Jamiat News

Jamiat News यह पेज जमीयत उलेमा ए हिन्द की न्यूज़ क?

29/07/2025

मुस्लिम शादियों पर फिजूल ख़र्ची बंद हो नी चाहिए....
पूरे मुल्क में पिछले 18 महीना में मुसलमानों ने अपने बच्चों और बच्चियों की शादियों पर जरूरत से ज़्यादा जो खर्च किया है एक अंदाज़े के मुताबिक़ वो पौने दो लाख करोड़ है!
Maulana Mahmood Madani
Jamiat Ulama-i-Hind

*सिरत-ए-नबवी ﷺ में मानव संकटों का वास्तविक समाधान मौजूद है: मौलाना महमूद असअद मदनी**जमीयत उलेमा के तहत हयात-ए-रसूल क्विज...
27/07/2025

*सिरत-ए-नबवी ﷺ में मानव संकटों का वास्तविक समाधान मौजूद है: मौलाना महमूद असअद मदनी*
*जमीयत उलेमा के तहत हयात-ए-रसूल क्विज़ प्रतियोगिता का शानदार इनामी कार्यक्रम आयोजित, छात्राओं ने छह में से चार इनाम प्राप्त किए*

नई दिल्ली / किशनगंज, 27 जुलाई:
जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना महमूद असअद मदनी ने कहा कि आज दुनिया जिस विनाश के मोड़ पर खड़ी है, वहाँ से वापसी केवल और केवल इंसानियत के रहनुमा हज़रत मुहम्मद मुस्तफा ﷺ की सीरत-ए-तैयबा की पैरवी के ज़रिए ही मुमकिन है। सीरत का संदेश सिर्फ़ मुसलमानों तक नहीं बल्कि समस्त इंसानियत तक पहुँचाना समय की सबसे अहम ज़रूरत है।
मौलाना मदनी आज बिहार के ज़िला किशनगंज के क़ुतुबगंज में जमीयत उलेमा किशनगंज के तत्वावधान में आयोजित हयात-ए-रसूल क्विज़ प्रतियोगिता के शानदार इनामी कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

मौलाना मदनी ने ज़ोर देकर कहा कि हमारे बच्चों को यह जानना ज़रूरी है कि उनकी ज़िंदगी केवल व्यक्तिगत नहीं बल्कि क़ौमी और सामाजिक है। जो लोग सिर्फ़ अपने लिए जीते हैं वे वास्तव में क़ौम पर बोझ होते हैं, और ज़िंदा वही है जो दूसरों के लिए जीता है। यह एहसास सीरत-ए-तैयबा के अध्ययन से ही उत्पन्न हो सकता है।

उन्होंने आगे कहा कि नबी करीम ﷺ से मोहब्बत ईमान का हिस्सा है और यही ज़िंदगी का सबसे बड़ा सरमाया (पूंजी) है। आज की युवा पीढ़ी को सीरत-ए-नबवी से जोड़ना हमारी सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी है। परवरदिगार-ए-आलम ने हमें यह अज़ीम (महान) शर्फ़ अता फ़रमाया कि हमें अपने महबूब हज़रत मुहम्मद मुस्तफा ﷺ का उम्मती बनाया।

इंसान के लिए इंसान होना अपने आप में एक शर्फ़ है, लेकिन अगर वह इंसान अपनी शराफ़त के बावजूद अपने पैदा करने वाले को न पहचाने, तो उसकी सारी शराफ़त मिट्टी में मिल जाती है। सच्ची शराफ़त तभी मुमकिन है जब इंसान अपने खालिक़ को पहचाने, उसे जाने, और उससे अपना रिश्ता जोड़े। और अल्लाह तआला को पहचानने और जानने का हमारे पास कोई रास्ता नहीं सिवाय इसके कि हम उसके महबूब ﷺ की सीरत को अपनाएँ, उनके हुक्मों पर अमल करें और उनके उस्वा-ए-हसना को अपनी ज़िंदगी का हिस्सा बनाएँ।

जमीयत उलेमा-ए-हिन्द की शाखा किशनगंज ने सीरत-ए-तैयबा ﷺ को नई पीढ़ी तक पहुँचाने के लिए एक मुबारक़ क़दम उठाया है। बच्चों के दिलों में सीरत-ए-रसूल ﷺ की रौशनी बिठाने और उनकी शिक्षा-प्रशिक्षण को नबवी साँचे में ढालने के लिए एक श्रंखलाबद्ध प्रतियोगिता कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। यह केवल एक प्रतियोगिता नहीं बल्कि एक शैक्षिक और तालीमी तहरीक़ (आंदोलन) है — जिसका उद्देश्य है कि हर बच्चा सीरत-ए-पाक ﷺ से वाक़िफ़ हो और उसी को अपना आदर्श बनाए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता जमीयत उलेमा किशनगंज के नायब सदर हज़रत मौलाना मुफ़्ती मोहम्मद ईसा जामी क़ासमी ने की, जबकि सरपरस्ती बिहार जमीयत उलेमा के सदर मौलाना मुफ़्ती मोहम्मद जावेद इक़बाल क़ासमी ने की।
अधिवेशन का संचालन जमीयत उलेमा किशनगंज के प्रवक्ता व सचिव मुफ़्ती मोहम्मद मनाज़िर नोमानी क़ासमी ने किया। उन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में कहा: हमारे बच्चों की एक बड़ी संख्या इंसानियत के रहनुमा ﷺ की हयात-ए-तैयबा से अनजान है। यही खाई खत्म करने के लिए जमीयत किशनगंज लगातार सीरत पर आधारित कार्यक्रम आयोजित कर रही है।

