Julee Sahu

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लड़की ने अपने पापा से पूछा -पापा मैं अपने शरीर के कितने हिस्से को ढकूं और कितने हिस्से को खुला छोड़ दूं ?पिता का बड़ा खूबसू...
18/05/2025

लड़की ने अपने पापा से पूछा -
पापा मैं अपने शरीर के कितने हिस्से को ढकूं और कितने हिस्से को खुला छोड़ दूं ?

पिता का बड़ा खूबसूरत जबाब मिला - बेटा जितने हिस्से पर तुम नर्क की आग सहन कर सको उतना हिस्सा खुला छोड़ दो,,

लड़की बोली- ऐसा क्यों पापा ?🤔

पापा- क्योंकि पर्दा करना बहुत जरूरी है क्योंकि तुमने श्री कृष्ण की गोपियों के कपड़े चुराने बाली कहानी तो सुनी होगी जब गोपियां तालाब में निर्वस्त्र होकर नहाती थी तो भगवान श्री कृष्ण गोपियों के कपड़े उठा ले जाते थे और उनको परेशान करते थे वो ऐसा इसलिए करते थे क्योंकि वो नही चाहते थे कि कोई भी स्त्री बिना कपड़ों के नहाये,,
क्योंकि गोपियों को इंसान के अलावा जीव जंतु पशु पक्षी मछली व अन्य जानवर भी देखते थे,, जिसका ज्ञान गोपियों को नही था,, इसलिए वो बिना कपड़ों के नहाने के लिए मना करते थे व स्त्री को पर्दे में रहने की शिक्षा देते थे, लेकिन कुछ लोगो ने इसका उल्टा अर्थ निकाल लिया💯

लड़की बोली - पापा अगर में पर्दा करूँगी तो खूबसूरत कैसे दिखूंगी ?🤷‍♀🤷‍♀👸👰

पिता - इसका जबाब में बेटा बाद में दूंगा,
कुछ दिन बाद पिता काम से विदेश चला गया,, और

वहाँ से उसने लड़की के लिये गिफ्ट भेजा,,🎁🎁

लड़की ने गिफ्ट खोला उसमे एप्पल का मोबाइल था,📱

पिता का फोन आया -
बेटा गिफ्ट कैसा लगा ?

लड़की - बहुत अच्छा 💯

पिता - बेटा अब क्या करोगे

लड़की - सबसे पहले मैं इस फोन का स्क्रीनगार्ड और कवर खरीदूंगी

पिता - इससे क्या होगा ?

लड़की - इससे फोन सेफ रहेगा 💯

पिता- क्या ये सब लगाना जरूरी है ?

लड़की - हां पापा बहुत जरूरी है

पिता - क्या ऐप्पल कंपनी के मालिक ने ये लगाने के लिए बोला है ?

लड़की - हां पापा बॉक्स में इंस्ट्रक्सन लिखे है कि ये जरूर लगाएं💯

पिता - इनको लगाने से फोन खराब तो नही दिखेगा ?

लड़की - नही पापा इसको लगाने से मेरा फोन और ज्यादा खूबसूरत दिखने लगेगा,💯

पिता - बेटा जब एक मोबाइल की सेफ्टी और खूबसूरत दिखने के लिए स्क्रीनगार्ड और कवर बहुत इम्पोर्टेन्ट है।💯

तो बेटा तुम तो उस ईश्वर की नायाब रचना हो,💯

तुम्हारी सेफ्टी और खूबसूरती के लिये ही उसने पर्दा करने को कहा है,, जब स्क्रीनगार्ड और कवर से मोबाइल खूबसूरत हो जाता है उसी प्रकार पर्दा करने से तुम भी और ज्यादा खूबसूरत दिखोगी और सब तुम्हारी इज्ज़त भी करेंगे,,💯

,,शरीर खुला रखने से नही ढकने से खूबसूरती आती है,💯

और ये केवल तुम पर नही हर इंसान पर लागू होता है वो चाहे स्त्री हो या पुरुष,💯

अगर हम लोग भी निर्वस्त्र होकर घूमने लगे तो जानवरों और हममें कोई फर्क नही, और न ही हमे खुद को बुद्दिजीवी कहने का अधिकार है,💯

बेटी की आखों के आंसू थे 😭😭

आज पिता ने अपनी बेटी को जिंदगी की एक महत्वपूर्ण शिक्षा दी थी...✍🙏🙏🙏

26/04/2025
बेटी जब शादी के मंडप से ससुराल जाती है तब पराई नहीं लगती मगर जब वह मायके आकर हाथ मुंह धोने के बाद सामने टंगे टाविल के बज...
25/03/2025

