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18/05/2025

#लक्ष्मी_हरि_स्मृति_उपन्यास_सम्मान_2025_लेल

#उपन्यासक_पांडुलिपि_सादर_आमंत्रित

“लक्ष्मी-हरि स्मृति उपन्यास सम्मान 2025" लेल अंतिका प्रकाशन दिस सँ मैथिली मे मौलिक-अप्रकाशित उपन्यासक पांडुलिपि सादर आमंत्रित अछि। एहि सम्मानक शुरुआतक पाछाँ उद्येश्य मूलतः मैथिली मे उपन्यास-लेखन केँ प्रोत्साहित करबाक दिशा मे एक टा विनम्र प्रयास थिक। एहि सँ पहिने ई सम्मान 2021 मे सच्चिदानंद सच्चू कें 'लालटेनगंज' उपन्यास लेल, 2022 मे विभा रानी कें 'कनियाँ एक घुँघरुआवाली' उपन्यास लेल देल गेलनि। गत वर्ष 2023 मे कोनो पांडुलिपि केँ योग्य नहि पाओल गेला पर तीन सत्र मे उपन्यास केंद्रित एक टा सेमीनार केर आयोजन कयल गेल छल आ 2024 मे एहन स्थिति मे दू गोट वरिष्ठ उपन्यासकार, गंगेश गुंजन आ सुभाष चंद्र यादव कें सम्मानित करबाक सर्वसम्मति सँ निर्णय भेल छल।
आगामी आयोजन लेल रचनाकार लोकनि सँ विनम्र आग्रह जे ून_2025 धरि अपन पांडुलिपि अंतिकाक ई-मेल अथवा डाक पता पर पठाबी।

सम्मान सँ सम्बन्धित नियम आ शर्त :

1. उपन्यास मूलतः मैथिली मे हो आ स्तरीय हो। कम सँ कम चालीस हजार शब्दक हो।

2. पांडुलिपि वर्ड फाइल आकि पेजमेकर मे टंकित हैब बेसी नीक। टंकित पांडुलिपि ईमेल करी। हस्तलिखित पांडुलिपिक फोटो प्रति विशेष स्थिति मात्र मे स्वीकार्य होअत--फोटो कॉपी साफ आ पढ़' मे सुविधाजनक होइ आ से तीन सेट मे रहय आ ओहि पर पहिल पन्ना के अतिरिक्त कतहु नाम नहि हो।

3. सम्मानक घोषणा 9 अगस्त केँ (महालक्ष्मी जीक पुण्यतिथि पर) कयल जायत आ सम्मान अर्पण सह पुस्तक विमोचन कार्यक्रम 28 सितंबर केँ (हरिदास जीक पुण्यतिथि पर) सम्पन्न हैत।

4. पांडुलिपि प्रकाशित करबाक अधिकार ‘अंतिका प्रकाशन’क पक्ष मे रहत आ प्रकाशित पुस्तकक लेखकीय छह प्रतिक संग एगारह हजार टाका, 28 सितंबरक सादगीपूर्ण सम्मान समारोह सह विमोचन कार्यक्रम मे लेखक केँ स्मृति चिह्न, मानपत्र आ अंग वस्त्र संग देल जयतनि।

5. कार्यक्रम (सम्मान-समारोह सह विमोचन) सामान्यतः चनौरा गंज (झंझारपुर, मधुबनी) अथवा नई दिल्ली मे होयत। विशेष स्थिति मे आयोजक स्थान परिवर्तन क' सकैत अछि।

6. कार्यक्रम मे अबै-जाइक मार्गव्यय आ अन्य व्यवस्था आयोजक करत।

7. सम्मानक अंतिम निर्णय तीन सदस्यीय चयन-समितिक हैत। ओहि पर कोनो विवाद मान्य नइँ।

8. सम्मानित कृतिक अतिरिक्त जँ बाकी पांडुलिपि प्रकाशन योग्य हैत तँ ओकरो प्रकाशनक पहिल अधिकार अंतिकाक हैत।

9. विशेष स्थिति मे जँ एक संग दू गोट कृतिकारक रचना एक पर एक होइ आ एक टा केँ खारिज करब कठिन, तँ ओहि स्थिति मे दुनू केँ संयुक्त रूप सँ पुरस्कृत कयल जायत। तहिना यदि कोनो वर्ष कोनो कृति सम्मान योग्य नइँ रहत तँ ओहि वर्ष सम्मान कार्यक्रम स्थगित रहत, मुदा उपन्यास केंद्रित विमर्श होयत।

