Dr.Anjeet Ayurveda clinic

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पुष्पधन्वा रस (Pushpadhanva Ras) एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि है जो मुख्य रूप से शुक्रधातु (वीर्य), नपुंसकता, यौन कमजोरी,...
24/10/2025

पुष्पधन्वा रस (Pushpadhanva Ras) एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि है जो मुख्य रूप से शुक्रधातु (वीर्य), नपुंसकता, यौन कमजोरी, और शरीर की दुर्बलता जैसी समस्याओं में उपयोग की जाती है। यह औषधि धातुबल (reproductive strength) बढ़ाने वाली और तंत्रिका तंत्र को मज़बूत करने वाली होती है।

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🌿 पुष्पधन्वा रस के मुख्य फायदे

1. यौन शक्ति में वृद्धि

यह पुरुषों और महिलाओं दोनों में यौन शक्ति बढ़ाने में मदद करता है।

कामेच्छा (libido) बढ़ाता है और शीघ्रपतन जैसी समस्याओं को कम करता है।

2. वीर्य की गुणवत्ता सुधारता है

शुक्राणुओं की संख्या और उनकी गुणवत्ता में सुधार करता है।

बाँझपन (infertility) में सहायक है।

3. स्नायु एवं मस्तिष्क बलवर्धक

नसों की कमजोरी (nervine weakness) को दूर करता है।

मानसिक थकान, तनाव और नींद की कमी में लाभदायक है।

4. शारीरिक कमजोरी दूर करता है

लंबे समय की बीमारी या कमजोरी के बाद शरीर में ताकत लौटाने में मदद करता है।

यह एक प्राकृतिक टॉनिक की तरह काम करता है।

5. मासिक धर्म विकारों में उपयोगी (महिलाओं के लिए)

मासिक धर्म की अनियमितता और गर्भाशय की कमजोरी में लाभ देता है।

ओवरी और प्रजनन अंगों को पोषण प्रदान करता है।

⚗️ मुख्य घटक (Ingredients)

इसमें सामान्यतः शामिल रहते हैं:

पारद (Mercury)

गंधक (Sulphur)

लोह भस्म

अभ्रक भस्म

कौंच बीज

अश्वगंधा

शतावरी

मुलेठी

💊 सेवन विधि

मात्रा: 1 गोली दिन में 1 या 2 बार

सेवन समय: दूध या शहद के साथ

डॉक्टर की सलाह: सेवन से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह अवश्य लें, क्योंकि यह रसौषधि है (पारद और गंधक आधारित)।

⚠️ सावधानियाँ

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएँ बिना परामर्श के इसका उपयोग न करें।

अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से पेट या लीवर पर प्रभाव पड़ सकता है।

हमेशा किसी योग्य BAMS डॉक्टर की देखरेख में ही उपयोग करें।

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💚 Livarex Syrup ke Fayde (Benefits):Livarex ek Ayurvedic liver tonic hai jo liver ko detoxify karne, uske function ko sw...
24/10/2025

💚 Livarex Syrup ke Fayde (Benefits):
Livarex ek Ayurvedic liver tonic hai jo liver ko detoxify karne, uske function ko swasth aur active banaye rakhne me madad karta hai. Isme giloy, bhumyamalaki, punarnava, kasni, makoy, triphala jaise ayurvedic herbs ka sangrah hota hai.

🌿 प्रमुख फायदे:

1. लिवर को मजबूत बनाता है:
Liver ke cells ko regenerate karta hai aur unhe toxin se bachata hai.

2. फैटी लिवर में लाभदायक:
Fat accumulation ko kam karta hai aur liver enzymes (SGOT, SGPT) ko normal karta hai.

3. जिगर की सफाई (Detoxification):
Body me jama toxins aur harmful substances ko natural tarike se nikalta hai.

4. भूख बढ़ाता है और पाचन सुधारता है:
Liver ke bile secretion ko badhakar digestion aur appetite ko improve karta hai.

5. शराब या दवाइयों से हुए नुकसान में सहायक:
Alcohol, junk food ya medicine ke karan hue liver damage ko repair karta hai.

6. पीलिया (Jaundice) में लाभदायक:
Bilirubin level ko control karta hai aur jaundice ke recovery ko तेज karta hai.

7. थकान और कमजोरी दूर करता है:
Metabolism sudharne se sharir me energy level badhta hai.

