09/04/2025
जब भी मैं स्वयं को सुधारने की सोचता हूं तो ना मालूम कौन पर कोई है मेरे अंदर बैठा हुआ, जो ठहाके मारकर मुझ पर हंसने लगता है जो कहता है तुम सुधरोगे.?कितने भोले और नादान हो.?छोड़ो भी अपनी इस मूर्खता को और जितनी जल्दी काल की गर्त में गिर सको,गिरो उसी में तुम्हारी भलाई है...!