जमीयत उलेमा किशनगंज के महासचिव हज़रत मौलाना मोहम्मद ख़ालिद अनवर क़ासमी और क्विज़ प्रतियोगिता के संयोजक जनाब मौलाना अबू सालेक शहीद नदवी, महासचिव जमीयत उलेमा शहर किशनगंज की मेहनत से यह कार्यक्रम पिछले कई वर्षों से शानदार ढंग से आयोजित होता आ रहा है। अब तक अल्हम्दुलिल्लाह इस कार्यक्रम से 10 हज़ार से अधिक बच्चे लाभान्वित हो चुके हैं। इस सीरत क्विज़ प्रतियोगिता में 100 से अधिक स्कूलों के लगभग 3000 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया, जिन्हें उनकी उम्र के अनुसार दो ग्रुप में बांटा गया: ग्रुप A और ग्रुप B। दोनों ग्रुपों में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को क्रमशः 10 हज़ार, 5 हज़ार और 3 हज़ार रुपये के नकद इनाम मुख्य अतिथि के हाथों से प्रदान किए गए।

इसके अलावा उत्कृष्ट छात्र-छात्राओं तथा विशिष्ट स्कूलों और मदरसों को भी क़ीमती इनाम और शील्ड देकर सम्मानित किया गया, और सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र और एक-एक क़लम देकर उत्साहित किया गया।
ग्रुप A से प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान क्रमशः नायाब कौकब, तौफ़िया नाज़, मुनीरा कश्फ़ ने प्राप्त किया जबकि ग्रुप B से प्रथम स्थान नूरानी बेग़म, द्वितीय और तृतीय स्थान क्रमशः रज़िया गुलनार खानम और शाह जमाल ने प्राप्त किए।

मुफ़्ती जावेद इक़बाल क़ासमी, सदर जमीयत उलेमा बिहार ने कहा कि आप ﷺ की सीरत-ए-मुतहर्रा हर इंसान को ज़िंदगी के हर क्षेत्र में बेहतरीन रहनुमाई प्रदान करती है। व्यक्तिगत, सामाजिक, क़ौमी और पारिवारिक जीवन का कोई भी पहलू ऐसा नहीं है जिसमें आप ﷺ की हयात-ए-तैयबा से मार्गदर्शन न लिया जा सके।

इस अवसर पर मौलाना मोहम्मद ख़ालिद अनवर, महासचिव जमीयत उलेमा किशनगंज ने सीरत क्विज़ के पुरस्कार वितरण सम्मेलन में मौजूद मेहमानों और छात्र-छात्राओं का धन्यवाद करते हुए फ़रमाया कि हम सदर जमीयत उलेमा हिन्द के हुक्म के अनुसार यह कार्यक्रम लगातार आयोजित करते रहेंगे और हमारी कोशिश होगी कि इसे और बेहतर अंदाज़ में आयोजित किया जाए।
मौलाना अबू सालेक नदवी, संयोजक सीरत क्विज़ प्रतियोगिता ने परिणाम की घोषणा की और जमीयत के क़ाइद एवं मुख्य अतिथि के हाथों सफल छात्र-छात्राओं को इनाम दिए गए।

इस अवसर पर श्री मोहम्मद मुस्लिम (किसान बेकरी), जनाब अख्तरुल ईमान (विधायक, अमौर), मौलाना सऊद इसरार (विधायक, ठाकुरगंज), इज़हार आसफ़ी (विधायक, कोचाधामन), क़मरुल हुदा (पूर्व विधायक, किशनगंज), मौलाना क़ारी नोशाद आदिल (आयोजक जमीयत उलेमा हिन्द), मोहम्मद ख़ालिद (सीओ), क़ारी सालेम अंजर, मौलाना नसीरुद्दीन (उस्ताद हदीस, इदारा फ़ैज़ुल क़ुरआन, ठीकरी बाड़ी), अल्हाज मसूद साहब, शिफ़ा हफ़ीज़ (इंसान स्कूल), डॉ. जमाल, मास्टर सफ़ीरुद्दीन राही (ओरेकल स्कूल चकला) और अन्य गणमान्य शहरवासी कार्यक्रम में शामिल हुए।
साथ ही इस कार्यक्रम में जमीयत उलेमा किशनगंज के सभी सदस्य और कार्यकर्ताओं ने न सिर्फ़ शिरकत की बल्कि पूरी मेहनत और लगन से कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना नेतृत्वकारी किरदार अदा किया।


