Birsola-Gondia

Birsola-Gondia my page my home
(1)

06/02/2025
दोस्तो आज केंचुए के बारे में यहां कुछ बाते आपको बताने जा रहा हु  और उसके लाभ के  अलावा भी खेती में केंचुए के कई और भी फ़...
02/11/2024

दोस्तो आज केंचुए के बारे में यहां कुछ बाते आपको बताने जा रहा हु और उसके लाभ के अलावा भी खेती में केंचुए के कई और भी फ़ायदे हैं जिनको आप आज जानेंगे ,, {केंचुए=100₹ 079760 47469 }

मिट्टी की संरचना में सुधार: केंचुए मिट्टी को ढीला करते हैं और मिलाते हैं, जिससे मिट्टी की संरचना और जल निकासी में सुधार होता है. इससे कटाव और बाढ़ को रोकने में मदद मिलती है.

पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ती है: केंचुए पौधों के मलबे और मिट्टी खाते हैं, जिससे मिट्टी में पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ जाती है.

खाद तैयार करते हैं: केंचुए खेत में मौजूद कार्बनिक पदार्थों को खाकर अच्छी गुणवत्ता वाली खाद तैयार करते हैं. इस खाद को वर्मीकॉम्पोस्ट कहते हैं.

ट्रैक्टर से भी अच्छी जुताई करते हैं: केंचुए खेत में ट्रैक्टर से भी अच्छी जुताई कर देते हैं.

मिट्टी की उर्वरता और उत्पादकता बढ़ाते हैं: केंचुओं से मिट्टी की उर्वरता और उत्पादकता बढ़ती है.

बैक्टीरिया, शैवाल, प्रोटोजोआ, एक्टिनाइमिसिटी आदि की वृद्धि में मदद मिलती है.

केंचुआ खाद से फसलों की उपज में 15-20% तक की वृद्धि होती है.

यह खेत में दीमक एवं अन्य हानिकारक कीटों को नष्ट कर देता हैं। इससे कीटनाशक की लागत में कमी आती हैं। इसके उपयोग के बाद 2-3 फसलों तक पोषक तत्वों की उपलब्धता बनी रहती हैं। मिट्टी में केचुओं की सक्रियता के कारण पौधों की जड़ों के लिए उचित वातावरण बना रहता हैं, जिससे उनका सही विकास होता हैं।

दोस्तो आज की ये स्टोरी आपको कैसा लगा अपने कमेंट जरूर लिखें।

02/11/2024

यूरिया व नौशादर मिलाते ही शराब बन जाती है जहर
मुगलसराय (चंदौली): कच्ची शराब बनाने वाले अवैध कारोबारी लोगों के ¨जदगी के साथ सीधे सीधे मजाक कर रहे ह

मुगलसराय (चंदौली): कच्ची शराब बनाने वाले अवैध कारोबारी लोगों के ¨जदगी के साथ सीधे सीधे मजाक कर रहे हैं। पहले शराब निर्माण में महुआ के साथ शीरे के रूप में गुड़ का प्रयोग करते थे। .. लेकिन अब अधिक लाभ कमाने के चक्कर में गुड़ के स्थान पर यूरिया व नौशादर का प्रयोग करने लगे हैं। इन अवैध व्यवसायियों के पास कोई निर्धारित मानक तो होता नहीं है यही वजह है कि शराब में यूरिया की मात्रा अधिक पड़ जाती है, जो जहर में तब्दील हो जाती है।

