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प्रिय साथियों, कुछ दिनों पूर्व हमने आशा का कवर की झलक आपको दिखाई थी जिसे देखकर कई पाठकों ने हमसे कहा था कि आशा के कवर को...
11/07/2025

प्रिय साथियों, कुछ दिनों पूर्व हमने आशा का कवर की झलक आपको दिखाई थी जिसे देखकर कई पाठकों ने हमसे कहा था कि आशा के कवर को पुराने उपन्यासों के स्टाइल में ही रखा जाए तो बेहतर होगा। आपकी इच्छा सिर माथे। हमारे आर्टिस्ट ने ये तीन ऑप्शन कवर के लिए दिए हैं। आपके द्वारा चुना गया कवर ही उपन्यास पर प्रकाशित होगा। कृपया कमेंट्स के माध्यम से अपना वोट दें।

आप इस पोस्ट को श्री सुरेन्द्र मोहन पाठक के प्रशंसकों के फेसबुक समूहों में भी साझा कर सकते हैं ताकि अधिक से अधिक पाठक पोस्ट पर आकर अपने मत से हमें अवगत करवा सकें।

पुनश्च: दो विकल्पों में जानबूझकर आशा लाल साड़ी में दिखती है क्योंकि उपन्यास में इससे जुड़ा एक प्रसंग आता है। अगर आपने उपन्यास पढ़ा है तो सरला आशा संवाद आपको याद होगा जिसमें वो लाल साड़ी पहनी आशा की तुलना 'सौ सौ सूरजों की जगमगाहट' से करती है।

अलका शर्मा जी Anupama Naudiyal जी कहानी संग्रह 'शेष पन्ने' के विषय में अमेज़न में लिखती हैं:अनुपमा नौडियाल जी के उपन्यास ...
08/07/2025

अलका शर्मा जी Anupama Naudiyal जी कहानी संग्रह 'शेष पन्ने' के विषय में अमेज़न में लिखती हैं:

अनुपमा नौडियाल जी के उपन्यास 'अज्ञातवास' के बाद उनकी किताब 'शेष पन्ने' पढ़ने का अवसर मिला।

शेष पन्ने उत्तम कहानियों का एक ख़ूबसूरत संग्रह है। इसमें कुल नौ कहानियाँ हैं। कहानियों के पात्र हमारे आस-पास से ही लिए गए हैं, ऐसा प्रतीत होता है।

कुछ कहानियाँ बचपन की याद दिलाती हैं। ऐसी ही कहानियाँ हैं 'प्लेटफॉर्म नंबर 7', 'नानाजी का पतरा' और 'नानीजी के जूते'।

'जाने पहचाने अजनबी' भी अच्छी कहानी है... लोग आजकल रिश्तों में आत्मीयता से अधिक पैसे को महत्व देने लगे हैं।

सबसे अधिक प्रभावित कहानी 'रावण' ने किया। ये काफ़ी संवेदनशील और मर्म स्पर्शी विषय पर लिखी है। सभी बच्चों को गुड टच बैड टच के विषय में जानकरी देना जरूरी है। पात्र गौतम शर्मा जैसे लोगों को न केवल पहचानना जरूरी है वरन इनका सच उजागर करना भी उतना ही जरूरी है।

अनुरोध है कि ऐसे विषयों पर और अधिक मुखर हो कर लिखें। आपकी लेखनी प्रभावशाली है समाज में बदलाव ला सकती है।

#कहानी_संग्रह #हिन्दी_कहानी #अनुपमा_नौडियाल

06/07/2025

जितेंद्र कुमार वर्मा जी  अमेज़न पर Sunil Kumar Sinkretik की कहानी संग्रह बात बनेचर के विषय में लिखते हैं:बात बनेचर नहीं ज...
23/06/2025

जितेंद्र कुमार वर्मा जी अमेज़न पर Sunil Kumar Sinkretik की कहानी संग्रह बात बनेचर के विषय में लिखते हैं:

बात बनेचर नहीं जीवन दर्शन है

बनकिस्सा पढ़ने के बाद बात बनेचर को लेकर अति उत्साहित था यकीन मानिए आप निराश नहीं होंगे यह सिर्फ जंगलों या उनमें में रहने वाले प्राणियों का ही किस्सा नहीं है यह मानव जीवन का जीवन दर्शन है।

क्या आपने यह कहानी संग्रह पढ़ा है?

