20/06/2025
बिहार के मधुबनी जिले की रहने वाली बबीता ने वह कर दिखाया है, जो लाखों युवाओं का सपना होता है। बबीता, जिनके पिता सोगेन्दर राम एक ईंट भट्ठे पर मजदूरी करते हैं, ने बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा को अपने पहले ही प्रयास में पास कर इतिहास रच दिया। उन्होंने 67वीं BPSC परीक्षा में 717वीं रैंक हासिल की है और अब वे पंचायती राज विभाग में ऑडिट ऑफिसर के पद पर नियुक्त हुई हैं।
गरीबी और संसाधनों की कमी के बीच बबीता का यह सफर न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह इस बात का भी प्रमाण है कि अगर इरादे मजबूत हों और मेहनत सच्ची हो, तो कोई भी मंजिल पाना असंभव नहीं होता। बबीता का परिवार आर्थिक रूप से बेहद कमजोर था। उनके पिता दिन-रात मेहनत कर जैसे-तैसे परिवार का पालन-पोषण करते थे, लेकिन उन्होंने कभी अपनी बेटी की पढ़ाई में रुकावट नहीं आने दी। बबीता भी अपने पिता के संघर्ष को समझती थीं और उसी को अपनी प्रेरणा बनाकर उन्होंने पढ़ाई जारी रखी।
बबीता ने सरकारी स्कूल से अपनी शुरुआती पढ़ाई की और फिर स्नातक तक की पढ़ाई पूरी की। संसाधनों की कमी के बावजूद उन्होंने इंटरनेट, किताबों और कोचिंग की मदद से BPSC की तैयारी की। उनका कहना है कि उन्होंने हर दिन निर्धारित लक्ष्य के अनुसार पढ़ाई की और अपने समय का बेहतर उपयोग किया। परिवार की स्थिति को देखकर कई बार मुश्किलें आईं, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
बबीता की सफलता उन हजारों लड़कियों के लिए एक मिसाल है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखती हैं। समाज में फैली आर्थिक और सामाजिक असमानताओं के बावजूद, बबीता ने यह साबित कर दिया कि प्रतिभा किसी जाति, वर्ग या पैसे की मोहताज नहीं होती।
आज बबीता न केवल अपने माता-पिता का गर्व बनी हैं, बल्कि पूरे गांव और जिले के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई हैं। लोग अब उन्हें आदर और सम्मान की नजर से देखते हैं। उनका यह सफर हर उस युवा को दिशा देता है जो कठिन परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्य की ओर बढ़ना चाहता है।