Adarsh Ojha "Gkp"

Adarsh Ojha "Gkp" सर्वे भवन्तु सुखिन:

कोलंबिया विश्वविद्यालय में गणित के एक कोर्स के दौरान एक छात्र कक्षा में सो गया। जब उसकी नींद खुली, तो उसने देखा कि प्रोफ...
06/05/2025

कोलंबिया विश्वविद्यालय में गणित के एक कोर्स के दौरान एक छात्र कक्षा में सो गया। जब उसकी नींद खुली, तो उसने देखा कि प्रोफेसर ने व्हाइटबोर्ड पर दो समस्याएँ लिखी थीं। उसने सोचा कि ये होमवर्क हैं, इसलिए वह उन्हें अपनी नोटबुक में नोट कर के घर ले गया।

जब उसने उन समस्याओं को हल करने की कोशिश की, तो वे उसे बेहद कठिन लगीं। लेकिन उसने हार नहीं मानी। घंटों लाइब्रेरी में बैठकर उसने संदर्भ पुस्तकों की मदद से अध्ययन किया और अंततः वह एक समस्या को हल करने में सफल हो गया, भले ही यह काफी चुनौतीपूर्ण था।

अगली कक्षा में प्रोफेसर ने जब होमवर्क के बारे में कुछ नहीं पूछा, तो वह चकित हुआ और खड़ा होकर पूछा, "सर, आपने पिछले लेक्चर में दिए गए असाइनमेंट के बारे में कुछ क्यों नहीं पूछा?"

प्रोफेसर ने उत्तर दिया, "असाइनमेंट? वो तो मैंने केवल ऐसे उदाहरण के तौर पर लिखी थीं जिन्हें अभी तक वैज्ञानिक हल नहीं कर पाए हैं।"

छात्र चौंक गया और बोला, "लेकिन मैंने उनमें से एक को हल कर लिया है! मैंने इस पर चार पेपर भी लिखे हैं।" उसकी इस उपलब्धि को बाद में मान्यता मिली और कोलंबिया विश्वविद्यालय में उसके लिखे चारों पेपर आज भी प्रदर्शित हैं।

इस कहानी की सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि छात्र ने यह नहीं सुना था कि "इन समस्याओं का कोई हल नहीं है।" उसने सिर्फ यही माना कि ये कठिन प्रश्न हैं, जिन्हें हल करना ज़रूरी है, और उसने पूरे मन से उन्हें हल करने की कोशिश की – और सफल हुआ।

यह कहानी हमें याद दिलाती है – उन लोगों की बात मत सुनो जो कहते हैं कि तुम कुछ नहीं कर सकते। आज की पीढ़ी अक्सर निराशा और नकारात्मकता से घिरी होती है। कुछ लोग जानबूझकर दूसरों के भीतर असफलता और हार का बीज बोते हैं।

लेकिन तुम्हारे पास अपनी मंज़िल पाने की ताकत है, बाधाओं को पार करने की शक्ति है, और अपने सपनों को साकार करने का साहस है। बस खुद पर और ईश्वर पर विश्वास रखो – और लगातार प्रयास करते रहो।

इस छात्र का नाम था जॉर्ज डैंटज़िग, और यह समस्या Math Stack Exchange से ली गई थी।

"डैंटज़िग ने यह सिद्ध किया कि Student’s t-test के संदर्भ में, एकमात्र तरीका जिससे हम ऐसी hypothesis testing बना सकते हैं जो standard deviation से स्वतंत्र हो, वह है एक निरर्थक परीक्षण, जो हमेशा समान संभावना से रिजेक्ट या एक्सेप्ट करता है – जो व्यावहारिक नहीं है।"

18/03/2025

40 वर्ष की आयु में, फ्रांज़ काफ्का (1883-1924), जो कभी विवाह नहीं कर सके और जिनकी कोई संतान नहीं थी, एक दिन बर्लिन के एक पार्क में टहल रहे थे। वहाँ उनकी मुलाकात एक छोटी लड़की से हुई, जो अपनी प्रिय गुड़िया खो जाने के कारण रो रही थी।

काफ्का और वह लड़की मिलकर गुड़िया को खोजने लगे, लेकिन असफल रहे। काफ्का ने लड़की से कहा कि वह अगले दिन भी वहीं मिले, और वे फिर से गुड़िया को खोजेंगे।

अगले दिन जब गुड़िया नहीं मिली, तो काफ्का ने लड़की को गुड़िया के नाम से लिखा एक पत्र दिया। उसमें लिखा था, "कृपया रोओ मत। मैं दुनिया घूमने निकली हूँ। मैं तुम्हें अपनी यात्राओं के बारे में पत्र लिखती रहूंगी।"

