Raxa

Raxa Dosto mera sirf 1 aim h chori or crime Ko hone se pehle rokna aur apne samaj ko suraksha dena iske liye mujhe aap sabka support chahiye. chori roko yojana.

28/07/2025

Chori roko yojana!!! support nd share this reel to save our public from thefts.

27/07/2025

“डुप्लीकेट दरवाज़ा”

📍स्थान: द्वारका सेक्टर 13, दिल्ली

📅 तारीख: जून 2025, बुधवार की रात

---

🏠 परिवार की जानकारी

द्वारका सेक्टर 13 की एक पॉश सोसायटी में रहने वाला वर्मा परिवार हाल ही में बाहर घूमने गया था – माता-पिता और उनका 24 साल का बेटा।
तीनों दो दिन के लिए मनाली गए हुए थे।
उन्होंने घर में लगी स्मार्ट सिक्योरिटी, डिजिटल लॉक, और वॉचमैन को निर्देश देकर ताला लगा दिया था।

---

🌃 चोरी की रात

तीसरे दिन सुबह पड़ोसी ने देखा कि वर्मा जी के घर का दरवाज़ा खुला पड़ा था, और भीतर का सारा सामान बिखरा हुआ।
फोन कर के वर्मा जी को बुलाया गया।
जैसे ही वह पहुंचे, उन्होंने देखा:

₹2 लाख कैश

4 तोले के गहने

एक लैपटॉप और दो महंगे मोबाइल फ़ोन
गायब थे।

सबसे हैरानी की बात ये थी कि:

ताले नहीं टूटे थे

CCTV काम कर रहा था लेकिन कोई फुटेज नहीं दिखा रहा था

डिजिटल लॉक से ही दरवाज़ा खोला गया था

---

😲 ट्विस्ट क्या था?

जब पुलिस ने डिजिटल लॉक की हिस्ट्री चेक की, तो उसमें लिखा था कि दरवाज़ा “Master Code” से खोला गया था।
यह कोड सिर्फ घर के मुखिया को पता था।
लेकिन एक और झटका तब लगा जब लॉग में “Access Time: रात 2:14 AM” दिखा — जब परिवार मनाली में था।

फिर हुआ सबसे बड़ा खुलासा —

> घर में पहले काम कर चुका एक पुराना इलेक्ट्रिशियन 'रवि', जो 6 महीने पहले काम करने आया था,
उसने डिजिटल लॉक इंस्टॉल करते वक्त उसका मास्टर कोड कहीं नोट कर लिया था।

---

🔎 कैसे पकड़ा गया चोर?

रवि ने चोरी करने के लिए एक जैसे दिखने वाला डुप्लीकेट डिजिटल लॉक खरीद कर पहले से तैयारी कर रखी थी।
वो रात को आया, असली लॉक निकाल कर उसका डुप्लीकेट इंस्टॉल किया (जिसमें कोड वही था)।
फिर दरवाज़ा खोला, सामान लिया और असली लॉक वापस लगा दिया।

कोई निशान नहीं छोड़ा।

लेकिन CCTV DVR के बैकअप ने उसकी सच्चाई खोल दी।
पास की एक बिल्डिंग के कैमरे में उसकी तस्वीर आ गई, जिसमें वह बैग लेकर जा रहा था।

---

👮‍♂️ अंत में क्या हुआ?

रवि को 3 दिन बाद मथुरा से पकड़ा गया

सामान का ज़्यादातर हिस्सा बरामद हुआ

पुलिस ने चेतावनी दी कि डिजिटल डिवाइस इंस्टॉल करते वक्त अपना मास्टर कोड खुद सेट करें

अब सोसाइटी में हर वर्कर का वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया

---

📌 सीख क्या मिली?

