संजीव तिवारी

  • Home
  • संजीव तिवारी

संजीव तिवारी PUBLIC FIGURE

ल्ली, आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली[6] (अंग्रेज़ी: National Capital Territory of Delhi) भारत की राजधानी और एक केंद्र-शासित प्रदेश है। इसमें नई दिल्ली सम्मिलित है जो भारत की राजधानी है। दिल्ली राजधानी होने के नाते केंद्र सरकार की तीनों इकाइयों - कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय नई दिल्ली और दिल्ली में स्थापित हैं। १४८३ वर्ग किलोमीटर में फैला दिल्ली जनसंख्या के तौर पर

भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है। यहाँ की जनसंख्या लगभग १ करोड़ ७० लाख है। यहाँ बोली जाने वाली मुख्य भाषाएँ हैं : हिन्दी, पंजाबी, उर्दू और अंग्रेज़ी। भारत में दिल्ली का ऐतिहासिक महत्त्व है। इसके दक्षिण पश्चिम में अरावली पहाड़ियां और पूर्व में यमुना नदी है, जिसके किनारे यह बसा है। यह प्राचीन समय में गंगा के मैदान से होकर जाने वाले वाणिज्य पथों के रास्ते में पड़ने वाला मुख्य पड़ाव था।[7]

यमुना नदी के किनारे स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। यह भारत का अति प्राचीन नगर है। इसके इतिहास का प्रारम्भ सिन्धु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है। हरियाणा के आसपास के क्षेत्रों में हुई खुदाई से इस बात के प्रमाण मिले हैं। महाभारत काल में इसका नाम इन्द्रप्रस्थ था। दिल्ली सल्तनत के उत्थान के साथ ही दिल्ली एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक शहर के रूप में उभरी।[8] यहाँ कई प्राचीन एवं मध्यकालीन इमारतों तथा उनके अवशेषों को देखा जा सकता हैं। १६३९ में मुगल बादशाह शाहजहाँ ने दिल्ली में ही एक चारदीवारी से घिरे शहर का निर्माण करवाया जो १६७९ से १८५७ तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रही।

१८वीं एवं १९वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने लगभग पूरे भारत को अपने कब्जे में ले लिया। इन लोगों ने कोलकाता को अपनी राजधानी बनाया। १९११ में अंग्रेजी सरकार ने फैसला किया कि राजधानी को वापस दिल्ली लाया जाए। इसके लिए पुरानी दिल्ली के दक्षिण में एक नए नगर नई दिल्ली का निर्माण प्रारम्भ हुआ। अंग्रेजों से १९४७ में स्वतंत्रता प्राप्त कर नई दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया गया।

स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों से लोगों का प्रवासन हुआ, इससे दिल्ली के स्वरूप में आमूल परिवर्तन हुआ। विभिन्न प्रान्तो, धर्मों एवं जातियों के लोगों के दिल्ली में बसने के कारण दिल्ली का शहरीकरण तो हुआ ही साथ ही यहाँ एक मिश्रित संस्कृति ने भी जन्म लिया। आज दिल्ली भारत का एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक केन्द्र है।

19/09/2025

#एनिवर्सरी का दिन था। #पति_पत्नी एक-दूसरे को #नंगा कर रहे थे। कई लोग उनकी #एनिवर्सरी मनाने के लिए उनके घर आए हुए थे। इतने लोगों के बीच वे एक-दूसरे का मज़ाक बना रहे थे, लेकिन बात कब बिगड़ने लगी किसी को पता ही नहीं चला। धीरे-धीरे मज़ाक एक-दूसरे की बेइज्जती तक पहुंच गया। अब वे एक-दूसरे को नीचा दिखाने लगे।

पार्टी में आए हुए बाकी लोग सिर्फ तमाशा देखकर खुश हो रहे थे। किसी ने उन्हें रोकने की कोशिश नहीं की, उल्टा सब हंस रहे थे। लेकिन हद तो तब पार हो गई जब पत्नी ने यह कह दिया

"तुम्हारी औकात ही क्या है मेरे सामने !"

यह सुनकर पूरा माहौल सन्नाटे में बदल गया। पति निशब्द हो गया। जो लोग पास में हंस रहे थे, वे सब एकदम से चुप हो गए। इस पूरी शांति के बीच एक महिला सामने आई। वह महिला उस पत्नी रश्मि की सहेली थी। पति का नाम राहुल और पत्नी का नाम रश्मि था। सहेली ने रश्मि का हाथ पकड़ा और बोर्ड के पास ले जाकर उसे एक मार्कर थमा दिया।

रश्मि ने पूछा

"यह क्या है? मुझे यहां क्यों लाई हो? मुझे कुछ लिखना है क्या?"

