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 #मर्जर : बनाम बंद स्कूल                      जैसे ही बेसिक का कोई शिक्षक मर्जर से सम्बंधित पोस्ट डाल रहा , बस समझिये कई...
13/07/2025

#मर्जर : बनाम बंद स्कूल

जैसे ही बेसिक का कोई शिक्षक मर्जर से सम्बंधित पोस्ट डाल रहा , बस समझिये कई घण्टे लोंगो से बहस करने में उसके जाने ही जाने हैं । लोंगो को इतनी तकलीफ़ है शिक्षकों से कि भाई साब , पूछिये मत .......
और बहस करने जो भी आ रहे उनमें से ज्यादातर न तो सुदूर गांवों में चल रहे स्कूल्स से परिचित हैं और न ही स्कूल की समस्याओं से, फिर भी वह शिक्षकों को इस दुनिया का सबसे बड़ा फ्रॉड , कामचोर , मुफ्तखोर और भ्रष्टाचारी सिद्ध करने में एड़ी चोटी का जोर लगा दे रहें है ......
तो भाई लोग ! ध्यान रखिये, एक बार पुनः कि यह लड़ाई शिक्षकों की है ही नही । शिक्षक इस स्कूल पर नही तो उस स्कूल पर अपनी मोटरसाइकिल, मोटरकार लेकर चले ही जायेंगे । मुफ्तखोरों को वेतन भी मिलेगा ही लेकिन यह लड़ाई उन नौनिहालों की हैं जिन्हें येन केन प्रकारेण शिक्षक शिक्षित कर पाएं , न कर पाएं लेकिन साक्षर करने में जी जान से जुटे हैं । पिछले दिनों जो सोशल मीडिया पर बहसें हो रही उसके कुछ बिंदु निम्न समझ आए है ...... क्रमबद्ध करने का प्रयास रहेगा-----

#एक - सबसे पहला चाबुक , प्राइमरी के टीचर अपने बच्चों को अपने स्कूल में क्यों नही पढ़ाते , वही गांव में कमरा लेकर क्यों नही रहते ?
यह पहला शक्ति बाण है, तो यह बताएं आप अपने बच्चे को किसी ऐसे स्कूल में पढ़ाएंगे जहां 5 कक्षाएं 2 कमरों में चलती हों । 1 और 2 को एक मे बैठा लीजिये और 3 , 4 , 5 को एक में । जहां न तो बैठने की व्यवस्था है और न ही खेलने की और सबसे महत्वपूर्ण कि यदि गलती से आपके बच्चे को किसी प्राकृतिक जरूरत का सामना करना पड़ा तो शौचालय तो भूल ही जाईये किसी गन्ने , गेहूं या धान के खेत का सहारा लेना पड़ेगा ।
आपने बहुत सारी पढ़ाई की , मेहनत करके कई परीक्षाएं पास की .....क्यों ? एक अच्छी जीवन शैली के लिए, अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए लेकिन नही ......आप अपने बच्चों को उन्हीं बच्चों के साथ पढ़ाइये जिनको पढ़ना ही नही है । जो घर के सारे काम बर्तन झाड़ू खाना बकरी भैंस और साथ ही अपने 4 , 5 भाई बहनों को संभालकर बहुत जोर जबरजस्ती के बाद मन करें तो स्कूल आ जाएं नही तो कोई बात नही पढ़ लिखकर कौन कलेक्टर बन जाएंगे की मानसिकता रखते हैं । उनके अभिभावकों को मजदूरी के पैसे , रोपनी सोहनी और कटिया में ज्यादा फायदा नजर आता है और गलत भी नही है चार पैसे घर मे आएं तो किसको बुरा लगता है । साथ ही साथ अगर वो बच्चे 4 दिन स्कूल आ भी गए तो 40 दिन अपनी नानी की बीमारी , बुआ की डिलीवरी या मौसी मामा की शादी संभालने चले जाते हैं फिर करते रहिए आप फ़ोन , सीधा सा जबाब कि मन करे तो नाम काट दीजिये , हम आएंगे तो फिर लिखवा लेंगे मैडम जी । अभी तो नही आ पाएंगे ।

