
24/07/2025
प्रिय ऋषभ पंत,
कल आपको एंबुलेंस में मैदान से बाहर ले जाया गया था।
दर्द साफ़ था… और देश भर में चिंता भी।
लेकिन आज…
आप वापस लौटे।
बल्ला उठाया।
और बिना किसी डर के क्रीज़ पर डट गए — टीम के लिए, देश के लिए, उस खेल के लिए जिसे आप जीते हैं।
अब बात सिर्फ क्रिकेट की नहीं है…
यह जज़्बे की है।
हिम्मत की है।
उस जिद की है जो हर हाल में लड़ना जानती है।
आज आपने हमें दिखा दिया कि असली खिलाड़ी वो होता है जो दर्द से नहीं, दृढ़ संकल्प से चलता है।
आपके इस जज़्बे को सलाम।
आपके हौसले को नमन।
भारत को आप पर गर्व है, पंत 🇮🇳
सादर,
हर भारतीय क्रिकेट प्रेमी।