02/08/2025
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुधन की सुरक्षा के लिए पशुपालन विभाग अलर्ट मोड पर, जिला नियंत्रण कक्ष 24 घंटे सक्रिय
धौलपुर, 2 अगस्त। चंबल नदी के बढ़ते जलस्तर और जिले में उत्पन्न बाढ़ जैसी आपात स्थिति को देखते हुए पशुधन की सुरक्षा और चिकित्सा के लिए पशुपालन विभाग धौलपुर द्वारा त्वरित और व्यापक स्तर पर राहत कार्य संचालित किए जा रहे हैं। विभाग ने जिला स्तर पर एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है, जिसके प्रभारी वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय कुमार गोयल को बनाया गया है। यह नियंत्रण कक्ष 24 घंटे तीन पारियों में संचालित किया जा रहा है, जिसमें हर पारी में एक अधिकारी और दो कर्मचारी तैनात किए गए हैं। जिला नियंत्रण कक्ष का संपर्क नंबर 9828217233 जारी किया गया है ताकि आमजन तत्काल संपर्क कर सकें।
बाढ़ प्रभावित राजाखेड़ा क्षेत्र को पांच मुख्य जोनों में विभाजित कर राहत कार्यों के लिए पशु चिकित्सा अधिकारियों एवं पशुधन निरीक्षकों की टीमें गठित की गई हैं।
अण्डवा, पुरैनी, गढ़ी का पूरा, पक्का का पूरा, कमरियन का पूरा और केरन सिंह का पूरा क्षेत्र में डॉ. आलोक सक्सेना प्रभारी बनाए गए हैं, जिनके साथ दो पारियों में चार पशुधन निरीक्षक तैनात किए गए हैं। महदपुरा, भूड़ा, शंकरपुरा, कथूमरा, कठुमरी, गदराई, घुरैया और खेड़ा क्षेत्र में डॉ. मानवेंद्र एवं चार निरीक्षक राहत कार्यों में जुटे हैं।चीलपुरा, बक्सपुरा और टिकतपुरा क्षेत्र की जिम्मेदारी डॉ. डरेलाल को सौंपी गई है, जिनके साथ दो पारियों में चार पशुधन निरीक्षक कार्यरत हैं। बसई घीयराम, अंधियारी, गढ़ी जाफर, डगरा, बर्सला क्षेत्र में डॉ. आशुतोष जादोन प्रभारी हैं और चार पशुधन निरीक्षक कार्य कर रहे हैं। नादोली, गन्हेड़ी और डागरपुर क्षेत्र में भी डॉ. जादोन की निगरानी में टीमें लगातार भ्रमण कर रही हैं।
इसके अतिरिक्त सरमथुरा के झिरी क्षेत्र में मोबाइल 1962 वाहन के साथ डॉ. केशव व स्टाफ को चिकित्सा एवं टीकाकरण के लिए तैनात किया गया है, जबकि मदनपुर-गोलरी क्षेत्र में डॉ. योगेंद्र सिंह चौहान और दो निरीक्षक कार्य कर रहे हैं। सरमथुरा ब्लॉक की समग्र निगरानी डॉ. गजेंद्र शर्मा कर रहे हैं। सैपऊ में डॉ. मुकेश त्यागी और बाड़ी में डॉ. उमाकांत त्यागी की अगुवाई में मोबाइल टीमें सक्रिय हैं। धौलपुर क्षेत्र के तिघरा, मोरोली, भेसेना और बसई नीम में डॉ. अमित गोयल के नेतृत्व में राहत कार्य किए जा रहे हैं।
अब तक इन टीमों द्वारा 500 से अधिक पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है और 100 से अधिक पशुओं को उपचार प्रदान किया गया है। संयुक्त निदेशक पशुपालन डॉ. संत सिंह मीणा ने बताया कि वे इस कार्य की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और विभाग पूरी मुस्तैदी के साथ यह सुनिश्चित करने में जुटा है कि पशुधन की क्षति न्यूनतम हो और पशुपालकों को अधिकतम राहत मिले। उन्होंने बताया कि सभी संबंधित अधिकारी-कर्मचारी क्षेत्र में डटे हुए हैं और आवश्यकतानुसार पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य भी जारी है।