10. ई सम्मान प्रति वर्ष एही तिथि-क्रम मे सम्पन्न करबाक प्रयास रहत।

11. एहि सम्मानक प्रायोजक छथि डॉ. प्रोमिला आ डॉ. श्रीधरम।

पांडुलिपि सभक प्रतीक्षा अछि।

आयोजक
अंतिका प्रकाशन प्रा लि
सी-56/यूजीएफ-4, शालीमार गार्डन एक्सटेंशन-2,
गाजियाबाद-201005

ईमेल : [email protected]
दूरभाष : +91-9874856053

28/09/2024
एहि बेरक 'लक्ष्मी-हरि स्मृति विशिष्ट उपन्यास सम्मान' केर समाचार कें प्रमुखता सं स्थान देबाक लेल सभ पत्रकार बंधुक  संग प्...
10/08/2024

एहि बेरक 'लक्ष्मी-हरि स्मृति विशिष्ट उपन्यास सम्मान' केर समाचार कें प्रमुखता सं स्थान देबाक लेल सभ पत्रकार बंधुक संग प्रभात खबर, दैनिक भास्करदैनिक, जागरण आ समदिया मिथिला आदि समाचारपत्र क प्रति सेहो आभार।
('लक्ष्मी-हरि स्मृति विशिष्ट उपन्यास सम्मान'-2024 की घोषणा को समाचार-पत्रों में प्रमुखता से स्थान देने के लिए समाचारपत्र खासकर प्रभात खबर, दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण और समदिया मिथिला आदि के संग पत्रकार मित्रों का हार्दिक आभार)
https://epaper.prabhatkhabar.com/crop/66b6e76f6831e01e54787c4a

घोषणा  वरिष्ठ रचनाकार गंगेश गुंजन आ सुभाष चंद्र यादव कें भेटतनि 2024क “लक्ष्मी-हरि स्मृति विशिष्ट उपन्यासकार सम्मान” आइ ...
09/08/2024

घोषणा

वरिष्ठ रचनाकार गंगेश गुंजन आ सुभाष चंद्र यादव कें भेटतनि 2024क “लक्ष्मी-हरि स्मृति विशिष्ट उपन्यासकार सम्मान”


