
20/04/2025
हल्द्वानी उत्तराखंड:वन विभाग की लापरवाही से वन्यजीव सांभर की मौत,समय से नहीं कर पाया विभाग रेस्क्यू।
नैनीताल जनपद के हल्द्वानी जंगल किनारे एक वन्य जीव सांभर ने बीते दिन दम तोड़ दिया,इसी वन क्षेत्र में कुछ माह पूर्व आबादी के बीच दो गुलदार के शावकों ने दम तोड़ा था।
जानकारी के मुताबिक स्थानीय निवासियों ने वन विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा शुक्रवार लगभग साढ़े चार बजे यह सूचना दी थी कि एक सांभर जंगल किनारे एक गड्ढे में पानी के बीच फंसा नजर आ रहा हैं और देखने में उसकी तबियत खराब लग रही,लेकिन इसके बाद भी लगभग 16 घंटे से अधिक वन्य जीव उसी स्थान पर सारी रात पड़ा रहा,वन विभाग के कुछ कर्मचारी गार्ड आदि तो वहां शाम 6 बजे तक पहुंचे,लेकिन अपने प्राणी को देखने सांभर फंसने के स्थान से 15-20 किलोमीटर की दूरी से उच्च अधिकारी नहीं पहुंचे,यह उनकी बड़ी लापरवाही हैं।
यदि सांभर को वन विभाग द्वारा समय से उपचार दिया जाता तो हो सकता था कि वन्य जीव सुरक्षित बच पाता लेकिन विभागीय अधिकारियों ने लापरवाही बरती और अगले दिन डीएफओ एवं अन्य अधिकारी वहां पहुंचे लेकिन सांभर को बचा पाने में नाकाम रहें।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना हैं कि वन विभाग यदि सूचना देने के बाद त्वरित मेडिकल टीम भेजता और सांभर का रेस्क्यू कर उसे रेस्क्यू सेंटर पहुंचाकर उचित इलाज समय से देने का प्रयास करता तो वन्य जीव को सुरक्षित बचा पाता,अनेकों अधिनियम वन्य जीव को लेकर हैं लेकिन विभाग की लापरवाही से यदि इन जीवों की मृत्यु हो जाती हैं तो उसकी जिम्मेदारी लेने वाला शासन प्रशासन में कोई नहीं हैं।
डीएफओ तराई केंद्रीय वन प्रभाग का कहना हैं कि ग्रामीणों कि सूचना पर स्वयं वह शनिवार को वहां पहुंचे लेकिन सांभर को प्रयास के बाद बचाया नहीं जा सका,वन्य जीव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद कारणों का पता चल पाएगा प्रथमिक दृष्टया वन्य जीव अन्य जीवों के साथ संघर्ष में घायल था।
अब बड़ा सवाल हैं कि यदि इस तरह ही वन विभाग सूचना के घंटों बाद तक वन्य जीव को रेस्क्यू नहीं करेगा तो कैसे इन प्राणियों की सुरक्षा होगी, सवाल यह कि इस तरफ यदि विभाग की लापरवाही के कारण वन्य जीवों की मृत्यु होती हैं तो उन अधिकारियों पर क्या कार्यवाही होगी और कौन करेगा?