सहेली बोली

"हां, एक काम करो। तुम बोर्ड पर 15 ऐसे लोगों के नाम लिखो जो तुम्हारे सबसे करीब हैं।"

रश्मि ने नाम लिखना शुरू किया - माता-पिता, सास-ससुर, पति, बेटा, अन्य रिश्तेदार और कुछ खास दोस्तों के नाम।

अब सहेली बोली

"इनमें से पांच ऐसे नाम हटा दो, यह सोचकर कि ये लोग तुम्हारी ज़िंदगी से हमेशा के लिए चले गए।"

रश्मि ने दोस्तों के नाम हटा दिए। नाम हटाते-हटाते उसके माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखने लगीं, लेकिन उसने ज्यादा नहीं सोचा।

सहेली ने फिर कहा

"ठीक है, अब चार नाम और हटा दो।"

पूरा माहौल बदल गया। सबके मन में सवाल था कि आखिर यह हो क्या रहा है। रश्मि ने रिश्तेदारों के नाम हटा दिए। अब बोर्ड पर सिर्फ माता-पिता, सास-ससुर, पति और बेटा बचे थे। सबकी नज़रें बोर्ड पर थीं कि आगे क्या होने वाला है।

सहेली के कहने पर रश्मि को दो नाम और हटाने थे। भावुक चेहरे और माथे पर पसीने के साथ उसने सास और ससुर का नाम हटा दिया और बोली

"उन मां-बाप का नाम मैं नहीं हटा सकती जिन्होंने मुझे जन्म दिया है। प्लीज़ मुझे माफ़ करना।"

राहुल यह सब देख रहा था, लेकिन कुछ नहीं बोला।

सहेली बोली -

"अब बचे माता-पिता, पति और बेटा। रश्मि, एक काम करो... दो और नाम हटा दो।"

रश्मि रोने लगी

"यह एनिवर्सरी का दिन है और यह सब क्यों करवा रही हो

मुझसे !"

लेकिन सहेली नहीं मानी

"नाम तो हटाने ही पड़ेंगे।"

रश्मि ने आंखों में आंसू लिए, दिल पर पत्थर रखकर अपने माता-पिता का नाम हटा दिया और बोली

"मुझे भगवान कभी माफ़ नहीं करेंगे।"

अब बोर्ड पर सिर्फ पति और बेटा रह गए थे। सहेली ने कहा

"इन दोनों में से किसी एक को चुनना होगा, रश्मि। अगर इनमें से किसी एक का नाम हटाना पड़े तो कौन होगा?"

रश्मि की आंखों से आंसू बह रहे थे। वह बोली

"प्लीज़ यह सब बंद करो।"

लेकिन सहेली नहीं मानी

"उठो रश्मि, और एक नाम हटाओ।"

करीब 15 मिनट सोचने के बाद रश्मि ने आंसुओं के साथ अपने बेटे का नाम हटा दिया।

सब लोग शॉक्ड रह गए कि एक मां अपने बेटे का नाम कैसे हटा सकती है। राहुल भी स्तब्ध रह गया।

सहेली ने पूछा

"ऐसा क्यों किया? एक मां होकर अपने बेटे का नाम हटा दिया और पति को चुना?"

रश्मि बोली

"माता-पिता, सास-ससुर आज नहीं तो कल भगवान के पास चले जाएंगे। यह कुदरत का नियम है। बेटा शायद अपनी शादी के बाद मुझसे अलग हो जाएगा। हो सकता है कि मुझसे दूर हो जाए, शायद मेरी सेवा करे या घर से निकाल भी दे। आज की पीढ़ी का क्या भरोसा ! लेकिन राहुल, जो मेरा पति है, वह मुझे कभी नहीं छोड़ेगा। आखिरी सांस तक मेरा साथ देगा, मेरी रक्षा करेगा, मेरी देखभाल करेगा। मेरी हर ज़रूरत वही पूरी करता है, मेरी हर ज़िद वही पूरी करता है।"

राहुल की आंखों से कब आंसू बहने लगे, उसे खुद भी पता नहीं चला। पूरा माहौल बदल गया। वहां मौजूद सभी लोग रो पड़े।

सहेली बोली

"जिस पति से तुम्हें इतनी उम्मीद है, उसी पति की औकात की बात तुमने सबके सामने कही थी।"

रश्मि दूर से ही रो पड़ी और राहुल से माफी मांगी। राहुल ने भी रश्मि से माफी मांगी। उस दिन दोनों को एक-दूसरे की कीमत का

एहसास हुआ।

ऐसी एनिवर्सरी शायद ही पहले किसी ने मनाई होगी। सहेली ने रश्मि को सही रास्ता दिखाया और परिवार को यह सिखाया कि रिश्ते मज़ाक या तमाशे के लिए नहीं होते। बाकी सब तो बस झगड़े का तमाशा देखने के इंतजार में रहते हैं।

आखिर में रश्मि ने राहुल से कहा

मैं रूठूं तो तुम मना लेना, तुम रूठो तो मैं मना लूंगी। यह जिंदगी का सफ़र यूं ही गुजर जाएगा...!!!
दोस्तों जिंदगी की यही सच्चाई है पति-पत्नी है एक दूसरे का साथ देते हैं आखिरी सांस तक...ll 🙏🙏