इस तरह एक कहानी की शुरुआत हुई, जो काफ्का के जीवन के अंत तक चली। हर मुलाकात में काफ्का बड़े प्यार से गुड़िया के पत्र पढ़कर सुनाते, जिनमें उसकी रोमांचक यात्राओं का वर्णन होता था। लड़की को ये पत्र बहुत प्रिय लगते।

आखिरकार, काफ्का ने एक गुड़िया खरीदी और उसे लड़की को दिया, यह कहकर कि उसकी गुड़िया लौट आई है। लड़की ने कहा, "यह तो मेरी गुड़िया जैसी नहीं दिखती।"

काफ्का ने उसे एक और पत्र दिया, जिसमें लिखा था, "मेरी यात्राओं ने मुझे बदल दिया है।"

लड़की ने उस नई गुड़िया को गले लगा लिया और खुशी-खुशी अपने घर ले गई।

एक साल बाद, काफ्का का निधन हो गया।

कई वर्षों बाद, जब वह लड़की बड़ी हो गई, तो उसने गुड़िया के अंदर एक छोटा-सा पत्र पाया। उसमें काफ्का के हस्ताक्षर थे और लिखा था:
"जिस चीज से तुम प्रेम करती हो, वह शायद खो जाएगी, लेकिन अंत में प्रेम किसी और रूप में लौट आएगा।"

परिवर्तन को अपनाओ। यह विकास के लिए अनिवार्य है। हम मिलकर दर्द को आश्चर्य और प्रेम में बदल सकते हैं, लेकिन यह हम पर निर्भर करता है कि हम उस जुड़ाव को कितनी जागरूकता और इरादे से बनाते हैं!

03/02/2025

ऋतुराज वसंत चौखट पर मुस्कुरा रहें हैं स्वागत कीजिए 🙏

17/01/2025

सूर्य उत्तरायण हो चुके है । नव वर्ष नई दुल्हन की तरह अब घूँघट खोल अब अपने रंग में आई है । 15 दिन बाद वसंत ऋतुराज भी आपसे मिलने के आतुर होंगे!

12/11/2024

उत्तिष्ठोत्तिष्ठ गोविंद, उत्तिष्ठ गरुडध्वज ।
उत्तिष्ठ कमलाकान्त, त्रैलोक्यं मंगलं कुरु ।।

देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह की आप सभी को सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं.

शिवेन सह मोदते
21/08/2024

शिवेन सह मोदते

रोते हुए बाल संगीतकार की छवि को आधुनिक इतिहास की सबसे भावनात्मक तस्वीरों में से एक के रूप में वर्गीकृत किया गया था।यह तस...
27/06/2024

रोते हुए बाल संगीतकार की छवि को आधुनिक इतिहास की सबसे भावनात्मक तस्वीरों में से एक के रूप में वर्गीकृत किया गया था।

यह तस्वीर एक 12 वर्षीय ब्राजीलियाई लड़के (डिएगो फ्रैज़ो तुर्काटो) की ली गई थी, जो अपने शिक्षक के अंतिम संस्कार में वायलिन बजा रहा था, जिसने उसे गरीबी और अपराध के वातावरण से बचाया था जिसमें वह रहता था।

इस तस्वीर में मानवता दुनिया की सबसे मजबूत आवाज में बोलती है: "करुणा के बीज बोने के लिए एक बच्चे में प्यार और दया पैदा करें। और तभी आप एक महान सभ्यता, एक महान राष्ट्र का निर्माण करेंगे"। (फोटोग्राफर: मार्कोस ट्रिस्टाओ)

29/02/2024

ज़िंदगी का सबसे बड़ा जुआ विवाह है अगर हमसफ़र सही मिल जाता है तो आप सब कुछ जीत लेते हो और अगर ग़लत मिल जाए तो आप जीते जी सब कुछ हार जाते हो...!

16/02/2024

अरयोऽपि हि सन्धेयाः सति कार्यार्थगौरवे!
अहिमूषकवद् देवा ह्यर्थस्य पदवीं गता:!!
किसी मदारी की पिटारी में साँप तो पहले से था ही,संयोग वश उसमें एक चूहा भी जा घुसा! चूहे के भयभीत होने पर साँप ने उसे प्रेम से समझाया कि तुम पिटारी में छेद कर दो, फिर हम दोनों भाग निकलेंगे!पहले तो साँप के इस रोयामास बात पर चूहे को विश्वास न हुआ, परन्तु पीछे उसने पिटारी में छेद कर दिया। इस प्रकार काम बन जाने पर साँप चूहे को निगल गया और पिटारी से निकल भागा!

