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Jai shree shyam ji 🙏🙏  🚩🚩
01/11/2025

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✍️ बर्बरीक और कृष्ण की मिलने की कहानी 🚩🚩🙏🙏बर्बरीक और कृष्ण की मिलने की कथा महाभारत के अद्भुत प्रसंगों में से एक है। बर्ब...
01/11/2025

✍️ बर्बरीक और कृष्ण की मिलने की कहानी 🚩🚩🙏🙏

बर्बरीक और कृष्ण की मिलने की कथा महाभारत के अद्भुत प्रसंगों में से एक है। बर्बरीक एक महाशक्तिशाली योद्धा थे जिनके पास मात्र तीन बाण थे, जो इतनी शक्ति रखते थे कि वे पूरे युद्ध को एकसाथ समाप्त कर सकते थे। कृष्ण, जो पांडवों के पक्षधर थे, ने ब्राह्मण का वेश धारण कर बर्बरीक से मिलने आए।

कृष्ण ने बर्बरीक को चुनौती दी कि वे एक पीपल के पेड़ के सभी पत्तों को एक ही बाण से छेद कर दिखाएं। बर्बरीक ने ऐसा किया और तीर ने जल्दी ही सारे पत्ते छेद दिए, लेकिन कृष्ण ने एक पत्ता अपने पैर के नीचे छुपा लिया था। जब बाण पेड़ के सभी पत्तों को छेद कर वापस चक्कर लगाने लगा, तब बर्बरीक ने कहा कि अगर वे पैर नहीं हटाए तो बाण चोट पहुंचाएगा। इससे कृष्ण को बर्बरीक की शक्ति का अंदाजा हो गया।

फिर कृष्ण ने पूछा कि बर्बरीक युद्ध में किस पक्ष का समर्थन करेंगे। बर्बरीक ने बताया कि उन्होंने अपनी माँ से वचन दिया है कि वे कमजोर पक्ष का साथ देंगे। कृष्ण जानते थे कि युद्ध में हार कौरवों की ही निश्चित थी, तो अगर बर्बरीक उनका पक्ष लेते तो युद्ध सदा के लिए समाप्त हो जाता। इसलिए कृष्ण ने बर्बरीक से दान में उनका सिर मांगा। बर्बरीक ने सिर देने का वचन दिया और कृष्ण ने उनका सिर काट दिया।

बर्बरीक का कटा हुआ सिर महाभारत युद्ध को दूर से देखता रहा। यह कथा बताती है कि बर्बरीक की शक्ति इतनी महान थी कि युद्ध केवल उनके कारण समाप्त हो सकता था, लेकिन संतुलन बनाए रखने के लिए कृष्ण ने ऐसा किया। बाद में बर्बरीक को खाटू श्याम के रूप में पूजा जाता है।

यह कहानी धर्म की रक्षा, बलिदान और भगवान कृष्ण के युक्ति बुद्धि की एक प्रेरणादायक कथा है
Jai Shri shyam

Jai Shri shyam ji 🚩🚩🙏🙏🌹🌹
01/11/2025

Jai Shri shyam ji 🚩🚩🙏🙏🌹🌹

अजीत कुमार डोभाल एक प्रमुख भारतीय 🇮🇳 खुफिया अधिकारी और वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) हैं। उनका जन्म 20 जनवरी 1...
30/10/2025

अजीत कुमार डोभाल एक प्रमुख भारतीय 🇮🇳 खुफिया अधिकारी और वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) हैं। उनका जन्म 20 जनवरी 1945 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के घीड़ी बेनल्स्यूं गाँव में हुआ था। डोभाल ने अपने कैरियर की शुरुआत 1968 में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के केरल कैडर से की। उन्हें भारत के सबसे कम उम्र के पुलिस अधिकारियों में से एक माना जाता है और उन्हें कई राष्ट्रीय खुफिया और सुरक्षा अभियानों में योगदान के लिए जाना जाता है।

उनका नाम "भारत 🇮🇳 के जेम्स बॉन्ड" के रूप में भी प्रसिद्ध है क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान में करीब सात साल तक गुप्त एजेंट के रूप में भिखारी का वेश धारण कर पाकिस्तानी परमाणु कार्यक्रम समेत कई खुफिया जानकारियां जुटाईं। इसके अलावा उन्होंने मिजोरम और पंजाब में उग्रवाद विरोधी अभियानों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

