जब बड़े बकायेदारों की सूची मांगी गई तो अधिकारी बता नहीं पाए। बाद में जानकारी दी गई कि उनके नाम सूचना पट पर लिखे गए हैं। इस पर कमिश्नर ने आदेश दिया कि अब बड़े बकायेदारों के नाम तहसील के मुख्य गेट पर बड़े बोर्ड पर लिखे जाएं ताकि सभी को जानकारी हो।

“तहसील और सब-रजिस्ट्रार ऑफिस से जनता का रोजाना संपर्क होता है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर इनकी समय-समय पर जांच जरूरी है। निरीक्षण में कई खामियां मिली हैं। कानूनगो असरफ अली के घर से दस्तावेज बरामद होना गंभीर लापरवाही है। इस पर डीएम को जांच सौंपी गई है।” — दीपक रावत, कुमाऊं कमिश्नर

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उत्तराखंड में भूस्खलन रोकथाम पर बैठक - मुख्य सचिव ने सभी संस्थानों को दिए निर्देशदेहरादून - मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्ध...
24/09/2025

उत्तराखंड में भूस्खलन रोकथाम पर बैठक - मुख्य सचिव ने सभी संस्थानों को दिए निर्देश

देहरादून - मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन ने मंगलवार को वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान, जीएसआई, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग, सेंट्रल वॉटर कमीशन और अन्य राष्ट्रीय संस्थानों के साथ भूस्खलन न्यूनीकरण को लेकर बैठक की। बैठक में भूस्खलन संभावित क्षेत्रों के चिन्हीकरण और उनके लिए पूर्वानुमान (प्रिडिक्शन मॉडल) तैयार करने पर चर्चा हुई। मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में ऐसा मैकेनिज्म तैयार किया जाए, जो सैटेलाइट इमेज और धरातलीय परीक्षण के आधार पर यह अनुमान लगा सके कि कितनी वर्षा पर किन क्षेत्रों में भूस्खलन होने की संभावना है। इसके जरिए निचले क्षेत्रों को खाली कर सुरक्षित स्थानों तक लोगों को पहुँचाया जा सके।

संवेदनशील झीलों में सेंसर लगाने के निर्देश

उन्होंने वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान को 13 ग्लेशियर झीलों में सेंसर लगाने की जिम्मेदारी सौंपी। शुरुआत में छह संवेदनशील झीलों का सैटेलाइट और धरातलीय परीक्षण कर सेंसर लगाए जाएंगे। इसके लिए अन्य संस्थानों की तकनीकी सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी।

मुख्य सचिव ने बैठक में कहा कि यह एक मल्टी-इंस्टिट्यूशनल टास्क है और इसे सभी को गंभीरता के साथ जल्द लागू करना होगा। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि इसके लिए आवश्यक फंड की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी।

बैठक में वरिष्ठ अधिकारी और वैज्ञानिक मौजूद

बैठक में सचिव श्री विनोद कुमार सुमन, आईजी एसडीआरएफ श्री अरुण मोहन जोशी, महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत, वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग, जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, सेंट्रल वॉटर कमीशन के वैज्ञानिक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

उत्तराखंड में भूस्खलन रोकने के लिए मुख्य सचिव ने वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान और अन्य संस्थानों के साथ बैठक क....

देहरादून - जिला खेल कार्यालय, देहरादून द्वारा “सेवा पखवाड़ा” और ट्राईबल सब प्लान के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति ओपन पुरुष वर...
24/09/2025

देहरादून - जिला खेल कार्यालय, देहरादून द्वारा “सेवा पखवाड़ा” और ट्राईबल सब प्लान के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति ओपन पुरुष वर्ग की राज्य स्तरीय वालीबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। प्रतियोगिता का स्थान परेड टीएसएस, देहरादून है और यह 29 सितंबर, 2025 से 01 अक्टूबर, 2025 तक चलेगी।