हिंदी हमारी राजभाषा ही नहीं, हमारी सांस्कृतिक पहचान भी है।आईसीएआई हमेशा ज्ञान, विश्वास और उत्कृष्टता को हिंदी के माध्यम ...
14/09/2025

हिंदी हमारी राजभाषा ही नहीं, हमारी सांस्कृतिक पहचान भी है।
आईसीएआई हमेशा ज्ञान, विश्वास और उत्कृष्टता को हिंदी के माध्यम से बढ़ावा देता है।
हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।

#हिंदी_दिवस

रामायण सुर तरु की छाया। दुःख भय दूर निकट जो आया।।  श्रीरामायण कल्पवृक्ष की छाया के समान है जो भी इसकी छत्रछाया में आ जाए...
06/09/2025

रामायण सुर तरु की छाया। दुःख भय दूर निकट जो आया।।

श्रीरामायण कल्पवृक्ष की छाया के समान है जो भी इसकी छत्रछाया में आ जाए उसके सभी दुःख व दर्द दूर हो जाते है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है और वह हर प्रकार से सुखी हो जाता है..
जय सियाराम 🙏

06/09/2025

GST पहले 12 % अब 5%

05/09/2025

आया कोई शाहीनबाग से लंगर लगाने पंजाब?
बड़े लंगर लगाए थे न शाहीनबाग में और अपनी कोठियां बेच दी थी लंगर खिलाने के लिए?

31/08/2025

कृपया कृपया कृपया
🙏🙏🙏🙏
इसे तब तक फॉरवर्ड करें जब तक यह मेनका गांधी और उनके फॉलोअर्स तक न पहुंच जाए....
इसे सभी सांसदों और विधायकों तक तब तक फॉरवर्ड करें जब तक वे सभी स्ट्रीट डॉग्स को सड़कों से हटाने के लिए बिल पास न कर दें...
इसे सभी ग्रुप्स तक फॉरवर्ड करें जब तक वे इन स्ट्रीट डॉग्स को खाना खिलाना बंद न कर दें....
अपनी संपर्क सूची में सभी को फॉरवर्ड करें...

28/08/2025

जम्मू कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा ने अपने पद से दिया इस्तीफा।

गजाननाय पूर्णाय सांख्यरूपमयाय ते।विदेहेन च सर्वत्र संस्थिताय नमो नमः।।आप सभी को  #गणेश_चतुर्थी के पावन पर्व की हार्दिक श...
27/08/2025

गजाननाय पूर्णाय सांख्यरूपमयाय ते।
विदेहेन च सर्वत्र संस्थिताय नमो नमः।।

आप सभी को #गणेश_चतुर्थी के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ। विघ्नहर्ता भगवान #गजाननमहाराज की कृपा से आपके जीवन में सुख, समृद्धि व शांति का वास हो।

गणपति बप्पा मोरया 🙏🏻❤️🚩

25/08/2025

यूपी पुलिस ने प्रेमी जोड़े को दिया 53,500 का 'शगुन'

◆ ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर की कार्रवाई

◆ लोगों से यातायात के नियमों का पालन करने का किया आग्रह

बात तो सही है ❤️🙏
25/08/2025

बात तो सही है ❤️🙏

एशिया कप की टीम को लेकर एक तरफ चयनकर्ता विवादों में घिरते नजर आए,वहीं दूसरी तरफ सूर्य कुमार यादव की घड़ी ने पूरी महफिल ल...
22/08/2025

एशिया कप की टीम को लेकर एक तरफ चयनकर्ता विवादों में घिरते नजर आए,

वहीं दूसरी तरफ सूर्य कुमार यादव की घड़ी ने पूरी महफिल लूट ली।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के वक्त सूर्य कुमार यादव ने Jacob&Co की एक घड़ी पहनी थी जिसमें राम मंदिर, भगवान राम और हनुमान जी की तस्वीर छपी थी जिसकी कीमत लाखों में है।

एक विशेष सूचनायह महिला जिसका नाम सुरानिया दुबे 95 साल है यह महिला 19 तारीख 2025 मंगलवार शीतला माता मंदिर स्कूल ब्लॉक से ...
21/08/2025

एक विशेष सूचना

यह महिला जिसका नाम सुरानिया दुबे 95 साल है
यह महिला 19 तारीख 2025 मंगलवार शीतला माता मंदिर स्कूल ब्लॉक से रात 9:00 बजे से लापता है रात 9:00 बजे
सभी निवासियों से अनुरोध है कि यदि यह महिला कहीं मिल जाए तो घर वालों को सूचना दी जाए
धन्यवाद

प्रिंस कुमार मिश्रा
9319 112989
मोहित शुक्ला
9 315 4 615 30

Address


Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when संजीव तिवारी posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

  • Want your business to be the top-listed Media Company?

Share