#दो - यदि आप इतने महान हैं तो आपके स्कूल्स से बच्चे क्यों कम हो रहे ?
यह दूसरा शक्तिबाण है.......
तो पहले यह जानिए कि सरकारी स्कूल में बच्चे का एडमिशन 6 साल पूरा करने पर कक्षा 1 में होता है और प्राइवेट में 3 साल के बच्चे को जमा कर सकते हैं तो 3 से 6 साल के बाद वह क्यों लौटेगा सरकारी स्कूल में ?
दूसरी बात प्राइवेट स्कूल में अभिभावक 50 या 100 रुपया फीस दे रहा तो वह हर संभव सुविधा देगा अपने बच्चे को क्योंकि भाई पैसा खर्च कर रहा । वह गाड़ी में भेजेगा क्योंकि स्टेटस सिंबल भी मेंटेन करना है उसको और सबसे बड़ी बात 5 क्लास , 5 टीचर , 1 प्रिंसीपल , 2 , 4 चपरासी भी हैं । भले ही वह टीचर कहीं से इंटर फेल होकर आएं या किसी तरह किसी कुकुरमुत्ते टॉइप खुले कालेजों से ग्रेड्यूएट हो गए हों लेकिन हैं, तो दिखते तो हैं, यहां एक तो पांच क्लास के लिए दो से तीन मास्टर ऊपर से इन्ही को खाना भी बनवाना है , राशन दूध सब्जी भी लानी है , कागज पत्तर भी तैयार करना है , बोर्ड ड्यूटी , प्रशिक्षण भी करना है और चुनाव सुनाव है तो माशा अल्लाह ......
बहस लंबी हो जाएगी, बिंदुवार बात करते करते ..... तो सारी बातों का सार यह समझिए यह एक साजिश है कि #सरकारी_स्कूल को और #सरकारी_अस्पताल को इतना बदनाम कर दो की ग़रीब तबका भी सरकारी स्कूल और सरकारी अस्पताल में जाने में शर्माने लगे।
बड़े स्कूलों और अस्पतालों की फीस वह चुका नही सकता तो बीच मे बचे झोला छाप डॉक्टर और फर्जी मान्यता वाले स्कूलों के अनट्रेंड मास्टर। मजबूर होकर यहीं जाएगा और एक दिन सब गंवाकर सिस्टम से हार जाएगा ।
तो भाई लोगों से इतना ही कहना है कि यही बहस अगर आप जाकर अपने अपने गांव के स्कूल के मास्टरों से किये होते तो एक जागरूक नागरिक कहलाते और स्कूलों की समस्याओं की जमीनी हकीकत का अंदाज़ा भी लगता । तब आपको अपने गांव के सरकारी स्कूल के बंद होने पर मासूम बच्चों के चेहरे नज़र आते और आप सिस्टम से ये मांग करते कि स्कूल को बंद करने के बजाय हमारे गांव के स्कूल में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाइए और साथ ही विद्यालय के आसपास बिना मानक पूर्ण किये जो स्कूल्स को मान्यता दी जा रही है उनको बंद करवाइए .......धन्यवाद

Brajesh Pathak Divya Prakash Dubey Archana Tiwari AstroGuru Dr. Dhananjay Mani Tripathi Fans Club AstroAcharyaa DrDhananjay Mani Tripathi AstroGuru DrDhananjay Mani Gupteshwar Pandey Ravindra Sharma

एक पेड़ मां के नाम  #पौधरोपण
09/07/2025

एक पेड़ मां के नाम

#पौधरोपण

"ये कैसा न्याय?"आज मन बेहद व्यथित है...एक और फैसला आया है — कोर्ट ने भी सरकार के स्कूल मर्जर के निर्णय को सही ठहराया है।...
09/07/2025

"ये कैसा न्याय?"

आज मन बेहद व्यथित है...
एक और फैसला आया है — कोर्ट ने भी सरकार के स्कूल मर्जर के निर्णय को सही ठहराया है।
पर क्या कभी किसी ने उन मासूम आँखों में झाँक कर देखा है,
जो रोज़ बिना जूते, बिना बैग, सिर्फ़ एक पेंसिल लेकर
गांव के उस सरकारी स्कूल तक आती हैं,
जहाँ उनकी पहली बार किताब से पहचान होती है?

सरकार के पास आँकड़े हैं, नक्शे हैं, बजट की गणनाएँ हैं...
पर हमारे पास हैं वो बच्चे —
जो अब तक ठीक से चलना भी नहीं सीखे थे,
अब उन्हें दूर-दूर के स्कूलों में जाने को कहा जा रहा है।

क्या यही है “शिक्षा का अधिकार”?
क्या यही है ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का संकल्प?

जिन गरीब माता-पिताओं के पास ना साधन हैं, ना सवारी,
वे अब कैसे अपने बच्चों को स्कूल भेज पाएँगे?
जो स्कूल अभी तक उनके घर से कुछ कदमों की दूरी पर था,
अब वह मीलों दूर हो चुका है।

लड़कियों के लिए तो यह फैसला एक सज़ा जैसा है —
परिवार अब उन्हें इतनी दूर नहीं भेजेगा।
और फिर वही होगा जो पहले होता था —
“बेटियाँ घर में रहें, स्कूल बहुत दूर है”,
फिर से शिक्षा से उनका नाता टूट जाएगा।

---

AC कमरों में बैठ कर बनाए गए ये फैसले,
धरातल पर रह रहे परिवारों की पीड़ा नहीं समझ सकते।
जो अधिकारी कभी खुद गाँव की गलियों में नहीं चले,
उन्हें क्या पता कि बरसात में स्कूल जाने के लिए
कच्चे रास्तों पर फिसलते हुए बच्चे क्या सहते हैं।

---

कोर्ट का फैसला अंतिम हो सकता है, लेकिन सही नहीं।
कानून किताबों से नहीं, लोगों की ज़िंदगी से बनता है।
यह मर्जर नहीं — यह गाँव की शिक्षा व्यवस्था को गिराने की प्रक्रिया है।
यह सिर्फ स्कूल नहीं बंद कर रहा,
बल्कि बच्चों के सपनों को, उनके भविष्य को, और
हमारे देश के सबसे बड़े संसाधन — “मानव संसाधन” को चोट पहुँचा रहा है।

