10/08/2025
*सूचना*
*आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 54 के अंतर्गत*
यह संज्ञान में आया है कि कुछ व्यक्ति सोशल मीडिया, मैसेजिंग ऐप्स तथा मौखिक रूप से बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने और पुलों को क्षति पहुँचने संबंधी भ्रामक एवं असत्य सूचनाएँ प्रसारित कर रहे हैं।
ऐसी अफवाहें आमजन में अनावश्यक भय और दहशत पैदा कर रही हैं, एवं लोक व्यवस्था को प्रभावित कर रही हैं।
जबकि, आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 54 में स्पष्ट प्रावधान है कि –
*जो कोई किसी आपदा या उसकी गंभीरता या परिमाण के संबंध में झूठा अलार्म या चेतावनी देता है या फैलाता है, जिससे दहशत फैलती है, उसे एक वर्ष तक के कारावास या जुर्माना, अथवा दोनों से दंडित किया जाएगा।*
अतः, समस्त नागरिकों को हिदायत दी जाती है कि –
1. पुलों की क्षति, बाढ़ की स्थिति अथवा अन्य किसी आपदा संबंधी असत्य/अप्रमाणित सूचना का प्रसार पूर्णतः वर्जित है।
2. ऐसा करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 54 सहित भारतीय दंड संहिता एवं सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के अंतर्गत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
3. नागरिक केवल जिला प्रशासन, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं अधिकृत एजेंसियों से प्राप्त आधिकारिक सूचनाओं पर ही विश्वास करें।
4. आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 30, 34 एवं 51 के अंतर्गत बार-बार चेतावनी के बावजूद कुछ लोग अपने घर खाली नहीं कर रहे हैं। सभी निवासियों को निर्देशित किया जाता है कि तुरंत सुरक्षित स्थानो की तरफ अपने समान और मवेशियों सहित जाएं। आदेश का पालन न करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सभी से अनुरोध है कि प्रशासन का सहयोग करें एवं किसी भी प्रकार की अफवाह फैलाने वालों की सूचना तत्काल निकटतम थाने अथवा जिला नियंत्रण कक्ष (हेल्पलाइन नंबर) पर दें।
यह आदेश जनहित में जारी किया जाता है।
उपमंडलाधिकारी नागरिक
फतेहपुर