आइ 09 अगस्त, 2024 कें ई जनतब दैत प्रसन्नता भ’ रहल अछि जे लक्ष्मी-हरि स्मृति उपन्यास सम्मान समिति वर्ष 2024 मे ‘लक्ष्मी-हरि स्मृति विशिष्ट उपन्यासकार सम्मान’ वरिष्ठ उपन्यासकार गंगेश गुंजन आ सुभाष चंद्र यादव कें देबाक निर्णय तीन-सदस्ययीय चयन मंडलक सर्वसम्मति सँ लेल गेल निर्णय के आधार पर कयलक अछि। सम्मान-अर्पण सह उपन्यास केंद्रित महत्त्वपूर्ण चर्चा आ कवि सम्मेलनक आयोजन चनौरा-गंज, जिला मधुबनी मे 28 सितंबर, 2024 कें अपराह्न 1:30 बजे सँ संध्या 7:30 बजे धरि हैत। एहि आयोजन मे दू दर्जन सँ बेसी मैथिली भाषी विद्वान लेखक आ कवि देशक अलग-अलग भू-भाग सँ जुटताह।
जनतब हो जे मैथिली मे उपन्यास लेखन कें बढ़ावा देबाक उद्येश्य सं साहित्यकार श्रीधरम एवं हुनक पत्नी प्रोमिला अपन माता-पिता महालक्ष्मी एवं हरिदास जीक स्मृति मे वर्ष 2021 मे एहि सम्मानक आरंभ अंतिका संग केने रहथि। बहुत कम समय मे एहि सम्मान कें व्यापक प्रतिष्ठा और स्वीकार्यता भेटल अछि। वर्ष 2021 मे ई सम्मान सच्चिदानंद सच्चू कें हुनक उपन्यास ‘लालटेनगंज’ आ 2022 मे विभा रानी कें ‘कनियाँ एक घुंघरुआवाली’क लेल देल गेल छल। एहि सम्मानक लेल चयनित दुनू उपन्यासक प्रकाशन अंतिका प्रकाशन सँ भेल अछि।
वर्ष 2023 मे कोनो पाण्डुलिपि कें योग्य नहि पाओल गेल तें उपन्यास केन्द्रित संगोष्ठीक आयोजन कयल गेल छल। एहू वर्ष सम्मान-योग्य पांडुलिपि नहि भेटलाक स्थिति मे आयोजन समिति अपन भाषाक वरिष्ठतम उपन्यासकार केर सम्मान करबाक उद्देश्य सँ ‘लक्ष्मी-हरि स्मृति विशिष्ट उपन्यासकार सम्मान देबाक निर्णय करैत एक निर्णायक मण्डल गठित कयलक। प्रसन्नता जे ई निर्णय सर्वसम्मति सँ भेल। एहि सम्मान संग सम्मानित उपन्यासकारक उपन्यास पर गंभीर चर्चा सेहो हैत।
एहि सम्मान लेल गठित चयन समिति मे शामिल भेलाह— वरिष्ठ कवि-कथाकार-आलोचक तारानंद वियोगी, आलोचक आ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी मे प्रोफेसर कमलानंद झा आ कथाकार-उपन्यासकार शुभेन्दु शेखर।
निर्णयक क्रम मे अपन मन्तव्य दैत वरिष्ठ रचनाकार तारानंद वियोगी लिखैत छथि : “मैथिली उपन्यास अपन एक शताब्दीक यात्रा-क्रम मे अनेक कथ्य, प्रयोग, भाषा आ संवेदनाक प्रति-संसार रचलक अछि। वर्तमान मे जे वरिष्ठ उपन्यासकार लोकनि साहित्य-जगत मे सजग रचनाशील छथि ताहि मे गंगेश गुंजन आ सुभाष चन्द्र यादव अन्यतम छथि।
गंगेश गुंजनक प्रसिद्ध उपन्यास 'पहिल लोक' एक निम्न मध्यवर्गीय ब्राह्मण युवकक प्रेम, मोहभंग, संघर्ष आ अन्तत: क्रान्तिकारी वैचारिकताक माध्यमें पुरातनपंथी जड़ता सँ मुक्ति प्राप्त करबाक कथा थिक। 1973 मे धारावाही आ 1981 मे पुस्तकाकार प्रकाशित ई उपन्यास आइयो मैथिली उपन्यासक इतिहास मे ने केवल अपन नब तेवरक लेल अपितु औपन्यासिक सृजन-चेतनाक लेल सेहो प्रासंगिक अछि।
सुभाष चन्द्र यादवक 'गुलो' (2015) एहि खूंखार पूंजीवादी विकासक अंधकार-काल मे निपट निरीह भूमिहीन, गरीब, वंचित लोकक जीवन-संघर्ष कें अद्भुत मार्मिकताक संग अभिव्यक्त करबाक लेल प्रशंसित भेल अछि। एहि उपन्यासक एक खास विशेषता एकर भाषा सेहो थिक जे कि यथार्थक यथातथ्य प्रस्तुति लेल अनिवार्य राखल गेल अछि। आगां डॉ सुभाषक दू आर उपन्यासिका 'भोट' आ 'मडर' प्रकाशित भेल जे अपन विलक्षण रचना-वैशिष्ट्यक कारण प्रशंसित भेल अछि।
वर्तमान समय मे रचना-रत मैथिलीक दू वरिष्ठ आ महत्वपूर्ण उपन्यासकारक रूप मे हम ‘लक्ष्मी-हरि स्मृति विशिष्ट उपन्यासकार सम्मान’ लेल डॉ गंगेश गुंजन आ डॉ सुभाष चन्द्र यादवक चयन करबाक अनुशंसा करै छी।”
आलोचक कमलानंद झा गुंजन जीक चयन करैत लिखै छथि, “कवि, कहानीकार, उपन्यासकार, नाटककार, अनुवादक गंगेश गुंजन मैथिली आ हिंदीक लब्धप्रतिष्ठित रचनाकार छथि। 'हम एकटा मिथ्या परिचय’ हिनक सुदीर्घ कविता अछि। 'लोक सुनू' आ 'अन्हार मे डमरू' हिनक प्रसिद्ध काव्य-संग्रह। मैथिली कथा-संग्रह 'उचितवक्ता'क लेल हिनका साहित्य अकादमी पुरस्कार सँ सम्मानित कयल गेल अछि। गुंजनक रचना मे मिथिलाक सामाजिक यथार्थ अत्यंत सघन रूप सँ रेखांकित भेल अछि। आम जनक पीड़ा, दुख आ दमने टा नहि अपितु ओकर आकांक्षा आओर अभिलाषाक सजग अभिव्यक्ति हिनक रचनाक वैशिष्ट्य अछि। गंगेश गुंजनक मैथिली उपन्यास 'पहिल लोक' रूढ़िभंजक उपन्यासक रूप मे समादृत अछि। एहि उपन्यास मे एक टा शिक्षित नवयुवक राजूक माध्यम सँ समाज मे विन्यस्त विसंगतिक बहुत रोचक प्रस्तुति भेल अछि। हिनक सुखद भविष्यक कामना करैत लक्ष्मी-हरि स्मृति विशिष्ट उपन्यासकार सम्मान सँ सम्मानित क’ संस्था अपना केँ गौरवान्वित अनुभव करैत अछि।”
