
02/08/2025
"माँ ही तो है..."
नींद है आँखों में, थकावट सी है,
फिर भी वो बच्चे को लोरी कहे जा रही है।
खुद भूखी हो, पर पहले तुझे खिलाए,
माँ ही तो है, जो खुद को तुझमें भुलाए।
दर्द छुपाकर चेहरे पर मुस्कान रखे,
तेरी एक छींक पर सारा चैन खो दे।
तेरे हर आँसू को अपनी आंखों में ले ले,
माँ ही तो है, जो खुद रो कर भी तुझे हंसा दे।
रात भर जागे, फिर भी सुबह मुस्कराए,
तेरी छोटी जीत पर खुद को जीत जाए।
सबसे पीछे रहे, पर तुझे आगे करे,
माँ ही तो है… जो भगवान से भी पहले नजर आए।
"थकी है, पर रुकी नहीं... टूटी है, पर झुकी नहीं — क्योंकि माँ ही तो है…
जो सब कुछ सहकर भी मुस्कुराती है।
आज इस तस्वीर में सिर्फ एक औरत नहीं, एक माँ की वो कहानी है —
जो हर दिन अपनी ममता से इतिहास रचती है।