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सुबह की रोशनी कमरे में झाँक रही थी।मैंने आईने में खुद को देखा तो चेहरा गुलाबी और आँखों में चमक थी।रात की यादें अब भी मन ...
27/09/2025

सुबह की रोशनी कमरे में झाँक रही थी।
मैंने आईने में खुद को देखा तो चेहरा गुलाबी और आँखों में चमक थी।
रात की यादें अब भी मन में गूँज रही थीं।

वो दरवाज़े पर खड़ा मुझे देख रहा था।
उसकी मुस्कान ने मेरी झिझक को और कम कर दिया।
मैंने भी मुस्कुराकर जवाब दिया और माहौल फिर से हल्का हो गया।

उसने धीरे से कहा — “कल की रात कभी भूल नहीं पाऊँगा।”
मेरे गाल लाल हो गए, मैंने सिर झुका लिया।
उसने नज़दीक आकर मेरा हाथ थामा और बोला — “ये रिश्ता अब सिर्फ़ औपचारिक नहीं रहा, इसमें दिल और अपनापन भी जुड़ गया है।”

उसके शब्द मेरे दिल को छू गए।
एक पल को लगा जैसे मैं किसी सपने में हूँ।

मैंने कहा — “लेकिन हमें संभलकर चलना होगा, ये रास्ता आसान नहीं है।”
उसने हाँ में सिर हिलाया और बोला — “जो भी होगा, हम साथ झेलेंगे।”

उसका भरोसा और उसकी आँखों में अपनापन देखकर मैं और भी निडर हो गई।
अब हमारे बीच सिर्फ़ रात का रोमांच नहीं था, बल्कि एक गहरा रिश्ता भी बनने लगा था।

मैं थोड़ी देर तक खामोश रही, लेकिन माहौल अब बदल चुका था।उसकी नज़रें और मेरा बदन — दोनों जैसे एक-दूसरे को पुकार रहे थे।उसन...
27/09/2025

मैं थोड़ी देर तक खामोश रही, लेकिन माहौल अब बदल चुका था।
उसकी नज़रें और मेरा बदन — दोनों जैसे एक-दूसरे को पुकार रहे थे।

उसने हल्के-हल्के मुझे अपने पास खींचा।
उसकी सांसें मेरे चेहरे से टकराने लगीं और मेरा दिल जैसे और तेज़ धड़कने लगा।
धीरे-धीरे उसकी पकड़ मज़बूत होती गई और मैं भी अब खुद को रोक नहीं पा रही थी।

उसकी गर्माहट मेरे जिस्म में उतर रही थी और मेरी सिहरन बाहर निकल रही थी।
एक पल ऐसा आया जब सबकुछ भुलाकर मैंने खुद को पूरी तरह उसके हवाले कर दिया।

कमरे में सिर्फ हमारी तेज़ साँसें और दिल की धड़कनें सुनाई दे रही थीं।
हर एक लम्हा और भी गहरा होता जा रहा था।
जितना वो करीब आता, उतना ही मैं खुद को और खुला हुआ महसूस करती।

रात लंबी थी… और वो रात हमने ऐसे बिताई, जैसे वक़्त रुक गया हो।
मेरे लिए ये एहसास नया था, लेकिन उसकी दी हुई गर्माहट में मैंने खुद को डूबा दिया।

सुबह जब नींद खुली, तो मैं थकी हुई थी लेकिन चेहरे पर मुस्कान थी।
एक अजीब-सी तसल्ली और अपनापन महसूस हो रहा था।

सुबह-सुबह आँख खुली तो तन पर बस एक पतला-सा कपड़ा ही था। जल्दी में पास रखा बाथरोब उठा लिया, पर कम्बख़्त उसका पट्टा ही गायब...
27/09/2025

सुबह-सुबह आँख खुली तो तन पर बस एक पतला-सा कपड़ा ही था। जल्दी में पास रखा बाथरोब उठा लिया, पर कम्बख़्त उसका पट्टा ही गायब था। अब जैसे-तैसे रोब पकड़ कर दरवाज़ा खोलने बढ़ी। 😅

दरवाज़ा खोला तो सामने डिलीवरी वाला खड़ा था। हाथ में पैकेट और ऊपर से चौड़ी मुस्कान। मैं चुपचाप सामान लेने ही वाली थी कि वो बोला – "मैडम, आज हमारी कंपनी का सालगिरह है, तो हर ग्राहक को केक मुफ्त में मिल रहा है।" 🎂