#سیرت
Jamiat Ulama-i-Hind
Maulana Mahmood Madani

26/07/2025




Jamiat Ulama-i-Hind  के निमंत्रण पर विभिन्न दलों के सांसद रात्रिभोज में शामिल हुए #असम,  #फ़िलिस्तीन,  #नफ़रत भरे भाषण औ...
24/07/2025

Jamiat Ulama-i-Hind के निमंत्रण पर विभिन्न दलों के सांसद रात्रिभोज में शामिल हुए
#असम, #फ़िलिस्तीन, #नफ़रत भरे भाषण और #अल्पसंख्यकों पर अत्याचार पर गंभीर चिंता, असम में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का प्रस्ताव

नई दिल्ली, 24 जुलाई: संसद के मानसून सत्र के दौरान, विभिन्न राजनीतिक दलों, विशेष रूप से कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी, टीएमसी, बीजू जनता दल, डीएमके, ऑल इंडिया मुस्लिम लीग के प्रमुख सांसद, जमीअत उलमा-ए-हिंदके अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी के निमंत्रण पर बुधवार शाम दिल्ली के शांगरी-ला होटल में एकत्रित हुए।
इस कार्यक्रम में देश में चल रहे अल्पसंख्यक विरोधी रवैये, असम में बंगाली भाषियों पर सरकारी अत्याचार, फ़िलिस्तीन पर सरकार का रुख, नफ़रत भरी घटनाओं, बिहार में चल रही एसआईआर और जाति आधारित जनगणना जैसे संवेदनशील मुद्दों पर एक रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई।
कार्यक्रम के आरंभ में, जमीअत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने सांसदों को उनकी उपस्थिति के लिए धन्यवाद दिया। इस अवसर पर अपने मुख्य भाषण में, जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने दो महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ज़ोर देते हुए कहा कि फ़िलिस्तीन और इज़राइल के संबंध में हमारी सरकार द्वारा अपनाई गई नीति भारत की ऐतिहासिक स्थिति और नैतिक मूल्यों के विरुद्ध है। यह हमारे देश की वैश्विक पहचान को नुकसान पहुँचा रही है। वर्तमान नीति ने हमें मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वाले समूहों के साथ खड़ा कर दिया है।मौलाना मदनी ने कहा कि फ़िलिस्तीन का मुद्दा अब केवल फ़िलिस्तीन समर्थक होने या न होने का नहीं रह गया है, बल्कि यह मानवता समर्थक मुद्दा बन गया है। आज वहाँ मानवता उथल-पुथल में है, लेकिन हम मानवता के आधार पर भी उनके साथ खड़े होने से मुँह मोड़ रहे हैं, जो शर्मनाक है।
मौलाना मदनी ने दूसरे महत्वपूर्ण मुद्दे असम के हालात पर प्रकाश डालते हुए कहा कि असम में जिस तरह से लोगों को बेदखल किया जा रहा है, वह एक व्यवस्थित और योजनाबद्ध प्रक्रिया है। अगर कहीं विकास के नाम पर नियमों के तहत विस्थापन होता है, तो वह भी आपत्तिजनक है, लेकिन यहाँ तो कानून तोड़कर एक विशेष समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है, जो किसी भी सूरत में देश के लिए अच्छा नहीं हो सकता। मौलाना मदनी ने सुझाव दिया कि सभी दलों का एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल असम का दौरा करे। इसके अलावा समान विचारधारा वाले दलों को एकजुट होकर अपने सांसदों को वहाँ भेजना चाहिए ताकि वे स्वयं तथ्यों को देख सकें और उन्हें देश-दुनिया के सामने प्रस्तुत कर सकें।
सांसदों ने मौलाना मदनी के विचारों से सहमति व्यक्त की और कहा कि वे जल्द ही एक धर्मनिरपेक्ष प्रतिनिधिमंडल असम ले जाने का इरादा रखते हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम लीग के नेता और मलप्पुरम से सांसद ईटी बशीर ने कहा कि यदि सभी धर्मों के बुद्धिजीवियों और सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल असम जाए, तो इसके अधिक प्रभावी परिणाम होंगे। ए. टी. बशीर ने आगे कहा कि देश में सांप्रदायिक तत्वों पर रोक लगाने के लिए समान विचारधारा वाली पार्टियों को एकजुट होकर काम करना होगा।
इस अवसर पर कई सांसदों ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। प्रतापगढ़ से समाजवादी सांसद शिवपाल सिंह पटेल ने कहा कि अत्याचार केवल मुसलमानों पर ही नहीं, बल्कि सभी कमजोर वर्गों पर हो रहा है, हमें एकजुट होकर समाज को सांप्रदायिकता के जहर से बचाना होगा।
मुज़फ़्फ़रनगर लोकसभा सीट से समाजवादी सांसद हरिंदर मलिक ने कहा कि आज जो कुछ हो रहा है, वह गोलवलकर की विचारधारा के अनुरूप है, जिसमें अल्पसंख्यकों के लिए कोई जगह नहीं है। जमीअत उलमा-ए-हिंद ने हमेशा शोषितों के पक्ष में आवाज़ उठाई है और हमें इस संघर्ष को और आगे बढ़ाना है।