प्रोफेसर कमलानंद सुभाष जीक चयन पर अपन टिप्पणी मे लिखैत छथि, “मैथिलीक वरिष्ठ कथाकार, उपन्यासकार, आलोचक, अनुवादक सुभाष चंद्र यादव मैथिलीक सुपरिचित आ प्रतिष्ठित रचनाकार छथि। हिनक रचना-संसार विविधतापूर्ण अछि। घरदेखिया, बनैत-बिगड़ैत हिनक चर्चित कथा-संग्रह अछि। हिनक कथा-संसार मे मिथिलाक सामाजिक-आर्थिक रूप सँ उपेक्षित वर्ण-वर्ग अपन संपूर्ण संभावना आ कमीक संग सदेह-सक्रिय उपस्थित अछि। 'घरदेखिया' जेहन दुर्लभ आ ऐतिहासिक महत्त्वक कथा-लेखक सुभाष चंद्र यादव मिथिलाक समानांतर दुनियाक यथार्थ केँ प्रकाश मे लाबयबला लेखक छथि।
'गुलो', 'मडर' आ ‘भोट’ सुभाषजीक महत्त्वपूर्ण उपन्यास अछि। सुभाष चन्द्र यादवक उपन्यास 'गुलो' मैथिली उपन्यास परंपरा मे एक टा नब कीर्तिमान स्थापित कयलक। 'आखिरी विपन्न मनुष्य'क विरल कथा अछि 'गुलो'। निम्न जातिक लोकक सब सँ पहिल आ पैघ लड़ाई अछि - अपन अस्तित्वक रक्षा। सुभाष चंद्र यादव एहि लड़ाई कें 'गुलो' मे निपट-नांगट रूप मे रखलनि-ए। 'गुलो'क भाषा कें मैथिली उपन्यासक उपलब्धिक रूप मे देखबाक बेगरता अछि। जाहि भाषा मे निम्न जातिक लोक अपन अस्तित्व के बचेबाक लड़ाई लड़ैत अछि, जे भाषा ओकर जीबाक-मरबाक भाषा अछि, उपन्यासकार 'गुलो'क रचना ओही 'पचपनिया' भाषा मे कयलनि-ए। निम्नवर्गीय समुदायक भाषाक सर्जनात्मक उपयोग सँ मैथिली भाषाक एकरसता कें तोड़बा मे सुभाष चन्द्र यादव सफल रहलाह। मैथिलीक वरिष्ठ लेखक सुभाष चन्द्र यादवक एहि साहित्यिक उपलब्धि के देखैत हिनका लक्ष्मी-हरि स्मृति विशिष्ट उपन्यासकार सम्मान सँ विभूषित कए संस्था अपना कें गौरवान्वित महसूस करैत अछि।”
अपन सम्मति मे महत्त्वपूर्ण कथाकार-उपन्यासकार शुभेन्दु शेखर कहैत छथि, “डॉ. गंगेश गुंजन जी सत्तर के दशक सँ लेखन मे सक्रिय छथि आ से लगभग सब विधा मे। ओना उपन्यास हिनकर एक्के टा प्रकाशित छनि, मुदा ई उपन्यास वैचारिक रूप सँ दृष्टि संपन्न करयवला उपन्यास छै जे समाजिक वर्जना आ जड़ता कें तोड़बाक बात रखैत छै।
डॉ. सुभाष चंद्र यादव मैथिली मे ललित के परम्परा कें आगू बढ़ाब’बला उपन्यासकार-कथाकार छथि। ई मैथिलीक एहेन उपन्यासकार छथि जे हाशिया पर धकिया देल लोकक भाषा आ ओकर आवाज कें अपन साहित्य मे स्थान देलनि। ई मैथिली भाषा-साहित्य मे अभिजात्यता के अनिवार्यता पर प्रश्नचिन्ह लगोलनि। हिनकर पात्र-चरित्र सब ओ सामान्य लोक छै जे सहजताक संग, कोनो तरहक अभिजात्यता के परिधि सँ बाहर भ' अपन रोजाना के गाम-घरक भाषा बजैत छै। हिनकर उपन्यास सब मैथिली कें समावेशी बनेबाक ओकालत करैत छै।
लक्ष्मी-हरि स्मृति विशिष्ट उपन्यासकार सम्मानक लेल हम हिनका दुनू गोटेक नामक अनुशंसा करैत प्रसन्नताक अनुभव करैत छी।”
एहि सम्मानक संयोजक गौरीनाथ एकर घोषणा करैत कहैत अछि, “वरिष्ठतम रचनाकार गुंजन जी आ सुभाष जीक सम्मानक ई अवसर हमरा सभक लेल विशेष आह्लादक क्षण थिक। ई दुनू मैथिलीक ओ रचनाकार छथि जे बहुत रास वर्जना कें तोड़ि एक टा नव रस्ता चुनलनि। हमरा सभक लेल आरो आह्लादक क्षण आओत जखन हमरा भाषाक सक्रिय लेखक नव-नव उपन्यास लिखि जड़ता कें कम करताह। चयन-समितिक सदस्य लोकनिक संगहि पांडुलिपि पठबैवला लेखक सभक प्रति सेहो अंतिका परिवार दिस सँ हम आभार व्यक्त करैत छी।”
लक्ष्मी-हरिदास जीक पुत्र आ एहि आयोजनक महत्त्वपूर्ण स्तम्भ श्रीधरम दुनू उपन्यासकारक प्रति शुभकामनाक संग कहैत छथि, “ई हमरा सभक अग्रज रचनाकार छथि जिनक लेखन अगिला पीढ़ी लेल प्रेरक हैत। उमेद करैत छी हिनका लोकनि सँ प्रेरित भ’ सक्रिय उपन्यास लेखक अगिला बेर बेसी नीक उपन्यासक पांडुलिपि पठौताह आ मैथिली उपन्यासक जड़ता सेहो टूटत।”