---

अब भी समय है — आवाज़ उठाइए।
सरकारी स्कूल सिर्फ ईंट-पत्थर की इमारत नहीं हैं,
वे लाखों गरीब परिवारों के लिए उम्मीद की एक किरण हैं।
उन्हें बंद करना, उस रोशनी को बुझाने जैसा है।

🙏
हमारी मांग है —
हर गांव में स्कूल रहे, हर बच्चे को नजदीक शिक्षा मिले,
हर बेटी को सुरक्षा और समान अवसर मिले।
यह मर्जर रोका जाना चाहिए।
वरना कल इतिहास यही कहेगा —
कि हमने अपनी नई पीढ़ी की नींव खुद हिला दी।

---

"शिक्षा अधिकार है, समझौता नहीं!"
"सरकारी स्कूल बचाओ — बच्चों का भविष्य बचाओ!"
✍🏻✍🏻

पशु चिकित्साधिकारी डाॅ संतोष बने उप निदेशक पशुपालनविभागीय योजनाओं को शतप्रतिशत पूरा करने का किया प्रयास : डाॅ संतोष जायस...
02/07/2025

पशु चिकित्साधिकारी डाॅ संतोष बने उप निदेशक पशुपालन

विभागीय योजनाओं को शतप्रतिशत पूरा करने का किया प्रयास : डाॅ संतोष जायसवाल

महराजगंज

पशु चिकित्सालय श्यामदेउरवा पर बतौर पशु चिकित्साधिकारी कार्यरत डाॅ संतोष जायसवाल को उत्तर प्रदेश शासन के पशुधन अनुभाग एक द्वारा विशेष पदोन्नति देकर उप निदेशक/ उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी/अधीक्षक के पद पर राज्यपाल द्वारा सहर्ष तैनाती मिली है। गौरतलब हो कि पूरे उत्तर प्रदेश में मात्र पांच पशु चिकित्साधिकारियों को ही यह विशेष पदोन्नति मिली है।

परिजनों, शुभचिन्तकों में हर्ष का माहौल, मिठाई खिलाकर लोगों नें दी बधाई

गौरतलब हो कि श्यामदेऊरवा पशु चिकित्सालय पर लंबे समय से कार्यरत डाॅ संतोष जायसवाल ने पशु चिकित्सालय की पूरी सूरत ही बदल दिया है। अपने व्यक्तिगत प्रयासों से उन्होंने चिकित्सालय के लिए बेहतरीन बिल्डिंग बनवाकर पशुओं के लिए उच्च गुणवत्ता परक दवाइयों से चिकित्सालय में सदैव उपस्थित रहते है जिससे आम जनमानस के बीच डाॅ संतोष जायसवाल की काफी लोकप्रियता है। उनके प्रोन्नति की सूचना मिलते ही शुभचिन्तकों व परिजनों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी और लोगों ने उनको खुलकर बधाई देते हुए मुंह मीठा कराया। बधाई देने वालों में एस्ट्रोगुरू डाॅ धनंजय मणि त्रिपाठी, विश्वशांति निकेतन महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डाॅ सुरेश पाण्डेय, मनोज पाण्डेय, सज्जन लाल, राजेश कुमार, अनुज श्रीवास्तव, जनार्दन यादव आदि लोगों ने बधाई दी।

उप निदेशक डाॅ संतोष का दृष्टिकोण

इस अवसर पशु चिकित्साधिकारी डाॅ संतोष जायसवाल ने कहा कि विभागीय दायित्वों को उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन में समय सीमा के अंदर शत-प्रतिशत पूरा करने का वह प्रयास करते रहे हैं और आगे भी यही उनका लक्ष्य रहेगा। उनका कहना था कि उनकी टीम हमेशा विभागीय योजनाओं को बेहतर तरीके से पूरा करने में शीर्ष पर रही है, और भविष्य में भी जो भी दायित्व मिलेगा, उसे समय से पूरा करना उनका उद्देश्य होगा।

Brajesh Pathak AstroGuru Dr. Dhananjay Mani Tripathi Fans Club AstroGuru DrDhananjay Mani AstroGuru AstroAcharyaa DrDhananjay Mani Tripathi

🙏🙏 मां बाप की फरियाद।🙏🙏साथियों आप सबसे हाथ जोड़कर विनती है ।कि मेरा बच्चा कल 11:00 से गायब है। 24 घंटे से ज्यादा समय हो ...
01/07/2025

🙏🙏 मां बाप की फरियाद।🙏🙏
साथियों आप सबसे हाथ जोड़कर विनती है ।कि मेरा बच्चा कल 11:00 से गायब है। 24 घंटे से ज्यादा समय हो गया है। उसकी मां बिलख बिलख कर रो रही है। आप सभी सामाजिक कार्यकर्ताओं से हाथ जोड़कर विनती है ।कि मेरे बच्चे को ढूंढने में मेरी मदद करें ।ज्यादा से ज्यादा संख्या में मेरे बच्चे की फोटो शेयर करें। और कोई भी सूचना मिले ,तो मुझे दिए गए नंबरों पर फोन करें। इस संकट की घड़ी में आप ही संकट मोचन हो।
🙏🙏 साथियों बिना समय गवाएं तुरंत अपने ग्रुप में शेयर करें। 9221402598
🙏🙏 आपका (Dinesh jain )

