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क्रिकेट की कहानी का महत्व क्या है?क्रिकेट की कहानी (Story of Cricket in Hindi) में खेल के कई सुधार और बदलावों को शामिल क...
14/10/2023

क्रिकेट की कहानी का महत्व क्या है?
क्रिकेट की कहानी (Story of Cricket in Hindi) में खेल के कई सुधार और बदलावों को शामिल किया गया है। भारत में ही नहीं बल्कि अन्य देशों मं क्रिकेट को काफी महत्ता दी गई है। यहां हम क्रिकेट के बदलाव और सुधारों के बारे में जानना चाहिएः

क्रिकेट का जन्म इंग्लैंड में हुआ और समय के साथ इस खेल का स्वरूप बदलता गया, लेकिन कुछ बुनियादी चीजें नहीं बदलीं।
क्रिकेट के बल्ले में लकड़ी, चमड़ा, कॉर्क और सुतली है। पहले यह लकड़ी का एक ही टुकड़ा होता था, जबकि अब बल्ला बनाने के लिए दो टुकड़ों का उपयोग किया जाता है।
क्रिकेट के लिए सभी सामग्री इंग्लैंड में उपलब्ध थी।
गेंद और बल्ला अब तक हमेशा हाथों से बनाए जाते थे और अब इनमें लगातार बदलाव भी होता दिख रहा है।
वल्केनाइज्ड रबर और धातु के हेलमेट का उपयोग शुरू हुआ था।
पैड और दस्तानों के लिए हल्की सामग्री बेहतर विकल्प थे।
भारतीय क्रिकेट का इतिहास बॉम्बे (आधुनिक मुंबई) में शुरू हुआ और पारसी समुदाय द्वारा शुरू किया गया, जिन्होंने 1848 में ओरिएंटल क्रिकेट क्लब की स्थापना की।
टेक्नोलाॅजी और बिजनेस में वैश्विक परिवर्तन टेलीविजन और मीडिया लेकर आए। इससे दुनिया भर में दर्शकों का विस्तार होने से क्रिकेट की सफलता में तेजी आई।

भारत और पाकिस्तान आज (14 अक्टूबर) अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेड‍ियम में आमने-सामने हैं. यह दोनों ही देशों के बीच ओवरऑल ...
14/10/2023

भारत और पाकिस्तान आज (14 अक्टूबर) अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेड‍ियम में आमने-सामने हैं. यह दोनों ही देशों के बीच ओवरऑल 135वां वनडे मैच है. इ

27/09/2023
वह अपने बिस्तर पर मंडरा रहे विशाल, कीड़ों जैसे जीवों को देखकर जाग गया और जोर से चिल्लाने लगा। वे जल्दी से कमरे से बाहर च...
21/09/2023

वह अपने बिस्तर पर मंडरा रहे विशाल, कीड़ों जैसे जीवों को देखकर जाग गया और जोर से चिल्लाने लगा। वे जल्दी से कमरे से बाहर चले गए और वह पूरी रात जागता रहा, काँपता रहा और सोचता रहा कि क्या यह कोई सपना था। अगली सुबह, दरवाजे पर एक नल था। हिम्मत जुटाकर उसने उसे खोला और देखा कि उनमें से एक ने धीरे से तले हुए नाश्ते से भरी प्लेट फर्श पर रख दी, और फिर सुरक्षित दूरी पर चला गया। हतप्रभ होकर उसने उपहार स्वीकार कर लिया। जीव-जंतु उत्साह से चिल्लाने लगे। ऐसा कई हफ्तों तक हर दिन होता रहा। पहले तो वह चिंतित था कि वे उसे मोटा कर रहे हैं, लेकिन जब विशेष रूप से चिकने नाश्ते ने उसे सीने में जलन के कारण जकड़ लिया, तो उसकी जगह ताजे फल दिए गए। खाना पकाने के साथ-साथ, उन्होंने उसके लिए गर्म भाप स्नान भी किया और जब वह बिस्तर पर गया तो उसे लिटा दिया। यह अजीब था। एक रात, वह गोलियों की आवाज और चीख-पुकार से जागा। वह नीचे की ओर दौड़ा और पाया कि एक क्षत-विक्षत चोर को कीड़े खा रहे हैं। वह बीमार हो गया था, लेकिन अवशेषों का यथासंभव सर्वोत्तम तरीके से निपटान किया। वह जानता था कि वे बस उसकी रक्षा कर रहे थे। एक सुबह प्राणियों ने उसे अपने कमरे से बाहर नहीं निकलने दिया। वह भ्रमित होकर लेटा हुआ था, लेकिन भरोसा करते हुए वे उसे वापस बिस्तर पर ले गए। उनका मकसद जो भी हो, वे उसे चोट नहीं पहुँचाने वाले थे। कुछ घंटों बाद उसके पूरे शरीर में जलन का दर्द फैल गया। ऐसा लगा जैसे उसका पेट रेजर तार से भर गया हो। उसके ऐंठन और कराहने से कीड़े छटपटाने लगे। केवल तभी जब उसे अपनी त्वचा के नीचे एक भयानक छटपटाहट महसूस हुई, तब उसे एहसास हुआ कि कीड़े उसकी रक्षा नहीं कर रहे थे। वे अपने बच्चों की रक्षा कर रहे थे।

16/09/2023

Today quotation

हाथी और तोता: बेस्ट मोरल स्टोरी इन हिंदीएक तोता कई महीने से पिंजरे से आजाद होने की कोशिश कर रहा था और एक दिन उसे सफलता म...
15/09/2023