दरअसल गांवों में बहुत पहले से अवैध तरीके से कच्ची शराब बनाकर बेची जा रही है। क्षेत्र के रेमा, बरहुली, कठौरी, रोहणा, धपरी, नियामताबाद, रामपुर, नदेसर, महेवा, चंदरखा, गगेहरा, हसनपुर, मनोहरपुर, सिरसी, अलीनगर सहित अन्य गांवों में धड़ल्ले से कच्ची शराब का निर्माण व बिक्री की जाती है। सरकारी देशी शराब से काफी कम दाम पर मिलने के कारण लोगों के बीच इस शराब की बहुत मांग रहती है। पुलिस व आबकारी विभाग द्वारा समय समय पर छापेमारी व गिरफ्तारी भी जाती है, पर यह कारोबार इन इलाकों में इस कदर कुटीर उद्योग बन चुका है कि लाख प्रयास के बावजूद यह रूकने का नाम नहीं ले रहा और तो और विभागीय सांठ-गांठ के आधार पर ये लोग छापेमारी व गिरफ्तारी को मजाक समझते हैं। छापेमारी के दौरान अवैध कारोबारी घर की महिलाओं को आगे कर खुद गायब हो जाते हैं। महिलाओं का हाल यह है कि या तो मौके से ही या फिर थाने से इन्हें जमानत मिल जाती है। इस अनोखे सांठ-गांठ के आधार पर इन क्षेत्रों में यह धंधा बदस्तूर जारी है।
लहन को जल्दी तैयार करने के लिए मिलाते हैं नौशादर
लहन को जल्दी तैयार करने के लिए महुआ में यूरिया व नौशादर मिलाया जाता है ताकि दूसरे दिन ही महुआ का उपयोग कच्ची शराब बनाने के लिए किया जा सके। इस जल्दीबाजी में जरूरत से ज्यादे यूरिया व नौशादर मिला देते हैं। ज्यादे यूरिया व नौशादर के कारण तैयार हुआ लहन जहरीला हो जाता है।
यूरिया में नाइट्रोजन से होता है नुकसान
इस संबंध में ह्दय रोग विशेषज्ञ डा. वी गोयल बताते हैं कि हमेशा यूरिया को शरीर से बाहर निकाला जाता है। स्व: प्रक्रिया में भी लघुशंका के माध्यम से यूरिया बाहर निकलता रहता है। जब किसी भी माध्यम से शरीर में अधिक मात्रा में यूरिया पहुंचेगा तो वह खतरनाक तो होगा ही। यूरिया नाइट्रोजन होता है जो शरीर में पहुंचकर जहर का रूप ले लेता है।
टीम बनाकर इसे रोका जाएगा: डीईओ
इस संबंध में जिला आबकारी अधिकारी आरएस उपाध्याय बताते हैं कि आबकारी से जुड़ी धाराओं में लचीलापन होने के कारण पकड़े गए व्यक्ति का तुरंत जमानत हो जाती है। वापस लौटकर वह फिर यह सब शुरू कर देता है। अगर धारा में कठोर दंड हो जाए जो ऐसा करने से लोग डरेंगे। वैसे एक टीम बनाकर हरहाल में इसे रोका जाएगा।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।

छत्तीसगढ़ / गरियाबंदकच्ची शराब में यूरिया, तंबाकू और कीटनाशकगरियाबंद  |16-Oct-2024 -राधेश्याम सोनवानी, रितेश यादवगरियाबंद...
02/11/2024

छत्तीसगढ़ / गरियाबंद
कच्ची शराब में यूरिया, तंबाकू और कीटनाशक
गरियाबंद |16-Oct-2024
-राधेश्याम सोनवानी, रितेश यादव

गरियाबंद :- गरियाबंद जिला के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में महुआ शराब बनाने और शराब प्रेमियों को बेचने का भरपूर लाभ कच्ची महुआ शराब बनाने वाले लोग उठा रहे है । महुआ शराब में अधिक नशा बढ़ाने के लिए यूरीया सोडा खाद, तंबाकू तथा कीटनाशक दवा का उपयोग खुलकर किया जा रहा है, कच्ची शराब के शौकीन अनेक गंभीर रोग से पीड़ित होंगे, चिकित्सा विज्ञान भी मानता है कि तम्बाकू, यूरिया युक्त, महुआ शराब मानव शरीर के बाहरी एवं आंतरिक अंगों को दुष्प्रभावी बना देगा वहीं जिम्मेदार आबकारी विभाग की उदासीनता समझ से परे है।