डॉ. गंगेश गुंजनक परिचय
जन्म : 15 जुलाइ, 1942 कें बरारी, भागलपुर मे।
पैतृक गाम : पिलखवाड़ (मधुबनी)
शिक्षा : हिंदी आ मैथिली मे एम.ए., पटना विश्वविद्यालय सँ पी-एच. डी.।
कृति : मैथिली मे 'अन्हार इजोत', 'उचितवक्ता', 'सिन्दूरक दाम' (कथा-संग्रह), 'पहिल लोक' (उपन्यास), 'लोक सुनू' (कविता-संग्रह), 'आइ भोर', 'नवका सिलेबस' (नाटक) सहित कतेको पुस्तक प्रकाशित। मैथिली मे 41 वर्ष बाद हिनक दोसर कविता-संग्रह ‘अन्हार मे डमरू’ 2021 मे प्रकाशित भेल।
हिंदी मे सेहो एक दर्जन सँ बेसी मूल, अनूदित आ संपादित पुस्तक प्रकाशित छनि। आकाशवाणी, प्रसार भारती सँ जुलाइ, 2002 मे सेवा निवृत्तिक बाद संप्रति स्वतंत्र लेखन मे सक्रिय छथि।
साहित्य अकादमी पुरस्कार, चेतना ताम्रपत्र सम्मान, प्रबोध साहित्य सम्मान, विद्यापति सम्मान, बिहार सम्मान (दिल्ली सरकार) सहित अनेक सम्मान सँ सम्मानित छथि।
संपर्क : पारस टियरा, टॉवर-8, फ्लैट नं. 102, सेक्टर-137, नोएडा-201305 (उ.प्र.)
स्थायी पता : ग्राम पोस्ट-पिलखवाड़, मधुबनी (बिहार)
ई मेल : [email protected]

