
25/06/2025
ब्राह्मणों के गांव में कथा कहने की तेरी हिम्मत कहां से हो गई, यह सवाल मुकुटमनी से नहीं हर वह इंसान से किया गया जो भक्ती कि राह पर जाति की दीवार को लांघने की कोशिश करता है, यह सवाल इस सोच का प्रतीक है की जो लोग यह मानते कि भगवान सिर्फ ऊंची जाति का है तो यह सवाल है की क्या भगवान श्री राम ने माता शबरी का जुठ्ठा बेर उनसे उनकी जाति पूछ कर खाया था, क्या भगवान श्री कृष्णा सुदामा से दोस्ती उनकी जाति पूछ कर की थी और अगर भगवान भेदभाव नहीं कर रहे थे तो फिर भगवान के नाम पर ये कौन से धर्म के ठेकेदार हैं जो भगवान को बदनाम कर रहे हैं क्योंकि इटावा की जो यह घटना है जो इंसानियत को तार तार कर देने वाली हैं धर्म को खोखला बनाने वाली बाली हैं और समाज को भीतर से तोड़ने वाली हैं इटावा के ददरपुर गुड़गांव में कथावाचक मणि यादव और उनके सहयोगी संत कुमार के साथ जो हुआ यह केवल दो लोगों की बेइज्जती नहीं थी ............................. यह सवाल आज मैं आपसे पूछना चाहता हूं ?