18/10/2025
धन्वंतरि गुप्तकाल के प्रसिद्ध चिकित्सक थे और चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के नवरत्नों में शामिल थे। इन्होंने कहा था— "स्वास्थ्य ही धन है"। कालांतर में वे आयुर्वेद के देवता के रूप में पूजे जाने लगे। पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के समय धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए धनतेरस का दिन उनके जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है और इस दिन आयुर्वेद तथा आरोग्य के देवता धन्वंतरि की पूजा की जाती है। स्वास्थ्य का सीधा संबंध स्वच्छता से है, और स्वच्छता का झाड़ू से। दीपावली से पहले घर की सफ़ाई इसी प्रतीक से जुड़ी है। यही कारण है कि इस दिन झाड़ू खरीदने की परंपरा आरंभ हुई — इसका धन आगमन से कोई संबंध नहीं, क्योंकि वास्तव में स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है। इसी दिन आयुर्वेदिक चिकित्सक “आचार्य धन्वंतरि जयंती” के रूप में इसे मनाते हैं और यह दिन आयुर्वेद दिवस के रूप में भी मनाया जाने लगा है, ताकि भारत की इस प्राचीन चिकित्सा पद्धति का महत्व समझा जा सके। धनतेरस की हार्दिक बधाई.
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