डॉ. सुभाष चंद्र यादवक परिचय
सुभाष चंद्र यादव मैथिलीक विख्यात कथाकार छथि। ओ हिंदी के प्रोफेसर छलाह। ओ अनेक भाषाक जानकार छथि। मैथिली, हिंदी, बांग्ला तथा अंगरेजी मे हुनका द्वारा कयल गेल अनेक अनुवाद प्रकाशित अछि। मैथिली आ हिंदी मे हुनक अनेक पुस्तक प्रकाशित छनि। हुनका कतेको प्रतिष्ठित सम्मान भेटल छनि।
संपर्क : वार्ड नं. 16, सुपौल 852131 (बिहार)

20/04/2024

#लक्ष्मी_हरि_स्मृति_उपन्यास_सम्मान_2024_लेल

#उपन्यासक_पांडुलिपि_सादर_आमंत्रित

“लक्ष्मी-हरि स्मृति उपन्यास सम्मान 2024" लेल अंतिका प्रकाशन दिस सँ मैथिली मे मौलिक-अप्रकाशित उपन्यासक पांडुलिपि सादर आमंत्रित अछि। एहि सम्मानक शुरुआतक पाछाँ उद्येश्य मूलतः मैथिली मे उपन्यास-लेखन केँ प्रोत्साहित करबाक दिशा मे एक टा विनम्र प्रयास थिक। एहि सँ पहिने ई सम्मान 2021 मे सच्चिदानंद सच्चू कें 'लालटेनगंज' उपन्यास लेल, 2022 मे विभा रानी कें 'कनियाँ एक घुँघरुआवाली' उपन्यास लेल देल गेलनि। गत वर्ष 2023 मे कोनो पांडुलिपि केँ योग्य नहि पाओल गेला पर तीन सत्र मे उपन्यास केंद्रित एक टा सेमीनार केर आयोजन कयल गेल छल। आगामी आयोजन लेल रचनाकार लोकनि सँ विनम्र आग्रह जे ून_2024 धरि अपन पांडुलिपि अंतिकाक ई-मेल अथवा डाक पता पर पठाबी।

सम्मान सँ सम्बन्धित नियम आ शर्त :

1. उपन्यास मूलतः मैथिली मे हो आ स्तरीय हो। कम सँ कम चालीस हजार शब्दक हो।

2. पांडुलिपि वर्ड फाइल आकि पेजमेकर मे टंकित हैब बेसी नीक। टंकित पांडुलिपि ईमेल करी। हस्तलिखित पांडुलिपिक फोटो प्रति विशेष स्थिति मात्र मे स्वीकार्य होअत--फोटो कॉपी साफ आ पढ़' मे सुविधाजनक होइ आ से तीन सेट मे रहय आ ओहि पर पहिल पन्ना के अतिरिक्त कतहु नाम नहि हो।

3. सम्मानक घोषणा 9 अगस्त केँ (महालक्ष्मी जीक पुण्यतिथि पर) कयल जायत आ सम्मान अर्पण सह पुस्तक विमोचन कार्यक्रम 28 सितंबर केँ (हरिदास जीक पुण्यतिथि पर) सम्पन्न हैत।

4. पांडुलिपि प्रकाशित करबाक अधिकार ‘अंतिका प्रकाशन’क पक्ष मे रहत आ प्रकाशित पुस्तकक लेखकीय छह प्रतिक संग एगारह हजार टाका, 28 सितंबरक सादगीपूर्ण सम्मान समारोह सह विमोचन कार्यक्रम मे लेखक केँ स्मृति चिह्न, मानपत्र आ अंग वस्त्र संग देल जयतनि।

5. कार्यक्रम (सम्मान-समारोह सह विमोचन) सामान्यतः चनौरा गंज (झंझारपुर, मधुबनी) अथवा नई दिल्ली मे होयत। विशेष स्थिति मे आयोजक स्थान परिवर्तन क' सकैत अछि।

6. कार्यक्रम मे अबै-जाइक मार्गव्यय आ अन्य व्यवस्था आयोजक करत।

7. सम्मानक अंतिम निर्णय तीन सदस्यीय चयन-समितिक हैत। ओहि पर कोनो विवाद मान्य नइँ।

8. सम्मानित कृतिक अतिरिक्त जँ बाकी पांडुलिपि प्रकाशन योग्य हैत तँ ओकरो प्रकाशनक पहिल अधिकार अंतिकाक हैत।

9. विशेष स्थिति मे जँ एक संग दू गोट कृतिकारक रचना एक पर एक होइ आ एक टा केँ खारिज करब कठिन, तँ ओहि स्थिति मे दुनू केँ संयुक्त रूप सँ पुरस्कृत कयल जायत। तहिना यदि कोनो वर्ष कोनो कृति सम्मान योग्य नइँ रहत तँ ओहि वर्ष सम्मान कार्यक्रम स्थगित रहत, मुदा उपन्यास केंद्रित विमर्श होयत।