1. डिजिटल लॉक भी तभी सुरक्षित है जब उसे किसी बाहरी पर न छोड़ा जाए।

2. टेक्नोलॉजी की चाबी किसी और के हाथ में देना मतलब खुद ही दरवाज़ा खोल देना।

3. पुराने वर्कर, खासकर टेक्निकल प्रोफेशन से जुड़े लोगों पर हमेशा निगरानी रखें।

27/07/2025

“अंदर का आदमी”

📍स्थान: मुंडका इंडस्ट्रियल एरिया, दिल्ली

📅 तारीख: जुलाई 2025, एक सोमवार की रात

---

🔧 घटना से पहले की स्थिति

मुंडका के एक इंडस्ट्रियल प्लॉट में चल रही थी “कुमार इंडस्ट्रीज”, जहाँ प्लास्टिक के इलेक्ट्रिक पार्ट्स बनाए जाते थे।
रात में काम बंद होने के बाद सभी कर्मचारी चले जाते, और एक सिंगल चौकीदार को फैक्ट्री की निगरानी की जिम्मेदारी दी जाती।

---

🌃 चोरी की रात

सुबह 5 बजे, चौकीदार के शोर मचाने पर आसपास के लोग इकट्ठा हुए।
फैक्ट्री के दरवाजे की एक साइड की ग्रिल कटी हुई थी, और अंदर:

₹10 लाख से ज्यादा का मटेरियल गायब था

कॉपर वायर की भारी बंडलें, मशीन के पार्ट्स और कंप्यूटर सिस्टम गायब

DVR बॉक्स भी उखाड़कर ले जाया गया

जमीन पर रिक्शा और ठेले के पहिए के निशान मिले

---

🕵️‍♂️ जांच का सुराग

मालिक ने पुलिस में FIR दर्ज कराई।
चूंकि CCTV का DVR भी ले जाया गया था, फुटेज नहीं मिली।
पर चौकीदार ने एक अहम बात बताई:

> "रात करीब 1:30 बजे बिजली चली गई थी, और 2 घंटे बाद ही सब सामान गायब था।"

पास के एक पान दुकानदार ने बताया कि उसने रात 12:45 बजे फैक्ट्री के एक पुराने स्टाफ मेंबर 'अमर' को फैक्ट्री के पास घूमते देखा था।
अमर को कुछ महीने पहले ही नियमित लेट आने पर निकाला गया था, लेकिन उसके पास फैक्ट्री की पुरानी चाबी थी।

---

🤯 ट्विस्ट क्या था?

जब पुलिस ने अमर को ट्रैक किया, तो उसने कहा:

> “मैं तो बस घूमने गया था, मुझे कुछ नहीं पता।”

लेकिन जब पुलिस ने पास के एक मकान की छत पर रखे सामान की जांच की, तो वहाँ:

चोरी की गई कॉपर वायर

इलेक्ट्रिक पार्ट्स के बॉक्स

और वही कटे हुए गेट की ग्रिल मिली, जो अमर के पास की गली में छिपाई गई थी

पता चला, अमर ने अपने तीन दोस्तों के साथ:

बिजली काटने का इंतज़ाम पहले से कर लिया था

रात 1:45 पर गेट की ग्रिल काटी

सामान को पास वाले गली में खड़े ठेले पर लादा

और 2 घंटे में सारा माल गायब कर दिया

---

👮‍♂️ नतीजा क्या हुआ?

अमर और उसके दो साथी गिरफ्तार हुए

एक आरोपी अभी फरार है

ज़्यादातर सामान बरामद कर लिया गया है

फैक्ट्री मालिक ने अब से सभी पुराने कर्मचारियों की सख्त वेरिफिकेशन और यूनिक लॉक्स लगाने का फैसला किया

---

📌 सबक क्या मिला?

1. फैक्ट्री का पुराना कर्मचारी भी खतरनाक हो सकता है, अगर वक़्त रहते सतर्क न हुआ जाए

2. सिर्फ ताले और चौकीदार काफी नहीं, हर छोटी गतिविधि पर नज़र ज़रूरी है

3. बिजली गुल होना भी चोरी की बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकता है।

27/07/2025

"अंदर वाला ही चोर निकला"

📍स्थान: नजफगढ़, दिल्ली

जुलाई :2025 की एक रात

---

💼 परिवार का प्रोफाइल

नजफगढ़ के रघुनाथ विहार कॉलोनी में रहने वाला शर्मा परिवार एक मध्यम वर्गीय, सीधा-सादा परिवार था।
घर में पति-पत्नी और एक 12 साल की बेटी रहती थी। शर्मा जी सरकारी नौकरी में थे और उनकी पत्नी एक स्कूल में टीचर।