💧 सेवन विधि:

बड़ों के लिए: 2 चम्मच (10ml) दिन में 2 बार भोजन के बाद।

बच्चों के लिए: 1 चम्मच (5ml) दिन में 2 बार (doctor की सलाह से)।

⚠️ सावधानी:

बहुत तैलीय और भारी भोजन से परहेज करें।

शराब और सिगरेट से पूरी तरह दूर रहें।

नियमित 3–4 हफ्ते सेवन से बेहतर परिणाम मिलते हैं।

विषयिंदुक वटी (Vishayinduk Vati) आयुर्वेद की एक प्रसिद्ध औषधि है, जिसका उपयोग स्नायु (नर्व), वातजन्य विकार, और शारीरिक द...
24/10/2025

विषयिंदुक वटी (Vishayinduk Vati) आयुर्वेद की एक प्रसिद्ध औषधि है, जिसका उपयोग स्नायु (नर्व), वातजन्य विकार, और शारीरिक दुर्बलता को दूर करने में किया जाता है। यह औषधि शक्तिवर्धक, वातनाशक और दर्द निवारक होती है।

🧪 मुख्य घटक (Ingredients):

1. विष (Aconitum ferox – शुद्ध)

2. काली मिर्च (Marich)

3. पिप्पली (Pippali)

4. शुंठी (Sonth)

5. वचा (Vacha)

6. अजमोद (Ajmoda)

7. अजवाइन (Ajwain)

8. हिंग (Asafoetida)

(शुद्ध विष इसमें विशेष प्रक्रिया से मिलाई जाती है जिससे उसका विषाक्त प्रभाव नष्ट हो जाता है)

⚕️ मुख्य फायदे (Benefits of Vishayinduk Vati):

1. 💪 वात रोगों में लाभकारी:
साइटिका (Sciatica), संधिवात (Arthritis), जोड़ों का दर्द, मांसपेशियों का खिंचाव और नसों के दर्द में राहत देती है।

2. 🧠 नर्व टॉनिक:
तंत्रिका तंत्र (Nervous system) को मजबूत करती है, हाथ-पैरों में सुन्नपन, कंपकंपी या कमजोरी में उपयोगी है।

3. 🩸 दर्दनाशक (Pain Reliever):
सिरदर्द, दांत दर्द, पीठ दर्द, या गठिया जैसे दर्दों में राहत देती है।

4. ⚡ शारीरिक शक्ति व ऊर्जा बढ़ाती है:
कमजोरी, थकान या सुस्ती महसूस होने पर शरीर में ऊर्जा लाती है।

5. 🌬️ वात नियंत्रण में प्रभावी:
वात दोष को संतुलित करती है, जिससे शरीर की गतिशीलता सामान्य बनी रहती है।

💊 सेवन विधि (Dosage):

मात्रा: 1 गोली, दिन में 1 से 2 बार

सेवन का तरीका: गुनगुने पानी या अदरक रस के साथ

समय: भोजन के बाद

(चिकित्सक की सलाह अनुसार मात्रा बदल सकती है)

⚠️ सावधानियाँ (Precautions):

शुद्ध विष होने के कारण बिना आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह के इसका सेवन न करें।

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को नहीं देना चाहिए।

अधिक मात्रा में सेवन से उल्टी, बेचैनी या जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

📦 निष्कर्ष:

Vishayinduk Vati एक प्रभावी वातशामक और दर्द निवारक आयुर्वेदिक औषधि है जो नसों, जोड़ों और स्नायु संबंधी विकारों में अत्यंत उपयोगी है, लेकिन इसका उपयोग केवल आयुर्वेद चिकित्सक की देखरेख में ही करना

Medohar Guggul ke fayde (मेधोहर गुग्गुल के फायदे):मेधोहर गुग्गुल एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि है जो मुख्य रूप से वजन कम क...
23/10/2025

Medohar Guggul ke fayde (मेधोहर गुग्गुल के फायदे):

मेधोहर गुग्गुल एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि है जो मुख्य रूप से वजन कम करने, मोटापा, और मेटाबॉलिज़्म सुधारने के लिए उपयोग की जाती है। इसमें गुग्गुल, त्रिफला, त्रिकटु, विडंग, चिरायता जैसी औषधियाँ होती हैं जो शरीर से अतिरिक्त चर्बी को कम करने में मदद करती हैं।

🌿 मुख्य फायदे:

1. वजन कम करने में सहायक:
यह शरीर में जमा अतिरिक्त चर्बी को पिघलाने और मेटाबॉलिज़्म को तेज़ करने में मदद करती है।

