05/07/2024
पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने मुख्यमंत्री पर लगाए ये बड़े आरोप
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रिपोर्ट: रमेश कंवर - मनाली
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कांग्रेस की सुक्खू सरकार द्वारा प्रारंभिक शिक्षा विभाग में आउटसोर्स के आधार पर प्री प्राइमरी शिक्षक रखने के निर्णय पर कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी विधानसभा चुनाव से पहले अपने किए वायदों को भूल गई है। प्रदेश में सरकार बनने के बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में एक लाख युवाओं को नियमित आधार पर नौकरी देने का वायदा किया गया था, लेकिन रोजगार देना तो दूर, उन्होंने पूर्व की जयराम सरकार के दौरान प्रदेशभर में आउटसोर्स के आधार पर विभिन्न विभागों में रखे गए बीस हजार से अधिक युवाओं को ही नौकरी से बाहर कर दिया।
पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार शिक्षा विभाग में प्री प्राइमरी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में दोहरा मापदंड अपना रही है, जिसकी उन्होंने घोर निंदा की है। उन्होंने इस पर सवाल उठाया है कि जिन युवाओं के पास दो वर्ष का प्री प्राइमरी शिक्षक कोर्स का डिप्लोमा होगा,सरकार केवल उन्हीं शिक्षकों को नौकरी देगी या जिनके पास एक वर्ष का डिप्लोमा है, क्या उन शिक्षकों को भी नौकरी पर रखा जाएगा?
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का गणित अति कमजोर है। हिमाचल प्रदेश में नर्सरी टीचर ट्रेनिंग कोर्स का डिप्लोमा करने वाले अध्यापकों की संख्या 6297 नहीं, बल्कि 800 से अधिक है। मुख्यमंत्री केवल गलत और झूठी जानकारियां प्रदेश के लोगों को दे रहे हैं।
पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव के समय प्री प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती केवल राजनीतिक लाभ के लिए की जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने प्री नर्सरी अध्यापकों के लिए दस हजार रुपए का मानदेय रखा है। यह इन शिक्षकों का दुर्भाग्य है कि सीधी भर्ती करवाने के बजाय यह सरकार इलेक्ट्रॉनिक डिपार्टमेंट कॉर्पोरेशन के माध्यम से भर्ती करवा रही है, जिससे 5% कमीशन यह कंपनी इन शिक्षकों से काटेगी और इन्हें केवल 6700 रुपए ही मिलेंगे।
पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने सुझाव दिया कि हिमाचल सरकार भी केंद्र सरकार की भांति प्री नर्सरी टीचर्स के मानदेय में बढ़ोतरी के लिए अपना अंशदान दे, जिससे वे आर्थिक दृष्टि से और अधिक सुदृढ़ हो सकें। यह कदम शिक्षकों के मनोबल को बढ़ाएगा और उन्हें अपने कार्य को और अधिक समर्पण और उत्साह के साथ करने के लिए प्रेरित करेगा। वहीं, सरकार के इस पहल से शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा, जिससे छात्रों का भविष्य उज्ज्वल हो सकेगा।
गोविंद सिंह ठाकुर
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री