उक्त प्रतियोगिता में जनपद देहरादून की टीम हेतु जनपद स्तरीय चयन ट्रायल का आयोजन 27 सितंबर, 2025 को सायं 03:00 बजे परेड ग्राउंड, देहरादून में किया जाएगा।

प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ अनिवार्य हैं:

अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र

स्थायी निवास प्रमाण पत्र

आधार कार्ड की छायाप्रति

प्रतियोगिता और चयन ट्रायल से संबंधित अधिक जानकारी के लिए श्रीमती अंजली चौधरी या इस मोबाइल नंबर: 902756976 से संपर्क किया जा सकता है।

देहरादून में 29 सितंबर से 01 अक्टूबर तक अनुसूचित जनजाति ओपन पुरुष वर्ग की राज्य स्तरीय वालीबॉल प्रतियोगिता आयोजित क....

उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास विभाग को मिला स्कॉच अवार्ड 2025 का सम्माननई दिल्ली/देहरादून, 20 सितंबर 2025। उत्तराखण्ड ने एक औ...
21/09/2025

उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास विभाग को मिला स्कॉच अवार्ड 2025 का सम्मान

नई दिल्ली/देहरादून, 20 सितंबर 2025। उत्तराखण्ड ने एक और उपलब्धि अपने नाम की है। ग्राम्य विकास विभाग उत्तराखण्ड को उसकी दो अभिनव पहलों – हाउस ऑफ हिमालयाज और मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना (रूरल बिजनेस इन्क्यूबेटर) – के लिए प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड 2025 से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार नई दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर में आयोजित भव्य समारोह में प्रदान किया गया। इस अवसर पर देशभर से नीति निर्माता, सामाजिक कार्यकर्ता और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ मौजूद रहे।

स्कॉच अवार्ड, जिसकी स्थापना वर्ष 2003 में हुई थी, भारत में सामाजिक, आर्थिक और डिजिटल समावेशन के क्षेत्र में किए जा रहे उत्कृष्ट प्रयासों को सम्मानित करता है। इस वर्ष उत्तराखण्ड को यह सम्मान समुदाय–केन्द्रित विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में किए गए उल्लेखनीय प्रयासों के लिए दिया गया।

हाउस ऑफ हिमालयाज पहल के अंतर्गत पर्वतीय क्षेत्रों की महिला स्वयं सहायता समूहों और स्थानीय किसानों के उत्पादों को ब्रांडिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं। इस प्रयास से न केवल उत्तराखण्ड के पारंपरिक उत्पादों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली, बल्कि स्थानीय समुदाय की आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई।

वहीं, मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना ने राज्य के युवाओं के लिए नई राह खोली। इस योजना के तहत ग्रामीण युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण, व्यवसायिक प्रबंधन और उद्यमशीलता के क्षेत्र में प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रशिक्षण के बाद उन्हें स्वरोज़गार स्थापित करने में सहायता दी जाती है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़े और पलायन में कमी आई।

इस सम्मान को राज्य परियोजना प्रबंधन इकाई, ग्राम्य विकास की परियोजना समन्वयक एवं अपर सचिव सुश्री झरना कमठान ने प्राप्त किया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी डॉ. प्रमोद बेनीवाल, श्री गोविन्द धामी, श्री गुलजारन कुमार और हाउस ऑफ हिमालयाज से प्रेरणा ध्यानी भी उपस्थित रहे।

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मुख्यमंत्री ने आदि कैलाश परिक्रमा रन प्रोमो रन को किया फ्लैग ऑफदेहरादून, 21 सितंबर - मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रवि...
21/09/2025

मुख्यमंत्री ने आदि कैलाश परिक्रमा रन प्रोमो रन को किया फ्लैग ऑफ

देहरादून, 21 सितंबर - मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास से आदि कैलाश परिक्रमा रन (अल्ट्रा मैराथन) प्रोमो रन का फ्लैग ऑफ किया और लोगो का अनावरण किया। यह आयोजन 2 नवंबर 2025 को राज्य स्थापना दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर गूंजी गांव, पिथौरागढ़ से होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मैराथन साहसिक एवं शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने, युवाओं को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और नशा मुक्त उत्तराखंड के संकल्प को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है। यह दौड़ 10,300 से 15,000 फीट ऊंचाई पर आयोजित होगी।