डोभाल ने भारत के पंजाब और मिजोरम क्षेत्रों में उग्रवाद को शांत कराने में सफलता पाई, और 1999 के कंधार विमान अपहरण मामले में भारत के प्रतिनिधि के रूप में भी काम किया। वे भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाते रहे हैं, जैसे कि जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करने में उनका योगदान।

उनकी शिक्षा में अजमेर मिलिट्री स्कूल और आगरा विश्वविद्यालय शामिल हैं, जहां से उन्होंने अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री हासिल की। उन्हें उनके राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है। वर्तमान में वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद पर हैं।

संक्षेप में, अजीत डोभाल एक बहुआयामी खुफिया अधिकारी और राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ हैं, जिन्होंने भारत की सुरक्षा और रणनीति के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। उनके साहसिक मिशन और रणनीतिक नेतृत्व ने उन्हें देश के सबसे प्रभावशाली सुरक्षा अधिकारियों में शामिल किया है।

"ॐ जय छठी माता,🙏🙏🌹🌹🚩🚩मैया जय छठी माता, तुम संतान हितकारी, टूटे न ये नाता। ॐ जय छठी माता, कार्तिक षष्ठी को मैया, व्रत तेर...
28/10/2025

"ॐ जय छठी माता,🙏🙏🌹🌹🚩🚩

मैया जय छठी माता, तुम संतान हितकारी, टूटे न ये नाता। ॐ जय छठी माता, कार्तिक षष्ठी को मैया, व्रत तेरा आता। निर्जला व्रत जो रखता, फल उत्तम पाता। ॐ जय छठी माता, चतुर्थी के दिन पावन, नहाय-खाय आता। बाद दिवस जो आये, खरना कहलाता। ॐ जय छठी माता, ठेकुआ, नारियल, फल से सूप भरा जाता। तोहार व्रत जे करत बाड़ी, ओकर कवनो दुःख ना रहता।

ॐ जय छठी माता..🚩🚩🙏🙏🌹🌹

🚩 त्रिवेणी घाट, ऋषिकेश में छठ पूजा 🌄का आयोजन बहुत श्रद्धा और उल्लास के साथ होता है। यहां बिहार और पूर्वांचल की अनेक महिल...
28/10/2025

🚩 त्रिवेणी घाट, ऋषिकेश में छठ पूजा 🌄का आयोजन बहुत श्रद्धा और उल्लास के साथ होता है। यहां बिहार और पूर्वांचल की अनेक महिलाएं सूर्य को अर्घ्य देकर छठी मैया से सुख-समृद्धि और परिवार की रक्षा की कामना करती हैं। छठ पूजा के दौरान व्रती महिलाएं गंगा घाट पर पारंपरिक गीत गाती हैं, सिंदूर की कामना करती हैं, और विशेष प्रसाद (जैसे ठेकुआ, फल, नारियल आदि) अर्पित करती हैं
🌄 # छठ पूजा की अद्भुत परंपरा

-🌄 छठ महापर्व का समापन प्रायः त्रिवेणी घाट पर उगते सूर्य को अर्घ्य देकर होता है।
- महिलाएं गंगा में खड़े होकर छठी मैया के गीत गाती हैं और पूजा अर्चना में शामिल होती हैं।
- घर-आंगन दीपों से सजाए जाते हैं, और पूजा की टोकरी में विभिन्न मौसमी फल, मिठाई, पान के पत्ते आदि रखे जाते हैं
🚩 त्रिवेणी घाट का धार्मिक महत्व

- यह घाट गंगा, यमुना और सरस्वती की संगम स्थल के रूप में विख्यात है।
- ऐसी मान्यता है कि यहां स्नान करने से समस्त पापों का नाश होता है और आत्मा को मुक्ति मिलती है
- सूर्य देव और छठी मैया की आराधना के लिए देर शाम तक श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है, और प्रशासन सुरक्षा व सुविधाएं उपलब्ध कराता है

🚩 # छठ के गीत और जयकारा 🚩🚩

- घाट पर छठी मैया के पारंपरिक गीत जैसे "छठी माई बरत सुहावन भूखै सारा संसार", "जय छठी मैया", बहुत श्रद्धा के साथ गाए जाते हैं, जो माहौल को भक्तिमय बना देते हैं

**जय छठी मैया! त्रिवेणी घाट ऋषिकेश में छठ पर्व की संस्कृति और परंपरा का विशेष स्थान है, जहाँ श्रद्धा और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिलता है*
jaimatadi 🚩🚩🙏🙏🌹🌹