मैंने कहा – "अरे वाह, बढ़िया है!" और केक लेने को बढ़ी। तभी देखा कि वो अंदर चला आया। हाथ में केक के साथ एक फ़ॉर्म और पेन भी थमा दिया। बोला – "बस, थोड़ा-सा फीडबैक चाहिए।"

मैं फॉर्म भरने लगी तो पता चला कि रोब ढीला पड़ गया है। मैंने झट से पकड़ लिया, पर उतनी देर में हमारी आँखें टकरा गईं। एक पल के लिए माहौल बदल गया। दिल की धड़कन तेज़ और चेहरों पर हल्की-सी मुस्कान। 💓

उसने हँसते हुए कहा – "मैडम, ये डिलीवरी तो यादगार हो गई।"
मैं भी मुस्कुरा कर बोली – "बस अब चुपचाप केक खा लेना और किसी को शोर मत सुनाना।"

हम दोनों खिलखिलाए। वो धन्यवाद बोलकर निकल गया और मैं आईने के सामने खड़ी रह गई। सोच रही थी – ये छोटा-सा वाक़या कितनी हलचल मचा गया अंदर।

👉 अगली बार की कहानी और भी दिलचस्प होगी…
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Part 3💫 भैया ने हल्के से मेरे हाथ हटाए और बोले- "ये क्या कर रही थी, मेरी प्यारी गुड़िया रानी?"मैं डर गई और बोली- "सॉरी भ...
26/09/2025

Part 3
💫 भैया ने हल्के से मेरे हाथ हटाए और बोले- "ये क्या कर रही थी, मेरी प्यारी गुड़िया रानी?"
मैं डर गई और बोली- "सॉरी भैया, मुझे माफ कर दो! प्लीज मम्मी को मत बताना!"

भैया बोले- "कोई बात नहीं… इस उम्र में ये सब होते हैं!"
मैंने पूछा- "भैया, आप भी?"
वे हँसते हुए बोले- "हां, इसमें क्या हो गया।"

मैंने पूछा- "आपकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है?"
भैया बोले- "नहीं, मुझे हाथ से काम चलाना पड़ता है।"
मैं हंस दी।

फिर भैया बोले- "तुझे ये ही करना था, तो मेरे साथ कर लेती! तुझे ज़्यादा मज़ा भी आता, तेरा काम भी हो जाता… और मुझे भी कहीं बाहर किसी को ढूंढना नहीं पड़ता।"
मैंने कहा- "भैया, ये गलत है! आप मेरे भाई हो!"
भैया बोले- "तो क्या हो गया? आजकल सब चलता है!"

मैंने पूछा- "अगर किसी को पता चल गया तो?"
भैया बोले- "घर में किसको पता चलेगा? बाहर करेंगे तो पता चल जाएगा! मम्मी-पापा भी तो करते हैं, फिर हम क्यों नहीं कर सकते?"

फिर उन्होंने मुझे हल्का चांटा किया और मैं पहली बार ऐसा अनुभव कर रही थी।
मैं ज्यादा कुछ समझ पाती उससे पहले भैया मेरे पास आ गए।
उन्होंने मेरा टॉप हल्का हटा दिया और मुसम्मी को सहलाया।

Part 2🛏️ मैं कमरे में जाकर हल्का तेल लगाने वाली थी।तभी मुझे मम्मी के कमरे से कुछ आवाज़ें सुनाई दीं। पास जाकर देखा, तो मम...
26/09/2025

Part 2
🛏️ मैं कमरे में जाकर हल्का तेल लगाने वाली थी।
तभी मुझे मम्मी के कमरे से कुछ आवाज़ें सुनाई दीं। पास जाकर देखा, तो मम्मी और पापा बातचीत कर रहे थे। उनकी आवाज़ें सुनकर मुझे अजीब-सा महसूस हुआ।

आज मेरी गुफा ने पहली बार पानी निकाल दिया था।
मैं फर्श पर लेट गई और हल्की मालिश करने लगी। इतना मज़ा मुझे पहली बार आया था।
मैं सोचने लगी कि adult होने में कितना मज़ा आता होगा।

मैं अपने कमरे में गई, गुफा पर तेल लगाया और हल्की मसाज की।
दस मिनट बाद फिर से पानी निकल गया।
मैं पूरी रात बिना कपड़ों के सो गई। 😳

दूसरे दिन मैं कॉलेज चली गई।
शाम को घर आई, खाना खाया और अपने-अपने कमरे में चली गई।
अब मैं भैया के सोने का इंतजार कर रही थी।
कुछ देर बाद मैंने अपनी गुफा में उंगली की और suggestive आवाज़ें आईं।

