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05/09/2024

गौरी महेश्वरायः नमः 🙏

02/09/2024

बोलिये गौरा महेश्वर जी की जय 🙏

01/09/2024

ॐ गौरा महेश्वरायः नमः

11/06/2024

प्राकृतिक सौंदर्य बच्चों का खेल आप भी देखिये

02/06/2024
27/02/2023

शुरूआत नाम से ही होती है।
नाम से ही पहचान होती है।
मोहम्मद युसुफ खान ...दिलीप कुमार बनते ही चमक उठे कौन कहता है नाम में कुछ नहीं रखा है बहुत कुछ नाम में ही है धरम पा जी जीतू अमित जी बहुत हैं।

26/01/2023

रोकड़ा खर्च हुआ बनाने में "पठान"
और टीआरपी बटोर ले गया "बाबा बागेश्वर धाम" 😁 #चमत्कार 🤣

19/12/2022

जो कलतक हिजाब पहनने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे थे
वहीं आज दीपिका की विकनी का समर्थन कर रहे हैं। हैं ना अजीब दोगलेपन

16/11/2022

हिंदू लड़किया अपने 35 टुकड़े तक करवा लेंगी,लेकिन इश्क अब्दुल से ही करेंगी।
क्योंकि,मेरा अब्दुल ऐसा नही है...

13/11/2022

स्विट्जरलेंड शायद विश्व का इकलौता ऐसा देश है, जहां वैज्ञानिक सोच के पढे-लिखे लोग नहीं पाये जाते। इसीलिए आज तक विकास के कदम नहीं पड़े वहाँ।

सोचिए यदि वहाँ भी वैज्ञानिक सोच के पढ़े-लिखे लोग पहुँच गए होते, तो क्या इतना पिछड़ा और अविकसित होता स्विट्जरलेंड ?

स्विट्जरलैंड की सरकार को चाहिए कि कुछ पढ़े-लिखे वैज्ञानिक सोच के भारतीयों को वहाँ की नागरिकता दे दे, ताकि वहाँ की नदियां भी गंगा और यमुना जैसी शुद्ध, पावन हो जाये। वहाँ से भी हरियाली, वन और खेत गायब हो जाएँ।

क्योंकि विकास का मतलब होता है मार्बल फ्लोरिंग और कंक्रीट के जंगलों वाला देश शहर जो भारत में बन रहा है। हरियाली गायब टाइल्स मार्बल की खेती पौधे पेड़ बाथरूम किचन कमरों में घर की दीवारों में यहाँ तक आंगन में भी टाइल्स मार्बल लगा रहे हैं वहां भी हरियाली नहीं है अब

10/11/2022

भारतीय कप्तान बोल रहे हैं उनकी टीम को प्रेशर था इसलिए हारे कल को पाकिस्तान से खेलते वक्त भी यही बोलोगे ज्यादा प्रेशर हैं तो पाकिस्तान से मत खेलना अभी बता देते हैं।

08/11/2022

आज जो वेदों पर शक कर रहे हैं वह ...ना+वेद....जा+वेद ...बनने के कगार में हैं।

जहां विज्ञान आज प्रगति की ओर है परंतु वैदिक शास्त्र के द्वारा अति प्राचीन काल से ही सूर्य और चंद्र ग्रहण को महत्व दिया जा रहा है। पूर्ण सूर्य और चंद्र ग्रहण के आरंभिक संकेत ऋग्वेद में है। बृहतसंहिता से प्रकट होता है कि ग्रहण का वास्तविक कारण का भान भारतीय ज्योतिष शास्त्र एवम शास्त्रज्ञों को सैकड़ों वर्ष पूर्व ही हो गया था। सर्वप्रथम ऋषि अत्री,वराहमिहिर जोकि वेदों के प्रकांड विद्वान एवं खगोल शास्त्री थे। (ईसा की छठी शताब्दी का पूर्वार्ध का समय) ने (वराहमिहिर) बृहतसंहिता में लिखा है चंद्र ग्रहण में चंद्र पृथ्वी की छाया में आ जाता है सूर्य ग्रहण में चंद्र सूर्य में प्रविष्ट हो जाता है यानी सूर्य एवं पृथ्वी के बीच में चंद्र आ जाता है। ग्रहण के कारणों को आरंभिक काल से ही हमारे ऋषि मुनि अपनी खोज एवं दिव्य दृष्टि से देख लेते थे इतने महान हैं हमारे वेद शास्त्र।
आधुनिकता की दौड़ में हम इतने दिशा विहीन हो गए हैं कि वेद शास्त्रों की महत्ता से विमुख हो रहे हैं। अतः वैदिक शास्त्रों की महत्ता को समझते हुए हम सभी सनातनी हिंदुओं को सनातन धर्म एवं वैदिक शास्त्रों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।

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