🚩✍️वासुदेव घाट, दिल्ली⛩️ Delhi  के यमुना नदी के पश्चिमी तट पर स्थित एक नया, सुंदर घाट है जो विशेष रूप से धार्मिक और सांस...
27/10/2025

🚩✍️वासुदेव घाट, दिल्ली

⛩️ Delhi के यमुना नदी के पश्चिमी तट पर स्थित एक नया, सुंदर घाट है जो विशेष रूप से धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए तैयार किया गया है
यह घाट यमुना घाट और निगम बोध घाट के बीच है, और हाल ही में दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) द्वारा पुनर्विकसित किया गया है। घाट तक पहुंचने के लिए तीन बड़े प्रवेश द्वार और 25 सीढ़ियाँ बनी हैं, जहां से लोग सीधे यमुना नदी तक जा सकते हैं यहां लगभग 150 कारें पार्किंग के लिए उपलब्ध हैं

✍️ # प्रमुख विशेषताएँ

- घाट की लंबाई 145 मीटर है और इसकी सजावट में पारंपरिक मंडप, फूलों के बाग, 2000 से अधिक पेड़ और 4 लाख नदी किनारे की घास शामिल है
- यहाँ 'माँ यमुना' की प्रतिमा स्थापित की गई है और एक खास छतरी के नीचे 300 किलो की धातु की घंटी रखी गई है, जिसकी ध्वनि बहुत खास है[1]।
- धार्मिक आयोजनों के लिए यहाँ नियमित रूप से 'यमुना आरती'🪔 की जाती है, विशेषतः छठ पूजा 🌄जैसे पर्वों पर यहाँ विशेष इंतज़ाम किए जाते हैं, जिसमें अस्थायी घाट, सुरक्षा और श्रद्धालुओं के लिए फिल्टर्ड पानी के तालाब शामिल हैं[2]।
🚩 हालिया घटनाएँ

- अक्टूबर 2025 में छठ पूजा के लिए यहाँ विशेष घाट तैयार किए गए थे, और प्रधानमंत्री द्वारा भी यहाँ डुबकी लगाने की खबर चर्चा में रही
- घाट के पास यमुना नदी में बाढ़ आने पर सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए जाते हैं[7]। हाल में मानसून के दौरान घाट की सीढ़ियाँ भी कभी-कभी जलमग्न हो जाती हैं[7]।
- घाट पर सफाई, नदी की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए रुक-रुक कर सफाई अभियान और जल शुद्धिकरण की प्रक्रिया चलाई जाती है
✍️ # सांस्कृतिक और धार्मिक महत्त्व🚩🚩

- वासुदेव घाट दिल्ली में छठ पूजा जैसे पर्वों का केंद्र बन गया है, जहाँ हजारों श्रद्धालु सूर्य को अर्घ्य देने और पूजा-अर्चना करने आते हैं[2]।
- यहाँ की खूबसूरती और सुव्यवस्था के चलते यह घाट धार्मिक गतिविधियों के साथ-साथ सैर-सपाटे के लिए भी उपयुक्त जगह बनता जा रहा है
- घाट का नाम ‘वासुदेव’ रखने का सुझाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया था, ताकि यमुना के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्त्व को और बढ़ावा मिल सके

संक्षेप में, वासुदेव घाट यमुना नदी के किनारे दिल्ली में एक नया, सुव्यवस्थित और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान है, जहाँ आधुनिक सुविधाएँ के साथ-साथ पारंपरिक धार्मिक गतिविधियाँ सम्पन्न होती हैं

Khan Sir का पूरा जीवन परिचय और शिक्षा❣️❣️Khan Sir का पूरा नाम फैसल खान है, और वे भारत के सबसे लोकप्रिय शिक्षकों में गिने...
27/10/2025

Khan Sir का पूरा जीवन परिचय और शिक्षा❣️❣️

Khan Sir का पूरा नाम फैसल खान है, और वे भारत के सबसे लोकप्रिय शिक्षकों में गिने जाते हैं, खासकर प्रतियोगी परीक्षाओं की दुनिया में। उनका जीवन संघर्ष, शिक्षा, और पढ़ाने का तरीका उन्हें आज के युवाओं का प्रेरणास्रोत बना देता है

✍️ # प्रारंभिक जीवन एवं परिवार
- जन्म: दिसंबर 1993, गोरखपुर (उत्तर प्रदेश)
- पिता: सेना के रिटायर्ड अफसर
- माता: गृहिणी
- भाई: भारतीय सेना में कमांडो के रूप में कार्यरत
- वर्तमान निवास: पटना, बिहार

