Kavita Yadav

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30/05/2025

Jai shree Ram ❤️

26/05/2025

नानी तेरी मोरनी | Nani Teri Morni | Nani Teri Morni Ko Mor Le Gaye | Hindi Rhyme By Jingle Toons New

Lakdi Ki Kathi Song लकड़ी की काठी काठी पे घोडा | Hindi Nursery Rhymes Children Songs
25/05/2025

Lakdi Ki Kathi Song लकड़ी की काठी काठी पे घोडा | Hindi Nursery Rhymes Children Songs

05/03/2025

❤️

❤️
05/03/2025

❤️

The unknown facts about
Founding (1916) BMW was founded on March 7, 1916, originally as a manufacturer of aircraft engines. The company was initially named Bayerische Flugzeugwerke (BFW) before being renamed Bayerische Motoren Werke (BMW) in 1922.

2. Aircraft Engine Origins BMW's early success came from building high-performance aircraft engines. The iconic blue and white logo represents the spinning propeller of an aircraft against a blue sky and is inspired by the Bavarian flag.

3. Transition to Motorcycles (1923) After the Treaty of Versailles restricted Germany's aircraft production post-World War I, BMW shifted to manufacturing motorcycles. The first motorcycle, the BMW R32, was launched in 1923 and featured a flat-twin boxer engine, a design still in use today.

4. Entry into Automobiles (1928) BMW entered the automobile market by acquiring the

04/03/2025

बहुत समय पहले की बात है, एक घना जंगल था, जहाँ कई जानवर रहते थे। उन्हीं में से एक था खरगोश, जो बहुत तेज़ दौड़ सकता था, और दूसरा था कछुआ, जो बहुत धीरे चलता था। खरगोश को अपनी तेज़ी पर बहुत घमंड था, और वह हमेशा कछुए को चिढ़ाता रहता था।
एक दिन खरगोश और कछुआ मिलते हैं
(खरगोश कछुए का मज़ाक उड़ाते हुए हंसता है)
खरगोश (हंसते हुए):
"अरे कछुए! तुम तो बहुत धीरे चलते हो! अगर तुम्हें कहीं जल्दी पहुँचना हो, तो शायद सालों लग जाएँगे!"
(कछुआ मुस्कुराते हुए जवाब देता है)
"कोई बात नहीं, धीरे-धीरे चलने वाला भी अपनी मंज़िल तक पहुँच सकता है।"
(खरगोश कछुए को चैलेंज देता हैं
"अगर तुममें हिम्मत है, तो मुझसे दौड़ लगाकर दिखाओ!"
(कछुआ सहमत हो जाता है और जंगल के जानवर दौड़ का रास्ता तय करते हैं)
दौड़ शुरू हुई! खरगोश बिजली की तरह दौड़ पड़ा और कुछ ही समय में कछुए से बहुत आगे निकल गया। उसने पीछे मुड़कर देखा, कछुआ तो अभी बहुत दूर था!
खरगोश
"हाहा! यह तो बहुत धीरे है! मैं थोड़ा आराम कर सकता हूँ!"
(खरगोश पेड़ के नीचे लेट जाता है और सो जाता है)
लेकिन कछुआ बिना रुके धीरे-धीरे आगे बढ़ता रहा। उसने हार नहीं मानी और अपनी मंज़िल की ओर बढ़ता गया।
(खरगोश की नींद खुलते ही)
"ओह नहीं! मैं सो गया था!"
(खरगोश तेजी से दौड़ता है, लेकिन तब तक कछुआ फिनिश लाइन पार कर चुका था!)
(जंगल के जानवर तालियां बजाते हैं, कछुए को बधाई देते हैं)
खरगोश को अपनी गलती का अहसास हुआ और उसने कछुए से माफी मांगी।
खरगोश (शर्मिंदा होकर बोला):
"मुझे अपनी गलती समझ आ गई। घमंड नहीं करना चाहिए और मेहनत से ही जीत मिलती है!"
कछुआ (मुस्कुराते हुए बोला):
"कोई बात नहीं! हमेशा मेहनत और धैर्य से काम लेना चाहिए।"
तो दोस्तों, इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?
✅ अहंकार करना अच्छा नहीं होता!
✅ मेहनत और धैर्य से हम अपनी मंज़िल तक पहुँच सकते हैं!
✅ धीरे और लगातार चलने से भी जीत मिल सकती है!
🎬 अगर आपको यह कहानी पसंद आई तो वीडियो को लाइक करें, शेयर करें और चैनल को सब्सक्राइब करें!
मिलते हैं नेक्स्ट वीडियो में।
टाटा – बाय बाय doston