टीएमसी सांसद नदीमुल हक ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में बंगाली मुसलमानों को व्यवस्थित तरीके से निशाना बनाया जा रहा है, यह एक निंदनीय कृत्य है। सांसद अब्दुल समद समदानी ने कहा कि जमीअत उलमा-ए-हिंद के बलिदान और विचार देश के लिए महत्वपूर्ण संपत्ति हैं। हमें उम्मीद है कि जमीअत का नेतृत्व देश को सही दिशा में ले जाता रहेगा। समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर रहमान बर्क ने जोर देकर कहा कि नफरत के खिलाफ एक व्यवस्थित आंदोलन की जरूरत है, हमें इसके खिलाफ अदालतों का दरवाजा भी खटखटाना होगा।
उन्होंने नफरत और सांप्रदायिकता के खिलाफ जमीअत के बलिदानों का भी जिक्र किया और कहा कि जब संभल में लोगों पर गोलियां चलाई गईं, तो जमीअत उलमा-ए-हिंद ने पीड़ितों के आंसू पोछे, हम संभल के लोगों की ओर से जमीअत के आभारी हैं।
मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी ने असम में बंगाली भाषी मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जिस तरह फ़िलिस्तीन के लोगों को उनके घरों से बेदखल किया जा रहा है, उसी तरह असम में भी बंगाली भाषी युवाओं और परिवारों को ग़ैर-क़ानूनी तरीक़े से उठाया जा रहा है और पुलिस उन्हें मैरिज हॉल या रिसॉर्ट में रखकर प्रताड़ित कर रही है। फ़िलिस्तीन के मुद्दे पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह सिर्फ़ विदेशी मुद्दा नहीं, बल्कि हमारे देश की छवि और गरिमा का मुद्दा है। जमीअत उलमा-ए-हिंद एक क्रांतिकारी आंदोलन रहा है जिसके नेताओं ने आज़ादी के लिए कुर्बानियाँ दीं, लेकिन कभी कोई इनाम नहीं माँगा। आज भी अगर किसी संगठन को देश और राष्ट्र के हक़ के लिए खड़ा होना है, तो वह जमीअत है, और हम हर जायज़ आंदोलन के साथ कदम से कदम मिलाकर खड़े रहेंगे।
आज़ाद समाज पार्टी के सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा कि आज देश में वैचारिक युद्ध चल रहा है। सत्ताधारी हिंदुत्व के एजेंडे को लागू कर रहे हैं। हमें शुतुरमुर्गों की तरह रेत में मुँह छिपाकर नहीं, बल्कि सच्चाई के लिए खड़ा होना चाहिए।
किशनगंज से सांसद मोहम्मद जावेद ने कहा कि बंगालियों को परेशान किया जा रहा है। हालाँकि इस देश में हिंदू-मुस्लिम की राजनीति हो रही है, लेकिन इसका नुकसान दलितों और पिछड़ों को भी हो रहा है। हमें न्याय की लड़ाई में इन पीड़ित वर्गों को भी साथ लेना चाहिए।
पश्चिम बंगाल से कांग्रेस सांसद ईसा खान चौधरी ने कहा कि देश भर में बंगाली भाषी बंगालियों को परेशान किया जा रहा है, ऐसी कई शिकायतें आ रही हैं। यह सब भाजपा और उसके सहयोगी दल कर रहे हैं, जबकि देश का कानून है कि कोई भी देश के किसी भी हिस्से में रह सकता है। जब यह कानून है, तो यह सब किस आधार पर किया जा रहा है।
ओडिशा से राज्यसभा सांसद मुजीबुल्लाह खान ने कहा कि पाप का घड़ा लगातार भर रहा है। पहले हमारे प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर थी, लेकिन जब से भाजपा सरकार सत्ता में आई है, स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। कुछ दिन पहले एक बहुत ही दुखद घटना घटी, जिसमें एक मुस्लिम लड़की पर मिट्टी का तेल डालकर उसे जलाने की कोशिश की गई। उसका अभी भी एम्स में इलाज चल रहा है और वह मौत से जूझ रही है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद मियां अल्ताफ लारवी ने कहा कि फिलिस्तीन हो या असम, इन नीतियों के कारण देश को भारी नुकसान हो रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच रहा है।
लक्षद्वीप के सांसद मुहम्मद हमदुल्ला सईद ने कहा कि लक्षद्वीप में मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है, पाठ्यक्रम से अरबी भाषा को हटाने और मदरसों को बंद करने की कोशिश हो रही है। हालांकि हम सभी के प्रयासों से इसे रोक दिया गया है, लेकिन यह लड़ाई लंबी है। हमें इस देश में धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिक सद्भाव की रक्षा करनी है, इसलिए हमें एकजुट होकर इस सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ना होगा।
राज्यसभा सांसद हारिस बीरन ने कहा कि न्यायपालिका देश की सबसे बड़ी ताकत है। हमें अपने मामलों को पूरी तैयारी के साथ अदालतों में पेश करने की जरूरत है।
सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने जमीअत उलमा-ए-हिंद द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट का पूरा समर्थन किया।
इस मौके पर सहारनपुर से सांसद इमरान मसूद, कैराना से सांसद इकरा हसन चौधरी, अबू ताहिर खान, आगा सैयद रुहुल्लाह मेहदी, डीएमके सांसद मुहम्मद अब्दुल्ला, अब्दुल वहाब, राज्यसभा सांसद जेबी माथुर, श्रीजी कुमार नाइक भी मौजूद रहे।
इस कार्यक्रम में मौलाना शब्बीर अहमद नदवी समेत जमीअत उलमा-ए-हिंद के कार्यालय के कई प्रमुख पदाधिकारी भी शामिल हुए।









