
03/08/2025
चेहरा अगर अलग हो… तो क्या इंसान होना भी गुनाह बन गया?"
नोएडा में पढ़ाई कर रही नेपाल की एक लड़की अपने दोस्त से मिलने बरेली आई थी…
लेकिन लोगों ने सिर्फ उसके चेहरे और भाषा को देखकर उसे ‘चोर’ समझ लिया।
उसे बांधा गया, पीटा गया…
ना सबूत थे, ना कोई सच्चाई — बस भीड़ का अंधा शक और एक मासूम पर टूटा हुआ जुल्म।
ये हादसा नहीं, हमारी सोच का आईना है।
हम खुद को पढ़ा-लिखा कहते हैं, लेकिन सोच अब भी वहीं अंधेरे में है।
क्या किसी का अलग दिखना उसे अपराधी बना देता है?
सोचिए… कहीं हम भी उस भीड़ का हिस्सा तो नहीं बनते जा रहे?
शर्मनाक… बहुत शर्मनाक।