2. थायरॉइड और हार्मोनल बैलेंस:
यह थायरॉइड की कार्यक्षमता को सुधारती है, जिससे मोटापे और हार्मोनल असंतुलन की समस्या कम होती है।

3. कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड कम करती है:
रक्त में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को घटाती है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाती है।

4. पाचन शक्ति में सुधार:
मेधोहर गुग्गुल पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है और भूख को नियंत्रित रखती है।

5. ब्लड शुगर नियंत्रण:
यह शुगर लेवल को संतुलित रखती है, इसलिए डायबिटीज के मरीजों के लिए भी उपयोगी मानी जाती है।

6. जोड़ों के दर्द में राहत:
इसमें सूजनरोधी गुण होते हैं जो जोड़ों के दर्द और सूजन में लाभकारी हैं।

7. त्वचा की गुणवत्ता में सुधार:
शरीर की गंदगी और टॉक्सिन्स को बाहर निकालकर स्किन को क्लीन और ग्लोइंग बनाती है।

⚖️ सेवन विधि (सामान्य मात्रा):

1 से 2 गोली दिन में दो बार,

भोजन के बाद गुनगुने पानी या त्रिफला काढ़े के साथ लें।
(👉 मात्रा व्यक्ति की प्रकृति और समस्या के अनुसार आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से तय करें।)

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⚠️ सावधानियाँ:

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं बिना डॉक्टर की सलाह के न लें।

अत्यधिक कमजोरी या लो बीपी वाले व्यक्ति इसका उपयोग न करें।

नियमित व्यायाम और संतुलित आहार के साथ लेने पर ही सर्वोत्तम परिणाम मिलते हैं।

नीम घनवटी के फायदे (Neem Ghanvati ke Fayde): 🌿नीम (Azadirachta indica) अपने शक्तिशाली रक्तशोधक (blood purifier), एंटीबैक...
23/10/2025

नीम घनवटी के फायदे (Neem Ghanvati ke Fayde): 🌿

नीम (Azadirachta indica) अपने शक्तिशाली रक्तशोधक (blood purifier), एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुणों के कारण आयुर्वेद में बहुत प्रसिद्ध है। नीम घनवटी इसके सार (घन) से बनी टैबलेट होती है, जो शरीर की अंदरूनी सफाई और त्वचा की सेहत के लिए बेहद लाभकारी होती है।

🌱 प्रमुख फायदे:

1. रक्त की शुद्धि:
नीम घनवटी खून को साफ करती है और शरीर से विषाक्त पदार्थ (toxins) बाहर निकालती है, जिससे फोड़े-फुंसी, मुंहासे और स्किन एलर्जी में राहत मिलती है।

2. मुंहासे और त्वचा रोगों में लाभकारी:
पिंपल्स, एक्ने, खुजली, दाद, खाज जैसे रोगों में नीम घनवटी बहुत असरदार है। यह त्वचा को अंदर से हेल्दी बनाती है।

3. शुगर नियंत्रण में सहायक:
नीम में प्राकृतिक हाइपोग्लाइसेमिक गुण होते हैं, जो ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रखने में मदद करते हैं। डायबिटीज रोगियों के लिए उपयोगी है।

4. लीवर को मजबूत बनाती है:
यह लीवर की कार्यक्षमता सुधारती है और शरीर में जमा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है।

5. इम्यून सिस्टम को बूस्ट करती है:
रोजाना सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, जिससे बार-बार होने वाले संक्रमणों से बचाव होता है।

6. बालों के झड़ने में सहायक:
नीम के एंटीबैक्टीरियल गुण स्कैल्प को साफ रखते हैं और डैंड्रफ या फंगल इन्फेक्शन को रोकते हैं।

7. मुँह की दुर्गंध और दांतों के रोगों में लाभ:
नीम घनवटी का सेवन या नीम से कुल्ला करना मसूड़ों को मजबूत और सांसों को ताज़ा रखता है।

⚠️ सेवन विधि (Neem Ghanvati kaise lein):

वयस्क: 1–2 गोली दिन में दो बार

समय: खाने के बाद गुनगुने पानी से

अवधि: 1–2 महीने या चिकित्सक की सलाह अनुसार

❌ सावधानियां:

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं चिकित्सक की सलाह के बिना सेवन न करें।