बेटी जब शादी के मंडप से ससुराल जाती है तब पराई नहीं लगती मगर जब वह मायके आकर हाथ मुंह धोने के बाद सामने टंगे टाविल के बजाय अपने बैग से छोटे से रुमाल से मुंह पौंछती है , तब वह पराई लगती है.
जब वह रसोई के दरवाजे पर अपरिचित सी खड़ी हो जाती है , तब वह पराई लगती है.
जब वह पानी के गिलास के लिए इधर उधर आँखें घुमाती है , तब वह पराई लगती है.
जब वह पूछती है वाशिंग मशीन चलाऊँ क्या तब वह पराई लगती है.
जब टेबल पर खाना लगने के बाद भी बर्तन खोल कर नहीं देखती तब वह पराई लगती है.
जब पैसे गिनते समय अपनी नजरें चुराती है तब वह पराई लगती है.
जब बात बात पर अनावश्यक ठहाके लगाकर खुश होने का नाटक करती है तब वह पराई लगती है.....
और लौटते समय 'अब कब आएगी' के जवाब में 'देखो कब आना होता है' यह जवाब देती है, तब हमेशा के लिए पराई हो गई ऐसे लगती है.
लेकिन गाड़ी में बैठने के बाद जब वह चुपके से
अपनी आखें छुपा के सुखाने की कोशिश करती । तो वह परायापन एक झटके में बह जाता तब वो पराई सी लगती
😪
नहीं चाहिए हिस्सा भइया मेरा मायका सजाए रखना ,
कुछ ना देना मुझको
बस प्यार बनाए रखना ,
पापा के इस घर में
मेरी याद बसाए रखना ,
बच्चों के मन में मेरामान बनाए रखना ,
बेटी हूँ सदा इस घर की
ये सम्मान सजाये रखना।।....
बेटी से माँ का सफ़र (बहुत खूबसूरत पंक्तिया ,
सभी महिलाओ को समर्पित)
बेटी से माँ का सफ़र .
बेफिक्री से फिकर का सफ़र .
रोने से चुप कराने का सफ़र उत्सुकत्ता से संयम का सफ़र .
पहले जो आँचल में छुप जाया करती थी.
आज किसी को आँचल में छुपा लेती हैं|
पहले जो ऊँगली पे गरम लगने से घर को सर पे उठाया करती थी ।
आज हाथ जल जाने पर भी खाना बनाया करती हैं|
पहले जो छोटी छोटी बातों पे रो जाया करती थी.
आज बो बड़ी बड़ी बातों को मन में छुपाया करती हैं|
पहले भाई,,दोस्तों से लड़ लिया करती थी.
आज उनसे बात करने को भी तरस जाती हैं|
माँ,माँ कह कर पूरे घर में उछला करती थी.
आज माँ सुन के धीरे से मुस्कुराया करती हैं|
10 बजे उठने पर भी जल्दी उठ जाना होता था.
आज 7 बजे उठने पर भी लेट हो जाया करती हैं|
खुद के शौक पूरे करते करते ही साल गुजर जाता था.
आज खुद के लिए एक कपडा लेने को तरस जाया करती है|
पूरे दिन फ्री होके भी बिजी बताया करती थी.
अब पूरे दिन काम करके भी काम चोर कहलाया करती हैं|
एक एग्जाम के लिए पूरे साल पढ़ा करती थी.
अब हर दिन बिना तैयारी के एग्जाम दिया करती हैं|
ना जाने कब किसी की बेटी किसी की माँ बन गई.
कब बेटी से माँ के सफ़र में तब्दील हो गई .?
बेटी है तो कल है|
बताओ हम मां बेटी कैसे लग रहे ❤️ ❤️

बहुत प्यारी होती है बेटियाँ ,
न जाने लोग बोझ क्यों समझते हैं बेटियाँ ll ❤️

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Julee Shashi Sahu
Julee sahu

कैसी लग रही हूं मैं इस साड़ी में
13/03/2025

कैसी लग रही हूं मैं इस साड़ी में

इस साड़ी में कैसी लग रही हूं
27/02/2025

इस साड़ी में कैसी लग रही हूं

न घर में है अधिकार हमारा न बाहर हिस्सा है।दूसरे घर से आई हो तुम ये भी एक किस्सा है।सबकी बातें  सुनना सभी का ध्यान रखना त...
20/01/2025

न घर में है अधिकार हमारा न बाहर हिस्सा है।
दूसरे घर से आई हो तुम ये भी एक किस्सा है।
सबकी बातें सुनना सभी का ध्यान रखना तुम,
न कोई तनख्वाह मिलेगी न ही एक बिस्सा है।

फिर भी हम अपने सभी फर्जों को निभाते हैं।
घर का माहौल बना रहे सुंदर सपने सजाते हैं।
इस पर भी जब कोई झूठी गवाही देता है तब,
उसे सच से मुखर होकर अच्छे से समझाते हैं।