उन्होंने बताया कि आयोजन से सीमांत क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास, पलायन की समस्या के समाधान, युवाओं को रोजगार और पर्यटन ढांचे को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी। साथ ही, यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की वाइब्रेंट विलेज योजना को गति देने का भी माध्यम बनेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मैराथन केवल खेल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि स्थानीय पहचान, सीमांत लोगों का सम्मान और होम-स्टे एवं पर्यटन क्षेत्र में रोजगार सृजन का मजबूत जरिया भी है। इससे उत्तराखंड की प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी।

प्रोमो रन में प्रदेशभर से बच्चों, युवाओं और अन्य आयु वर्ग के लोगों ने हिस्सा लिया। दौड़ का समापन उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद कार्यालय में हुआ।

सचिव पर्यटन धीराज गर्ब्याल ने बताया कि 10 किमी की इस दौड़ में शीर्ष 3 विजेताओं को 2 नवंबर को गुंजी में आयोजित होने वाली मुख्य आदि कैलाश मैराथन में भाग लेने का अवसर मिलेगा। मुख्य आयोजन की पाँच श्रेणियाँ होंगी –

60 किमी (अल्ट्रा रन)

42 किमी (फुल मैराथन)

21 किमी (हाफ मैराथन)

10 किमी रन

5 किमी रन

देशभर से एथलीट इसमें भाग लेंगे।

सचिव ने बताया कि इस आयोजन की सफलता के बाद जून 2026 में अगली मैराथन माणा-नीति क्षेत्र में प्रस्तावित है। व्यास और नीति घाटी में आयोजित होने वाली उस मैराथन में विजेताओं को कुल ₹50 लाख की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, आईजी आईटीबीपी संजय गुंज्याल, अपर सचिव पर्यटन अभिषेक रूहेला, पूजा गर्ब्याल सहित अनेक प्रतिभागी मौजूद रहे।

https://gauravnews.in/cm-dhami-adi-kailash-marathon-promo-run/

हेंवल नदी के उफान से चंबा-ऋषिकेश हाईवे बहा, आमसेरा में मकान-दुकानें नदी में समाये, जलापूर्ति ठपचंबा में लगातार हो रही भा...
17/09/2025

हेंवल नदी के उफान से चंबा-ऋषिकेश हाईवे बहा, आमसेरा में मकान-दुकानें नदी में समाये, जलापूर्ति ठप

चंबा में लगातार हो रही भारी वर्षा ने तबाही मचा दी है। हेंवल नदी के उफान के कारण नागणी के तिमलीसेरा के पास चंबा-ऋषिकेश राष्ट्रीय राजमार्ग का एक बड़ा हिस्सा नदी में बह गया। साथ ही तिमलीसेरा गांव को जोड़ने वाली पुलिया भी ढह गई, जिससे ग्रामीण पूरी तरह से सड़क संपर्क से कट गए। स्थिति को देखते हुए ग्रामीणों ने बुधवार को अपने स्तर पर लोहे के पाइप डालकर अस्थायी रास्ता बनाया, ताकि राशन और अन्य जरूरी सामान गांव तक पहुंचाया जा सके।

नदी के तेज बहाव और कटाव से क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ है। आमसेरा गांव में मान सिंह, दीवान सिंह, धन सिंह और बादल सिंह का 14 कमरों का मकान और “अपनी रसोई” नामक ढाबा नदी की भेंट चढ़ गए। इसके साथ ही रजनी देवी का तीन कमरों का मकान भी बह गया। इन घटनाओं से प्रभावित परिवारों के सामने अब गंभीर संकट खड़ा हो गया है।