अभिषेक वर्मा जी अमेज़न पर संजय अग्निहोत्री द्वारा लिखित 'अँधेरों का संगतराश' के विषय में लिखते हैं:'बुत और मूर्ति को लेकर...
21/06/2025

अभिषेक वर्मा जी अमेज़न पर संजय अग्निहोत्री द्वारा लिखित 'अँधेरों का संगतराश' के विषय में लिखते हैं:

'बुत और मूर्ति को लेकर इतना हटकर कथानक लिखना ही बड़ी बात है। उपन्यास के हर पेज पर आश्चर्य और रोमांच का भाव बना रहता है।'

क्या आपने 'अँधेरों का संगतराश' पढ़ी है?

सौरभ शर्मा जी Anupama Naudiyal जी के कहानी संग्रह 'शेष पन्ने' पर अमेज़न पर लिखते हैं:'अनुपमा जी  का यह कहानी संग्रह पढ़ना...
19/06/2025

सौरभ शर्मा जी Anupama Naudiyal जी के कहानी संग्रह 'शेष पन्ने' पर अमेज़न पर लिखते हैं:

'अनुपमा जी का यह कहानी संग्रह पढ़ना अपनी संवेदनशीलता को खुराक देने जैसा है। उनकी भाषा, कहानी कहने का ढंग बेहद रोचक है और बांधे रखता है। उनकी कहानी में जीवन की वास्तविकता तो है पर इसे बदलने के लिए अच्छे किरदारों की जद्दोजहद भी है।'

क्या आपने यह संग्रह पढ़ा है? आपके इस संग्रह के विषय में क्या विचार हैं?

#कहानी_संग्रह #कहानी #अनुपमा_नौडियाल

प्रिय साथियों, लेखक सत्य व्यास के दो उपन्यासों का कॉम्बो हम आपके लिए 35 प्रतिशत छूट के साथ लेकर उपस्थित हुए हैं। पुस्तको...
17/06/2025

प्रिय साथियों,

लेखक सत्य व्यास के दो उपन्यासों का कॉम्बो हम आपके लिए 35 प्रतिशत छूट के साथ लेकर उपस्थित हुए हैं।

पुस्तकों के विषय में:

लकड़बग्घा

मुंबई इस समय खौफ के साये में जी रहा था। कोई था जो लोगों को बेतरतीब तरीके से मार रहा था। कोई जिसे लकड़बग्घा नाम दिया गया था।

पर यह पहली बार नहीं था ऐसा हुआ था।

एक बार पहले भी ऐसा कुछ हो चुका था और उस केस में इंस्पेक्टर श्वेता ने अपनी शादी और अपनी करियर में मिलने वाली पदोन्नति दोनों को खो दिया था।

एक बार फिर इंस्पेक्टर श्वेता के समक्ष लकड़बग्घा के रूप में एक चुनौती मौजूद थी।

क्या वो लकड़बग्घा से पार पा पायी।

1931

1931- देश या प्रेम ? प्रसिद्ध लेखक सत्य व्यास जी की नवीनतम उपन्यास है । क्रांतिकारी युग का बंगाल, और उसमे धधकती क्रांति की ज्वाला और उसमे प्रेम का मोहक अंश । शोध से लिखा यह उपन्यास हिन्दी के पाठको को जरूर ही क्रांतिकारी इतिहास के प्रति और भी अधिक जागरूक करेगा ।

पुस्तक आप व्हाट्सएप के माध्यम से ऑर्डर कर सकते हैं।

हमारा व्हाट्सएप नंबर है:
+91 70110 86399

छूने दो आकाश: नारी संघर्ष और जिजीविषा की प्रेरणादायक कहानियाँहमारे द्वारा प्रकाशित संग्रह 'छूने दो आकाश' में लेखिका सुधा...
13/06/2025

छूने दो आकाश: नारी संघर्ष और जिजीविषा की प्रेरणादायक कहानियाँ

हमारे द्वारा प्रकाशित संग्रह 'छूने दो आकाश' में लेखिका सुधा आदेश की चार लम्बी कहानियाँ हैं।

एक बुक जर्नल पर पुस्तक पर लिखी संजीव जायसवाल 'संजय' द्वारा लिखी टिप्पणी प्रकाशित हुई है।

आप भी पढ़ें:
https://ekbookjournal.com/book-review-chhoone-do-aakash-sudha-adesh/

अगर आपने पुस्तक पढ़ी है तो अपनी राय आप हमें भेज सकते हैं।

प्रिय साथियों, साहित्य के क्षेत्र में धर्मवीर भारती की लोकप्रियता आज भी कायम है। युवाओं के बीच उनके उपन्यास 'गुनाहों का ...
13/06/2025

