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16/08/2025

अखंड भारत की असली लड़ाई The real fight for undivided India
#अखंडभारतकीअसलीलड़ाई
@अखंडभारतकीअसलीलड़ाई

16/08/2025

अखंड भारत का सबसे बढ़ा महापराधी विंस्टन चर्चिल और अबतक की भारत-पकिस्तान-बांग्लादेश की ब्रिटिश की गुलाम सरकारें।

वोट चोरी सीट चोरी से पीएम बने हैं मोदी अजय राय चुनाव सुधारों पर महत्वपूर्ण परिचर्चा  India
15/08/2025

वोट चोरी सीट चोरी से पीएम बने हैं मोदी अजय राय चुनाव सुधारों पर महत्वपूर्ण परिचर्चा
India
























The real fight for freedom from the British, right to compensation    https://www.youtube.com/watch?v=gcI2n-Cchygमाउ माउ...
15/08/2025

The real fight for freedom from the British, right to compensation
https://www.youtube.com/watch?v=gcI2n-Cchyg
माउ माउ विद्रोह (1952-1960) के संदर्भ में ब्रिटिश सरकार द्वारा केन्या को दिए गए मुआवजे और माफी के प्रपत्र (2013) से संबंधित आधिकारिक दस्तावेजों को पीडीएफ फाइल के रूप में डाउनलोड करने के लिए कोई एकल, सार्वजनिक रूप से उपलब्ध वेबसाइट नहीं है जो स्पष्ट रूप से इस समझौते के पूर्ण दस्तावेज को मुफ्त में प्रदान करती हो। हालांकि, कुछ संसाधनों और दृष्टिकोणों के माध्यम से आप इन दस्तावेजों तक पहुंचने का प्रयास कर सकते हैं। नीचे इस संबंध में विस्तृत जानकारी और संभावित स्रोत दिए गए हैं:1. आधिकारिक दस्तावेजों की प्रकृति:2013 में ब्रिटिश सरकार और माउ माउ दिग्गजों के बीच हुआ समझौता एक कानूनी निपटान (out-of-court settlement) था, जिसे लंदन के हाई कोर्ट में अंतिम रूप दिया गया। यह समझौता गोपनीय हो सकता है, और इसके पूर्ण दस्तावेज (जैसे, समझौता पत्र या कानूनी अनुबंध) को सार्वजनिक रूप से जारी नहीं किया गया हो।
ब्रिटिश विदेश सचिव विलियम हेग का 6 जून, 2013 को ब्रिटिश संसद में दिया गया बयान, जिसमें माफी और मुआवजे की घोषणा की गई थी, आधिकारिक रिकॉर्ड का हिस्सा है। यह बयान ब्रिटिश संसद (UK Parliament) के अभिलेखों में उपलब्ध हो सकता है।
मुआवजे के समझौते में शामिल प्रमुख बिंदु: £19.9 मिलियन का मुआवजा 5,228 माउ माउ पीड़ितों को, नैरोबी में एक स्मारक के लिए धन, और कुछ औपनिवेशिक अभिलेखों का हस्तांतरण।

2. संभावित वेबसाइट्स और स्रोत: निम्नलिखित स्रोतों से आप मुआवजे और माफी से संबंधित जानकारी या दस्तावेजों तक पहुंचने का प्रयास कर सकते हैं:ब्रिटिश संसद (UK Parliament) की आधिकारिक वेबसाइट:वेबसाइट: www.parliament.uk
क्या मिल सकता है: विलियम हेग का 6 जून, 2013 का बयान (Hansard रिकॉर्ड) जिसमें मुआवजे और माफी की घोषणा की गई थी। Hansard ब्रिटिश संसद की कार्यवाही का आधिकारिक रिकॉर्ड है, जो पीडीएफ या ऑनलाइन प्रारूप में उपलब्ध हो सकता है।
कैसे खोजें: वेबसाइट पर "Hansard" सेक्शन में जाएं।
6 जून, 2013 की तारीख और "Mau Mau compensation" या "Kenya apology" जैसे कीवर्ड्स का उपयोग करें।
संबंधित दस्तावेज डाउनलोड करने के लिए पीडीएफ लिंक की तलाश करें।

नोट: यह बयान मुआवजे की संधि का पूरा दस्तावेज नहीं है, लेकिन यह आधिकारिक घोषणा का हिस्सा है।