✍️ शिक्षा विवरण
- प्रारंभिक शिक्षा: परमार मिशन स्कूल, भटपर रानी (गोरखपुर)
- स्नातक: बी.एससी. (विज्ञान) – इलाहाबाद विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश
- मास्टर: एम.एससी. और भूगोल में एम.ए. (इलाहाबाद विश्वविद्यालय
- NDA की परीक्षा में पास किया था, लेकिन शारीरिक परीक्षा में सेलेक्शन नहीं हो पाया
✍️ # करियर और उपलब्धियां
- पढ़ाने की शुरुआत छोटे बच्चों को ट्यूशन देने से की थी
- 2010 में पटना में "Khan GS Research Centre" की स्थापना की, जो आज प्रतियोगी परीक्षाओं की प्रमुख कोचिंग संस्थान बन चुकी है
- यूट्यूब चैनल "Khan GS Research Centre" पर 1.5–2 करोड़ से अधिक सब्सक्राइबर हैं
- फीस निर्धारण गरीब छात्रों को ध्यान में रखते हुए मात्र ₹200–₹500 रखी गई, जिससे शिक्षा सभी के लिए सुलभ हो सके
- कई पुस्तकों के लेखक — General Knowledge व Science सहित
- 2020 में “Khan Sir Official” मोबाइल ऐप लॉन्च किया, जिससे लाखों विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा उपलब्ध हो पाई
- कई राष्ट्रीय टीवी शो में आमंत्रित किए गए, जैसे कपिल शर्मा शो

# # # पढ़ाने की शैली और लोकप्रियता
- देसी भाषा में सरल और हास्यपूर्ण अंदाज़ में कठिन विषय समझाना
- सामान्य अध्ययन, इतिहास, विज्ञान, भूगोल, करेंट अफेयर्स सहित कई विषय पढ़ाते हैं
- गरीब व जरूरतमंद विद्यार्थियों के लिए कभी-कभी मुफ्त शिक्ष ✅
- कोविड-19 के समय से ऑनलाइन शिक्षा में जबरदस्त लोकप्रियता मिली
📌 # संक्षिप्त प्रोफाइल
| नाम : फैसल खान (Khan Sir)
|-
| जन्म : दिसंबर 1993, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश |
| शिक्षा : बी.एससी., एम.एससी., एम.ए. (भूगोल)
| कोचिंग संस्थान | Khan GS Research Centre, पटना
| यूट्यूब चैनल | Khan GS Research Centre |
| पेशा : शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता
| धर्म : इस्लाम
| प्रसिद्धि का कारण | पढ़ाने की शैली, शिक्षा जन-जन तक पहुंचाना |

Khan Sir का जीवन आज के युवा वर्ग के लिए सच्ची प्रेरणा है, क्योंकि उन्होंने शिक्षा को सरल और पहुंच योग्य बनाया है — उनकी कहानी संघर्ष, मेहनत और जनसेवा का संदेश देती है ✍️✅🪔🙏🙏🔥❣️

जय छठी मईया छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाए 🌄🏜️🌹🌹🙏🙏
27/10/2025

जय छठी मईया छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाए 🌄🏜️🌹🌹🙏🙏

📌.🏔️ जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी के ऊपर बना चिनाब 🌉रेल ब्रिज प्रदेश ही नहीं, बल्कि दुनिया का सबसे ऊँचा रेलवे आर्च पुल है।...
25/10/2025

📌.🏔️ जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी के ऊपर बना चिनाब 🌉रेल ब्रिज प्रदेश ही नहीं, बल्कि दुनिया का सबसे ऊँचा रेलवे आर्च पुल है। यह पुल रियासी जिले में स्थित है और उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना का हिस्सा है। इस पुल की कुल लंबाई 1315 मीटर है और इसकी ऊँचाई नदी तल से 359 मीटर है, जो एफिल टावर से भी 35 मीटर ज्यादा है। इसको स्टील और कंक्रीट से अत्याधुनिक इंजीनियरिंग तकनीक के साथ बनाया गया है। यह पुल भूकंप, तूफान आदि प्राकृतिक आपदाओं को सहने में सक्षम है और इसे बनाने में करीब ₹1486 करोड़ रुपये की लागत आई थी। इसका उद्घाटन 6 जून 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था