30/06/2025

कल से शुरू होगा ऐसा ही पकड़म पकड़ी का खेल☺️☺️☺️

52 ग्राम प्रधानों को डीएम ने भेजा नोटिस, धन के दुरूपयोग का मामला आया सामने - गड़बड़ी मिली तो होगी धन की रिकवरी के साथ का...
06/06/2025

52 ग्राम प्रधानों को डीएम ने भेजा नोटिस, धन के दुरूपयोग का मामला आया सामने

- गड़बड़ी मिली तो होगी धन की रिकवरी के साथ कार्यवाही

कुशीनगर

वर्ष 2022-23 की लेखा परीक्षा में पाये गये दुरूपयोग, अपव्यय अथवा क्षति के संबंध में यहां के जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तवंर ने 52 ग्राम प्रधानों को नोटिस भेजा है । साथ ही निर्देश दिया है कि यदि जबाब संतोषजनक नहीं हुआ तो कार्यवाही निश्चित रूप में होगी ।
इस संबंध में जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तवंर ने श्रीमती मीना देवी ग्राम प्रधान ग्रा०पं०-जंगल चौरिया, विकास खण्ड पडरौना, श्रीमती मंजू देवी ग्राम प्रधान ग्रा०पं० टडवा, विकास खण्ड पडरौना, श्रीमती प्रीती सिंह ग्राम प्रधान ग्रा०पं०-जिगना, विकास खण्ड पडरौना, श्रीमती सीता देवी ग्राम प्रधान ग्रा०पं०- पिपराजटामपुर, विकास खण्ड पडरौना, श्री राजेश चौबें ग्राम प्रधान ग्रा०पं०-पडरी, विकास खण्ड पडरौना, श्रीमती नबीबून ग्राम प्रधान ग्रा०पं० पिपरासी, विकास खण्ड पडरौना, श्रीमती यासमीन खातून ग्राम प्रधान ग्रा०पं० फागूपुर विशुनपुरा, वि० खण्ड पडरौना, श्रीमती काजल ग्राम प्रधान ग्रा०पं०-बडगांव, विकास खण्ड पडरौना, श्री उग्रसेन यादव ग्राम प्रधान ग्रा०पं० बैजनाथपुर, विकास खण्ड पडरौना, श्री विनोद ग्राम प्रधान ग्रा०प०-बलडीहा, विकास खण्ड पडरौना, श्री जियाउद्दीन ग्राम प्रधान ग्रा०पं० बरवा कला, विकास खण्ड पडरौना, श्रीमती श्यामा दुलारी ग्राम प्रधान ग्रा०पं० भगडा पिपरासी, विकास खण्ड पडरौना, श्री सुबाष कुशवाहा ग्राम प्रधान ग्रा०पं० नौतन हों, विकास खण्ड पडरौना, श्री रितेश कुमार गुप्ता ग्राम प्रधान ग्रा०पं० भटवलिया खास, विकास खण्ड पडरौना, श्रीमती कविता देवी ग्राम प्रधान ग्रा०पं० रम्हवलिया, विकास खण्ड पडरौना, श्रीमती सरिता सिंह ग्राम प्रधान ग्रा०पं० रसूलपुर बेलही, विकास खण्ड पडरौना, श्रीमती किशोरी देवी ग्राम प्रधान ग्रा०पं० शिवपुर डीह, विकास खण्ड पडरौना, श्रीमती गीता पाण्डेय ग्राम प्रधान ग्रा०पं० गुलेलहा, विकास खण्ड पडरौना, श्री कमलेश कुमार गुप्ता, ग्राम प्रधान ग्रा०पं० घोरघटिया विकास खण्ड पडरौना, श्री स्वतंत्र सिंह ग्राम प्रधान ग्रा०पं० खनवार बकलोलही, विकास खण्ड पडरौना, श्री कैशअली खांन ग्राम प्रधान ग्रा०पं० गंगौली, विकास खण्ड पडरौना, श्री हीरालाल प्रजापति ग्राम प्रधान ग्रा०पं० जंगल जगदीशपुर, विकास खण्ड पडरौना, श्री प्रदुम्न सिंह ग्राम प्रधान ग्रा०पं०-चौराखास, विकास खण्ड पडरौना, श्रीमती हजारा खातुन ग्राम प्रधान ग्रा०पं० सेखवनिया खुर्द, विकास खण्ड पडरौना, श्री रमाशंकर ग्राम प्रधान ग्रा०पं० सेखवनिया बुजुर्ग, विकास खण्ड पडरौना, श्री राजकिशोर सिंह ग्राम प्रधान ग्रा०पं० सरया, विकास खण्ड पडरौना, श्री देवदत्त सिंह ग्राम