10. ई सम्मान प्रति वर्ष एही तिथि-क्रम मे सम्पन्न करबाक प्रयास रहत।

11. एहि सम्मानक प्रायोजक छथि डॉ. प्रोमिला आ डॉ. श्रीधरम।

पांडुलिपि सभक प्रतीक्षा अछि।

आयोजक

अंतिका प्रकाशन प्रा लि
सी-56/यूजीएफ-4, शालीमार गार्डन एक्सटेंशन-2,
गाजियाबाद-201005

ईमेल : [email protected]
दूरभाष : +91-9874856053

10/12/2023

‘बया’ के लिए सदस्यता अभियान में सहयोग हेतु निवेदन

(समान विचार के मित्रों से आग्रह कि बया के लिए सदस्यता अभियान में व्यक्तिगत रुचि लेकर कृपया सहयोग बढ़ाने की कोशिश करें)

'बया’ के अंक इधर लगातार कठिन संघर्षों से गुज़र कर ही निकल रहे हैं। लगभग एक दशक से राज्य सरकारों के जनसम्पर्क विभाग से मिलने वाले विज्ञापन 'बया’ को नहीं मिले हैं। कभी-कभार बैंकिंग क्षेत्र जैसे किसी स्वायत्त संस्थान के विज्ञापन ज़रूर मिल जाते हैं जिसकी एक सीमा यह है कि ये बहुत ही अनियमित तौर पर मिलते हैं। कहीं से साल में एक बार, तो कहीं से दो-चार साल में एक बार और उसके लिए बार-बार कोशिश करते रहने की मजबूरी अलग से। इस कारण है कि हमारी अधिकतम निर्भरता अपने सदस्यों/पाठकों के ऊपर ही रहती है और यही कोशिश आगे भी रहेगी।

बीच-बीच में कुछ मित्रों ने व्यक्तिगत स्तर पर आर्थिक सहयोग की पेशकश ज़रूर की, लेकिन हमने उन्हें विनम्रतापूर्वक मना करते हुए यही कहा कि वे ख़ुद वार्षिक/आजीवन सदस्य बनें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें तो यह ज़्यादा बड़ा सहयोग होगा। इस तरह के सहयोग सम्मानजनक और टिकाऊ तो होंगे ही, पत्रिका निकालने के मकसद को भी पूरा करने में सहायक होंगे।

इस बीच फिर संकट की स्थिति गहरा गई है और आगामी 50वाँ अंक बड़ा विशेषांक होने के कारण ख़र्चे बढ़ेंगे। ऐसे में 'बया’ के अपने शुभेच्छु मित्रों से सदस्यता अभियान में सहयोग करने के लिए आग्रह करने के अलावा हमारे पास कोई और विकल्प नहीं है। कृपया आप समय से ख़ुद की सदस्यता का नवीनीकरण तो करें ही, परिजनों और मित्रों को भी सदस्य बनने के लिए प्रेरित करें। किसी मित्र-परिजन को उपहार स्वरूप भी सदस्य बनाकर सहयोग कर सकते हैं। इस समय हमें आपसे अधिकतम सहयोग की ज़रूरत है।

सदस्यता शुल्क इस प्रकार है—

व्यक्तिगत
चार अंकों के लिए = 400
आठ अंकों के लिए = 800
आजीवन = 7,500

संस्थाओं के लिए
चार अंकों के लिए = 450
आठ अंकों के लिए = 900
बीस वर्षों के लिए = 7,500

सहयोग राशि ANTIKA PRAKASHAN के नाम चेक अथवा खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर या मोबाइल नंबर 9871856053 पर गूगल पे, फोन पे Paytm आदि से UPI के जरीए भेज सकते हैं।

बैंक डिटेल्स चाहिए तो कृपया WhatsApp मैसेज कर बता सकते हैं।

संपादकीय संपर्क :
अंतिका प्रकाशन, सी-56/यूजीएफ-4, शालीमार गार्डन एक्सटेंशन-2, ग़ाज़ियाबाद-201005 (उ.प्र.)
ईमेल : [email protected]

सादर
गौरीनाथ

28/09/2023

लक्ष्मी-हरि स्मृति उपन्यास सम्मान 2023
अंतर्गत उपन्यास-केंद्रित राष्ट्रीय संगोष्ठी

लक्ष्मी-हरि स्मृति उपन्यास सम्मान 2023अंतर्गत उपन्यास-केंद्रित राष्ट्रीय संगोष्ठीस्थान : सभागार, आत्मा राम सनातन धर्म कॉ...
27/09/2023