केन्या ह्यूमन राइट्स कमीशन (KHRC):वेबसाइट: www.khrc.or.ke
क्या मिल सकता है: KHRC ने माउ माउ दिग्गजों की कानूनी लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनकी वेबसाइट पर माउ माउ मुआवजे से संबंधित रिपोर्ट्स, प्रेस विज्ञप्तियां, या सारांश उपलब्ध हो सकते हैं। कुछ दस्तावेज पीडीएफ प्रारूप में हो सकते हैं।
कैसे खोजें: वेबसाइट पर "Publications" या "Reports" सेक्शन में जाएं।
"Mau Mau" या "British compensation" जैसे कीवर्ड्स के साथ खोजें।
यदि उपलब्ध हो, तो पीडीएफ डाउनलोड करें।

नोट: KHRC की वेबसाइट पर पूर्ण कानूनी समझौता उपलब्ध नहीं हो सकता, लेकिन संबंधित जानकारी मिल सकती है।

ब्रिटिश राष्ट्रीय अभिलेखागार (The National Archives, UK):वेबसाइट: www.nationalarchives.gov.uk
क्या मिल सकता है: औपनिवेशिक प्रशासन से संबंधित दस्तावेज, विशेष रूप से माउ माउ विद्रोह और 2013 के मुआवजे से संबंधित अभिलेख। 2013 के समझौते के तहत कुछ औपनिवेशिक दस्तावेज केन्या को हस्तांतरित किए गए थे, और इनमें से कुछ यूके के अभिलेखागार में उपलब्ध हो सकते हैं।
कैसे खोजें:वेबसाइट पर "Discovery" सर्च टूल का उपयोग करें।
कीवर्ड्स जैसे "Mau Mau compensation 2013", "Kenya colonial records", या "Foreign Office Mau Mau" का उपयोग करें।
कुछ दस्तावेज पीडीएफ प्रारूप में डाउनलोड के लिए उपलब्ध हो सकते हैं, लेकिन कुछ के लिए शुल्क या व्यक्तिगत पहुंच की आवश्यकता हो सकती है।

नोट: पूर्ण समझौता दस्तावेज गोपनीय हो सकता है और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं हो सकता।

अकादमिक और अनुसंधान डेटाबेस:वेबसाइट्स: JSTOR www.jstor.org, Google Scholar scholar.google.com, या अन्य अकादमिक डेटाबेस।
क्या मिल सकता है: माउ माउ मुआवजे पर शोध पत्र, लेख, या कानूनी विश्लेषण, जो पीडीएफ प्रारूप में डाउनलोड किए जा सकते हैं। ये दस्तावेज पूर्ण संधि का हिस्सा नहीं होंगे, लेकिन संदर्भ और विवरण प्रदान कर सकते हैं।
कैसे खोजें: कीवर्ड्स जैसे "Mau Mau compensation 2013 PDF", "Kenya British settlement 2013", या "Mau Mau reparations" का उपयोग करें।
मुफ्त डाउनलोड के लिए "Open Access" लेखों की तलाश करें।

नोट: कुछ दस्तावेजों तक पहुंच के लिए सदस्यता या विश्वविद्यालय लॉगिन की आवश्यकता हो सकती है।

समाचार और मीडिया वेबसाइट्स:वेबसाइट्स: DW www.dw.com, BBC, या Navbharat Times navbharattimes.indiatimes.com।
क्या मिल सकता है: 2013 के मुआवजे और माफी पर समाचार लेख या प्रेस विज्ञप्तियां, जो पीडीएफ प्रारूप में उपलब्ध हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, DW ने 7 जून, 2013 को माउ माउ माफी पर एक लेख प्रकाशित किया था।

कैसे खोजें: इन वेबसाइटों पर "Mau Mau compensation 2013" या "केन्या माउ माउ मुआवजा 2013" जैसे कीवर्ड्स के साथ खोजें।
कुछ समाचार साइट्स लेखों को पीडीएफ के रूप में डाउनलोड करने की सुविधा देती हैं।

नोट: ये पूर्ण संधि दस्तावेज नहीं होंगे, बल्कि सारांश या विश्लेषण होंगे।

3. वैकल्पिक दृष्टिकोण:लंदन हाई कोर्ट रिकॉर्ड्स:2013 का समझौता लंदन हाई कोर्ट में हुआ था। कोर्ट के रिकॉर्ड्स तक पहुंचने के लिए, आपको यूके की न्यायिक प्रणाली की आधिकारिक वेबसाइट www.gov.uk/courts-tribunals पर संपर्क करना पड़ सकता है।
कैसे करें: "High Court of Justice" सेक्शन में जाएं।
केस का नाम (जैसे, "Mutua and Others v Foreign and Commonwealth Office") खोज EY।
कोर्ट दस्तावेजों तक पहुंच के लिए अनुरोध करें, लेकिन यह शुल्क-आधारित या गोपनीय हो सकता है।