प्रधान ग्रा०पं० सहजवलिया, विकास खण्ड पडरौना, श्रीमती गायत्री देवी ग्राम प्रधान ग्रा०प० सिकटा, विकास खण्ड पडरौना, श्री लल्लन प्रसाद ग्राम प्रधान ग्रा०पं०-सिधुआ मिश्रौली, विकास खण्ड पडरौना, श्री रामप्रीत गुप्ता ग्राम प्रधान ग्रा०पं०-होरलापुर, विकास खण्ड पडरौना, श्री हासिम अली ग्राम प्रधान ग्रा०५०-जंगल कुरमौल, विकास खण्ड पडरौना, श्री सुरेन्द्र गुप्ता ग्राम प्रधान ग्रा०पं० कोहरवलिया, विकास खण्ड पडरौना, श्रीमती उमा देवी ग्राम प्रधान ग्रा०पं० हरिहरपुर, विकास खण्ड खडडा, श्रीमती रीता देवी ग्राम प्रधान ग्रा०पं० तुर्कहा, विकास खण्ड खडडा, श्री जर्नादन ग्राम प्रधान ग्रा०पं० हनुमानगंज, विकास खण्ड खडडा, श्री आनन्द कुमार ग्राम प्रधान ग्रा०पं०-शिवपुर, विकास खण्ड खडडा, श्री नरसिंह ग्राम प्रधान ग्रा०पं० नरायनपुर, विकास खण्ड खडडा, श्री तैयब अली ग्राम प्रधान ग्रा०पं० नवलछपरा, विकास खण्ड खडडा, श्री संग्राम सिंह यादव ग्राम प्रधान ग्रा०पं० बहोर छपरा, विकास खण्ड खडडा, श्रीमती सूफिया खातुन ग्राम प्रधान ग्रा०प०-कोटवा कला, विकास खण्ड नेबुआनौरंगिया, श्री नब्बी अहमद ग्राम प्रधान ग्रा०पं०-कोहरगडडी, विकास खण्ड नेबुआनौरंगिया, श्रीमती इसरावती देवी ग्राम प्रधान ग्रा०पं० बेलवा विकास खण्ड नेबुआनौरंगिया, श्री तारामणि मिश्र ग्राम प्रधान ग्रा०पं० गोडरिया विकास खण्ड दुदही, श्रीमती मालती देवी ग्राम प्रधान ग्रा०पं० गौरीश्रीराम विकास खण्ड दुदही, श्री धन्नजय तिवारी ग्राम प्रधान ग्रा०पं० सरगटिया करनपटटी विकास खण्ड दुदही, श्रीमती इसरावती देवी ग्राम प्रधान ग्रा०पं० धौरहरा अबादकारी विकास खण्ड विशुनपुरा, श्रीमती सिलवन्ती देवी ग्राम प्रधान ग्रा०पं०-पटेरा खुर्द विकास खण्ड विशुनपुरा, श्रीमती प्रीती चौरसिया ग्राम प्रधान ग्रा०पं० घुरिया कोट विकास खण्ड तमकुही, श्रीमती सुनिता देवी ग्राम प्रधान ग्रा०पं०-बगही विकास खण्ड तमकुही, श्रीमती रम्भा देवी ग्राम प्रधान ग्रा०पं०-पखिहवां उर्फ कर्जहा विकास खण्ड तमकुही, श्री रामबहाल सिंह ग्राम प्रधान ग्रा०पं० रामपुर खुशहालटोला विकास खण्ड फाजिलनगर, श्री शेषमुनि ग्राम प्रधान ग्रा०पं०-उरगानपुर विकास खण्ड फाजिलनगर को नोटिस जारी किया है । उन्होंने उ०प्र० पंचायत राज नियमावली 1947 के नियम 256 (1) के अन्तर्गत जिला लेखा परीक्षा अधिकारी जनपद कुशीनगर द्वारा उक्त ग्राम पंचायतों के वर्ष 2022-23 की लेखा परीक्षा में पाये गये दुरूपयोग, अपव्यय अथवा क्षति के संबंध में अधिभार प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है (प्रति संलग्न) जिसमें विवरण के अनुसार धनराशि सन्निहित है ‌। इसलिए ग्राम प्रधानों को निर्देशित किया जाता है कि नियम 256 (1) के तहत उक्त अधिभार प्रतिवेदन पर अपना स्पष्टीकरण इस अधियाचन के संसूचित होने के दो माह के अन्तर्गत जिला लेखा परीक्षा अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करें। स्पष्टीकरण प्राप्त न होने अथवा असंतोषजनक पाये जाने पर अधिभारित धनराशि को भू-राजस्व के बकाये के रूप में वसूल किया जायेगा ।