हेंवल नदी की तबाही यहीं नहीं रुकी। नागणी पंपिंग योजना का फिल्टर और पाइप भी नदी में बह गए, जिससे चंबा नगर पालिका क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति पूरी तरह बाधित हो गई। जल संस्थान के जेई अरविंद सजवाण ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में टैंकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जा रही है, लेकिन इससे लोगों की समस्या पूरी तरह हल नहीं हो पा रही है।

ऋषिकेश-चंबा राष्ट्रीय राजमार्ग भी भिन्नू समेत कई स्थानों पर वाशआउट और मलबे से प्रभावित है। लगातार तीसरे दिन यातायात बंद होने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दूध, सब्जी, अखबार और अन्य दैनिक जरूरत की वस्तुओं की आपूर्ति ठप हो गई है। मजबूरी में लोगों को देवप्रयाग-गजा-चंबा मार्ग से आवागमन करना पड़ रहा है, जिससे यात्रा में अतिरिक्त समय और कठिनाई झेलनी पड़ रही है।

स्थानीय लोग और व्यापारी प्रशासन से जल्द राहत और वैकल्पिक व्यवस्था की मांग कर रहे हैं। बारिश का दौर जारी रहने के कारण हालात और बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है।

चंबा में हेंवल नदी के उफान से चंबा-ऋषिकेश हाईवे और पुलिया बह गए। कई मकान-दुकानें नदी में समाईं, चंबा क्षेत्र की जलाप...

सहस्रधारा में बादल फटने के बाद जख्मी पहाड़ों से बच्चों को लेकर भागे लोगदेहरादून – सहस्रधारा के ऊपर बसे गांव मजाडा, चामास...
17/09/2025

सहस्रधारा में बादल फटने के बाद जख्मी पहाड़ों से बच्चों को लेकर भागे लोग

देहरादून – सहस्रधारा के ऊपर बसे गांव मजाडा, चामासारी और जमाडा में बादल फटने के बाद जो मंजर सामने आया उसने ग्रामीणों को झकझोर कर रख दिया। तबाही के बाद कई परिवार रातों-रात घर छोड़कर पैदल ही सुरक्षित स्थानों की ओर निकल पड़े। इन परिवारों के साथ छोटे-छोटे बच्चे भी थे जिन्हें घंटों तक दूध तक नसीब नहीं हुआ।

जमाडा गांव की सुषमा, निशा और पूजा ने बताया कि बादल फटने के बाद उनके घर और खाने-पीने का सामान मलबे में बह गया। मजबूर होकर पूरा परिवार बच्चों को साथ लेकर निकल पड़ा। इस दौरान उनके साथ नौ बच्चे थे जिन्हें पांच घंटे तक दूध नहीं मिल पाया। बच्चे रास्ते भर भूख से बिलखते रहे और उनके होंठ सूख गए।

रास्ता और भी खतरनाक था। चारों ओर अंधेरा, तेज बारिश और बिजली की गर्जना के बीच पहाड़ी रास्तों से गुजरना किसी खतरे से कम नहीं था। जगह-जगह पत्थर गिरने का डर बना रहा। महिलाओं ने बताया कि बच्चों को संभालना और खुद की जान बचाना दोनों बेहद मुश्किल था। कई बार लगा कि शायद अब आगे बढ़ना मुमकिन नहीं होगा, लेकिन किसी तरह वे सहस्रधारा तक पहुंच पाए।

परिवारों का कहना है कि अब उनके पास न घर बचा है और न ही भविष्य की कोई राह। पूजा ने बताया कि उनका बना हुआ घर पूरी तरह ढह गया है। “हम अपनी जान बचाकर यहां तक आ तो गए हैं लेकिन अब आगे कहां जाएंगे, यह नहीं जानते,” उन्होंने कहा।

