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अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं,दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्। सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं,रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।“अत...
06/03/2025

अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं,दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं,रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।

“अतुल बल के धाम, सोने के पर्वत के समान कांतियुक्त शरीर वाले, दैत्यरूपी वन के लिए अग्नि रूप, ज्ञानियों में अग्रगण्य, संपूर्ण गुणों के निधान, वानरों के स्वामी, श्री रघुनाथ जी के प्रिय भक्त पवनपुत्र श्री हनुमान जी को मैं प्रणाम करता हूं।”

🙏🙏महाशिवरात्रि का महत्त्व🙏🙏नमामीशमीशान निर्वाणरूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदस्वरूपं।निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहंचिदाक...
26/02/2025

🙏🙏महाशिवरात्रि का महत्त्व🙏🙏

नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदस्वरूपं।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं
चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहं।।

हे ईशान! मैं मुक्तिस्वरूप, समर्थ, सर्वव्यापक, ब्रह्म, वेदस्वरूप, निज स्वरूप में स्थित, निर्गुण, निर्विकल्प, निरीह, अनन्त ज्ञानमय और आकाश के समान सर्वत्र व्याप्त प्रभु को प्रणाम करता हूं।।

सत्य ही शिव हैं और शिव ही सुंदर है। तभी तो भगवान आशुतोष को सत्यम शिवम सुंदर कहा जाता है। भगवान शिव की महिमा अपरंपार है। भोलेनाथ को प्रसन्न करने का ही महापर्व है...शिवरात्रि...जिसे त्रयोदशी तिथि, फाल्गुण मास, कृष्ण पक्ष की तिथि को प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है। महाशिवरात्रि पर्व की विशेषता है कि सनातन धर्म के सभी प्रेमी इस त्योहार को मनाते हैं।

हमारे धर्म शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि महाशिवरात्रि का व्रत करने वाले साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है। जगत में रहते हुए मुष्य का कल्याण करने वाला व्रत है महाशिवरात्रि। इस व्रत को रखने से साधक के सभी दुखों, पीड़ाओं का अंत तो होता ही है साथ ही मनोकामनाएं भी पूर्ण होती है। शिव की साधना से धन-धान्य, सुख-सौभाग्य,और समृद्धि की कमी कभी नहीं होती। भक्ति और भाव से स्वत: के लिए तो करना ही चाहिए सात ही जगत के कल्याण के लिए भगवान आशुतोष की आराधना करनी चाहिए। मनसा...वाचा...कर्मणा हमें शिव की आराधना करनी चाहिए। भगवान भोलेनाथ..नीलकण्ठ हैं, विश्वनाथ है।

“उमा कहउँ मैं अनुभव अपना! सत हरि भजन जगत सब सपना”!!
25/02/2025

“उमा कहउँ मैं अनुभव अपना!
सत हरि भजन जगत सब सपना”!!

संकट तें हनुमान छुड़ावै।मन क्रम बचन ध्यान जो लावै॥                अर्थ- हे हनुमान जी! विचार करने में, कर्म करने में और ब...
24/02/2025

संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै॥
अर्थ-
हे हनुमान जी! विचार करने में, कर्म करने में और बोलने में, जिनका ध्यान आपमें रहता है, उनको सब संकटों से आप छुड़ाते है।

बंदउँ बालरूप सोइ रामू।सब सिधि सुलभ जपत जिसु नामू॥मंगल भवन अमंगल हारी।द्रवउ सो दसरथ अजिर बिहारी॥                         ...
23/02/2025

बंदउँ बालरूप सोइ रामू।सब सिधि सुलभ जपत जिसु नामू॥
मंगल भवन अमंगल हारी।द्रवउ सो दसरथ अजिर बिहारी॥

भावार्थ-
मैं उन्हीं राम के बाल रूप की वंदना करता हूँ, जिनका नाम जपने से सब सिद्धियाँ सहज ही प्राप्त हो जाती हैं। मंगल के धाम, अमंगल के हरनेवाले और दशरथ के आँगन में खेलने वाले (बालरूप) राम मुझ पर कृपा करें।