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बीईओ चंद्रभूषण पाण्डेय और डीआईओएस डाॅ प्रदीप शर्मा ने किया मां के नाम पौधरोपण अभियान की शुरुआत- मां का नाम से जोड़ने से ...
05/06/2025

बीईओ चंद्रभूषण पाण्डेय और डीआईओएस डाॅ प्रदीप शर्मा ने किया मां के नाम पौधरोपण अभियान की शुरुआत

- मां का नाम से जोड़ने से भावनात्मक लगाव बनाता है पेड़ : चंद्रभूषण पाण्डेय

- विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष पहल

- विश्व पर्यावरण दिवस पर एक पेड़ मां के नाम अभियान की शुरुआत

- बीईओ चंद्रभूषण पाण्डेय और डीआईओएस डाॅ प्रदीप शर्मा ने किया पौधारोपण

महराजगंज
घुघली ब्लाक के उच्च प्राथमिक विद्यालय बेलवा टीकर में विश्व पर्यावरण दिवस पर एक अनूठी पहल की शुरुआत हुई। विद्यालय परिसर में 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिला विद्यालय निरीक्षक डाॅ प्रदीप कुमार शर्मा और घुघली ब्लाक के खण्ड शिक्षा अधिकारी चंद्रभूषण पाण्डेय ने अनार का पौधा लगाकर इस अभियान की शुरुआत की।

इस अवसर पर जिला विद्यालय निरीक्षक डाॅ प्रदीप शर्मा ने उपस्थित नागरिकों, शिक्षकों और बच्चों को 'हर घर-एक पेड़' लगाने की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि यह अभियान माता-पिता और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है।

इस अवसर पर घुघली ब्लाक के खण्ड शिक्षा अधिकारी चन्द्रभूषण पाण्डेय ने कहा कि पौधारोपण एक दिन की गतिविधि नहीं है। इसके संरक्षण की जिम्मेदारी सभी की है। उन्होंने बताया कि यह पौधा भविष्य में स्थानीय लोगों और पक्षियों के लिए फल और छाया का स्रोत बनेगा। उन्होंने कहा कि पेड़ों को मां के नाम से जोड़ने से भावनात्मक लगाव बनता है।

इसी क्रम में घुघली ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय बिरैचा, कंपोजिट विद्यालय बिरैचा में भी प्रधानाध्यापक यशवीर कृष्ण त्रिपाठी, अश्वनी पटेल, एआरपी डाॅ धनंजय मणि त्रिपाठी, अतुल कुमार मिश्र, रामजपित यादव तथा ग्रामीणों और बच्चों की उपस्थिति में एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत पौधरोपण कर उनके संरक्षण का संकल्प लिया गया।

इस अवसर पर प्रधानाध्यापक करूणाकर पाण्डेय, ओमप्रकाश कन्नौजिया, अभिषेक पटेल, वीरेन्द्र यादव, सत्येन्द्र शुक्ल, अजय पटेल, कृष्ण मुरारी यादव, राकेश राय, श्रीमती विमलेश गुप्ता प्रशान्त पाण्डेय, डाॅ अजय द्विवेदी, रामविलास वर्मा, सुधीर कुमार श्रीवास्तव, बीआरसी कर्मचारी राम करन, अनूप गुप्ता, प्राथमिक विद्यालय बिरैचा के प्रधानाध्यापक यशवीर कृष्ण त्रिपाठी, कंपोजिट विद्यालय बिरैचा के प्रभारी प्रधानाध्यापक अश्वनी पटेल, एआरपी विज्ञान डाॅ धनंजय मणि त्रिपाठी आदि लोग उपस्थित रहे।

बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए जरूरी है समर कैंप : चन्द्र भूषण पाण्डेय - समर कैंप में स्वस्थ मनोरंजन के साथ जीवन कौशल ...
23/05/2025

बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए जरूरी है समर कैंप : चन्द्र भूषण पाण्डेय

- समर कैंप में स्वस्थ मनोरंजन के साथ जीवन कौशल का आनंद ले रहे बच्चे

- स्कूलों में चल रहा समर कैंप, खेल खेल में हूनरमंद बन रहे परिषदीय स्कूलों के बच्चे

घुघली, महराजगंज

महराजगंज जनपद के घुघली ब्लाक के 19 उच्च प्राथमिक विद्यालयों तथा 32 कंपोजिट विद्यालयों में खंड शिक्षा अधिकारी चंद्रभूषण पाण्डेय के देखरेख में समर कैंप का आयोजन सफलतापूर्वक पूरे जोश के साथ चल रहा है। इन कैंपाें में विद्यार्थी योगाभ्यास, तो कहीं पेंटिंग, कबड्डी व खो-खो जैसे स्वस्थ मनोरंजक खेलों में अपनाञ हुनर दिखा रहे हैं।