Maulana Mahmood Madani

24/07/2025

दिनांक 23 जुलाई 2025
Maulana Mahmood Madani अध्यक्ष Jamiat Ulama-i-Hind की दावत पर 25 सांसद पहुंचे डिनर पर, जिसमें मुल्क के मौजूदा हालत खास तौर पर इन मुद्दों पर चर्चा की गई ।
1. असम में बुलडोजर की कार्रवाई का मुद्दा
2. देश में होने वाली हेट स्पीच और हेट क्राइम
3. बिहार में SIR प्रक्रिया
4. जाति जनगणना
5. फिलिस्तीन का मुद्दा

जमीयत ने सांसदों से उपरोक्त मुद्दों को संसद में उठाने की मांग भी की।

दिनांक 23 जुलाई 2025 को होटल शांग्री-ला, नई दिल्ली में आयोजित जमीयत कार्यक्रम में शामिल हुए माननीय सांसदों:

1 श्री मुझीबुल्ला ख़ान बीजेडी
2 जनाब एम. मोहम्मद अब्दुल्ला डीएमके
3 जनाब ई.टी. मोहम्मद बशीर इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग
4 जनाब एम.पी. अब्दुस्समद सामदानी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग
5 जनाब अब्दुल वहाब इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग
6 जनाब हारिस बेर्रन इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग
7 श्री मुहम्मद हमदुल्लाह सईद कांग्रेस
8 जनाब इमरान मसूद कांग्रेस
9 जनाब ईशा खान चौधरी कांग्रेस
10 श्री अबू ताहिर ख़ान कांग्रेस
11 डॉ. मोहम्मद जावेद कांग्रेस
12 जनाब इमरान प्रतापगढ़ी कांग्रेस
13 श्रीमती जेबी माथर हिशाम कांग्रेस
14 श्री जी. कुमार नायक कांग्रेस
15 श्री चंद्रशेखर आज़ाद निर्दलीय
16 श्री आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी नेशनल कॉन्फ्रेंस
17 श्री मियां अल्ताफ़ अहमद नेशनल कॉन्फ्रेंस
18 सुश्री इक़रा चौधरी समाजवादी पार्टी
19 जनाब मौलाना मुहिब्बुल्लाह समाजवादी पार्टी
20 जनाब ज़िया उर रहमान समाजवादी पार्टी
21 श्री हरेंद्र सिंह मलिक समाजवादी पार्टी
22 डॉ. शिवपाल सिंह पटेल समाजवादी पार्टी
23 श्री खलीलुर रहमान टीएमसी
24 जनाब मोहम्मद नदीमुल हक़ टीएमसी







असम में बुलडोज़र से मानवता की हत्या की जा रही है- जमीअत उलमा-ए-हिंद के प्रतिनिधिमंडल का असम दौरा संपन्न, मानवाधिकारों के...
17/07/2025

असम में बुलडोज़र से मानवता की हत्या की जा रही है

- जमीअत उलमा-ए-हिंद के प्रतिनिधिमंडल का असम दौरा संपन्न, मानवाधिकारों के उल्लंघन पर गहरी चिंता व्यक्त की

पीड़ितों तक खाने-पीने चीजों की आपूर्ति बाधित, लोगों पर गोलियां बरसाई गईं, भारत सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग

