Rohit Shandilya

Rohit Shandilya Advocate at Delhi High Court | Criminal & Civil Litigator | Legal Strategist | Law & Financial Author A Lawyer

30/06/2025
30/06/2025

Feeling truly blessed by Lord Shiva to take another powerful step forward in my legal journey!Today, I had the honor of ...
16/04/2025

Feeling truly blessed by Lord Shiva to take another powerful step forward in my legal journey!
Today, I had the honor of meeting Sr. Advocate A.P. Singh Sir—a name that inspires thousands across the nation.

With Mahadev's grace, he has agreed to add me to his team, giving me the golden opportunity to learn and grow under his expert guidance in the field of criminal law.

Excited for this new chapter filled with knowledge, experience, and dedication!

Thank you so much, A.P. Singh Sir, for your trust and blessings!

हर हर महादेव
जय श्री महाकाल
जय हिन्द

⚖️✨

आज परम सौभाग्य प्राप्त हुआ जब शांति पीठाधीश्वर श्रीमद् जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री अवधेश प्रपन्नाचार्य महाराज जी स...
23/03/2025

आज परम सौभाग्य प्राप्त हुआ जब शांति पीठाधीश्वर श्रीमद् जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री अवधेश प्रपन्नाचार्य महाराज जी से आशीर्वाद प्राप्त हुआ। साधु-संतों का आशीर्वाद आत्मिक शांति के साथ-साथ धर्म और न्याय के मार्ग पर अडिग रहने की शक्ति भी प्रदान करता है।

⚖️ वकालत केवल एक पेशा नहीं, बल्कि न्याय की स्थापना का माध्यम है। जब न्याय के मार्ग पर चलते हुए साधु-संतों का आशीर्वाद प्राप्त होता है, तो यह कार्य और भी पवित्र और प्रभावशाली हो जाता है। शिव भक्ति में अडिग रहते हुए, गौ माता की रक्षा का संकल्प लेते हुए, साधु-संत समाज के मार्गदर्शन में न्याय और धर्म की रक्षा करना ही सनातन धर्म की सच्ची सेवा है।

🔱 पूज्य शंकराचार्य ज्योतिष्पीठाधीश स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती 1008 महाराज जी का गौ रक्षा और गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित करने का संकल्प संपूर्ण सनातन समाज के लिए एक प्रेरणा है। 🐂🙏 गौ माता केवल एक पशु नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, धर्म और जीवन शक्ति का आधार हैं। जब राष्ट्र न्याय और धर्म के पथ पर अग्रसर होगा, तभी वास्तविक उन्नति संभव है।

⚖️ न्याय और धर्म की रक्षा – सनातन संस्कृति का सम्मान!
🐂 गौ माता की सेवा – राष्ट्र का उत्थान!

🚩 हर हर महादेव! 🚩 गौ माता की जय! 🚩 साधु-संतों को नमन! 🙏🔥

सनातन परंपरा में दंडी संन्यासियों का स्थान सर्वोच्च माना गया है, और जब कोई श्री आदि शंकराचार्य जी की शिष्य परंपरा से जुड...
19/03/2025

सनातन परंपरा में दंडी संन्यासियों का स्थान सर्वोच्च माना गया है, और जब कोई श्री आदि शंकराचार्य जी की शिष्य परंपरा से जुड़ा हो, तो उनकी महिमा और भी अलौकिक हो जाती है। 💫🔥

परम पूज्य श्री प्रत्यक्चैतन्य मुकुन्दानन्द गिरी जी का सान्निध्य पाकर मन में अपार श्रद्धा और ऊर्जा का संचार होता है। उनका जीवन वेदांत और त्याग की जीवंत मूर्ति है। उनके विचारों और आचरण से शास्त्रों का सार प्रकट होता है। 🌿🕉️

दंडी संन्यासियों का संकल्प ही लोककल्याण और आत्मज्ञान की राह को आलोकित करना है। 🙏✨ उनकी कृपा से आत्मा को जो शांति मिलती है, वह अवर्णनीय है। उनके चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ।