भैया अभी सोए नहीं थे। वे मेरे बिस्तर के पास आए और मेरी आवाज़ें सुनने लगे।
अचानक उन्होंने लाइट जला दी!
मैंने अपनी गुफा पर तकिया रख लिया और चेहरे को हाथों से छुपाया।

भैया ने कुछ देर बाद कहा- "अरे, मेरी प्यारी बहन इतनी बड़ी कब हो गई?"
मैं शर्म से चुप रही।

Part 1🏡🎓 मेरा नाम आर्यांशी है, मैं गुजरात से हूँ।मेरे पापा एक सरकारी कंपनी में काम करते हैं, और मेरी मम्मी स्कूल में टीच...
26/09/2025

Part 1
🏡🎓 मेरा नाम आर्यांशी है, मैं गुजरात से हूँ।
मेरे पापा एक सरकारी कंपनी में काम करते हैं, और मेरी मम्मी स्कूल में टीचर हैं।

मेरे भैया मुझसे दो साल बड़े हैं। वे अभी कॉलेज में पढ़ते थे, और उसी समय मेरी जवानी जोर मारने लगी थी।
मैं PhD की पढ़ाई कर रही थी और मेरे शरीर में बदलाव होने लगे थे। मेरी पहाड़ियां बड़ी और सुंदर दिखने लगी थीं, गुफा पर बाल आने लगे थे और त्वचा चिकनी होने लगी। मेरे गांव भी धीरे-धीरे आकार लेने लगे थे। 🌿😳

मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं था। मैंने अभी-अभी adult जीवन में कदम रखा था, इसलिए मैं थोड़ा डरती थी।
मेरी क्लासमेट्स कभी-कभी मुझे हल्की suggestive बातें करती थीं, जिससे मुझे अजीब-सा मज़ा आता था।

मेरे पापा और मम्मी एक ही कमरे में सोते थे।
मैं और मेरे भैया दूसरे कमरे में रहते थे, लेकिन अलग-अलग बिस्तर पर सोते थे।

एक दिन भैया अपने दोस्त की बर्थडे पार्टी में गए थे। उन्होंने कहा कि वे सुबह ही वापस आएंगे।
मैंने मम्मी-पापा के साथ खाना खाया और अपने कमरे में चली गई।

मेरी सहेली ने बताया था कि उसने आज अपनी घास साफ की थी।
आज मैं भी अकेली थी, इसलिए मैंने सोचा कि मैं भी अपनी घास साफ कर लूँ।
मैं बाथरूम गई और अपनी गुफा साफ करने लगी।

जब मैं बाहर आई, तो मेरी गुफा में हल्की खुजली हुई।
मैंने पहली बार खुद को साफ किया था।

मैंने पूछा- आपकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है?  भैया बोले- नहीं, मुझे हाथ से काम चलाना पड़ता है।  मैं हंस दी।  फिर भैया बोले- ...
26/09/2025

मैंने पूछा- आपकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है?
भैया बोले- नहीं, मुझे हाथ से काम चलाना पड़ता है।
मैं हंस दी।
फिर भैया बोले- तुझे ये ही करना था, तो मेरे साथ कर लेती! तुझे ज़्यादा मज़ा भी आता, तेरा काम भी हो जाता … और मुझे भी कहीं बाहर लड़की नहीं ढूंढनी पड़ती।
मैंने कहा- भैया, ये गलत है! आप मेरे भाई हो!
भैया बोले- तो क्या हो गया? आजकल सब चलता है!
मैंने पूछा- भैया, अगर किसी को पता चल गया तो?
भैया बोले- घर में किसको पता चलेगा? बाहर करेंगे तो पता चल जाएगा! मम्मी-पापा भी तो करते हैं, फिर हम क्यों नहीं कर सकते?
मैंने पूछा- भैया, आपको कैसे पता उनका?
भैया बोले- मैंने बहुत बार उन्हें देखा है।
फिर मैंने कहा- कल रात मैंने भी मम्मी की आवाज़ें सुनी थीं।
भैया हँसते हुए बोले- पापा ने जोर से झेला होगा।
ये कहकर वो हँसने लगे और मुझे भी हँसी आ गई।
फिर भैया को इशारा मिला।
उन्होंने मुझे अपनी तरफ खींचा और मुझे चांटा करने लगे।
मैंने पहली बार चांटा किया था।
मैं ज्यादा कुछ समझ पाती, उससे पहले ही भैया मेरे बेड पर आ गए।
उन्होंने मेरा टॉप उतारकर फेंक दिया।
फिर वे मेरे मुसम्मी को मसलने लगे और जोर-जोर से चांटा करने लगे।
मैं भी अब भैया का साथ देने लगी।
कुछ देर बाद भैया मेरे मुसम्मी चूखने लगे।
मुझसे अब रहा नहीं गया तो मैं बेड पर लेट गई।
भैया मेरे दोनों मुसम्मी मसलते हुए मेरी नाभि तक आए और जीभ से चाटने लगे।
हमउम्र भाई बहन की वासना में मैं अब सातवें आसमान पर थी।
मुझे इतना मज़ा कभी नहीं मिला था।

