Main Bhi Bharat

Main Bhi Bharat Main Bhi Bharat seeks to understand, cover and report exclusively on the tribal issues, particularly the vulnerable tribal groups.

There are 705 Scheduled Tribes listed in the Constitution of India. And, if there is one common word to describe them all, it is this – Marginalised. An over 84 million tribal population still untouched by the lifestyle changes of modern India. They are among the poorest in the country and little is known about them. Every time development has tried to reach them, it has clashed with their identit

y and culture. With the result that most efforts have failed. Every time such a conflict of interest occurs, we hear various voices claiming to side with the tribes. But more often than not, the voices are those of other stakeholders, including corporates and other who claim to portray their side. Through our programme, मैं भी भारत, we aim to give the many tribes of India a voice they can call their own.

04/06/2025

ओडिशा के कोरापुट ज़िले के धुरूआ या दुरुआ आदिवासी आज भी न्यूनतम खेती ही करते हैं. वे अपनी ज़्यादातर ज़रुरतों के लिए जंगल पर ही आश्रित हैं. इसके अलावा यहां के धुरुआ गांवों में 'ढेकी' धान कूटने का सबसे कारगर यंत्र है.

02/06/2025

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में आज भी आदिवासी समुदाय का जीवन कमोबेश जंगल पर ही निर्भर है. वह अपने भोजन से लेकर जीविका के लिए जंगल की तरफ़ ही देखता है. बांस के कोपलों से बनी करील भाजी बस्तर का प्रिय और स्वादिष्ट भोजन है.

झारखंड, ओड़िशा और पश्चिम बंगाल के अलावा असम जैसे राज्यों में सरना धर्म को अलग धर्म की मान्यता देने की आवाज़ उठ रही है. क...
01/06/2025

झारखंड, ओड़िशा और पश्चिम बंगाल के अलावा असम जैसे राज्यों में सरना धर्म को अलग धर्म की मान्यता देने की आवाज़ उठ रही है. किसी भी धर्म का एक दर्शन (philosophy) होती है. सरना धर्म का दर्शन क्या है, देखिए मैं भी भारत का यह खास एपिसोड-

Sarna religion code bill was passed by the Jharkhand assembly on 11 November 2020. It was a long standing demand of tribal groups in the state of Jharkhand. ...

अबूझमाड़ का जंगल भारत का ऐसा हिस्सा है जिसके कई क्षेत्र अभी तक सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हैं. इन जंगलों में जीने वाले...
31/05/2025

अबूझमाड़ का जंगल भारत का ऐसा हिस्सा है जिसके कई क्षेत्र अभी तक सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हैं. इन जंगलों में जीने वाले आदिवासी कौन हैं और कैसे जीते हैं? देखिए इन तस्वीरों में -

अबूझमाड़ छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र (Bastar Region) में स्थित एक घना और दुर्गम जंगल क्षेत्र है. इस जंगल को अपनी रहस्यमयी भौग...

30/05/2025

झारखंड के आदिवासी बज़ार बेहद ख़ास होते हैं. इन बाज़ारों में आपको आदिवासी जीवन के लगभग हर पहलू को समझने में मदद मिल सकती है.

ओडिशा के मलकानगिरी के आदिवासी इलाकों में 1970 के दशक में बांग्लादेशी शरणार्थियों को बसाया गया था. जहां बंगालियों को बसाय...
20/05/2025

ओडिशा के मलकानगिरी के आदिवासी इलाकों में 1970 के दशक में बांग्लादेशी शरणार्थियों को बसाया गया था. जहां बंगालियों को बसाया गया था उन बस्तियों को अभी तक नंबर से जाना जाता था. यानि उनका कोई नाम नहीं था.

मलकानगिरी में बंगाली गांवों के नाम बदलने का मुद्दा सिर्फ एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं है बल्कि यहाँ के आदिवासी और ....

20/05/2025

छत्तीसगढ़ के घने जंगल 'अबूझमाड़' में ग़र्मी और उमस के मौसम में जीना और काम करना आसान नहीं होता है. लेकिन आप यहां के आदिवासियों का प्रिय नाश्ता माडिया पेज के सहारे ना सिर्फ़ ग़र्मी से बच सकते हैं बल्कि यह आपको सेहतमंद भी बना देगा.

Her wrinkles carry the stories of forests, her smile carries the strength of generations.A glimpse into the vibrant live...
02/05/2025

Her wrinkles carry the stories of forests, her smile carries the strength of generations.
A glimpse into the vibrant lives and timeless traditions of our Gond Adivasi community. 🌿✨
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झारखंड के रुगड़ा मशरूम का लोग बाज़ार में बेसब्री से इंतज़ार करते हैं. क्योंकि यह मशरूम बेहद स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है...
22/04/2025

झारखंड के रुगड़ा मशरूम का लोग बाज़ार में बेसब्री से इंतज़ार करते हैं. क्योंकि यह मशरूम बेहद स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है. हमें जंगल में इस मशरूम की एक खास क़िस्म की रेसिपी सीखने को मिली.

The Rugda Mushroom, a rare delicacy found in the Sal forests, is prized by the Asur tribe. This elusive mushroom grows beneath the soil, emerging only on sun...

कोकबोरोक भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूचि में शामिल करने की मांग तो ठीक है, लेकिन इस भाषा की लिपि पर बहस है. कुछ लोग इस ...
21/04/2025

कोकबोरोक भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूचि में शामिल करने की मांग तो ठीक है, लेकिन इस भाषा की लिपि पर बहस है. कुछ लोग इस भाषा की बंगाली लिपि का बचाव करते हैं तो कुछ देवनागरी की वकालत करते हैं. लेकिन त्रिपुरा के जनजातीय इलाकों में बड़े स्तर पर इस भाषा की रोमन स्क्रिप्ट का समर्थन मिलता है.

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा (Manik Saha) को लिखे पत्र में कोकबोरोक साहित्य परिषद (Kokborok Sahitya Parishad) ने शनिवार को संविधान क...

संताल आदिवासी समुदाय की 'चदर- बदर' या 'चादर बादोनी' एक ख़ास कला है जो धीरे धीरे लुप्त हो गई. इस कला को समझने के लिए 'मैं...
14/04/2025

संताल आदिवासी समुदाय की 'चदर- बदर' या 'चादर बादोनी' एक ख़ास कला है जो धीरे धीरे लुप्त हो गई. इस कला को समझने के लिए 'मैं भी भारत' का यह ख़ास एपिसोड देखिए.

Chadar Badar or Chadar Bandhani is a very rare form of indigenous Santhal puppetry and a hall mark of Santhali culture. Puppetry has always been associated w...

झारखंड में सौरिया पहाड़िया जनजाति आख़िरकार मैदानी इलाक़ों में क्यों नहीं आना चाहते हैं. वे कौन से खतरे हैं जो इस जनजाति ...
08/04/2025

झारखंड में सौरिया पहाड़िया जनजाति आख़िरकार मैदानी इलाक़ों में क्यों नहीं आना चाहते हैं. वे कौन से खतरे हैं जो इस जनजाति को मिटा देंगे? देखिए यह ग्राउंड रिपोर्ट-

The Paharia tribe is a primitive tribal group located in the state of Jharkhand, India. They are notable in the history of modern India because they resisted...

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