बागेश्वर बालाजी सरकार

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बागेश्वर बालाजी सरकार 🚩ॐ बागेश्वराय नमः 🚩
🎗️ धर्मों रक्षति रक्षितः 🎗️
🚩 प्रेम || सकारात्मकता || प्रेरणा || सद्भाव 🚩
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23/08/2025

*🌷ॐ नमो परमात्मने 🌷*

*"ईश्वर पर भरोसा"*
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*!!!..-एक राजा बहुत दिनों से पुत्र की प्राप्ति के लिए आशा लगाए बैठा था लेकिन पुत्र नहीं हुआ। उसके सलाहकारों ने तांत्रिकों से सहयोग लेने को कहा।*

*सुझाव मिला कि किसी बच्चे की बलि दे दी जाए तो पुत्र प्राप्ति हो जायेगी।*

*राजा ने राज्य में ढिंढोरा पिटवाया कि जो अपना बच्चा देगा,उसे बहुत सारा धन दिया जाएगा।*

*एक परिवार में कई बच्चें थे,गरीबी भी थी।एक ऐसा बच्चा भी था,जो ईश्वर पर आस्था रखता था तथा सन्तों के सत्संग में अधिक समय देता था।*

*परिवार को लगा कि इसे राजा को दे दिया जाए क्योंकि ये कुछ काम भी नहीं करता है,हमारे किसी काम का भी नहीं है।*

*इसे देने पर राजा प्रसन्न होकर बहुत सारा धन देगा ऐसा ही किया गया। बच्चा राजा को दे दिया गया।*

*राजा के तांत्रिकों द्वारा बच्चे की बलि की तैयारी हो गई।*

*राजा को भी बुलाया गया। बच्चे से पूछा गया कि तुम्हारी आखिरी इच्छा क्या है ?*

*बच्चे ने कहा कि ठीक है ! मेरे लिए रेत मँगा दिया जाए रेत आ गया।*

*बच्चे ने रेत से चार ढेर बनाए। एक-एक करके तीन रेत के ढेरों को तोड़ दिया और चौथे के सामने हाथ जोड़कर बैठ गया उसने कहा कि अब जो करना है करें।*

*यह सब देखकर तांत्रिक डर गए उन्होंने पूछा कि ये तुमने क्या किया है?*

*पहले यह बताओ। राजा ने भी पूछा तो बच्चे ने कहा कि*
*पहली ढेरी मेरे माता पिता की है मेरी रक्षा करना उनका कर्त्तव्य था परंतु उन्होंने पैसे के लिए मुझे बेच दिया।*

*इसलिए मैंने ये ढेरी तोड़ी दूसरी मेरे सगे-सम्बन्धियों की थी। उन्होंने भी मेरे माता-पिता को नहीं समझाया।*

*तीसरी आपकी है राजा क्योंकि राज्य की प्रजा की रक्षा करना राजा का ही धर्म होता है परन्तु राजा ही मेरी बलि देना चाह रहा है तो ये ढेरी भी मैंने तोड़ दी।*

*अब सिर्फ अपने सद् गुरु और ईश्वर पर ही मुझे भरोसा है इसलिए यह एक ढेरी मैंने छोड़ दी है।*

*राजा ने सोचा कि पता नहीं बच्चे की बलि देने के पश्चात भी पुत्र प्राप्त हो या न हो,तो क्यों न इस बच्चे को ही अपना पुत्र बना ले।*

*इतना समझदार और ईश्वर-भक्त बच्चा है।इससे अच्छा बच्चा कहाँ मिलेगा ?*

*राजा ने उस बच्चे को अपना पुत्र बना लिया और राजकुमार घोषित कर दिया।*

*जो ईश्वर और सद् गुरु पर विश्वास रखते हैं,उनका बाल भी बाँका नहीं होता है।*

*हर मुश्किल में एक का ही जो आसरा लेते हैं,उनका कहीं से किसी प्रकार का कोई अहित नहीं होता है-..!!!*

*🌲 जय माता दी 🌲🙏🏾*

23/08/2025

काशी के रहस्य
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काशी को भगवान शिव की सबसे प्रिय नगरी कहा जाता है। इस बात का वर्णन कई पुराणों और ग्रंथों में भी किया गया हैं। काशी में ही भगवान शिव का प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग, काशी विश्वनाथ स्तिथ है। यहां वाम रूप में स्थापित बाबा विश्वनाथ शक्ति की देवी मां भगवती के साथ विराजते हैं। यह अद्भुत है। ऐसा दुनिया में कहीं और देखने को नहीं मिलता है। आइए जानते है काशी विश्वनाथ मंदिर से जुडी रोचक और अनसुनी बातें।