दूसरे दिन मैं स्कूल चली गई।  शाम को आई, हमने खाना खाया और अपने-अपने रूम में चले गए।  अब मैं भैया के सोने का इंतजार कर रह...
26/09/2025

दूसरे दिन मैं स्कूल चली गई।
शाम को आई, हमने खाना खाया और अपने-अपने रूम में चले गए।
अब मैं भैया के सोने का इंतजार कर रही थी।
कुछ देर बाद मैं अपनी गुफा में उंगली करने लगी।
मेरे मुँह से अपनी suggestive आवाज़ें निकलने लगीं।
भैया अभी सोए नहीं थे।
वे मेरे बेड के पास आए और मेरी आवाज़ें सुनने लगे।
अचानक उन्होंने लाइट जला दी!
मैंने अपनी गुफा पर तकिया रख लिया।
मैं अपने चेहरे को दोनों हाथों से छुपाने लगी।
भैया मुझे कुछ देर देखने के बाद बोले- अरे, मेरी प्यारी बहन इतनी बड़ी कब हो गई?
मैं कुछ नहीं बोली, शर्म से पानी-पानी हो रही थी।
भैया ने हल्के से मेरे चेहरे से मेरे हाथ हटाए और बोले- ये क्या कर रही थी, मेरी प्यारी गुड़िया रानी?
मैं डर गई और बोली- सॉरी भैया, मुझे माफ कर दो! आप प्लीज मम्मी को मत बताना!
फिर भैया ने कहा- कोई बात नहीं … इस उम्र में ये सब होते हैं!
मैंने कहा- भैया, आप भी?
वे बोले- हां, इसमें क्या हो गया।

मेरी सहेली ने मुझे बताया था कि उसने आज अपनी घास साफ की थीं।  आज मैं भी रूम में अकेली थी तो मैंने अपनी घास साफ करने की सो...
26/09/2025

मेरी सहेली ने मुझे बताया था कि उसने आज अपनी घास साफ की थीं।
आज मैं भी रूम में अकेली थी तो मैंने अपनी घास साफ करने की सोची।
मैं बाथरूम में गई और अपनी गुफा साफ करने लगी।
जब मैं बाहर आई, तो मेरी गुफा में खुजली-सी होने लगी।
मैंने आज पहली बार अपनी गुफा साफ की थी।
मैं कमरे में जाकर तेल से मालिश करने वाली थी।
तभी मुझे मम्मी के रूम से कुछ आवाज़ें सुनाई दीं।
पास जाकर सुना, तो मम्मी दर्द से चिल्ला रही थीं।
पापा, मम्मी के साथ थे।
मम्मी की आवाज़ें सुनकर मुझे अजीब-सा लग रहा था।
आज मेरी गुफा ने पहली बार पानी निकलाया था।
मुझसे सहन नहीं हुआ, तो मैं वहीं फर्श पर लेट गई और अपनी गुफा मसलने लगी।
इतना मज़ा मुझे पहली बार आया था।
तब मैं सोचने लगी कि खोदने में कितना मज़ा आता होगा।
मैं अपने कमरे में गई और गुफा पर तेल लगाया, गुफा मसलना किया और दस मिनट बाद फिर से पानी निकाल लिया।
मैं पूरी रात बिना कपड़ों के ही सो गई।

मेरा नाम आर्यांशी है, मैं गुजरात से हूँ।  मेरे पापा एक सरकारी कंपनी में काम करते हैं।  मेरी मम्मी स्कूल में टीचर हैं।  म...
26/09/2025