लक्ष्मी-हरि स्मृति उपन्यास सम्मान 2023
अंतर्गत उपन्यास-केंद्रित राष्ट्रीय संगोष्ठी

स्थान : सभागार, आत्मा राम सनातन धर्म कॉलेज, धौलाकुआँ, नई दिल्ली
दिनांक : 28 सितंबर, 2023

प्रथम सत्र : अपराह्न 02:00 बजे सँ
उपन्यासक अवधारणा आ भारतीय उपन्यास
बीज वक्तव्य : अच्युतानन्द मिश्र
हरिदासक आत्मकथा 'जनम जुआ मति हारहु' क अंश पाठ : सोनी नीलू झा

दोसर सत्र : अपराह्न 02:45 बजे सँ
मैथिली मे उपन्यास लेखनक चिंता आ सरोकार
अध्यक्षता : गंगेश गुंजन
मुख्य वक्ता : अशोक, कमलानन्द झा, मीना झा, अकबर रिजवी

चाय अवकाश : संध्या 04:45 सँ 05:00 बजे

तेसर सत्र : संध्या 05:00 बजे सँ
समकालीन मैथिली उपन्यास : भाषा आ शिल्प
अध्यक्षता : तारानन्द वियोगी
मुख्य वक्ता : ज्ञानतोष कुमार झा, देवशंकर नवीन, अरविंद कुमार मिश्र

चारिम सत्र : लोकार्पण : संध्या 07:00 बजे सँ
मैथिली कविताक हजार वर्ष (खंड 1-2) : तारानन्द वियोगी
पुस्तक पर टिप्पणी : अशोक

कार्यक्रमक बाद 07:30 बजे सँ भोजन

संगहि अंतिका प्रकाशनक महत्त्वपूर्ण पुस्तकक प्रदर्शनी सेहो रहत।
एहि अवसर पर मित्र-परिजन सहित अपने लोकनि सादर आमंत्रित छी।

निवेदक
गौरीनाथ : 9871856053
श्रीधरम : 9868325811
विशेष सहयोग : आत्मा राम सनातन धर्म कॉलेज

लक्ष्मी-हरि स्मृति उपन्यास सम्मान 2023अंतर्गत उपन्यास-केंद्रित राष्ट्रीय संगोष्ठीस्थान : सभागार, आत्मा राम सनातन धर्म कॉ...
19/09/2023

लक्ष्मी-हरि स्मृति उपन्यास सम्मान 2023
अंतर्गत उपन्यास-केंद्रित राष्ट्रीय संगोष्ठी

स्थान : सभागार, आत्मा राम सनातन धर्म कॉलेज, धौलाकुआँ, नई दिल्ली
दिनांक : 28 सितंबर, 2023

प्रथम सत्र : अपराह्न 02:00 बजे सँ
उपन्यासक अवधारणा आ भारतीय उपन्यास
बीज वक्तव्य : अच्युतानन्द मिश्र
हरिदासक आत्मकथा 'जनम जुआ मति हारहु' क अंश पाठ : सोनी नीलू झा

दोसर सत्र : अपराह्न 02:45 बजे सँ
मैथिली मे उपन्यास लेखनक चिंता आ सरोकार
अध्यक्षता : गंगेश गुंजन
मुख्य वक्ता : अशोक, कमलानन्द झा, मीना झा, अकबर रिजवी

चाय अवकाश : संध्या 04:45 सँ 05:00 बजे

तेसर सत्र : संध्या 05:00 बजे सँ
समकालीन मैथिली उपन्यास : भाषा आ शिल्प
अध्यक्षता : तारानन्द वियोगी
मुख्य वक्ता : ज्ञानतोष कुमार झा, देवशंकर नवीन, अरङ्क्षवद कुमार मिश्र

चारिम सत्र : लोकार्पण : संध्या 07:00 बजे सँ
मैथिली कविताक हजार वर्ष (खंड 1-2) : तारानन्द वियोगी
पुस्तक पर टिप्पणी : अशोक

कार्यक्रमक बाद 07:30 बजे सँ भोजन

संगहि अंतिका प्रकाशनक महत्त्वपूर्ण पुस्तकक प्रदर्शनी सेहो रहत।
एहि अवसर पर मित्र-परिजन सहित अपने लोकनि सादर आमंत्रित छी।

निवेदक
गौरीनाथ : 9871856053
श्रीधरम : 9868325811
विशेष सहयोग : आत्मा राम सनातन धर्म कॉलेज

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201005

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