"न मे मृत्युशंका न मे जातिभेदः
पिता नैव मे नैव माता न जन्म।
न बन्धुर्न मित्रं गुरुर्नैव शिष्यं
चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम्।।"

#सनातन_धर्म #दंडी_संन्यासी #गुरु_कृपा #शंकराचार्य_परंपरा #आध्यात्मिक_मार्ग 🙏🔥

18.03.2025 🌺 हे शिव ! आपकी कृपा से भगवान शंकराचार्य जी 11008.Guruके दिव्य दर्शन प्राप्त कर मेरा मन श्रद्धा और भक्ति से भ...
18/03/2025

18.03.2025 🌺 हे शिव ! आपकी कृपा से भगवान शंकराचार्य जी 11008.Guruके दिव्य दर्शन प्राप्त कर मेरा मन श्रद्धा और भक्ति से भर उठा। उनकी कृपा से आत्मा को अद्भुत शांति और ऊर्जा की अनुभूति हुई। 🔱🕉️ उनका अद्वैत ज्ञान संपूर्ण विश्व को प्रकाशित करे और हमें सत्य, धर्म व सनातन संस्कृति की राह पर सदैव अग्रसर रखे। 🚩

हर हर शंकराचार्य! 🙏🔱

ादेव

      @1008.guru
13/01/2025

@1008.guru

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12/01/2025

@1008.guru

     #1008 @1008.guru
11/01/2025

#1008 @1008.guru

        1008.Guru
10/01/2025

1008.Guru

ईष्ट के साथ selfie 🤳
06/01/2025

ईष्ट के साथ selfie 🤳

भगवान शिव ने एक विशेष और शक्तिशाली रूप धारण किया, जिसे शरभ अवतार कहा गया। यह रूप आधा सिंह और आधा पक्षी था, जिसमें आठ पैर...
29/12/2024

भगवान शिव ने एक विशेष और शक्तिशाली रूप धारण किया, जिसे शरभ अवतार कहा गया। यह रूप आधा सिंह और आधा पक्षी था, जिसमें आठ पैर, विशाल पंख, तेज़ पंजे और भयंकर ऊर्जा थी। यह रूप शिव की रौद्र और तांत्रिक शक्ति का प्रतीक था।जब दैत्यराज हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रह्लाद और अन्य भक्तों पर अत्याचार किया, तब भगवान विष्णु ने नृसिंह अवतार धारण करके उसे मार दिया। भगवान नृसिंह ने हिरण्यकश्यप को अपनी जांघों पर रखकर उसके शरीर को दो भागों में विभाजित कर दिया। हिरण्यकश्यप के वध के बाद भी भगवान नृसिंह शांत नहीं हुए। उनका उग्र रूप इतना भयावह था कि देवता, ऋषि, और यहां तक कि लक्ष्मीजी भी उनके पास जाने से डर रहे थे उनकी भयानक ऊर्जा से ब्रह्मांड में असंतुलन पैदा हो गया।

देवताओं ने ब्रह्मा जी और भगवान शिव से प्रार्थना की कि वे भगवान नृसिंह के उग्र रूप को शांत करें।
ब्रह्मा जी ने शिव से कहा कि केवल आप ही इस स्थिति को संभाल सकते हैं। शरभ रूप में शिव ने भगवान नृसिंह से युद्ध किया। यह युद्ध बहुत ही भयानक और लंबे समय तक चला।
शिव ने अपनी शक्ति और बुद्धि से नृसिंह के उग्र रूप को हराया और उनकी ऊर्जा को शांत कर दिया। शिव के शरभ अवतार के प्रभाव से नृसिंह का उग्र रूप समाप्त हो गया।
भगवान विष्णु अपने शांत स्वरूप में वापस आ गए।
उन्होंने भगवान शिव की महिमा स्वीकार की और उन्हें "महादेव" के रूप में संबोधित किया।

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