🙏🙏प्रभु श्री राम 🙏🙏
22/02/2025

🙏🙏प्रभु श्री राम 🙏🙏

शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदंब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदान्तवेद्यं विभुम्‌।रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगु...
20/02/2025

शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं
ब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदान्तवेद्यं विभुम्‌।
रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिं
वन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूडामणिम्‌॥

भावार्थ:-शान्त, सनातन, अप्रमेय (प्रमाणों से परे), निष्पाप, मोक्षरूप परमशान्ति देने वाले, ब्रह्मा, शम्भु और शेषजी से निरंतर सेवित, वेदान्त के द्वारा जानने योग्य, सर्वव्यापक, देवताओं में सबसे बड़े, माया से मनुष्य रूप में दिखने वाले, समस्त पापों को हरने वाले, करुणा की खान, रघुकुल में श्रेष्ठ तथा राजाओं के शिरोमणि राम कहलाने वाले जगदीश्वर की मैं वंदना करता हूँ॥

संकट कटे मिटे सब पीरा!जो सुमिरे हनुमत बलबीरा!!
18/02/2025

संकट कटे मिटे सब पीरा!
जो सुमिरे हनुमत बलबीरा!!

कहइ रीछपति सुनु हनुमाना। का चुप साधि रहेहु बलवाना॥पवन तनय बल पवन समाना। बुधि बिबेक बिग्यान निधाना॥ऋक्षराज जाम्बवन्त ने श...
17/02/2025

कहइ रीछपति सुनु हनुमाना। का चुप साधि रहेहु बलवाना॥
पवन तनय बल पवन समाना। बुधि बिबेक बिग्यान निधाना॥

ऋक्षराज जाम्बवन्त ने श्री हनुमानजी से कहा- हे हनुमान्‌! हे बलवान्‌! सुनो, तुमने यह क्या चुप साध रखी है? तुम पवन के पुत्र हो और बल में पवन के समान हो। तुम बुद्धि-विवेक और विज्ञान की खान हो॥

कवन सो काज कठिन जग माहीं।जो नहिं होइ तात तुम्ह पाहीं॥
राम काज लगि तव अवतारा। सुनतहिं भयउ पर्बताकारा॥

जगत्‌ में कौन सा ऐसा कठिन काम है जो हे तात! तुमसे न हो सके। श्री रामजी के कार्य के लिए ही तो तुम्हारा अवतार हुआ है। यह सुनते ही हनुमान्‌जी पर्वत के आकार के (अत्यंत विशालकाय) हो गए ॥

"सुमिर पवनसुत पावन नामू"
16/02/2025

"सुमिर पवनसुत पावन नामू"

भगवान शिव को राम नाम बहुत प्रिय है और वे राम नाम का निरंतर जाप करते हैं। राम नाम की महिमा के बारे में कई मान्यताएं हैं। ...
15/02/2025

भगवान शिव को राम नाम बहुत प्रिय है और वे राम नाम का निरंतर जाप करते हैं। राम नाम की महिमा के बारे में कई मान्यताएं हैं।

भगवान शिव और राम नाम की महिमा से जुड़ी मान्यताएं:

भगवान शिव ने स्वयं बताया है कि राम नाम का जाप विष्णु सहस्रनाम के पाठ के बराबर है!

भगवान शिव ने कहा है कि जो व्यक्ति एक बार राम कहता है, उसे वे तीन बार प्रणाम करते हैं!

भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए माता पार्वती ने राम नाम अंकित बेलपत्रों का इस्तेमाल किया था!

भगवान शिव श्मशान में जाते हैं और चिता की भस्म अपने शरीर पर लगाते हैं, क्योंकि लोग राम नाम का स्मरण करते हुए आते हैं!

राम नाम का जाप करने से मन की पीड़ा दूर होती है और चित्त शांत रहता है!

राम नाम का जाप करने से पापों का नाश होता है और मन पवित्र होता है!

राम नाम की महिमा हर युग में रही है, लेकिन कलयुग में इसका महत्व और भी ज़्यादा है!

राम नाम का जाप करने से भक्तों की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं!

🙏🙏संकट ते हनुमान छुड़ावै 🙏🙏
14/02/2025

🙏🙏संकट ते हनुमान छुड़ावै 🙏🙏

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