सास ससुर को इज्जत दी मान दिया परिवार को।
फिर क्यों ताने मिलते सहते रहते हम फटकार को।
बंद करो इस तानाशाही को थोड़ी तो नर्मी लाओ,
सुनना नहीं बोलना भी नहीं न सुनेंगे तिरस्कार को।
Julee Shashi Sahu
Julee Sahu

एक सुंदर सीख ☺एक पत्नी ने अपने पति से आग्रह किया कि वह उसकी छह कमियाँ बताए।जिन्हें सुधारने से वह बेहतर पत्नी बन जाए.पति ...
19/01/2025

एक सुंदर सीख ☺

एक पत्नी ने अपने पति से आग्रह किया कि वह उसकी छह कमियाँ बताए।
जिन्हें सुधारने से वह बेहतर पत्नी बन जाए.
पति यह सुनकर हैरान रह गया और असमंजस की स्थिति में पड़ गया.
उसने सोचा कि मैं बड़ी आसानी से उसे ६ ऐसी बातों की सूची थमा सकता हूँ , जिनमें सुधार की जरूरत थी
और ईश्वर जानता है कि वह ऐसी ६० बातों की सूची थमा सकती थी, जिसमें मुझे सुधार की जरूरत थी.
परंतु पति ने ऐसा नहीं किया और कहा -
'मुझे इस बारे में सोचने का समय दो,
मैं तुम्हें सुबह इसका जबाब दे दूँगा.'
पति अगली सुबह जल्दी ऑफिस गया और फूल वाले को फोन करके उसने अपनी पत्नी के लिए छह गुलाबों का तोहफा भिजवाने के लिए कहा जिसके साथ यह चिट्ठी लगी हो,
"मुझे तुम्हारी छह कमियाँ नहीं मालूम, जिनमें सुधार की जरूरत है.
तुम जैसी भी हो मुझे बहुत अच्छी लगती हो."
उस शाम पति जब आफिस से लौटा तो देखा कि उसकी पत्नी दरवाज़े पर खड़ी उसका इंतज़ार कर रही थी,
उसकी आंखों में आँसू भरे हुए थे, यह कहने की जरूरत नहीं कि उनके जीवन की मिठास कुछ और बढ़ गयी थी।
पति इस बात पर बहुत खुश था कि पत्नी के आग्रह के बावजूद उसने उसकी छह कमियों की सूची नहीं दी थी.
इसलिए यथासंभव जीवन में सराहना करने में कंजूसी न करें और आलोचना से बचकर रहने में ही समझदारी है।
ज़िन्दगी का ये हुनर भी आज़माना चाहिए,
जंग अगर अपनों से हो तो हार जाना चाहिए!!

पसीना उम्र भर का उसकी गोद में सूख जाएगा…

हमसफ़र क्या चीज है ये बुढ़ापे में समझ आएगा..!!

एक घर मे तीन भाई और एक बहन थी...बड़ा और छोटा पढ़ने मे बहुत तेज थे। उनके मा बाप उन चारो से बेहद प्यार करते थे मगर मझले बे...
11/01/2025

एक घर मे तीन भाई और एक बहन थी...बड़ा और छोटा पढ़ने मे बहुत तेज थे। उनके मा बाप उन चारो से बेहद प्यार करते थे मगर मझले बेटे से थोड़ा परेशान से थे।

बड़ा बेटा पढ़ लिखकर डाक्टर बन गया।
छोटा भी पढ लिखकर इंजीनियर बन गया। मगर मझला बिलकुल अवारा और गंवार बनके ही रह गया। सबकी शादी हो गई । बहन और मझले को छोड़ दोनों भाईयो ने Love मैरीज की थी।

बहन की शादी भी अच्छे घराने मे हुई थी।
आखिर भाई सब डाक्टर इंजीनियर जो थे।

अब मझले को कोई लड़की नहीं मिल रही थी। बाप भी परेशान मां भी।
बहन जब भी मायके आती सबसे पहले छोटे भाई और बड़े भैया से मिलती। मगर मझले से कम ही मिलती थी। क्योंकि वह न तो कुछ दे सकता था और न ही वह जल्दी घर पे मिलता था।

वैसे वह दिहाडी मजदूरी करता था। पढ़ नहीं सका तो...नौकरी कौन देता। मझले की शादी किए बिना बाप गुजर गये ।

माँ ने सोचा कहीं अब बँटवारे की बात न निकले इसलिए अपने ही गाँव से एक सीधी साधी लड़की से मझले की शादी करवा दी।
शादी होते ही न जाने क्या हुआ की मझला बड़े लगन से काम करने लगा ।
दोस्तों ने कहा... ए चन्दू आज अड्डे पे आना।