आये दिन देखने को मिलता है कि आबकारी विभाग अपने टारगेट पूरा करने के लिए गांव में छापामारी कर कच्ची महुआ शराब जप्ती कर मामला बनाकर कर दबा देते है, फिर यह नशे का कारोबार विभाग के संरक्षण में बेखौफ चलता है। मिली जानकारी के मुताबिक गांव-गांव में शराब सेवन करने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है, शाम ढ़लते ही गरियाबंद क्षेत्र के विभिन्न गांवों में महुआ शराब पीने और पिलाने का दौर शुरू हो जाता है । शासन द्वारा साल दर साल शराब के दाम में बेतहाशा वृद्धि होने से इसका भरपूर लाभ शराब कोचिए उठा रहे है विक्रय की जाने वाली अंग्रेजी व देशी शराब उन वर्गो के पहुंच से बाहर है यही प्रमुख वजह है कि तेजी से बढ़ते शराब के दाम ने इस आदिवासी वनाच्छित क्षेत्र में आसानी से सुलभ होने वाली महुआ शराब पीने के प्रति लोग आकर्षित हो रहे है । शराब बेचने का धंधा काफी फल-फुल रहा है इस धंधे में लिप्त अधिकांश ग्रामीण अधिक पैसा कमाने के चक्कर में महुआ शराब पीने वालों को अधिक नशा बढ़ाने के लिए शराब में यूरिया खाद, तम्बाकू तथा विभिन्न कीटनाशक दवा का उपयोग खुलकर कर रहे हैं, और शराब पीने वाले ’’नशा बढ़ाने की दवा’’ से अंजान है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक महुआ शराब बनाने कम से कम 4-5 दिन महुआ फुल को पानी में भिगोकर हंडी में डालकर उसे सड़ाया जाता है, तद्पश्चात् किसी बड़े बर्तन में आग में चढ़ाया जाता है । बताते है कि इसी दौरान महुआ पास जल्द लाने शराब में युरिया खाद का उपयोग करते है इससे महुआ शराब जल्दी बनती है और नशा भी तेज होता है । इसी प्रकार महुआ शराब बिक्री करने वाले ग्रामीण नशा बढ़ाने तम्बाकु का उपयोग खुलकर कर रहे है ।

बताया जाता है कि तम्बाकु में निकोटिन होता है जो दिमाग को स्त्रायउ तंत्र को प्रभावित करती है और सड़ाए गए महुआ किडवन क्रिया के कर पाचन तंत्र को नष्ट कर देते है इसी तरह तम्बाकु एवं महुए के रस के द्वाराबना हुआ ‘नशीला पेय’ पेट में अल्सर पैदा कर सकता है जिसके चलते व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है, शासन द्वारा वेयर हाऊस में जब शराब की पेकिंग की जाती है तब उसका एक निश्चिित मापदंड होता है जबकि कच्ची महुआ शराब बनाई जाती है तो उसमें अल्कोहल का कोई निश्चित अनुपात नहीं होता । जो मानव शरीर के लिए अत्यत घातक है ऐसी स्थिति में कच्ची महुआ शराब बनाने की अनुमति शासन को नहीं दी जानी चाहिए ।

बाक्स - खून की उल्टी हो सकती है: डाॅ. हरीश चौहान



जिला अस्पताल के डाॅक्टर व सर्जन हरीश चौहान ने बताया कि तम्बाकु से अमासय (स्टमक) छोटी-बड़ी आंत में छाले हो सकते है, इन छालों से रक्तश्रव (खून निकल सकता है) जो कि ख्ूान की उल्टी पैदा करेगा यदि तम्बाकु को शराब में मिलाया जाता है, तो नशा अत्याधिक हो जाता है जो प्राण घातक हो सकता है क्योकि अत्याधिक नशे में मनुष्य का दिमाग आगे चलकर दुष्प्रभाव पड़ेगा यह अवश्यंभावी है, डाॅ.चौहान का कहना था कि यूरिया खाद एवं कीटनाशक दवा का उपयोग शराब में करने से शरीर के लिए हानिकारक पदार्थ उत्पन्न कर सकते हैं आंतरिक अंगों को दुष्प्रभावित कर प्रााणघातक हो सकते है । इस तरह यह नशा (कीटनाशक युक्त) शराब का नशा मानव शरीर को धीरे-धीरे नष्ट करने में सहायक सिद्ध होगा कुल मिलाकर यह स्लोपायजन है

02/11/2024

पूतना

24/07/2024

काटी कासा मार्ग में बाड़ का पानी कासा गांव से परिवहन संपर्क खतम

Address

Birsola
Gondia
441614

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Birsola-Gondia posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Share