उन्होंने हाल ही में ₹45,000 कैश और कुछ सोने के गहने बैंक से निकाले थे – बेटी की फीस, घर की मरम्मत और त्योहार की तैयारियों के लिए।

---

🌃 चोरी की रात

रात के करीब 3 बजे, शर्मा परिवार गहरी नींद में था।
उनके घर के दरवाज़े और खिड़कियाँ पूरी तरह बंद थीं, फिर भी सुबह उठते ही उन्होंने देखा:

अलमारी टूटी हुई थी

₹45,000 नकद और दो सोने की चूड़ियां गायब थीं

लेकिन... ताले नहीं टूटे थे, दरवाज़ा अंदर से बंद था, CCTV कैमरा बंद पड़ा था

---

😲 ट्विस्ट क्या था?

शर्मा जी ने जब पुलिस को बुलाया, तो उन्होंने सोचा कि कोई "बाहर वाला" चोर होगा।

लेकिन असलियत में चोर उनका ही एक करीबी निकला — उनका नया घरेलू नौकर ‘कमल’।
कमल पिछले एक महीने से काम पर रखा गया था, और उसे घर की हर एक गतिविधि की जानकारी थी।

कमल को जब मालूम चला कि पैसे और गहने घर में हैं, तो उसने चालाकी से:

CCTV के वायर काट दिए

घर के पिछले दरवाजे की डुप्लीकेट चाबी पहले ही बना ली थी

चोरी कर के खिड़की से बाहर निकला, लेकिन दरवाजा अंदर से बंद रखा, ताकि शक बाहर वालों पर जाए

---

🕵️‍♂️ कैसे हुआ खुलासा?

शर्मा जी की बेटी ने कहा कि कमल चोरी वाली रात सुबह 5 बजे बिना बताए चला गया था।
यह बात अजीब लगी।
RAXA SECURITY की लोकल यूनिट, जो कॉलोनी की नाइट पेट्रोलिंग करती है, ने बताया कि:

> "सुबह 4:45 पर एक युवक को तेज़ी से बाहर जाते देखा था — लेकिन चूंकि वह अंदर से ही आया लग रहा था, हमने रोका नहीं।"

जब पुलिस ने कमल को ट्रेस किया — वह हरिद्वार भागने की फिराक में था, और उसके पास से पूरे ₹45,000 और चूड़ियां बरामद हो गईं।

---

📌 सीख क्या मिली?

1. घरेलू स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन ज़रूरी है।

2. CCTV और नाइट पेट्रोलिंग सिर्फ दिखाने के लिए नहीं, स्मार्ट इंसानी निगरानी ज़रूरी है।

3. घर के अंदर का खतरा ज्यादा खतरनाक होता है — "अपना ही घर जला जाए तो पानी कहां से लाओगे?"

27/07/2025

“दूसरा दरवाज़ा”

📍स्थान: नोएडा सेक्टर 62, दिल्ली-NCR

📅 तारीख: जुलाई 2025 की एक रात

रात के 2:30 बजे का समय था। पूरी सोसायटी गहरी नींद में थी। “मयूर विहार एन्क्लेव” के एक फ्लैट में पति-पत्नी सो रहे थे। अचानक, उनकी बिल्डिंग के नीचे लगे CCTV कैमरे ने एक अजनबी व्यक्ति को बिल्डिंग में घुसते हुए कैद किया — वह शख्स मुंह पर मास्क और सिर पर कैप लगाए था।

लेकिन हैरानी की बात यह थी कि उसने मुख्य गेट से एंट्री नहीं की, बल्कि बिल्डिंग के पीछे वाले सर्विस एंट्री गेट से अंदर आया — जो हमेशा बंद रहता था।

---

🔍 घटना का सिलसिला

1. चोर ने सबसे पहले ग्राउंड फ्लोर पर एक खाली फ्लैट को निशाना बनाया, जहां कुछ दिन पहले ही फैमिली शिफ्ट हुई थी और अभी सब समान खुला पड़ा था।

2. उसने बगल वाले फ्लैट की बालकनी से दूसरी मंजिल पर चढ़ाई की — हाथ में था एक छोटा सा "गैस कटर"।

3. दूसरी मंज़िल के एक घर का लोहे का दरवाज़ा काट दिया और अंदर घुस गया।

---

😱 ट्विस्ट क्या था?