चंदू - आज नहीं फिर कभी
दोस्त - अरे तू शादी के बाद तो जैसे बीवी का गुलाम ही हो गया?
चंदू - अरे ऐसी बात नहीं । कल मैं अकेला एक पेट था तो अपने रोटी के हिस्से कमा लेता था। अब दो पेट है आज,
कल और होगा।

घरवाले नालायक कहते थे कहते हैं मेरे लिए चलता है।
मगर मेरी पत्नी मुझे कभी नालायक कहे, तो मेरी मर्दानगी पर एक भद्दा गाली है। क्योंकि एक पत्नी के लिए उसका पति उसका घमंड इज्जत और उम्मीद होता है। उसके घरवालो ने भी तो मुझपर भरोसा करके ही तो अपनी बेटी दी होगी...फिर उनका भरोसा कैसे तोड़ सकता हूँ । कालेज मे नौकरी की डिग्री मिलती है और ऐसे संस्कार मां बाप से मिलते हैं ।

इधर घर पे बड़ा और छोटा भाई और उनकी पत्नियां मिलकर आपस मे फैसला करते हैं की...जायदाद का बंटवारा हो जाये क्योंकि हम दोनों लाखों कमाते है मगर मझला ना के बराबर कमाता है। ऐसा नहीं होगा।

मां के लाख मना करने पर भी...बंटवारा की तारीख तय होती है। बहन भी आ जाती है मगर चंदू है की काम पे निकलने के बाहर आता है। उसके दोनों भाई उसको पकड़कर भीतर लाकर बोलते हैं की आज तो रूक जा? बंटवारा कर ही लेते हैं । वकील कहता है ऐसा नहीं होता। साईन करना पड़ता है।

चंदू - तुम लोग बंटवारा करो मेरे हिस्से मे जो देना है दे देना। मैं शाम को आकर अपना बड़ा सा अगूंठा चिपका दूंगा पेपर पर।
बहन- अरे बेवकूफ ...तू गंवार का गंवार ही रहेगा। तेरी किस्मत अच्छी है की तू इतनी अच्छे भाई और भैया मिलें
मां- अरे चंदू आज रूक जा।

बंटवारे में कुल दस बीघा जमीन मे दोनों भाई 5- 5 रख लेते हैं ।
और चंदू के लिए पुस्तैनी घर छोड़ देते है
तभी चंदू जोर से चिल्लाता है।

अरे???? फिर हमारी छुटकी का हिस्सा कौन सा है?
दोनों भाई हंसकर बोलते हैं
अरे मूरख...बंटवारा भाईयो मे होता है और बहनों के हिस्से मे सिर्फ उसका मायका ही है।

चंदू - ओह... शायद पढ़ा लिखा न होना भी मूर्खता ही है।
ठीक है आप दोनों ऐसा करो।
मेरे हिस्से की वसीएत मेरी बहन छुटकी के नाम कर दो।
दोनों भाई चकित होकर बोलते हैं ।
और तू?

चंदू मां की और देखके मुस्कुराके बोलता है
मेरे हिस्से में माँ है न......
फिर अपनी बीवी की ओर देखकर बोलता है..मुस्कुरा के...क्यों चंदूनी जी...क्या मैंने गलत कहा?

चंदूनी अपनी सास से लिपटकर कहती है। इससे बड़ी वसीएत क्या होगी मेरे लिए की मुझे मां जैसी सासु मिली और बाप जैसा ख्याल रखना वाला पति।
बस ये ही शब्द थे जो बँटवारे को सन्नाटा मे बदल दिया ।
बहन दौड़कर अपने गंवार भैया से गले लगकर रोते हुए कहती है की..मांफ कर दो भैया मुझे क्योंकि मैं समझ न सकी आपको।

चंदू - इस घर मे तेरा भी उतना ही अधिकार है जितना हम सभी का।
बहुओं को जलाने की हिम्मत किसी मे नहीं मगर फिर भी जलाई जाती है क्योंकि शादी के बाद हर भाई हर बाप उसे पराया समझने लगते हैं । मगर मेरे लिए तुम सब बहुत अजीज हो चाहे पास रहो या दूर।

माँ का चुनाव इसलिए किया ताकी तुम सब हमेशा मुझे याद आओ। क्योंकि ये वही कोख है जंहा हमने साथ साथ 9 - 9 महीने गुजारे। मां के साथ तुम्हारी यादों को भी मैं रख रहा हूँ।

दोनों भाई दौड़कर मझले से गले मिलकर रोते रोते कहते हैं
आज तो तू सचमुच का बाबा लग रहा है। सबकी पलको पे पानी ही पानी। सब एक साथ फिर से रहने लगते है।
कहानी कैसी लगी बताना जरूर...🙏🙏🙏
Julee Shashi Sahu

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