अधिक मात्रा में सेवन से कमजोरी या लो ब्लड शुगर हो सकता है।

हार्ट अटैक और कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के 5 सबसे बड़े कारण 👇🩺 1. गलत खान-पान की आदतेंज्यादा तेल, घी, तली-भुनी चीजें, जंक फूड और...
22/10/2025

हार्ट अटैक और कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के 5 सबसे बड़े कारण 👇

🩺 1. गलत खान-पान की आदतें

ज्यादा तेल, घी, तली-भुनी चीजें, जंक फूड और मीठे पदार्थ खाने से LDL (bad cholesterol) बढ़ता है।

हरी सब्ज़ियाँ, फल, और फाइबर की कमी से भी हृदय पर दबाव बढ़ता है।

🚶‍♂️ 2. शारीरिक गतिविधि की कमी (Sedentary Lifestyle)

दिनभर बैठे रहना, वॉक या एक्सरसाइज न करना, ब्लड में फैट का लेवल बढ़ाता है।

इससे triglycerides और cholesterol deposition दोनों बढ़ते हैं।

😔 3. तनाव (Stress) और नींद की कमी

लगातार तनाव और कम नींद से cortisol hormone बढ़ता है, जो दिल की धमनियों को नुकसान पहुंचाता है।

इससे रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल दोनों बढ़ जाते हैं।

🚬 4. धूम्रपान और शराब का सेवन

निकोटीन और अल्कोहल रक्त वाहिकाओं को संकीर्ण करते हैं और HDL (good cholesterol) घटाते हैं।

इससे दिल की धमनियों में ब्लॉकेज बनने लगता है।

🧬 5. मोटापा और आनुवंशिक कारण

ज्यादा पेट की चर्बी (abdominal fat) कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर दोनों बढ़ाती है।

कुछ लोगों में यह समस्या वंशानुगत (genetic) भी होती है, इसलिए समय-समय पर जांच जरूरी है।

💡 रोकथाम के उपाय:

हर दिन 30 मिनट वॉक या योग

ताजे फल-सब्ज़ियाँ और कम तेल वाला भोजन

स्ट्रेस कंट्रोल (ध्यान, प्राणायाम)

साल में एक बार लिपिड प्रोफाइल टेस्ट

22/10/2025
⚠️ फैटी लिवर होने की 5 बड़ी गलतियाँ❌ 1. ज़्यादा तेल, तला-भुना और जंक फूड खानाबर्गर, पिज़्ज़ा, पराठा, समोसा, और फास्ट फूड...
22/10/2025

⚠️ फैटी लिवर होने की 5 बड़ी गलतियाँ

❌ 1. ज़्यादा तेल, तला-भुना और जंक फूड खाना

बर्गर, पिज़्ज़ा, पराठा, समोसा, और फास्ट फूड में ट्रांस फैट भरपूर होता है जो लिवर में फैट जमा करता है।
➡️ सही तरीका: ऑयल की मात्रा कम करें, उबला या ग्रिल्ड फूड लें।

❌ 2. मीठा और कार्बोहाइड्रेट ज़्यादा लेना

शुगर, मिठाई, कोल्ड ड्रिंक, वाइट ब्रेड और मैदा से फैट जल्दी बनता है और लिवर में स्टोर हो जाता है।
➡️ सही तरीका: गुड़, शहद या फल से नेचुरल स्वीटनर लें।

❌ 3. बैठे-बैठे रहना और एक्सरसाइज ना करना

सारा दिन बैठे रहने से लिवर में फैट जमा होता है और मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ जाता है।
➡️ सही तरीका: रोज़ 30 मिनट वॉक या योग (सूर्य नमस्कार, कपालभाति) करें।

❌ 4. देर रात खाना और नींद की कमी

रात में देर से खाना खाने और नींद पूरी न होने से लिवर को रिपेयर का समय नहीं मिलता।
➡️ सही तरीका: 7–8 बजे तक डिनर करें और 7 घंटे की नींद लें।

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❌ 5. शराब या बार-बार दवाइयाँ लेना

अल्कोहल और कुछ दर्द की दवाइयाँ लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाती हैं।
➡️ सही तरीका: शराब से पूरी तरह दूरी बनाएं और डॉक्टर की सलाह पर ही दवा लें।

🌿 आयुर्वेदिक सुझाव:

👉 सुबह खाली पेट गुनगुना पानी + नींबू + हल्दी लें।
👉 लिवर हेल्थ के लिए Induveda Livarex Liver Syrup जैसे प्राकृतिक टॉनिक का सेवन करें, जो लिवर को साफ और एक्टिव रखता है।

