04/08/2024
आरक्षण एक समाजिक कैंसर है:-
मैं सभी माननीय सातों जजों को जिन्होंने इतने बड़े और संगीन मुद्दे का समाधान दिया है,जिसकी कितनी भी तारिफ की जाय कम है, कोई भी किसी भी वर्ग का हो अगर वो आर्थिक रूप से सशक्त हो चुका है उसे आरक्षण का लाभ क्यों?? आज भी जिन भाई बहनों को चाहिए नहीं मिल रहा बिहार के उन्हीं नेताओं के पेट में मरोड़ हो रहा जो धन्नासेठों की तरह रहते और आरक्षण का लाभ लेते आज जैसों लाखों हैं इनको आरक्षण क्यों चाहिए,आज भी चिराग पासवान आरक्षित सीट से जीते हैं। ऐसे बहुत हैं इन सबों को चिन्हित कर आरक्षण से अविलंब वंचित किया जाय तब ही कुछ सुधार संभव है,सच कहूं तो आरक्षण एक समाजिक कैंसर बन चुका है,इसको जड़ से मिटा देने की जरूरत है स्वास्थ्य शिक्षा और आवास सबको फ्री मुहैया करवा कर आरक्षण जैसे कैंसर का खात्मा संभव है। इस देश की संसदीय व्यवस्था की रीढ़ बन चुकी है आरक्षण सरकार कोई भी आए उनको हिम्मत नहीं है कि वो आरक्षण पर कोई बात भी कर सके, क्योंकि हरेक सरकार में क्रिमीलेयर इतना हावी रहता है कि उसे लगता है की इसको छेड़े तो सरकार गई, लगातार दो वर्षों तक नरेंद्र मोदी की पूर्ण बहुमत की सरकार रही वो हिम्मत नहीं जुटा पाई, इसका सबसे बड़ा कारण जैसा मैं अनुभव करता हूं एक पिछड़े वर्ग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का होना सब बात ठीक है पर हिम्मत कहां,अगर समान्य वर्ग का प्रधानमंत्री होता तो शायद इस दिशा में बेहतर प्रयास किया जाता, मैं आश्वस्त करता हूं समस्त देशवासियों को जिस दिन मैं या मेरे जैसा व्यक्ति उस आसन तक पहुंच जाएगा उसी दिन देश को आरक्षण रूपी कैंसर से आजादी मिल जाएगी,जैसे आरक्षण की बात आती मुंह से हगने लगते, इसलिए हमें सिर्फ माननीय न्यायालय पर भरोसा है कि समाजिक सोहार्द और समाज के उत्थान के लिए न्याय देते रहें।
फिर मैं पुनः सभी सुप्रीम कोर्ट के सातों न्यायाधीश का बहुत बहुत आभार व्यक्त करता हूं।