काशी विश्वनाथ मंदिर से जुड़े कुछ तथ्य
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1👉 काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग दो भागों में है। दाहिने भाग में शक्ति के रूप में मां भगवती विराजमान हैं। दूसरी ओर भगवान शिव वाम रूप (सुंदर) रूप में विराजमान हैं। इसीलिए काशी को मुक्ति क्षेत्र कहा जाता है।

2👉 देवी भगवती के दाहिनी ओर विराजमान होने से मुक्ति का मार्ग केवल काशी में ही खुलता है। यहां मनुष्य को मुक्ति मिलती है और दोबारा गर्भधारण नहीं करना होता है। भगवान शिव खुद यहां तारक मंत्र देकर लोगों को तारते हैं। अकाल मृत्यु से मरा मनुष्य बिना शिव अराधना के मुक्ति नहीं पा सकता।

3👉 श्रृंगार के समय सारी मूर्तियां पश्चिम मुखी होती हैं। इस ज्योतिर्लिंग में शिव और शक्ति दोनों साथ ही विराजते हैं, जो अद्भुत है। ऐसा दुनिया में कहीं और देखने को नहीं मिलता है।

4👉 विश्वनाथ दरबार में गर्भ गृह का शिखर है। इसमें ऊपर की ओर गुंबद श्री यंत्र से मंडित है। तांत्रिक सिद्धि के लिए ये उपयुक्त स्थान है। इसे श्री यंत्र-तंत्र साधना के लिए प्रमुख माना जाता है।

5👉 बाबा विश्वनाथ के दरबार में तंत्र की दृष्टि से चार प्रमुख द्वार इस प्रकार हैं :- 1. शांति द्वार। 2. कला द्वार। 3. प्रतिष्ठा द्वार। 4. निवृत्ति द्वार। इन चारों द्वारों का तंत्र में अलग ही स्थान है। पूरी दुनिया में ऐसा कोई जगह नहीं है जहां शिवशक्ति एक साथ विराजमान हों और तंत्र द्वार भी हो।

6👉 बाबा का ज्योतिर्लिंग गर्भगृह में ईशान कोण में मौजूद है। इस कोण का मतलब होता है, संपूर्ण विद्या और हर कला से परिपूर्ण दरबार। तंत्र की 10 महा विद्याओं का अद्भुत दरबार, जहां भगवान शंकर का नाम ही ईशान है।

7👉 मंदिर का मुख्य द्वार दक्षिण मुख पर है और बाबा विश्वनाथ का मुख अघोर की ओर है। इससे मंदिर का मुख्य द्वार दक्षिण से उत्तर की ओर प्रवेश करता है। इसीलिए सबसे पहले बाबा के अघोर रूप का दर्शन होता है। यहां से प्रवेश करते ही पूर्व कृत पाप-ताप विनष्ट हो जाते हैं।

8👉 भौगोलिक दृष्टि से बाबा को त्रिकंटक विराजते यानि त्रिशूल पर विराजमान माना जाता है। मैदागिन क्षेत्र जहां कभी मंदाकिनी नदी और गौदोलिया क्षेत्र जहां गोदावरी नदी बहती थी। इन दोनों के बीच में ज्ञानवापी में बाबा स्वयं विराजते हैं। मैदागिन-गौदौलिया के बीच में ज्ञानवापी से नीचे है, जो त्रिशूल की तरह ग्राफ पर बनता है। इसीलिए कहा जाता है कि काशी में कभी प्रलय नहीं आ सकता।

9👉 बाबा विश्वनाथ काशी में गुरु और राजा के रूप में विराजमान है। वह दिनभर गुरु रूप में काशी में भ्रमण करते हैं। रात्रि नौ बजे जब बाबा का श्रृंगार आरती किया जाता है तो वह राज वेश में होते हैं। इसीलिए शिव को राजराजेश्वर भी कहते हैं।

10👉 बाबा विश्वनाथ और मां भगवती काशी में प्रतिज्ञाबद्ध हैं। मां भगवती अन्नपूर्णा के रूप में हर काशी में रहने वालों को पेट भरती हैं। वहीं, बाबा मृत्यु के पश्चात तारक मंत्र देकर मुक्ति प्रदान करते हैं। बाबा को इसीलिए ताड़केश्वर भी कहते हैं।