नई दिल्ली, 17 जुलाई 2025: असम के धुबरी और ग्वालपारा जिलों में हजारों गरीब मुसलमानों के घरों पर बुलडोज़र चला कर उन्हें जबरन बेदखल कर दिया गया है। अब प्रभावित लोग जिन तंबुओं में शरण लिए हुए हैं, उन्हें भी तोड़ा जा रहा है। उन लोगों तक खाने-पीने की चीजों और अन्य आपूर्ति पर रोक लगा दी गई है और लोगों पर गोलियां बरसाई जा रही हैं। यह परिस्थितियां न केवल लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन हैं बल्कि मानवता के खिलाफ खुली बर्बरता भी दर्शाते हैं। यह सब राज्य के मुख्यमंत्री के आदेश पर हो रहा है, जो भारत के इतिहास की सबसे शर्मनाक घटना है, जिसका उदाहरण अत्याचारी अंग्रेज़ी शासन के दौर में भी नहीं मिलता। जमीअत उलमा असम की तरफ से जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी को भेजी गई रिपोर्ट में इन बातों का खुलासा किया गया है।

ज्ञात हो कि जमीअत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना मोहम्मद हकीमुद्दीन कासमी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने 15 और 16 जुलाई को इन प्रभावित इलाकों का दौरा किया और एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट तैयार की है। मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने बताया कि असम में जो कुछ हो रहा है, अगर हम उसे खुद पर लागू करें, तो जीवन असहनीय लगता है। ऐसा लगता है कि असम सरकार इन लोगों को इंसान मानती ही नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, राज्य प्रशासन ने प्रताड़ना और अत्याचार की हद पार कर दी है। गत रात 17 जुलाई को गवालपारा के पाइकान वन क्षेत्र में स्थित आशोडोबी गांव में पुलिस फायरिंग में एक 17 वर्षीय शरणार्थी युवक शहीद हो गया और तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना तब हुई जब 12 जुलाई को जबरन बेदखल किए गए हजारों लोगों ने सड़क खोलने और खाने-पानी की आपूर्ति की शांतिपूर्वक मांग की। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्र की अत्याचारपूर्वक घेराबंदी कर दी है। सहायता संगठनों को प्रवेश की अनुमति नहीं है, हैंडपंप उखाड़ दिए गए हैं, शौचालय की सुविधा न के बराबर है और महिलाएं और बच्चे पीने के पानी के लिए परेशान हैं। हालांक जमीअत उलमा-ए-असम द्वारा कुछ स्थानों पर भोजन और तिरपाल वितरित किए गए हैं, लेकिन सरकारी घेराबंदी के कारण उन तक पहुंचना मुश्किल है।

जमीअत प्रतिनिधिमंडल ने धुबरी ज़िले के चराकतरा, संतोषपुर, चरवा बकरा का भी दौरा किया, जहां 20,000 से अधिक मुसलमानों को उनके घरों से बेदखल कर दिया गया है। यहां 5,700 मतदाता और 3,500 परिवार प्रभावित हुए हैं। उन्हें ब्रह्मपुत्र के बीचों-बीच स्थित एक ऐसे स्थान पर स्थानांतरित होने के लिए कहा जा रहा है, जहां कोई आबादी नहीं है और जमीन रेतीली है। वहां न पानी है, न आश्रय की व्यवस्था, न ही जीवन का कोई नामो-निशान। यह सब गौतम अडानी के सोलर प्रोजेक्ट के नाम पर हो रहा है। दूसरी ओर मीडिया का एक वर्ग इन भारतीय नागरिकों को बार-बार 'विदेशी बांग्लादेशी' कहकर जनता की सहानुभूति खत्म करने की कोशिश कर रहा है, जो गंभीर चिंता का विषय है।

इन परिस्थितियों में, जमीअत उलमा-ए-हिंद सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करती है कि सभी बेदखल लोगों को तुरंत भोजन, पानी, चिकित्सा सहायता और आश्रय प्रदान किया जा सके। रास्ते खोले जाएं ताकि सहायता संगठन प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंच सकें, पुलिस फायरिंग में संलिप्त अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए, पीड़ितों को तत्काल मुआवजा दिया जाए और वैकल्पिक भूमि उपलब्ध कराई जाए। बांग्लादेशी के दुष्प्रचार को रोका जाए और अल्पसंख्यकों पर जारी अत्याचार और प्रताड़ना का सिलसिला रोका जाए। जमीअत उलमा-ए-हिंद ने घोषणा की है कि वह कानूनी, मानवीय और सार्वजनिक स्तर पर इन उत्पीड़ित लोगों को हर संभव सहयोग प्रदान करेगी और देश की अंतरात्मा को झकझोरने के लिए हर मंच पर अपनी आवाज उठाएगी।

