25/04/2025
कुमाउनी भाषा
जतु शुद्ध पाणी छू आपण पहाड़क उतुकै मिठ्ठ बुलाण छू आपण। उत्तराखंड राज्य बनी बाद जो भाषा बोली पर और ज्यादा व्यापक काम करणैक आवश्यकता छी आज उ भाषा में बुलाण सब हास्यै पर न्है गो यै लिजि को सरकार जिम्मेदार नहैँ यै लीजि हमर आपण समाज खुद जिम्मेदार छू।
उत्तराखंड बनी बटी सिर्फ प्राइवेट स्कूलुंक स्थापना है बस और सरकारी स्कूल बंद हते गई, हमार भाषा, संस्कृति, बोलिक नाश होते गो। हम लोगूँलै आपण लोगूँ कैँ आपण भाषा हैबे दूर करणक काम करौ। सीखो सारी दुनियांक भाषा संस्कृति सीखो पर आपण मूल भाषा कैं छोड़ बे न। य नहैँ कि आपण कुमाउनी, गढ़वाली और जौनसारी भाषाक दुनि में के पछयाँण नहैँ पुर दुनि में य भाषानुक आपण एक पछयाँण छू। आजकल सोशल मीडियाक जमान छू कतु देशी विदेशी आपण गढ़वाली, कुमाउनी और जौनसारी भाषाक गीतों पर आपण रील बनाते देखी जैँल।
आज तुम आपण ननाकैं प्राइवेट स्कूलों में पढै लिखै बे को उच्च शिक्षा नि दिमया बल्कि तुम आपण खुटांक निशान आपण हाथल मिटामछा। को लै राज्य देख लियो ऊँ आजतक आपण भाषा कैं लै बराबर महत्व दिनि लेकिन एक हमर राज्य छू जैल राज्य बन बे आपण भाषा, संस्कृति कैं अधिक बढ़ाणेक लिजी काम करण छी वील और लै आपण भावी पीढ़ी कैं आपण हैबे दूर करणंक काम करौ। विकै कारण छू आज आपणैं आदिम आज आपण राज्यक तरुफ चाहाँ राजि नहैँ। भ्यारक आदिम कैं पत्त छू यां के के छू, ऊ यां काम लै करम रॉ, मकान लै बनाम रॉ। फिर हमें नार लगाम रोयूँ कि बाहरी भगाओ किलैकि उ कंणा नि कण कै लै जामॉ।
चार धाम यां, केदारनाथ यां, हेमकुंड यां, हरिद्वार, दुनागिरी, गोल्ज्यू मंदिर, पांडव खोली... आदि प्राचीन विरासतूक वैभवशाली इतिहास यां पर किताबों में के ना और न कैलै सोच य बारम। द्वी गायक कलाकारुल शेरदा अनपढ़क कविता पर एक गीत बनाछ रातों रात स्टार बन गई... न त्यार न म्यार शेरुआ... य छू आपण भाषाक ताकत। आजकल सोशल मीडिया पर सब यई गीत पर रील बनाम रई।
तुमर स्कूल पाठ्यक्रम में के छू कास पाठ छैँ उनपर लै ध्यान दियो इंग्लिश किताबक एक पाठ में बकार पालणिंयक कहानी छू बाकर पालणीं छू अल्मोडा में उकार नाम छू खान आब पूरा उत्तराखंड में सिर्फ बकरीपालन सिर्फ खानलै करौ। नशरुद्दीन का निशाना वाल पाठ कक्षा चार में हिंदी और इंग्लिश द्वियै विषय में छू। उ पाठक कहानीक मतलब छू सेखी मारण।
सब्बू हैबे पैली य शिक्षाक नाम पर जो य उत्तराखंड में चल रॉ एक बार सब यपा ध्यान दियो तुमुकैं सब पत्त चल जाल गड़बड़ कांबै हैरै।