रात की भयावहता भी लोगों के दिलों में ताजा है। करीब एक बजे पहली बार बादल फटा, जिससे लोगों में अफरा-तफरी मच गई। थोड़ी देर बाद शांति लौटने पर लगा कि खतरा टल गया है, लेकिन सुबह चार बजे दोबारा घरों की जड़ें हिल गईं। तब ग्रामीण समझ गए कि अब गांव में रहना संभव नहीं है। लोग सीटी और टॉर्च की रोशनी के सहारे एक जगह इकट्ठा हुए और वहां से निकल पड़े।

बच्चों के चेहरे पर आंसुओं की लकीरें और भूख से सूखे होंठ इस त्रासदी की भयावह तस्वीर बयां करते हैं। मां-बाप के सामने सबसे बड़ी चुनौती बच्चों को बचाना और उन्हें संभालना था। पहाड़ों की इन जख्मी पगडंडियों ने एक बार फिर आपदा के डरावने सच को सामने ला दिया है।

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बदरीनाथ हाईवे पर मध्यप्रदेश के यात्रियों की कार हादसे का शिकार, दो गंभीर, एक लापताचमोली – बदरीनाथ हाईवे पर मारवाड़ी के प...
17/09/2025

बदरीनाथ हाईवे पर मध्यप्रदेश के यात्रियों की कार हादसे का शिकार, दो गंभीर, एक लापता

चमोली – बदरीनाथ हाईवे पर मारवाड़ी के पास सोमवार को एक बड़ा हादसा हो गया। मध्यप्रदेश के सात तीर्थयात्रियों को लेकर जा रही कार अचानक सड़क से अनियंत्रित होकर खेत में पलट गई। हादसे में तीन यात्री घायल हो गए, जिनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। वहीं, एक यात्री का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है।

कोतवाली ज्योतिर्मठ के एसएसआई देवेंद्र पंत ने बताया कि कार गोविंदघाट से ज्योतिर्मठ की ओर जा रही थी। इसी दौरान मारवाड़ी के समीप वाहन अनियंत्रित होकर पलट गया। दुर्घटना में घायल यात्रियों को तुरंत उपचार के लिए ज्योतिर्मठ के सीएससी अस्पताल ले जाया गया।

घायलों की सूची
अवतार सिंह (47 वर्ष), पुत्र जसवंत सिंह, निवासी राजपुर, थाना करेरा, शिवपुरी — गंभीर रूप से घायल, रेफर गोपेश्वर।

बद्री प्रसाद (75 वर्ष), पुत्र चंदन सिंह, निवासी खेरा कोटिया, थाना करेरा, शिवपुरी — गंभीर रूप से घायल, रेफर गोपेश्वर।

हरनाम सिंह, पुत्र श्री नाम सिंह, निवासी ग्राम सुनारी, थाना सुनारी, जिला शिवपुरी — उपचाराधीन सीएससी ज्योतिर्मठ।

पुलिस और स्थानीय लोगों की मदद से सभी घायलों को कार से बाहर निकाला गया। गंभीर घायलों को बेहतर इलाज के लिए गोपेश्वर रेफर किया गया है। घटना के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू किया और लापता यात्री की तलाश भी की जा रही है।

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मसूरी का संपर्क मार्ग बंद, भूस्खलन से फंसे सैकड़ों पर्यटकमसूरी में लगातार हो रही तेज बारिश से हालात बिगड़ गए हैं। भूस्खल...
17/09/2025

मसूरी का संपर्क मार्ग बंद, भूस्खलन से फंसे सैकड़ों पर्यटक

मसूरी में लगातार हो रही तेज बारिश से हालात बिगड़ गए हैं। भूस्खलन और पुलिया टूटने के कारण मसूरी को जोड़ने वाले सभी मुख्य सड़क मार्ग बंद हो गए। मसूरी-देहरादून, मसूरी-किमाड़ी-प्रेमनगर-देहरादून, मसूरी-उत्तरकाशी और मसूरी-यमुनोत्री मार्ग पूरी तरह बाधित हैं। मसूरी पहुंचे सैकड़ों पर्यटक अब शहर में ही फंसे हुए हैं। प्रशासन ने सभी पर्यटकों को अपने होटलों और होम स्टे में सुरक्षित रहने की सलाह दी है।