हाथी और तोता: बेस्ट मोरल स्टोरी इन हिंदी

एक तोता कई महीने से पिंजरे से आजाद होने की कोशिश कर रहा था और एक दिन उसे सफलता मिल भी गई और वो पिंजरे से बाहर निकल गया।
तोता सीधे जंगल के तरफ उड़ा और जंगल के वातावरण को देख कर बहुत खुश हुआ क्योंकि वहां पर उसे कई तरह के पके फल खाने को मिलने लगे और अब वो पूरी तरह से आजाद था।
जंगल में घूमते घूमते तोता को एक हाथी दिखा, हाथी अभी बच्चा था और पेंड़ के नीचे सो रहा था। हाथी को सोता देख तोते के मन में नटखट विचार आने लगे और वो हाथी को परेशान करके जगाने में लग गया।
कभी तोता हाथी के सिर पर बैठकर चोंच मारता तो कभी हाथी के पीठ पर बैठकर चोंच मार मार कर उसे जगाने की कोशिश करता है। आखिर हाथी जागा और हाथी के जागते ही तोता बहुत फुर्ति के साथ उड़ कर जा कर पेड़ की डाल पर बैठकर हंसने लगा।
हाथी ने तोते से सवाल किया आखिर क्या बात है मुझे परेशान क्यों कर रहे हो तो तोते ने हंसते हुए कहा कि कुछ नहीं दोस्त बस मजाक कर रहा था। ये सुनकर हाथी दोबारा सो गया।
हांथी को फिर से सोता हुआ देख तोता वापस नीचे उतरा और फिर से हाथी को परेशान करने लगा। ऐसे करते जब तोता ने बार-बार हाथी को परेशान किया तो हाथी वहां से उठकर दूसरे जगह चला गया।
लेकिन ये क्या तोता फिर से हाथी का पीछा किया और उसे फिर से परेशान करना शुरू कर दिया। हाथी ने सोचा कि अब तो कुछ ना कुछ करके इस तोते के बच्चे को सबक सिखाना ही पड़ेगा और ये सोचकर वो एक तालाब में जाकर बैठ गया लेकिन अपने सिर को पानी से ऊपर रखा।
तोता को लगा कि हाथी उससे डर कर पानी में छुपने की कोशिश कर रहा है और फिर तोता ने हाथी के सिर पर बैठकर उसे चोंच मारने लगा।
लेकिन हाथी तोता को सबक सिखाने के लिए पहले से ही अपने सूंढ में पानी भर कर रखा था और उसने तुरंत तोता के ऊपर अपने सूंढ के पानी को उड़ेल दिया।
अब तोता तालाब में बहने लगा और बचाओ बचाओ का आवाज लगाने लगा। हाथी को उसके ऊपर दया आई और हाथी ने तोता को पानी से निकालकर बाहर रखा।
तोता हाथी से माफी मांग रहा था क्योंकि उसे सब बड़ो और छोटों के बीच का अंतर समझ में आ चुका था

सिख:
अगर आप अपना इज्जत और शोहरत पाना चाहते हैं तो सबसे पहले दूसरों का इज्जत करना शुरू करिए फिर लोग अपने आप आप को इज्जत देना शुरू कर देंगे।

14/09/2023

लालची लोमड़ी की कहानी (Story of the greedy fox):

लालची लोमड़ी की कहानी में यह है की एक बार की बात है एक जंगल में एक चालाक लोमड़ी रहा करती थी। गर्मियों के दिन थे और वह भूख से परेशान होकर जंगल में भटक रही थी। बहुत देर जंगल में भटकने के बाद लोमड़ी को एक खरगोश मिला। लेकिन खरगोश मिलने के बाद लोमड़ी ने खरगोश को खाने की बजाय उसे छोड़ दिया क्योंकि वह इतना छोटा था की उसे खाने से लोमड़ी का पेट कहाँ भरने वाला था। इसके बाद लोमड़ी आगे बढ़ी फिर से जंगल में भटकने लगी। कुछ देर जंगल में भटकने के बाद भूखी लोमड़ी को एक हिरण (Deer) दिखा हिरण को देखते ही लोमड़ी के मुँह में पानी आ गया। लोमड़ी हिरण को पकड़ने के लिए उसके पीछे दौड़ने लगी। लोमड़ी ने अपनी पूरी ताकत से हिरण का पीछा किया पर हिरण लोमड़ी की पकड़ में नहीं आया। अब लोमड़ी खाने की तलाश में बहुत ही थक चुकी थी। जब लोमड़ी के हाथ हिरन भी नहीं लगा तो लोमड़ी सोचने लगी की इससे अच्छा होता वह छोटे से खरगोश को ही खा लेती जिसको उसने छोड़ा था। कुछ देर आराम करने के बाद लोमड़ी खरगोश को ढूंढने के लिए फिर से जंगल में भटकने लगी।जंगल में खरगोश को ढूंढते हुए लोमड़ी वहां पहुँची जहाँ उसने खरगोश (Rabbit) को देखा था। लेकिन लोमड़ी को वहां खरगोश नहीं दिखा। थक हारकर लोमड़ी को अपनी गुफा में लौटना पड़ा। जिसके बाद कई दिनों तक भूखी लोमड़ी अपनी गुफा में भूखा रहना पड़ा और बहुत दिन बीत जाने के बाद लोमड़ी को खाना मिला।
कहानी की सीख: उपरोक्त लोमड़ी की कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की हमें लालच नहीं करना चाहिए। यदि लालच किये बिना संतोषी जीवन जीते हैं तो आप सुखी रहते हैं। हिंदी में लालच (Greedy) के प्रसिद्ध मुहावरा भी है की “लालच बुरी बला है”

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