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भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई 23 नवंबर को पद छोड़ रहे हैं। इससे पहले सरकार ने अगले मुख्य न्यायाधीश के नियुक्ति की प...
25/10/2025

भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई 23 नवंबर को पद छोड़ रहे हैं। इससे पहले सरकार ने अगले मुख्य न्यायाधीश के नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत भारत के मुख्य न्यायाधीश के बाद सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं। ऐसे में वर्तमान मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई द्वारा अपने उत्तराधिकारी के लिए न्यायमूर्ति सूर्यकांत के नाम की सिफारिश भेजी जाएगी।

परंपरा के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा चीफ जस्टिस ही अपने उत्तराधिकारी का नाम सरकार को भेजते हैं। हर बार की तरह ही इस बार भी यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया से वाकिफ लोगों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि न्यायमूर्ति गवई से उनके उत्तराधिकारी के नाम के लिए अनुरोध पत्र आज शाम या शुक्रवार को भेजा जाएगा।

प्रक्रिया ज्ञापन के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति, स्थानांतरण और पदोन्नति का मार्गदर्शन करने वाले दस्तावेजों में बताया गया है कि भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद पर नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश की होनी चाहिए, जिन्हें पद धारण करने के लिए योग्य माना जाए।

बता दें कि केंद्रीय कानून मंत्री, "उचित समय पर", अपने उत्तराधिकारी की नियुक्ति के लिए भारत के निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश से सिफारिश मांगेंगे। परंपरागत रूप से, यह पत्र वर्तमान मुख्य न्यायाधीश के 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर सेवानिवृत्त होने से एक महीने पहले भेजा जाता है।

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सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के बीच मौत की सज़ा के तरीके को लेकर चल रही बहस !​मुख्य बिंदु:​सुप्रीम कोर्ट का सवाल: सुप्री...
16/10/2025

सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के बीच मौत की सज़ा के तरीके को लेकर चल रही बहस !

​मुख्य बिंदु:
​सुप्रीम कोर्ट का सवाल: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि मौत की सज़ा के लिए फांसी के बजाय जानलेवा इंजेक्शन (Lethal Injection) का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने टिप्पणी की कि "सरकार वक्त के साथ बदलना नहीं चाहती है।"

​केंद्र सरकार का विरोध: केंद्र सरकार ने घातक इंजेक्शन को मौत की सज़ा के तरीके के रूप में अपनाने का विरोध किया है। सरकार का तर्क है कि यह तरीका व्यवहारिक नहीं है और जरूरी नहीं कि यह कम दर्दनाक हो। सरकार ने फांसी को ही सबसे सरल और बेहतर तरीका बताया है।

​याचिकाकर्ता की दलील: यह सुनवाई एक जनहित याचिका पर हो रही थी जिसमें फांसी को एक क्रूर और बर्बर तरीका बताते हुए इसे खत्म करने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि घातक इंजेक्शन ज़्यादा मानवीय और सभ्य तरीका है, जिसमें दोषी की मौत जल्दी हो जाती है, जबकि फांसी में शव लगभग 40 मिनट तक लटका रहता है।

​कोर्ट का रुख: अदालत ने कहा कि वह विधायिका (सरकार) को सज़ा का तरीका तय करने का निर्देश नहीं दे सकती, लेकिन वह इस बात पर विचार कर सकती है कि क्या फांसी से कोई बेहतर और सम्मानजनक तरीका मौजूद है।

​संक्षेप में, सुप्रीम कोर्ट मौत की सज़ा के लिए फांसी के अलावा अन्य आधुनिक और कम दर्दनाक तरीकों पर विचार करने के लिए कह रहा है, जबकि केंद्र सरकार फिलहाल फांसी के तरीके को ही बनाए रखने के पक्ष में है।

16/10/2025

धर्म बदलना अब हुआ आसान


SC का फैसला : CJI श्री बी.आर.गवई जी ने दिवाली पे पटाखों पर लगे बैन को हटाया, अब त्यौहार पर पटाखे फोड़ सकेंगे, इस फैसले से...
15/10/2025

SC का फैसला : CJI श्री बी.आर.गवई जी ने दिवाली पे पटाखों पर लगे बैन को हटाया, अब त्यौहार पर पटाखे फोड़ सकेंगे,

इस फैसले से ज्यादा खुश कौन होंगे जरूर बताइएगा

14/10/2025

कोई साथी A+ ब्लड दे सकते है तो आपलोगो का बहुत कृपा होगा
बहुत जरूरी है कृप्या सीरियस लें
Contact Me
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14/10/2025

यदि पुलिस SC ST Act में FIR दर्ज नहीं करता है तो अब होगी Police के ऊपर कार्रवाई






दिल्ली हाईकोर्ट ने एक नोटिस जारी कर वकीलों के लिए अदालत में पेश होने के दौरान गाउन पहनना अनिवार्य कर दिया। यह नियम 27 अक...
14/10/2025

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक नोटिस जारी कर वकीलों के लिए अदालत में पेश होने के दौरान गाउन पहनना अनिवार्य कर दिया। यह नियम 27 अक्टूबर, 2025 से प्रभावी होगा।

13/10/2025

SC ST एक्ट में यदि Police FIR दर्ज ना करें तो क्या करना चाहिए?

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सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों से जुड़े झारखंड सेना भूमि घोटाला मामले में रांची के निलंबित उपायुक्त छवि रंजन ...
13/10/2025

सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों से जुड़े झारखंड सेना भूमि घोटाला मामले में रांची के निलंबित उपायुक्त छवि रंजन को शुक्रवार को जमानत दी। उल्लेखनीय है कि रंजन पर ऋण सुविधाओं आदि का लाभ उठाने के उद्देश्य से कुछ भूमि जोत के रिकॉर्ड तैयार करने में मुख्य आरोपी के साथ साजिश रचने और उसकी सहायता करने का आरोप है। उसे 4 मई 2023 को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह हिरासत में है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिस्वर सिंह की खंडपीठ ने उन्हें कुछ शर्तों के अधीन जमानत दी,


13/10/2025

इस वीडियो को देखिए संविधान निर्माता कौन थे, और BN Rau का संविधान लिखने में क्या औकात था प्रूफ रेफ़्रेन्स के साथ


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