जब वह चोर फ्लैट में घुसा, तभी एक फोन कॉल आया — यह कॉल उसी घर के मालिक ने किया था, जो बाहर ट्रैवल कर रहे थे।
उन्होंने अपने घर में लगे मोशन सेंसर अलार्म की वजह से नोटिस किया कि घर में कोई हलचल है।

RAXA Security की रात की निगरानी टीम को तुरंत कॉल किया गया (क्योंकि उन्होंने उनकी ₹1500/मंथ वाली नाइट मॉनिटरिंग सर्विस ली हुई थी)।

RAXA की टीम ने:

Live CCTV चेक किया

चोरी होते देख, तुरंत लोकल पुलिस को अलर्ट किया

मौके पर पहुंचे तो चोर फ्लैट के अंदर ही पकड़ा गया

---

👮‍♂️ बड़ा खुलासा

जब पुलिस ने चोर को पकड़ा, तो सामने आया कि वह इसी सोसायटी में 3 साल पहले प्लंबर का काम करता था।
उसे फ्लैट्स के बैक एंट्री, खिड़कियों, और सर्विस गेट्स की पूरी जानकारी थी।
उसने 5 महीने पहले फ्लैट की डुप्लिकेट चाबी बना ली थी जब वह एक पाइपलाइन सुधारने आया था।

---

📌 सबक:

पुराने कामगारों पर भी निगरानी जरूरी है।

Live monitoring सेवाएं (जैसे RAXA Security) बहुत जरूरी हैं, खासकर जब आप शहर से बाहर हों।

CCTV से ज्यादा जरूरी है रियल टाइम अलर्ट और इंसानी नज़र।

19/07/2025

📰 हरियाणा से कलयुगी बेटे की शर्मनाक हरकत – दिव्यांग मां को घर से निकाला

📍 स्थान: पानीपत, हरियाणा
🗓️ घटना की तिथि: 16 जुलाई 2025 (रात के लगभग 9 बजे)

घटना का पूरा विवरण:

हरियाणा के पानीपत जिले में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसे सुनकर किसी का भी दिल कांप उठे।
यहाँ एक बेटे ने अपनी ही दिव्यांग मां, जो चलने-फिरने में असमर्थ है, को गाली-गलौच कर घर से निकाल दिया।

मां की उम्र करीब 65 वर्ष है और वह पिछले कुछ सालों से अपाहिज (दिव्यांग) हैं। वह अपने बेटे के साथ रहती थीं, जिसने न सिर्फ उनकी देखभाल बंद कर दी थी, बल्कि उनके साथ शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न भी करने लगा था।

🛑 घटना की रात, मां को खाने के लिए कुछ मांगा तो बेटे ने झल्लाकर दरवाज़े से बाहर धक्का दे दिया।
मां कई घंटे तक बाहर फर्श पर गिरी रहीं — ना कोई पानी, ना खाना, ना सहारा।
पड़ोसियों ने जब यह हालत देखी, तो वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया और तुरंत पुलिस को सूचना दी।

👮‍♂️ पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर मां को एक सरकारी आश्रय गृह में शिफ्ट किया और बेटे के खिलाफ घरेलू हिंसा अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धारा 504 व 506 के तहत केस दर्ज किया।

📢 माँ की दर्द भरी बात
माँ ने पुलिस को बताया:
"जब तक बेटा छोटा था, मैंने अपनी रोटी का टुकड़ा भी उसे खिला दिया... आज उसने ही मुझे इंसान नहीं समझा।"
यह शब्द आज के समाज के मुंह पर करारा तमाचा हैं।

---

❗ समाज से सवाल:

1. क्या यही है हमारी तरक्की?

2. क्या अब मां जैसी मूरत भी बोझ बन चुकी है?

3. कब तक बुज़ुर्गों के साथ ऐसा होता रहेगा और हम चुप रहेंगे?