जमीअत उलमा-ए-हिंद के प्रतिनिधिमंडल में जमीअत उलमा-ए-हिंद के महासचिव के अलावा असम राज्य जमीएत उलमा के महासचिव हाफिज बशीर अहमद कासमी, अतिरिक्त महासचिव मौलाना अब्दुल कादिर कासमी, मौलाना महबूब हसन और मौलाना फजलुल करीम कासमी, ग्वालपारा जिला जमीअत के पदाधिकारियों में मुफ्ती सादुद्दीन कासमी, मौलाना इज्जत अली, जनाब अब्दुल हई, जनाब अबुल कलाम, मौलाना अबुल हाशिम, मौलाना अबू तालिब, बलासीपारा जिला जमीअत के अध्यक्ष मुफ्ती याह्या, चापर जिला जमीअत के अध्यक्ष हाफिज लुकमान, कोकराझार जिला जमीअत के अध्यक्ष मुफ्ती साजिद, धुबरी जिला जमीअत के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल मजीद इत्यादि भी उपस्थित थे।
Jamiat Ulama-i-Hind
Maulana Mahmood Madani

सिर्फ मुसलमानों के घर तोड़े, बाकियों के छोड़े', असम में बुलडोजर एक्शन पर महमूद मदनी ने उठाए सवाल:
16/07/2025

सिर्फ मुसलमानों के घर तोड़े, बाकियों के छोड़े', असम में बुलडोजर एक्शन पर महमूद मदनी ने उठाए सवाल:

असम के आशडूबी-हसीलाबेल में असम सरकार की ओर से तोड़फोड़ कार्रवाई के तहत कई घरों को ध्वस्त किया हया है, जिसको लेकर जमी...

آسام میں مسلم اقلیت کے گھروں پربلڈوزر کارروائیجمعیۃ علماء ہند کا وفد ضلع گوالپاڑہ کے متاثرہ علاقوں کے دورے پر، حکومت آ...
15/07/2025

آسام میں مسلم اقلیت کے گھروں پربلڈوزر کارروائی
جمعیۃ علماء ہند کا وفد ضلع گوالپاڑہ کے متاثرہ علاقوں کے دورے پر، حکومت آسام کومیمورنڈم:جانبدارانہ کارروائی پر سوال، معاوضہ اور بازآبادکاری کا مطالبہ

نئی دہلی/گوالپاڑہ، 15 جولائی 2025:جمعیۃ علماء ہند کے صدر مولانا محمود اسعد مدنی کی ہدایت پر آج ایک اعلیٰ سطحی وفد نے ریاست آسام کے ضلع گوالپاڑہ کا دورہ کیا، جہاں حال ہی میں آشدوبی اور ہسیلابیل کے علاقوں میں حکومتِ آسام کی جانب سے انہدامی کارروائی کے تحت 3973 مکانات کو مسمار کیا گیا ہے۔ ان علاقوں کے بیشتر متاثرین بنگالی نژاد مسلمان ہیں۔ واضح ہو کہ جمعیۃ علماء آسام نے بے گھر ہوئے افراد کے لیے سردست خیموں کا انتظام کیا ہے ۔
یہ وفد جمعیۃ علماء ہند کے جنرل سکریٹری مولانا محمد حکیم الدین قاسمی کی قیادت میں متاثرہ مقامات پر پہنچا، متاثرین سے ملاقات کی اور ان کے حالات کا جائزہ لیا، متاثرہ افراد کی حالت دیکھ کر وفد کو بہت زیادہ دکھ ہوا اور ان کی ہر ممکن مدد کی یقین دہانی کرائی۔ وفد میںسربراہ وفد کے علاوہ حافظ بشیر احمد قاسمی جنرل سکریٹری جمعیۃ علماء آسام، مولانا عبدالقادر قاسمی اسسٹنٹ جنرل سکریٹری جمعیۃ علماء آسام،مولانا محبوب حسن اسسٹنٹ جنرل سکریٹری،جمعیۃعلماء آسام مولانا فضل الکریم قاسمی اسسٹنٹ جنرل سکریٹری جمعیۃ علماء آسام، مولانا عزت علی صدر جمعیۃ علماء ضلع گوالپاڑہ، عبدالحئی جنرل سکریٹری، جمعیۃ علماء ضلع گوالپاڑہ ، مفتی سعدالدین ناظم مرکز الیتامی گوالپاڑہ ، مولانا جابر قاسمی چھپاراور مولانا ابوالہاشم کوکرا جھارشامل ہیں ۔
وفد نے ضلع مجسٹریٹ کے توسط سے وزیر اعلیٰ آسام ہمنتا بسوا سرما کے نام ایک یادداشت بھی پیش کی، جس میں انہدامی کارروائی کو غیر انسانی، غیر آئینی اور مذہبی تعصب پر مبنی قرار دیا گیا۔ یادداشت میں کہا گیا کہ یہ انہدامی کارروائیاں صرف ان علاقوں میں کی گئیں جہاں بالخصوص بنگالی مسلمان آباد تھے، جبکہ انہی زمینوں پر دیگر برادریوں کے مکینوں کو نہیں چھیڑا گیا جو کہ امتیازی سلوک اور مذہبی بنیاد پر جانبداری کی واضح مثال ہے۔
یادداشت میں مزید کہا گیا ہے کہ متاثرہ افراد گزشتہ ستر اسی سالوں سے ان زمینوں پر رہائش پذیر ہیں، ان کی اکثریت برہمپترا ندی کی تباہ کاریوں سے بے گھر ہونے والوں کی ہے اور وہ سبھی باقاعدہ بھارتی شہری ہیں۔ ان کو بے دخل کرنا انصاف اور انسانی اقدار کے منافی ہے۔ بعض علاقوں میں تو انہدام کی کارروائی صنعتی یا نجی مفادات کی خاطر انجام دی گئی اور متاثرین کو پیشگی اطلاع دینا تک ضروری نہیں سمجھا گیا جو کہ قانونی تقاضوں اور سپریم کورٹ کی واضح ہدایات کی کھلی خلاف ورزی ہے۔
میمورنڈم میں مطالبہ کیا گیا کہ بے دخلی سے پیدا شدہ سنگین انسانی بحران کے ازالے کے لیے فوری طور پر متاثرہ افراد کی بازآبادکاری کے اقدامات کیے جانے چاہئیں۔ آسام میں اب بھی سرکاری خاص زمین کے وسیع قطعے دستیاب ہیں۔ حکومت کو چاہیے کہ وہ ان بے دخل شدہ افراد کے لیے متبادل انتظامات اور معاوضے کی فراہمی کے لیے آگے آئے۔ جب تک مستقل بندوبست نہ ہو جائے، حکومت کو عارضی طور پر ان متاثرین کو خوراک اور پناہ فراہم کرنی چاہیے۔ ہمیں امید ہے کہ حکومت اس سلسلے میں ضروری اقدامات کرے گی۔