01/01/2024

नूतन वर्ष की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं

11/06/2023

फीस समय की या अनुभव की?
एक विशाल जहाज का इंजन खराब हो गया। लाख कोशिशों के बावजूद कोई इंजीनियर उसे ठीक नहीं कर सका। फिर किसी ने एक मैकेनिकल इंजीनियर का नाम सुझाया जिसे इस तरह के काम का 30 से अधिक वर्षों का अनुभव था। उसे बुलाया गया। इंजीनियर ने वहां पहुंचकर इंजन का ऊपर से नीचे तक बहुत ध्यान से निरीक्षण किया। सब कुछ देखने के बाद इंजीनियर ने अपना बैग उतारा और उसमें से एक छोटा सा हथौड़ा निकाला। फिर उसने इंजन पर एक जगह हथोड़े से धीरे से खटखटाया। और कहा कि अब इंजन चालू करके देखें। और सब हैरान रह गए जब इंजन फिर से चालू हो गया। इंजन ठीक करके इंजीनियर चला गया। जहाज के मालिक ने जब इंजीनियर से जहाज की मरम्मत करने की फीस पूछी, तो इंजीनियर ने कहा- 20,000 डॉलर।
"क्या?!" मालिक चौंका। "आपने लगभग कुछ नहीं किया। मेरे आदमियों ने मुझे बताया था कि तुमने एक हथोड़े से इंजन पर सिर्फ थोड़ा सा खटखटाया था। इतने छोटे काम के लिए इतनी फीस? आप हमें एक विस्तृत बिल बनाकर दें।"
इंजीनियर ने बिल बनाकर दे दिया। उसमें लिखा था:
हथौड़े से खटखटाया: $2
कहां और कितना खटखटाना है: $19,998
फिर इंजीनियर ने जहाज के मालिक से कहा - अगर मैं किसी काम को 30 मिनट में कर देता हूं तो इसलिए कि मैंने 30 साल यह सीखने में लगा दिए कि उसे 30 मिनट में कैसे किया जाता है। मैंने आपको 30 मिनट नहीं दिए, इतने समय में मेरे 30 वर्षों का अनुभव दिया है। फीस कितना समय लगा उसकी नहीं मेरे अनुभव की है। जहाज का मालिक बहुत शर्मिंदा हुआ और उसने ख़ुशी ख़ुशी इंजीनियर को उसकी फीस दे दी।
तो किसी की विशेषज्ञता और अनुभव की सराहना करें... क्योंकि ये उनके वर्षों के संघर्ष, प्रयोग, मेहनत और आंसुओं का परिणाम हैं..

हम सब का भी एक बायोडाटा ईश्वर के पास है                                                                                 ...
02/05/2023

हम सब का भी एक बायोडाटा ईश्वर के पास है
इंसानी शरीर की उँगलियों में लकीरें तब बनने लगती हैं जब इंसान माँ के गर्भ में 4 महीने का हो जाता है और ये लकीरें आकार लेने लगती हैं

ये लकीरें एक रेडियो एक्टिव लहर की तरह मांस पर बनना शुरू होती हैं इन लहरों को भी आकार DNA (आनुवंशिक) देता है ।
किंतु आश्चर्य की बात ये है कि बनने वाली लकीरें किसी हालत में अपने पूर्वजों और धरती पर रहने वाले अन्य किसी भी इंसानों से बिलकुल भी मेल नहीं खातीं ।

यानी लकीरें बनाने वाला इस तरह से समायोजन रखता है कि वो खरबों की तादाद में इंसान जो इस दुनियाँ में हैं और जो इस दुनियाँ में नहीं रहे उनकी उँगलियों में मौजूद लकीरों की शेप और उनके एक एक डिजाइन से अच्छे से परिचित है।
यही वजह है कि वो हर बार एक नए अंदाज का डिजाइन आपकी उँगलियों पर बनाकर के ये साबित करता है की........
है कोई मुझ जैसा निर्माता ?
है कोई मुझ जैसा कारीगर ?
कोई है मुझ जैसा आर्टिस्ट ?
कोई है मुझ जैसा कलाकार ?

आश्चर्य की सोच इस बात पर खत्म हो जाती है कि यदि जलने से जख्म लगने या किसी अन्य कारण से ये फिंगरप्रिंट मिट जाए तो दुबारा बही की बही लकीरें जिनमें एक रत्ती का भी अंतर नही होता पुनः स्थापित हो जाती हैं

पूरी दुनियाँ मिलकर भी इंसानी उंगली पर अलग अलग लकीरों वाली एक फिंगरप्रिंट नहीं बना सकती।

कोई तो है जो गढ़ रहा है मनुष्य को,
बहुत ध्यान से,
बहुत मेहनत से,
कोई तो है जो हमे तरास रहा है
उसकी मेहनत की कद्र करिए बो आपकी सदैव कद्र करेगा,
उसने इंसान बनाया है,इंसान बने रहिए,इंसानियत अपने अंदर सदैव जिंदा रखिए

वो भगवान है।🙏

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