
20/07/2025
"दोस्त वही है जो दोस्त की रक्षा करे।"
"दोस्त को भाई से भी बढ़कर माना गया है।"
"यही कारण है कि दोस्ती ही इन्सान के काम आती है। सच्ची दोस्ती भी इसे ही कहते हैं।
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दोस्ती केवल अपने ही जैसे लोगों से हो सकती है।
दोस्ती के लिए यह जरूरी है कि -
समान विचारवाला, समान कल्पना, समान ही आर्थिक स्थिति हो। तभी दोस्ती सदा चल सकती है।
गधे और घोड़े, कुत्ते और बिल्ली, बकरे और शेर जैसे प्राणियों में तो कभी आपस में दोस्ती नहीं चल सकती ।
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मनुष्य जैसे भी लोगों के साथ रहेगा, उनका प्रभाव अवश्य उसके स्वभाव पर पड़ेगा। जैसे किसी बीज का असर उससे पैदा होने वाली फसल पर अवश्य पड़ता है।
इसलिए इस बात को सोच-समझ कर ही अपना दोस्त बनाना चाहिए, यदि आपके दोस्त अच्छे हैं, तो आप स्वयं ही अच्छे होंगे।
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दोस्त का पसीना जहां पर गिरे, सच्चा मित्र समय आने पर उस पर खून बहा दे, उसे ही असली मित्र समझना यदि कोई मित्र ऐसा नहीं करता तो उससे मगरमच्छ भला है जो कम से कम नकली आंसू तो बहा देता है।
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अपने दोस्तों के साथ रहते हुए जो व्यक्ति किसी भी मित्र के घर में रहने वाली लड़की को बुरी नजर देखे, एवं उससे प्यार करे. ऐसा आदमी सबसे बड़ा पापी होता है।
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" श्रीकृष्ण जी और सुदामा जी।
"कृष्ण जी और वीर अर्जुन ।
" श्रीराम और विभीषण ।