آسام جمعیۃ علماء کی ابتدائی فیکٹ فائنڈنگ رپورٹ
جمعیۃ علماء آسام کے صدر مولانا بدرالدین اجمل اور جنرل سکریٹری حافظ بشیر احمدقاسمی کی جانب سے پیش کی گئی ابتدائی رپورٹ کے مطابق ضلع گوالپاڑہ، دھوبڑی اور نلباری سمیت مختلف علاقوں میں مجموعی طور پر 8115 خاندان متاثر ہوئے ہیں، جس کے نتیجے میں 32530سے زائد افراد جن میں عورتیں، بچے اور بزرگ شامل ہیں بے گھر ہو چکے ہیں۔رپورٹ کے مطابق نومبر 2023 سے جولائی 2025 تک جاری انہدامی کارروائیوں میں اب تک 21مساجد، 44مکتب و مدارس اور 9عیدگاہیں بھی مسمار کی جا چکی ہیں ۔اس صورت حال سے نمٹنے کے لئے جمعیۃ علماء ہند کی طرف سے ان متاثرہ ا فراد کے لیے پناگاہوں اور کھانے پینے کا بھی انتظام کیا گیا ہے، تاہم یہ انتظامات ناکافی ہیں ۔ ابھی مزید انتظام کی سخت ضرورت ہے ۔
Jamiat Ulama-i-Hind

हज़रत मौलाना मोहम्मद दाऊद अमीनी की वफ़ात पर शोक सभा का आयोजन।मदरसा बाबुल उलूम, जाफ़राबाद दिल्ली में आज रविवार को हज़रत म...
13/07/2025

हज़रत मौलाना मोहम्मद दाऊद अमीनी की वफ़ात पर शोक सभा का आयोजन।
मदरसा बाबुल उलूम, जाफ़राबाद दिल्ली में आज रविवार को हज़रत मरहूम की याद में एक शोक सभा आयोजित की गई।
हज़रत मौलाना मोहम्मद हकीमुद्दीन क़ासमी, नाज़िम-ए-उमूमी, जमीयत उलमा-ए-हिंद की विशेष उपस्थिति रही।
इस मौके पर मरहूम मौलाना के साहिबजादे मौलाना मोहम्मद उवैस की दस्तरबादी भी की गई।

इसके अलावा हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, चंडीगढ़, मेवात, दिल्ली और आस-पास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में उलमा, इमाम और जमीयत उलमा-ए-हिंद के ज़िम्मेदारों ने भाग लिया।
अल्लाह तआला इस सभा को अपनी बारगाह में कुबूल फ़रमाए, आमीन सुम्मा आमीन।
मौलाना मोहम्मद दाऊद अमीनी की मग़फ़िरत फ़रमाए, आमीन सुम्मा आमीन।
Jamiat Ulama-i-Hind
Maulana Mahmood Madani

मौलाना महमूद मदनी की हिदायत पर, जमीयत उलेमा तमिलनाडु ने फिल्म उदयपुर फाइल्स के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट में PIL दायर की। नफ...
09/07/2025

मौलाना महमूद मदनी की हिदायत पर, जमीयत उलेमा तमिलनाडु ने फिल्म उदयपुर फाइल्स के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट में PIL दायर की। नफरत फैलाने और देवबंद को बदनाम करने का आरोप। जल्द सुनवाई संभव।

07/07/2025



Address

Delhi

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Jamiat News posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to Jamiat News:

Share