---

🙏 आपसे निवेदन:

अगर आपके आस-पास कोई बुज़ुर्ग, दिव्यांग या असहाय व्यक्ति हो, तो उसका सहारा बनिए।

ऐसे अत्याचार की सूचना तुरंत पुलिस को दें।

ऐसी घटनाओं पर चुप न रहें — आवाज़ उठाइए, समाज बदलिए।

🔁 कृपया इस पोस्ट को शेयर करें और समाज को जागरूक करें।

18/07/2025

Dosto chori ki new update ke liye follow kro nd support kijiye please.

17/07/2025

Raat me lakho ki chori roki, , , , , .

17/07/2025

📖: जब रखवाला ही लुटेरा निकला

स्थान: रोहिणी सेक्टर 24, दिल्ली
दिनांक: 11 जून 2024
समय: रात 1:45 बजे से 3:00 बजे के बीच

दिल्ली की सबसे बड़ी सुरक्षा विडंबनाओं में से एक ये है कि
जिसे दरवाज़े पर खड़ा कर रखा जाता है, वही दरवाज़ा खोल देता है।

---
घटना:

रोहिणी की एक मिड-साइज गेटेड सोसाइटी, 3 ब्लॉक, 5 फ्लोर हर एक में

रात की शिफ्ट में 1 सिक्योरिटी गार्ड — नाम: सुरेश यादव (उम्र 38)

लोग सुरेश को भरोसेमंद मानते थे — त्योहारों में मिठाई भी देते थे

लेकिन कोई नहीं जानता था कि वो एक गैंग का हिस्सा था

---

घटना की रात:

सोसाइटी के तीन फ्लैट्स में लोग गर्मी की छुट्टियों में बाहर गए हुए थे

1:30 AM के आसपास एक सफेद कार सोसाइटी के गेट पर आई

सुरेश ने कैमरा “नेटवर्क इशू” बताकर डिसेबल कर दिया

चार लोग उतरे, जिनके पास मास्टर चाबी का सेट था

गार्ड ने ही फ्लैट्स की पहचान दी: “C-104, D-201, E-302”

👉 45 मिनट में तीनों फ्लैटों से गहने, कैश, लैपटॉप, कीमती घड़ियाँ, और कैमरा चुरा लिए गए
👉 चुपचाप गाड़ी में बैठकर चले गए — किसी को भनक नहीं लगी

---

सुबह खुलासा:

D-201 के मालिक वापस आए, और दरवाज़ा खुला पाया

पुलिस आई, CCTV देखा — रिकॉर्डिंग अधूरी थी

सोसाइटी गार्ड से पूछताछ की गई — उसके बयानों में विरोधाभास था

---

सुरेश का सच सामने आया:

पुलिस ने कॉल रिकॉर्ड खंगाले — एक नंबर पर रात 1:10 को बात हुई थी

लोकेशन मिली: मुस्तफाबाद

दो दिन की पूछताछ में सुरेश टूट गया

> “मैंने सिर्फ रास्ता दिखाया था… असली चोरी उन्होंने की…”

गैंग के दो सदस्य नोएडा से और दो गाजियाबाद के निकले

मास्टर चाबी उन्हें एक कंस्ट्रक्शन साइट वर्कर ने दिलाई थी

---

नुकसान का अनुमान:

C-104: ₹3.2 लाख (गहने और DSLR कैमरा)

D-201: ₹5.7 लाख (सोने की चैन, कैश ₹1.5 लाख)

E-302: ₹4.9 लाख (लैपटॉप, घड़ियाँ, गहने)

कुल नुकसान: ₹13.8 लाख

---

पुलिस रिपोर्ट:

सभी आरोपी गिरफ्तार

चोरी की योजना 15 दिन पहले बनी थी

गार्ड को ₹20,000 देने का वादा था

---

सीख:

सिर्फ कैमरे लगाना काफ़ी नहीं —
ज़रूरत है उनकी निगरानी की जो आपकी निगरानी कर रहे हैं।
वेरिफिकेशन, रेगुलर ऑडिट, और ड्यूटी रोटेशन
— ये सब आज के समय में किसी भी हाउसिंग सोसाइटी के लिए अनिवार्य हैं।

Address

Delhi
110043

Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Raxa posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Share