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22/10/2025

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21/10/2025

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लवंगादि वटी (Lawangadi Vati) एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि है जो मुख्य रूप से खांसी, गले में दर्द, बलगम, सर्दी-जुकाम, सांस...
20/10/2025

लवंगादि वटी (Lawangadi Vati) एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि है जो मुख्य रूप से खांसी, गले में दर्द, बलगम, सर्दी-जुकाम, सांस की तकलीफ और गले के संक्रमण में बहुत उपयोगी मानी जाती है। इसमें लवंग (Clove) प्रमुख घटक होता है, जो अपने एंटीसेप्टिक, दर्दनाशक और कफ नाशक गुणों के लिए जाना जाता है।

🌿 लवंगादि वटी के मुख्य फायदे

1. खांसी और कफ में राहत
यह बलगम को पतला कर बाहर निकालती है, जिससे खांसी और सीने में जकड़न कम होती है।

2. गले के दर्द और खराश में उपयोगी
गले की सूजन, जलन या खराश में यह वटी चूसने से तुरंत आराम देती है।

3. सर्दी-जुकाम में लाभकारी
सर्दी और बंद नाक की स्थिति में यह शरीर को गर्माहट देती है और सांस लेने में राहत पहुंचाती है।

4. गले की आवाज साफ करती है
गायकों, वक्ताओं और शिक्षकों के लिए यह वटी गले की आवाज को साफ और सुरीला बनाए रखने में मदद करती है।

5. एंटीसेप्टिक और रोग प्रतिरोधक गुण
लवंग के गुणों से यह संक्रमण से बचाव करती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है।

6. सांस की तकलीफ में लाभ
अस्थमा या सांस फूलने की समस्या में यह कफ को कम करके राहत देती है।

⚕️ सेवन विधि

मात्रा: 1–2 गोली दिन में 2–3 बार

सेवन विधि: चूसकर या गर्म पानी/शहद के साथ

समय: खाने के बाद या जब गले में दर्द या खांसी महसूस हो

⚠️ सावधानियां

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं डॉक्टर की सलाह से ही लें।

अत्यधिक मात्रा में सेवन से जलन या अधिक गर्मी हो सकती है।

🧬 Vitamin B12 की कमी के कारण 🫱👇शाकाहारी (vegetarian) डाइट लेनापेट या आँतों की खराबी (जैसे gastritis, IBS, acidity)उम्र ब...
20/10/2025

🧬 Vitamin B12 की कमी के कारण 🫱👇

शाकाहारी (vegetarian) डाइट लेना

पेट या आँतों की खराबी (जैसे gastritis, IBS, acidity)

उम्र बढ़ना

Long term acid-reducing दवाएं (जैसे pantoprazole, omeprazole) लेना

Pernicious anemia या absorption की समस्या

🍽️ Vitamin B12 से भरपूर खाद्य पदार्थ

(अगर आप non-veg खाते हैं 👇)

🥚 अंडे (Eggs – खासकर yolk)

🐟 फिश (Tuna, Salmon, Sardine)

🍗 चिकन / मीट / लिवर

🥛 दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स – दूध, दही, पनीर

(अगर आप pure vegetarian हैं 👇)

🧀 फोर्टिफाइड फूड्स – जैसे fortified milk, oats, cornflakes

🍄 मशरूम (Shiitake)

🧫 Fermented foods – जैसे दही, idli, dosa, chaach

🌿 Spirulina powder (natural plant source of B12)

🧃 Nutritional yeast (fortified version)

💊 Vitamin B12 सप्लीमेंट्स

अगर कमी ज्यादा है तो डॉक्टर की सलाह से:

हफ्ते में 2-3 बार टेबलेट या जरूरत अनुसार इंजेक्शन दिए जा सकते हैं।

🌞 Absorption बढ़ाने के उपाय

पेट की सेहत ठीक रखें (acidic दवा लंबे समय तक न लें)

हर दिन probiotic food (जैसे दही) लें

Vitamin C-rich fruits (जैसे amla, orange) लें

Smoking और alcohol से बचें

⚕️ Ayurvedic Support

Induveda Livarex Liver Syrup जैसे liver-tonic products पाचन और absorption बेहतर करते हैं।

Ashwagandha + Amla powder शरीर की शक्ति और रक्त निर्माण में सहायक होते हैं।

Address

Haridwar
249402

Website

https://t.me/Jeevanbooti

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