मेरा नाम आर्यांशी है, मैं गुजरात से हूँ।
मेरे पापा एक सरकारी कंपनी में काम करते हैं।
मेरी मम्मी स्कूल में टीचर हैं।
मेरे भैया मुझसे दो साल बड़े हैं।
वे अभी कॉलेज में थे और उसी समय मेरी जवानी जोर मारने लगी थी।
मैं ग्यारहवीं क्लास में थी और मेरे शरीर में बदलाव होने लगे थे।
मेरी पहाड़ियां बड़ी मस्त उभरने लगी थीं।
गुफा पर बाल आने लगे थे, त्वचा चिकनी होने लगी थी।
मेरे गांव भी उभरने लगे थे।
मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं था, मैंने अभी-अभी जवानी में कदम रखा था तो मैं डरती थी।
मेरी क्लासमेट्स कभी-कभी मेरे साथ थोड़ी suggestive बातें करती थीं, तो मुझे बहुत अच्छा लगता था।
मेरे पापा और मम्मी एक ही कमरे में सोते थे।
मैं और मेरे भैया दूसरे कमरे में, लेकिन अलग-अलग बेड पर सोते थे।
एक दिन भैया अपने दोस्त की बर्थडे पार्टी में गए थे।
वे बर्थडे पार्टी से सुबह ही वापस आने की कह कर गए थे।
मैंने अपने मम्मी-पापा के साथ खाना खाया और सोने चली गई।
मम्मी-पापा अपने रूम में चले गए और मैं अपने रूम में।

आरव धीरे-धीरे मेरे पास बैठ गया।  उसने मेरे गालों को दोनों हाथों से पकड़ लिया और लंबे समय तक मुझे देखता रहा।  कमरे में एक...
23/09/2025

आरव धीरे-धीरे मेरे पास बैठ गया।
उसने मेरे गालों को दोनों हाथों से पकड़ लिया और लंबे समय तक मुझे देखता रहा।
कमरे में एकदम सन्नाटा था, बस हमारी सांसों की आवाज़ सुनाई दे रही थी।

उसने धीरे से कहा – "तुम जानती हो मैं तुम्हारे बारे में कितना सोचता हूँ?"
मैंने बस सिर झुका लिया।
उसने मेरी ठुड्डी उठाई और मेरे होंठों को फिर से चांटा।
इस बार चांटना लंबा था, गहरा था… जैसे उसमें सारे जज़्बात भरे हों।

मैंने खुद उसकी शर्ट की बटन खोल दी।
आरव मुस्कुराया – "लगता है आज तुम सच में तैयार हो।"
मैंने बस हाँ में सिर हिलाया।

उसने मुझे धीरे से बेड पर लिटाया और खुद मेरे पास लेट गया।
हम दोनों एक-दूसरे को बस देख रहे थे।
उसका हाथ मेरे बालों से फिसलकर मेरे गाल तक आया और फिर मेरे कंधे पर रुक गया।

मेरी सांसें तेज़ हो गईं।
मैंने खुद उसका हाथ पकड़कर अपनी कमर पर रख दिया।
उसने फुसफुसाकर कहा – "तुम्हारी ये हाँ मेरे लिए सबसे बड़ी बात है।"

आरव का हाथ मेरी कमर से ऊपर सरक गया।  उसने मेरी सांसों की गर्मी महसूस की और धीरे से फुसफुसाया –  "अब मैं खुद को रोक नहीं ...
23/09/2025

आरव का हाथ मेरी कमर से ऊपर सरक गया।
उसने मेरी सांसों की गर्मी महसूस की और धीरे से फुसफुसाया –
"अब मैं खुद को रोक नहीं सकता।"

मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं और उसे पास खींच लिया।
उसके होंठ मेरे गालों से होते हुए मेरी गर्दन तक चले गए।
मेरे पूरे बदन में जैसे करंट दौड़ गया।

उसने मेरा चेहरा फिर से पकड़कर होंठों को चांटा,
इस बार इतना गहरा कि मैं हल्के से कराह उठी।
मैंने उसकी शर्ट पूरी खोल दी, उसका सीना गर्म था और धड़कन तेज़।

आरव ने मेरे बाल पीछे किए और मेरे कंधे पर किस किया।
उसका हाथ मेरी पीठ से फिसलकर मेरी कमर पर टिक गया।
हम दोनों अब बहुत करीब थे।

उसने मुझे धीरे से अपनी बाँहों में उठाया और बेड पर लेटा दिया।
हम दोनों ने बिना कुछ कहे एक-दूसरे को थाम लिया।
कमरे में सिर्फ हमारी सांसें और दिल की धड़कनें गूँज रही थीं।

उसने फुसफुसाया –
"अगली बार का इंतज़ार मत करना… ये पल यहीं खत्म नहीं होगा।"

मैंने उसकी आँखों में देखते हुए कहा –
"हाँ आरव… मैं भी यही चाहती हूँ।"

हम दोनों देर तक वैसे ही लेटे रहे,
और कमरे में बस हमारे प्यार की खुशबू फैली रही।

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