केन्या के राष्ट्रीय अभिलेखागार:वेबसाइट: www.archives.go.ke
क्या मिल सकता है: 2013 के समझौते के तहत ब्रिटिश सरकार द्वारा केन्या को हस्तांतरित किए गए औपनिवेशिक अभिलेख। ये दस्तावेज मुआवजे की प्रक्रिया से संबंधित हो सकते हैं।
कैसे खोजें: वेबसाइट पर "Colonial Records" या "Mau Mau" सेक्शन में खोजें। कुछ दस्तावेज डिजिटल प्रारूप में उपलब्ध हो सकते हैं।

अंतरराष्ट्रीय संगठन: संयुक्त राष्ट्र या अन्य मानवाधिकार संगठनों की वेबसाइट्स पर माउ माउ मुआवजे से संबंधित रिपोर्ट्स हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, www.un.org पर मानवाधिकार सेक्शन में खोजें।

4. चुनौतियां और सीमाएं:गोपनीयता: मुआवजे का समझौता एक कानूनी निपटान था, और इसके पूर्ण दस्तावेज को सार्वजनिक नहीं किया गया हो सकता है। केवल सारांश या प्रेस विज्ञप्तियां ही उपलब्ध हो सकती हैं।
भाषा: अधिकांश आधिकारिक दस्तावेज अंग्रेजी में होंगे, और हिंदी में अनुवादित पीडीएफ मिलना मुश्किल हो सकता है।
पहुंच: कुछ दस्तावेजों तक पहुंच के लिए शुल्क, सदस्यता, या व्यक्तिगत अनुरोध की आवश्यकता हो सकती है।
सीमित डिजिटल उपलब्धता: 2013 का समझौता अपेक्षाकृत हाल का है, लेकिन इसके पूर्ण दस्तावेज ऑनलाइन आसानी से उपलब्ध नहीं हो सकते।

5. सुझाव:सीधे संपर्क करें:ब्रिटिश विदेश और राष्ट्रमंडल कार्यालय (Foreign, Commonwealth & Development Office) से संपर्क करें www.gov.uk/government/organisations/foreign-commonwealth-development-office और मुआवजे के दस्तावेजों के लिए अनुरोध करें।
केन्या ह्यूमन राइट्स कमीशन (KHRC) से संपर्क करें और पूछें कि क्या उनके पास मुआवजे से संबंधित कोई पीडीएफ दस्तावेज उपलब्ध हैं।

अकादमिक संसाधन: स्थानीय विश्वविद्यालयों या पुस्तकालयों में माउ माउ विद्रोह पर शोध सामग्री की जांच करें, जो डिजिटल प्रारूप में हो सकती है।
समाचार संग्रह: DW या Navbharat Times जैसे समाचार स्रोतों के संग्रह में 2013 के लेख खोजें, जो पीडीएफ के रूप में डाउनलोड हो सकते हैं।

6. विशिष्ट पीडीएफ डाउनलोड के लिए सलाह:वर्तमान में, कोई भी वेबसाइट स्पष्ट रूप से मुआवजा संधि के पूर्ण दस्तावेज को पीडीएफ प्रारूप में मुफ्त डाउनलोड के लिए प्रदान नहीं करती है। हालांकि, उपरोक्त स्रोतों (विशेष रूप से UK Parliament और The National Archives) में आंशिक दस्तावेज या संबंधित रिकॉर्ड्स मिल सकते हैं।
यदि आपको केवल विलियम हेग का बयान चाहिए, तो UK Parliament की Hansard वेबसाइट पर इसे खोजकर पीडीएफ के रूप में डाउनलोड किया जा सकता है।
यदि आप पूर्ण कानूनी समझौता चाहते हैं, तो आपको लंदन हाई कोर्ट या KHRC से औपचारिक अनुरोध करना पड़ सकता है, जो समय लेने वाला और शुल्क-आधारित हो सकता है।

निष्कर्ष:माउ माउ मुआवजा संधि (2013) के पूर्ण दस्तावेज को पीडीएफ के रूप में डाउनलोड करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि यह सार्वजनिक रूप से आसानी से उपलब्ध नहीं है। हालांकि, ब्रिटिश संसद की वेबसाइट www.parliament.uk, ब्रिटिश राष्ट्रीय अभिलेखागार www.nationalarchives.gov.uk, और केन्या ह्यूमन राइट्स कमीशन www.khrc.or.ke सबसे विश्वसनीय स्रोत हैं। इन वेबसाइटों पर Hansard रिकॉर्ड, प्रेस विज्ञप्तियां, या संबंधित अभिलेख पीडीएफ प्रारूप में मिल सकते हैं। यदि आपको विशिष्ट दस्तावेज नहीं मिलते, तो इन संगठनों से सीधे संपर्क करें।

नोट: यदि आपको किसी विशेष दस्तावेज की खोज में और सहायता चाहिए या किसी विशिष्ट स्रोत पर ध्यान देना चाहते हैं, तो कृपया बताएं।

Bherav Mandir Delhi Se BJP Ko Shrap Deti Ek Mahila
15/08/2025

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BJP का विनाश होकर रहेगा, भाजपा समर्थक महिला का मंदिर में खड़े होकर बीजेपी को श्राप Plz like and subscribe my channe...