04/03/2025

बहुत समय पहले की बात है, एक घना जंगल था, जहाँ कई जानवर रहते थे। उन्हीं में से एक था खरगोश, जो बहुत तेज़ दौड़ सकता था, और दूसरा था कछुआ, जो बहुत धीरे चलता था। खरगोश को अपनी तेज़ी पर बहुत घमंड था, और वह हमेशा कछुए को चिढ़ाता रहता था।
एक दिन खरगोश और कछुआ मिलते हैं
(खरगोश कछुए का मज़ाक उड़ाते हुए हंसता है)
खरगोश (हंसते हुए):
"अरे कछुए! तुम तो बहुत धीरे चलते हो! अगर तुम्हें कहीं जल्दी पहुँचना हो, तो शायद सालों लग जाएँगे!"
(कछुआ मुस्कुराते हुए जवाब देता है)
"कोई बात नहीं, धीरे-धीरे चलने वाला भी अपनी मंज़िल तक पहुँच सकता है।"
(खरगोश कछुए को चैलेंज देता हैं
"अगर तुममें हिम्मत है, तो मुझसे दौड़ लगाकर दिखाओ!"
(कछुआ सहमत हो जाता है और जंगल के जानवर दौड़ का रास्ता तय करते हैं)
दौड़ शुरू हुई! खरगोश बिजली की तरह दौड़ पड़ा और कुछ ही समय में कछुए से बहुत आगे निकल गया। उसने पीछे मुड़कर देखा, कछुआ तो अभी बहुत दूर था!
खरगोश
"हाहा! यह तो बहुत धीरे है! मैं थोड़ा आराम कर सकता हूँ!"
(खरगोश पेड़ के नीचे लेट जाता है और सो जाता है)
लेकिन कछुआ बिना रुके धीरे-धीरे आगे बढ़ता रहा। उसने हार नहीं मानी और अपनी मंज़िल की ओर बढ़ता गया।
(खरगोश की नींद खुलते ही)
"ओह नहीं! मैं सो गया था!"
(खरगोश तेजी से दौड़ता है, लेकिन तब तक कछुआ फिनिश लाइन पार कर चुका था!)
(जंगल के जानवर तालियां बजाते हैं, कछुए को बधाई देते हैं)
खरगोश को अपनी गलती का अहसास हुआ और उसने कछुए से माफी मांगी।
खरगोश (शर्मिंदा होकर बोला):
"मुझे अपनी गलती समझ आ गई। घमंड नहीं करना चाहिए और मेहनत से ही जीत मिलती है!"
कछुआ (मुस्कुराते हुए बोला):
"कोई बात नहीं! हमेशा मेहनत और धैर्य से काम लेना चाहिए।"
तो दोस्तों, इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?
✅ अहंकार करना अच्छा नहीं होता!
✅ मेहनत और धैर्य से हम अपनी मंज़िल तक पहुँच सकते हैं!
✅ धीरे और लगातार चलने से भी जीत मिल सकती है!
🎬 अगर आपको यह कहानी पसंद आई तो वीडियो को लाइक करें, शेयर करें और चैनल को सब्सक्राइब करें!
मिलते हैं नेक्स्ट वीडियो में।
टाटा – बाय बाय doston

😍
04/03/2025

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The unknown facts about
Founding (1916) BMW was founded on March 7, 1916, originally as a manufacturer of aircraft engines. The company was initially named Bayerische Flugzeugwerke (BFW) before being renamed Bayerische Motoren Werke (BMW) in 1922.

2. Aircraft Engine Origins BMW's early success came from building high-performance aircraft engines. The iconic blue and white logo represents the spinning propeller of an aircraft against a blue sky and is inspired by the Bavarian flag.

3. Transition to Motorcycles (1923) After the Treaty of Versailles restricted Germany's aircraft production post-World War I, BMW shifted to manufacturing motorcycles. The first motorcycle, the BMW R32, was launched in 1923 and featured a flat-twin boxer engine, a design still in use today.

4. Entry into Automobiles (1928) BMW entered the automobile market by acquiring the

03/03/2025

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02/03/2025

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