प्रिय साथियों,

साहित्य के क्षेत्र में धर्मवीर भारती की लोकप्रियता आज भी कायम है। युवाओं के बीच उनके उपन्यास 'गुनाहों का देवता' और 'सूरज का सातवाँ घोड़ा' खासे चर्चित रहे हैं। डॉ भारती का कथाकार रूप उनके पत्रकार रूप पर अधिक हावी रहा है, लेकिन यह भी सच है डॉक्टर धर्मवीर भारती ने साहित्य की जितनी सेवा की है उससे काफी लंबे समय तक पत्रकार और संपादक के रूप में पत्रकारिता की है। उनके व्यक्तित्व के इसी पहलू को उभारने का कार्य यह पुस्तक करती है।

पुस्तक में पैंतीस के करीब अध्याय हैं, जिनमें आलेख, साक्षात्कार और संस्मरण मौजूद हैं जो कि डॉ धर्मवीर भारती की शख्सियत और पत्रकारिता को रेखांकित करते हैं।

पुस्तक का संपादन रवींद्र श्रीवास्तव, सुनील श्रीवास्तव और टिल्लन रिछारिया द्वारा किया गया है।

उम्मीद है यह पुस्तक आपको पसंद आएगी।

पुस्तक लिंक: https://www.sahityavimarsh.in/dharamvir-bharati-shakhsiyat-patrakarita/

#धर्मवीरभारती #धर्मयुग

नई आमद!!साथियों बताते हुए खुशी हो रही है कि 'बिभूतिभूषण की पारलौकिक कथाएँ खंड 1' अब पाठकों के लिए उपलब्ध है। बिभूतिभूषण ...
12/06/2025

नई आमद!!

साथियों बताते हुए खुशी हो रही है कि 'बिभूतिभूषण की पारलौकिक कथाएँ खंड 1' अब पाठकों के लिए उपलब्ध है।

बिभूतिभूषण की पारलौकिक कथाएँ खंड 1 में बिभूतिभूषण बंद्योपाध्याय की पंद्रह कहानियों को संकलित किया गया है। कहानियों का अनुवाद जयदीप शेखर ने किया है। जयदीप शेखर इससे पूर्व बिभूतिभूषण बंद्योपाध्याय की चाँद का पहाड़, सुंदरबन में सात साल और वीरान टापू का खजाना पाठकों के लिए लेकर आ चुके हैं और इन्हें पाठकों का भरपूर प्यार भी मिला है। आशा करते हैं प्रस्तुत पुस्तक को भी पाठकों की वही सराहना प्राप्त होगी।

पुस्तक के विषय में:

उनके चारों तरफ बड़े मैदान में जिधर भी नजर जा रही थी, अनगिनत सफेद कंकाल खड़े थे— दूर में, पास में, दाहिनी ओर, बाँयी ओर। बहुत ही पुराने जमाने के जीर्ण कंकाल, बहुतों के हाथों की सारी उँगलियाँ नहीं थीं, बहुतों की हड्डियाँ धूप में जलकर चटक गयी थीं, किसी की खोपड़ी में छेद था, किसी के पैरों की हड्डी मुड़कर टेढ़ी-मेढ़ी हो रही थी। उनके चेहरे भी इधर-उधर थे। खड़े होने की उनकी भंगिमा से जान पड़ रहा था कि किसी ने बहुत सावधानी के साथ इन्हें खड़ा कर रखा है— जैसे ही वह इन्हें छोड़ेगा, हड्डियों के ये जीर्ण-शीर्ण, टेढ़े-मेढ़े, सीलनयुक्त ढाँचे भरभराकर गिरकर हड्डियों के स्तूप में बदल जाएँगे; जबकि वे सजीव भी जान पड़ रहे थे— सभी मानो मेरी पहरेदारी कर रहे थे कि मैं प्राणों के साथ इस श्मशान से न भाग सकूँ। अपने हाथों की हड्डियाँ बढ़ाकर सभी मानो मेरी गर्दन दबोचने की प्रतीक्षा में थे।

-संग्रह में मौजूद कथा ‘तारानाथ तांत्रिक की कहानी’ से

प्रसिद्ध बँगला लेखक बिभूतिभूषण बन्द्योपाध्याय की पंद्रह पारलौकिक कथाओं का संकलन, जिनमें मौजूद हैं शापित वस्तुएँ, भूतहा जगहें, भूत-प्रेत और इनसे जूझते कई किरदार

पुस्तक साहित्य विमर्श की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

पुस्तक लिंक: https://www.sahityavimarsh.in/bibhutibhushan-ki-parlaukik-kathayein/

#बिभूतिभूषणबंद्योपाध्याय #जयदीपशेखर #अनुवाद

साहित्य विमर्श द्वारा स्पेशल ऑफरचंदर के 6 उपन्यास मात्र ₹999/- में शिपिंग के साथसीमित समय के लिए
10/06/2025

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