79 वे स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएं।
14/08/2025

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14/08/2025
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पुश्तैनी जमीन पर कब्जा और मारपीट आलूराम और मीरा देवी की न्याय की पुकार
उपरोक्त को हिंदी में ही एक प्रभावशाली शीर्षक भी दें। प्रिय दर्शकों,
हिंदी में ही एक प्रभावशाली शीर्षक भी दें।हिंदी में ही एक प्रभावशाली शीर्षक भी दें। यह वीडियो एक गंभीर मुद्दे पर आधारित है, जिसमें ग्राम डेरावाली, श्रीमाधोपुर, जिला सीकर, राजस्थान के निवासी श्री आलूराम पुत्र गोतीराम और उनकी पुत्रवधू मीरा देवी द्वारा प्रस्तुत एक शिकायत को दर्शाया गया है। मामला मेरी पुश्तैनी जमीन (खसरा नंबर 637, 638, 640, 641, 642) से संबंधित है, जो श्रीमाधोपुर में स्थित है। इस जमीन को मेरे भाईयों के हिस्सों में बांटा गया था। आरोप है कि सरजीत, संतरा, मोहनलाल, गोकुल, रोशन, चंद उर्फ गुलाब, अभिलाषा, आशा, और अन्य व्यक्तियों ने मिलकर मेरी माता, बहनों, और पुत्रों की सहमति के बिना, गलत तरीके से जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया। इस संबंध में माननीय न्यायालय, श्रीमाधोपुर में दावा संख्या 57/24 और 330/24 विचाराधीन हैं, जिसमें स्टे आदेश भी जारी किया गया है। दिनांक 02.08.2025 को उपरोक्त व्यक्तियों ने मेरे पुत्र दिनेश और विजय के साथ मिलकर गलत नियत से मारपीट की, जिसमें मेरी पुत्रवधू मीरा देवी, जो एक विकलांग महिला हैं, के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया। इस घटना में राहगीरों ने मेरे परिवार को बचाया। इसके बाद, पुलिस थाना श्रीमाधोपुर में शिकायत दर्ज की गई, लेकिन आरोपियों के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं हुई। इसके विपरीत, मेरे पुत्र दिनेश को जबरन हिरासत में लिया गया और उनसे खाली कागज पर हस्ताक्षर करवाए गए। मीरा देवी ने भी पुलिस थाना श्रीमाधोपुर में दोषियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की, लेकिन उनकी गंभीर चोटों के कारण उन्हें श्रीमाधोपुर सरकारी अस्पताल से सीकर रेफर किया गया। वर्तमान में, थानाधिकारी श्रीमाधोपुर द्वारा इस मामले में उचित जांच और कार्रवाई नहीं की जा रही है। हमारा निवेदन है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और हमें न्याय प्रदान किया जाए। इस वीडियो के माध्यम से हम अपनी बात जनता और प्रशासन तक पहुंचाना चाहते हैं। कृपया इस मुद्दे पर ध्यान दें और हमें सहयोग करें। संपर्क: आलूराम पुत्र गोतीराम
मोबाइल: 7522905973
पता: कुआ भाटावाती, ग्राम डेरावाली, जिला सीकर, राजस्थान आपके समर्थन और सहयोग की अपेक्षा है।
धन्यवाद!

14/08/2025




14/08/2025

वाकना में हिमस्खलन सड़कों के हालत बेकाबू
वाकना भारत के हिमाचल प्रदेश में सोलन जिले की कंडाघाट तहसील में स्थित एक गाँव है। यह जिला मुख्यालय कंडाघाट से 25 किमी दूर स्थित है। कंडाघाट वाकना गांव का उप-जिला मुख्यालय है। 2009 के आँकड़ों के अनुसार, वाकना गाँव एक ग्राम पंचायत भी है।

14/08/2025

देहरादून के भी हालात बाढ़ से ख़राब एसएसपी सम्बोधित करते हुए।

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B 186 Shivaji Vihar, Janta Nagar
Dehra Dun
110027

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