
05/08/2025
एक बार की बात है, एक आदमी के पास बहुत ही सुंदर घोड़ा था। वह घोड़ा इतना दुर्लभ और कीमती था कि सम्राटों ने भी उसे खरीदने की इच्छा जताई — चाहे जितनी कीमत देनी पड़े। लेकिन वह बूढ़ा आदमी इंकार करता रहा।
एक सुबह पता चला कि घोड़ा चोरी हो गया। पूरा गाँव इकठ्ठा हुआ, सबने दुख प्रकट किया: "कितना दुर्भाग्य है! तुम्हें उस घोड़े के लिए बहुत धन मिल सकता था। तुम ज़िद्दी और मूर्ख निकले। अब घोड़ा गया — हाथ कुछ नहीं आया!"
बूढ़ा आदमी हँस पड़ा। उसने कहा: "बकवास मत करो! बस इतना कहो कि घोड़ा अब अस्तबल में नहीं है। भविष्य क्या लाएगा, यह तो बाद में ही पता चलेगा।"
और हुआ यूँ कि पंद्रह दिन बाद घोड़ा वापस लौट आया — और अकेला नहीं, वन से बारह जंगली घोड़ों को साथ ले आया।
पूरा गाँव फिर एकत्र हुआ: "बूढ़ा तो सचमुच सही निकला! उसका घोड़ा वापस आ गया और बारह सुंदर घोड़े भी साथ लाया! अब वह जितना चाहे कमा सकता है!"
गाँव वाले बोले, "माफ करना, हम भगवान की लीला और भविष्य नहीं समझ पाए। तुम महान हो — तुम कुछ जानते थे, तुम्हें भविष्य की कोई झलक मिली थी।"
बूढ़ा फिर बोला: "बकवास! अब मैं सिर्फ इतना जानता हूँ कि घोड़ा वापस आया है और बारह घोड़े साथ लाया है। कल क्या होगा — कौन जानता है?"
अगले दिन ही हुआ यह कि बूढ़े का इकलौता बेटा उन घोड़ों में से एक को साधने की कोशिश कर रहा था, घोड़े से गिरा और उसकी टाँगें टूट गईं।
गाँव वाले फिर पहुँचे: "हाय हाय! अब यह तो शाप सिद्ध हुआ। घोड़ा नहीं लौटता तो बेहतर था। अब तुम्हारा बेटा जीवनभर लंगड़ा रहेगा।"
बूढ़ा बोला: "इतनी जल्दी निर्णय पर मत पहुँचो। केवल इतना कहो कि मेरे बेटे की टाँगें टूट गई हैं — बस। बाक़ी का इंतज़ार करो।"
फिर पंद्रह दिन बाद खबर आई कि देश युद्ध में जा रहा है, और सरकार ने सभी जवान लड़कों को जबरन सेना में भर्ती कर लिया।
सिर्फ बूढ़े का बेटा बचा — क्योंकि वह अपाहिज था, किसी काम का नहीं।
गाँव वाले रोते हुए आए: "हमारे बेटे चले गए! दुश्मन बहुत शक्तिशाली है — वे सब मरने जा रहे हैं। हमारे बुढ़ापे में कोई सहारा नहीं बचा। लेकिन तुम्हारे पास बेटा है — चाहे लंगड़ा है, पर तुम्हारे साथ है। शायद वह ठीक भी हो जाए।"
बूढ़ा शांत स्वर में बोला: "बस इतना कहो — तुम्हारे बेटे ले जाए गए हैं और मेरा बेटा यहीं रह गया है। इसमें भी कोई निष्कर्ष मत निकालो।"
केवल तथ्य को जानो — ना इसे शाप कहो, ना वरदान। कोई व्याख्या मत करो। और अचानक तुम देखोगे — हर चीज़ सुंदर ।
Patwaar Shabdon Ki
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