11👉 बाबा विश्वनाथ के अघोर दर्शन मात्र से ही जन्म जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं। शिवरात्रि में बाबा विश्वनाथ औघड़ रूप में भी विचरण करते हैं। उनके बारात में भूत, प्रेत, जानवर, देवता, पशु और पक्षी सभी शामिल होते हैं।

12👉 मान्यता है कि जब औरंगजेब इस मंदिर का विनाश करने के लिए आया था, तब मंदिर में मौजूद लोगों ने यहां के शिवलिंग की रक्षा करने के लिए उसे मंदिर के पास ही बने एस कुएं में छुपा दिया था। कहा जाता है कि वह कुआं आज भी मंदिर के आस-पास कहीं मौजूद है।

13👉 कहानियों के अनुसार, काशी का मंदिर जो की आज मौजूद है, वह वास्तविक मंदिर नहीं है। काशी के प्राचीन मंदिर का इतिहास कई साल पुराना है, जिसे औरंगजेब ने नष्ट कर दिया था। बाद में फिर से मंदिर का निर्माण किया गया, जिसकी पूजा-अर्चना आज की जाती है।

14👉 काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण इन्दौर की रानी अहिल्या बाई होल्कर ने करवाया था। मान्यता है कि 18वीं शताब्दी के दौरान स्वयं भगवान शिव ने अहिल्या बाई के सपने में आकर इस जगह उनका मंदिर बनवाने को कहा था।

15👉 रानी अहिल्या बाई के मंदिर निर्माण करवाने के कुछ साल बाद महाराज रणजीत सिंह ने मंदिर में सोने का दान किया था। कहा जाता है कि महाराज रणजीत ने लगभग एक टन सोने का दान किया था, जिसका प्रयोग से मंदिर के छत्रों पर सोना चढाया गया था।

16👉 मंदिर के ऊपर एक सोने का बना छत्र लगा हुआ है। इस छत्र को चमत्कारी माना जाता है और इसे लेकर एक मान्यता प्रसिद्ध है। अगर कोई भी भक्त इस छत्र के दर्शन करने के बाद कोई भी प्रार्थना करता है तो उसकी वो मनोकामना जरूर पूरी होती है।
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💐 हे राधे रानी 💐जिसने भी “जय श्री राधे” लिखा उसकी हर मनोकामना पूरी करना 🙏 ्री_राधे 🌸   ❤️   🙏   💫   ✨   🌼
22/08/2025

💐 हे राधे रानी 💐
जिसने भी “जय श्री राधे” लिखा उसकी हर मनोकामना पूरी करना 🙏

्री_राधे 🌸 ❤️ 🙏 💫 ✨ 🌼

21/08/2025

*“अपने बुरे समय में भगवान और समय पर*
*विश्वास रखें,*
समय कोयले को भी हीरा बना देता है
और भगवान रंक को भी राजा.”

20/08/2025

*🌸 श्रीकृष्ण कहते हैं 🌸*
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🔥 *हार* मानना *आसान* है…
💪 लेकिन *जीत* उसी की *होती* है,
🚶 जो *गिरकर* भी *बार-बार* उठता है…
🌟 और अपने *लक्ष्य* तक *पहुँचकर* ही *रुकता* है..!
*___________________________________________*
*❤️ सही 👍 गलत*
*___________________________________________*

20/08/2025

*l🌸 श्रीकृष्ण कहते हैं 🌸*
*___________________________________________*
🕊️ *धैर्य* रखिए…
⏳ कभी-कभी आपको *जीवन* में सबसे *अच्छा* पाने के लिए
🌪️ सबसे *बुरे* दौर से *गुजरना* पड़ता है।
*___________________________________________*
*❤️ सही 👍 गलत*
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20/08/2025

*🌺 आज का सुविचार 🌺*

*कामयाबी पर तारीफ*
*कोशिश पर ताना होगा*
*दुख में कुछ लोग*
*सुख में जमाना होगा*

19/08/2025

*🌸 श्रीकृष्ण कहते हैं 🌸*
🔚 हर *अंत* एक *आरंभ* है,
🌅 और हर *दिन* एक *नई शुरुआत।*
🪷 अतः *धैर्य* और *समर्पण* के साथ *संकल्प* को *दृढ़* कर
⚖️ अपने *कर्म* करो,
🌸 ताकि *आरंभ, का एक *सुंदर* अंत *प्राप्त* हो सके।
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