खंड शिक्षा अधिकारी चंद्रभूषण पाण्डेय ने बताया कि घुघली ब्लॉक के कंपोजिट विद्यालष बिरैचा में समर कैंप के दौरान योगा, खो-खो, फुटबाल इत्यादि की गतिविधियां करवाई गईं। प्रभारी प्रधानाध्यापक अश्वनी पटेल के द्वारा खेल व योगा के प्रभाव के बारे में प्रकाश डाला गया। इसमें विद्यालय के छात्र-छात्राओं अभिभावक एवं समर कैंप शिक्षक, शिक्षामित्र आशुतोष दूबे, भूरेलाल, एआरपी डाॅ धनंजय मणि त्रिपाठी,अतुल कुमार मिश्र, यशवीर कृष्ण त्रिपाठी आदि शिक्षक उपस्थित रहे। पूर्व माध्यमिक विद्यालय तिलकवनिया में प्रधानाध्यापक ओमप्रकाश कन्नौजिया के नेतृत्व में समर कैप का आयोजन किया गया है।उच्च प्राथमिक विद्यालय परसिया में बच्चों को समर्पित कैंप के दौरान विभिन्न गतिविधियां कराई जा रही हैं।
घुघली ब्लॉक के कंपोजिट विद्यालय बरवा खुर्द में आयोजित समर कैंप में बच्चों ने योग व व्यायाम का अभ्यास किया। इसके पश्चात समर कैंप में म्यूजिकल चेयर, योग एवं व्यायाम के साथ लूडो, कैरम, क्रिकेट, खोखो, वाॅलीबाॅल आदि खेल गतिविधियों का भी आयोजन किया गया। समर कैंप में नामांकित सभी बच्चे उपस्थित रहे।
विद्यालय की प्रधानाध्यापिका श्रीमती विमलेश गुप्ता ने बताया कि यह समर कैंप 21 मई से प्रारंभ हुआ है, जो 15 जून तक सुबह सात से सुबह 10 बजे तक चलेगा। कैंप का मुख्य उद्देश्य छुट्टियों के दौरान विद्यार्थियों को रचनात्मक शैक्षिक एवं सामाजिक गतिविधियों से जोड़ना है। इस मौके पर शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक व अन्य सहयोगी उपस्थित रहे। इसी क्रम में कंपोजिट विद्यालय लक्ष्मीपुर देऊरवा में बच्चों ने समर कैंप के दौरान योगाभ्यास के दौरान विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में प्रतिभाग किया। कंपोजिट विद्यालय पचरूखिया में प्रधानाध्यापक पवन पटेल ने बच्चों को विभिन्न प्रकार की खेल गतिविधियों के माध्यम से समर कैंप के महत् के बारे में विस्तार से बताया। उच्च प्राथमिक विद्यालय बारी गांव में प्रधानाध्यापक राजेश उपाध्याय के नेतृत्व में शिक्षकों, शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों ने समर में विभिन्न प्रकार के खेलकूद गतिविधियों के माध्यम से बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उत्साहपूर्ण माहौल में योगाभ्यास, पेंटिंग आदि कराया। कंपोजिट विद्यालय करमही में संजय मणि त्रिपाठी के मार्गदर्शन में समर कैंप का आयोजन सफलतापूर्वक चल रहा है।

बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए जरूरी है समर कैंप : चन्द्र भूषण पाण्डेय

महराजगंज जनपद के घुघली ब्लाक के परिषदीय विद्यालयों में चल रहे समर कैंप के बारे में खंड शिक्षा अधिकारी चन्द्र भूषण पाण्डेय ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार घुघली ब्लाक के 19 उच्च प्राथमिक विद्यालयों, 32 कंपोजिट विद्यालयों सहित कुल 51 विद्यालयों में समर कैंप में विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से शैक्षणिक, शारीरिक व रचनात्मक गतिविधियों को शामिल किया गया है। जिसमें बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए कैलीग्राफी, कोडिंग, शूटिंग, मार्शल आर्ट, स्किल्स फॉर लाइफ और कुकिंग विदआउट फायर जैसी रचनात्मक गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। वहीं क्रिकेट, बैडमिंटन, स्केटिंग, स्विमिंग व फुटबॉल के माध्यम से विद्यार्थियों के शारीरिक विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। शूटिंग और मार्शल आर्ट जैसी गतिविधियां विद्यार्थियों को आत्मविश्वासी और लक्ष्य केंद्रित बनाना सिखा रही हैं, जबकि पर्सनैलिटी ग्रूमिंग के माध्यम से उनका आत्मविकास किया जा रहा है। इसके लिए स्व प्रेरित शिक्षकों का समूह, शिक्षामित्र, अनुदेशक और समाज के जागरूक लोगों का सहयोग निरंतर मिल रहा है।

14/12/2024

बेटा चौथी कक्षा में पढ़ रहा था, तभी शिक्षक ने पिता को बताया कि आपका बेटा बहुत बढ़िया शतरंज खेलता है। यदि इसे खेलने दिया जाय तो बहुत आगे जाएगा...
पिता बड़े डॉक्टर थे, माता भी डॉक्टर। हमारे समाज में ऐसे दम्पत्ति बच्चे के जन्म के पहले की तय कर देते हैं कि बच्चा डॉक्टर बनेगा। पर उस पिता ने रिस्क लिया, और आज के हिसाब से बहुत बड़ा रिस्क लिया। बच्चे को शतरंज खेलने में ही आनन्द आता था तो उसके जिम्मे केवल शतरंज खेलने का ही काम रहने दिया। मतलब समझ रहे हैं? बच्चे ने चौथी कक्षा के आगे पढ़ाई ही नहीं की है।
आप अपने आसपास दृष्टि दौड़ा कर देखिये, क्या ऐसा कोई पढा लिखा पिता दिखता है जो खेलने के लिए बेटे की पढ़ाई छुड़वा दे? नहीं मिलेगा। क्यों? क्योंकि हमारा लक्ष्य ही है कि बच्चा किसी तरह पढ़ लिख कर कहीं नौकर लग जाय। हम इससे उपर सोच ही नहीं पाते...
हाँ तो पिता ने बच्चे की पढ़ाई छुड़वा दी। बच्चा अच्छा खेल रहा था तो स्कूल के बाहर भी खेलने जाने लगा। अब छोटे बच्चे को अकेले तो कहीं भेज नहीं सकते, सो माता ने भी अपनी नौकरी लगभग छोड़ ही दी। उसके पीछे साये की तरह लगी रहती, उसके भोजन और सुविधा का ध्यान रखती, पसन्द-नापसंद का ध्यान रखती...
2017 में केवल ग्यारह वर्ष के उस बच्चे से किसी पत्रकार ने पूछा- आप आगे क्या करना चाहते हैं? लड़के ने बिना किसी झिझक के कहा था- मुझे सबसे कम आयु का ग्रैंडमास्टर बनना है। मुझे सबसे कम आयु का विश्व चैंपियन बनना है।
कल वह बच्चा सचमुच सबसे कम आयु का विश्वविजेता बन गया है। इस उपलब्धि में उसकी प्रतिभा, उसका समर्पण, उसे मिली सुविधाओं की भूमिका तो है ही, बस सबसे बड़ी भूमिका उसके पिता डॉ रजनीकांत के उस रिस्क की है जो उन्होंने उसकी चौथी कक्षा में पढ़ाई छुड़वा कर उठाई थी।
पुराने बूढ़े कहते थे- "लीक छोड़ कर तीन चले, शायर सिंह सपूत..." लीक पर चलने वाले अब भी दाल रोटी की व्यवस्था में लगे रह जाते हैं। राजा वही बनता है, जो रिस्क लेता है...
गुकेश दूबे को बहुत बहुत बधाई...