सोमवार रात से मंगलवार सुबह तक मूसलाधार बारिश से कुठालगेट शिव मंदिर के पास पुलिया बह गई। कोल्हूखेत और बार्लोंगंज-झड़ीपानी-चूनाखाल मार्ग पर भी भारी भूस्खलन हुआ है। कई स्थानों पर सड़कें दरक गईं, जिससे दूध, सब्जी और राशन की आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई है। प्रतिदिन नौकरी के लिए अप-डाउन करने वाले लोग भी अपने कार्यस्थल नहीं पहुंच सके।

झड़ीपानी से राजपुर के ट्रैकिंग मार्ग पर मंदिर के पास भूस्खलन में दो मजदूर दब गए। इसमें रामबहादुर (41) की मौत हो गई जबकि अर्जुन (40) गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल मजदूर को उपजिला चिकित्सालय लंढौर में भर्ती कराया गया है।

होटल एसोसिएशन ने घोषणा की है कि सड़कें बंद रहने के कारण फंसे पर्यटकों से आज का किराया नहीं लिया जाएगा। नगर पालिकाध्यक्ष मीरा सकलानी ने प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को हालात पर लगातार नजर रखने के निर्देश दिए। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता राजेश कुमार ने बताया कि क्षतिग्रस्त पुलिया को दुरुस्त करने में पांच दिन लग सकते हैं। मसूरी-देहरादून मार्ग के किमी 19 पर वैली ब्रिज की मरम्मत का काम भी दिन-रात जारी है।

मसूरी में भारी बारिश से भूस्खलन और पुलिया टूटने के कारण सभी सड़क मार्ग बंद, पर्यटक फंसे, प्रशासन राहत और मरम्मत कार....

काशीपुर के जसपुर में नाबालिक के साथ दुष्कर्म और हत्याकाशीपुर के  जसपुर के ग्राम अमियावाला में मंगलवार को हुई नाबालिग से ...
17/09/2025

काशीपुर के जसपुर में नाबालिक के साथ दुष्कर्म और हत्या

काशीपुर के जसपुर के ग्राम अमियावाला में मंगलवार को हुई नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या की घटना सामने आई है। गांव की किशोरी शाम को पशुओं के लिए गन्ने का छिलका लेने घर से निकली थी। गांव का ही युवक राजीव (20 वर्ष) उसका पीछा कर खेत तक गया और जबरन ले जाकर दुष्कर्म किया। विरोध करने पर उसने किशोरी का हाथ तोड़ दिया, गला दबाकर बेहोश किया और धारदार ब्लेड से वार कर हत्या कर दी। शव घर से करीब 150 मीटर दूर गन्ने के खेत में मिला।

मां की तहरीर पर एफआईआर संख्या 405/25, धारा 103(1)/64(1) बीएनएस व पोक्सो एक्ट में प्राथमिकी पंजीकृत हुआ। जांच के दौरान डॉग स्क्वॉड घटनास्थल से आरोपी के घर तक पहुंचा। आरोपी गांव में यह कहकर लोगों को गुमराह कर रहा था कि खेत से बच्चे के रोने की आवाज आ रही है, जबकि दूरी देखते हुए यह संभव नहीं था।

पुलिस ने राजीव को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने अपराध स्वीकार कर लिया। उसकी निशानदेही पर खून से सना ब्लेड और कपड़े बरामद हुए। आरोपी पर पहले भी प्राथमिकी दर्ज है।पुलिस टीम में पुलिस अधीक्षक अपराध निहारिका तोमर, एसपी काशीपुर अभय प्रताप सिंह, सीओ दीपक सिंह सहित कई थाना व चौकी प्रभारी शामिल रहे।

काशीपुर के जसपुर के ग्राम अमियावाला में मंगलवार को हुई नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या की घटना सामने आई है

आज देहरादून और नैनीताल जनपदों के स्कूल रहेंगे बंद
16/09/2025

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