📌चिनाब ब्रिज🌉 की मुख्य विशेषताएँ

-✍️यह पुल दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे🌉 पुल है, जिसकी ऊँचाई नदी तल से 359 मीटर है
✍️पुल की कुल लंबाई 1315 मीटर है, जो दो पहाड़ों को जोड़ता है
-✍️इसे बनाने में स्टील और कंक्रीट का इस्तेमाल हुआ है और पुल को तूफान, अत्याधिक या माइनस तापमान और भूकंप से सुरक्षित तैयार किया गया है
- पुल का आर्च अत्यधिक मजबूत है, जो पहाड़ियों पर टिका हुआ है[5]।
- पुल का निर्माण 22 वर्षों में पूरा हुआ, जिसमें हजारों इंजीनियरों और श्रमिकों ने योगदान दिया
- इसका उद्घाटन 6 जून 2025 को हुआ, जिससे कश्मीर को पूरे भारत से रेल संपर्क मिला
यह पुल भारत की इंजीनियरिंग क्षमता का अद्भुत उदाहरण है और इसका निर्माण किसी अजूबे से कम नहीं है

✍️ दुनिया का सबसे ऊंचा रेल🌉 ब्रिज, खासियत जान रह जाएंगे
✍️दुनिया का सबसे ऊंचा रेल ब्रिज चिनाब नदी पर तैयार,
✍️दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब ब्रिज🌉 की खासियतें चौंक
✍️ चिनाब के ऊपर से खुला जन्नत का दरवाजा, एफिल टावर से ऊंचे
✍️चिनाब पर बने सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज🌉

✍️उत्तराखंड भारत का एक बेहद खूबसूरत 🏔️राज्य है, जिसे "देवभूमि" यानी देवताओं की भूमि कहा जाता है[1]। यहाँ की प्राकृतिक सु...
25/10/2025

✍️उत्तराखंड भारत का एक बेहद खूबसूरत 🏔️राज्य है, जिसे "देवभूमि" यानी देवताओं की भूमि कहा जाता है[1]। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता, हिमालय की पर्वत श्रृंखलाएं, शांत झीलें, हरियाली से भरी घाटियां और धार्मिक स्थल इसे खास बनाते हैं

🏔️उत्तराखंड की प्रमुख खूबसूरत जगहें

- *📌*नैनीताल**: झीलों का शहर, यहां की नैना झील, हिमालय के दृश्य और शांत वातावरण बहुत प्रसिद्ध ह
- **मसूरी**: पहाड़ों की रानी, यहां की हरियाली, वाटरफॉल और रोपवे ट्रिप बहुत आकर्षक हैं
📌औली**: विंटर स्पोर्ट्स के लिए मशहूर, यहां की स्नो-फिल्ड्स और पहाड़ी दृश्यों का जवाब नहीं
- **जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क**: जंगल और वाइल्डलाइफ की खूबसूरती, सफारी का अनुभव यहाँ खास है
- **रानीखेत, अल्मोड़ा, लैंसडाउन**: प्यारे हिल स्टेशन, यहाँ के पहाड़ और सुकूनदायक मौसम पर्यटकों को बहुत पसंद आते हैं
- **हर्षिल घाटी**: गंगोत्री के रास्ते में, भागीरथी नदी और सेबों के बागान के लिए प्रसिद्ध, ऑफबीट जगह घूमने वालों के लिए खास 📌पिथौरागढ़**: 'छोटा कश्मीर' के नाम से जाना जाता है, खूबसूरत घाटियां और पहाड़ यहाँ के आकर्षण हैं[3
📌न्यू टेहरी**: टेहरी झील के किनारे स्थित, एडवेंचर और बोटिंग का मजा यहाँ मिलता है
- **चोपता-तुंगनाथ**: ट्रैकिंग और प्राकृतिक सौंदर्य, तुंगनाथ मंदिर के लिए खास जाना जाता है.

- उत्तराखंड में कई सुंदर घाटियां हैं: जौहर घाटी, नेलांग घाटी, डारमा घाटी, व्यास घाटी, नीति घाटी आदि
- गाँवों की बात करें तो हर्षिल, बगोरी, मखवा, बैनिटाल जैसी जगहें अपने लोकजीवन, प्रकृति और संस्कृति के लिए खास हैं

प्राकृतिक और ⛪धार्मिक स्थल

- चारधाम यात्रा (बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री) पूरे भारत में प्रसिद्ध है
- आध्यात्म और योग का केंद्र ऋषिकेश, हरिद्वार की गंगा आरती, आश्रम और मंदिरों ⛪की शांति बहुत पसंद आती है
[उत्तराखंड की खूबसूरत घाटियां जो किसी स्वर्ग से कम नहीं ...

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25/10/2025

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