29/07/2025
समेटा जा सकता था
जो कुछ बिखर चुका था
दो बोल, बोले जा सकते थे
जब मौन उपजा था
हाथ बढ़ाकर थामा जा सकता था
पाँव लड़खड़ाने पर
बहुत कुछ है जो किया जा सकता था
प्यार बचाने के लिए
मगर दो लोगों ने चुना
दो अलग रास्ता
और वे जहाँ से आगे बढ़े
वहीं छूट गयीं यादें, प्यार और दो परछाईयाँ... ❤️