Basic k Mani AstroGuru डॉ धनंजय मणि त्रिपाठी Brajesh Pathak AstroGuru Dr. Dhananjay Mani Tripathi Fans Club

निरंतर आगे बढ़ना ही जीवन का सार हैजीवन एक नदी की तरह है ...  जैसे नदी अपने साथ अनुभवों के कण बहाती है। हर व्यक्ति अपनी उ...
13/12/2024

निरंतर आगे बढ़ना ही जीवन का सार है

जीवन एक नदी की तरह है ...
जैसे नदी अपने साथ अनुभवों के कण बहाती है। हर व्यक्ति अपनी उम्र के साथ नई कहानियाँ जोड़ता जाता है।

कठिनाइयाँ ही असली शिक्षक हैं....
जीवन की चुनौतियाँ हमें सिखाती हैं कि कैसे मज़बूत बनें और समस्याओं से पार पाएँ।

बुढ़ापा अनुभव का ख़ज़ाना है....
बुजुर्ग होने का अर्थ है अपने जीवन के अनुभवों के माध्यम से दूसरों को रास्ता दिखाना। जैसे एक बढ़ी काकी जो ख़ुद के खो जाने के बाद भी मार्गदर्शन करती है।

जीवन की लहरों से सीखो ...
जीवन की धारा कभी-कभी कठोर चोट करती है, लेकिन यही चोटें हमें जीने का सलीका सिखाती हैं और बेहतर कल की आशा जगाती हैं।

उम्र के साथ बढ़ते जाना....
उम्र बढ़ना महज एक संख्या नहीं बल्कि अपने आप से मुलाक़ात करना है जहाँ हर अनुभव एक नया अध्याय जोड़ता है। रुकना नहीं है बल्कि निरंतर आगे बढ़ना ही जीवन का सार है।

AstroGuru DrDhananjay Mani डॉ धनंजय मणि त्रिपाठी AstroGuru AstroGuru Dr. Dhananjay Mani Tripathi Fans Club Anushree Tripathi

धन के चक्कर में क्या छूटेगा और क्या बचेगा?लगातार संकुचित होते परिवारों ने मानव जीवन की दौड़ को 'खुद से लेकर खुद तक' में ...
13/12/2024

धन के चक्कर में क्या छूटेगा और क्या बचेगा?

लगातार संकुचित होते परिवारों ने मानव जीवन की दौड़ को 'खुद से लेकर खुद तक' में ही सीमित करके छोड़ दिया है! आजकल बच्चों को दादा- दादी, चाचा-चाची, मामा-मामी एवं अन्य रिश्ते देखने को ही नहीं मिल रहे, केवल अंकल-आंटी एवं फ्रेंड सर्कल से ही गुजारा करना पड़ रहा है जैसे कोई सुनामी आई और सभी रिश्तों को निगल गई! हम लोगों को यह सोचना होगा कि जिस धन कमाने के चक्कर में हम सब कुछ छोड़ बैठे हैं जब उनकी जरूरत पड़ेगी तब क्या यह धन काम आनहीं

न जाने धन पाने के चक्कर में क्या-क्या छूटेगा और यदि बचा तो क्या बचेगा? जिंदगी की दौड़ आज इस मुकाम पर लाई है कि घरों में चूल्हा जलाने के लिए पति पत्नी दोनों को मिलकर काम करना पड़ रहा है तब जाकर कहीं शहरों में रहना सम्भव हो पा रहा है! ऐसे में प्रश्न उठता है कि क्या हमारी दौड़ सही दिशा में हो रही है अथवा नहीं?

AstroGuru डॉ धनंजय मणि त्रिपाठी AstroGuru DrDhananjay Mani Brajesh Pathak Divya Prakash Dubey AstroGuru Dr. Dhananjay Mani Tripathi Fans Club

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