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04/09/2025
06/07/2025

एलन मस्क ने किया नई राजनीतिक पार्टी का एलान

एलन मस्क ने अमेरिका में एक नई राजनीतिक पार्टी, अमेरिका पार्टी, की स्थापना की है. यह पार्टी वन-पार्टी सिस्टम को चुनौती देने के लिए बनाई गई है. मस्क ने ट्रंप को चेतावनी दी थी कि वन बिग ब्यूटीफुल बिल पास होने पर पार्टी का गठन होगा. मस्क के सर्वेक्षण में 1.2 मिलियन प्रतिक्रियाएं मिलीं, जिसमें अधिकांश ने नई पार्टी का समर्थन किया.

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30/06/2025

सरकार मराठी मानुष की ताकत से हार गई है" — उद्धव ठाकरे का तीखा वार

मुंबई | अल हिंद न्यूज़
महाराष्ट्र सरकार द्वारा हिंदी भाषा को अनिवार्य करने के फैसले को वापस लेने के बाद शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। ठाकरे ने कहा:

सरकार मराठी मानुष की ताकत से हार गई है। यह महाराष्ट्र की अस्मिता की जीत है।"

माना जा रहा है कि भारी जनविरोध और मराठी संगठनों के दबाव के चलते राज्य सरकार को यह फैसला बदलना पड़ा। ठाकरे ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर भी निशाना साधा, आरोप लगाया कि वे दिल्ली के दबाव में मराठी भाषा और संस्कृति से समझौता कर रहे हैं।

मराठी बनाम हिंदी विवाद फिर चर्चा में

इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब महाराष्ट्र सरकार ने स्कूलों और सरकारी कार्यालयों में हिंदी भाषा को अनिवार्य करने का प्रस्ताव पेश किया। इसके विरोध में मराठी संगठनों, शिक्षकों और विपक्षी दलों ने तीव्र प्रदर्शन किए।

उद्धव ठाकरे ने कहा:

हिंदी किसी की दुश्मन नहीं है, लेकिन महाराष्ट्र में मराठी का स्थान सर्वोच्च रहेगा। हम अपनी भाषा और संस्कृति के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे।"

#राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज

इस मुद्दे ने राज्य में भाषाई अस्मिता बनाम राष्ट्रीय एकता की बहस को फिर हवा दे दी है। फडणवीस और शिंदे गुट ने अब तक इसपर सीधे टिप्पणी नहीं की है, लेकिन सरकार के फैसले को वापस लेना विपक्ष की बड़ी जीत मानी जा रही है।

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20/06/2025

अंग्रेज़ी भाषा पर दिए गए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर राहुल गांधी ने प्रतिक्रिया दी.

अमित शाह ने कहा था, "मेरी बात ध्यान से सुनना, इस देश में अंग्रेज़ी बोलने वालों को शर्म आएगी. ऐसे समाज का निर्माण अब दूर नहीं है. मैं मानता हूं कि हमारे देश की भाषाएं हमारी संस्कृति का गहना हैं. हमारे देश की भाषाओं के बगैर हम भारतीय ही नहीं रहेंगे."

इसके जवाब में राहुुल गांधी ने कहा, "अंग्रेज़ी बाँध नहीं, पुल है. अंग्रेज़ी शर्म नहीं, शक्ति है. अंग्रेज़ी ज़ंजीर नहीं-ज़ंजीरें तोड़ने का औज़ार है. BJP-RSS नहीं चाहते कि भारत का ग़रीब बच्चा अंग्रेज़ी सीखे- क्योंकि वो नहीं चाहते कि आप सवाल पूछें, आगे बढ़ें, बराबरी करें."

"आज की दुनिया में, अंग्रेज़ी उतनी ही ज़रूरी है जितनी आपकी मातृभाषा - क्योंकि यही रोज़गार दिलाएगी, आत्मविश्वास बढ़ाएगी. भारत की हर भाषा में आत्मा है, संस्कृति है, ज्ञान है। हमें उन्हें संजोना है - और साथ ही हर बच्चे को अंग्रेज़ी सिखानी है."

''यही रास्ता है एक ऐसे भारत का, जो दुनिया से मुकाबला करे, जो हर बच्चे को बराबरी का मौका दे."

20/06/2025

भारत की विदेश नीति पर गंभीर सवाल: क्या वैश्विक मंच पर कमजोर हो रही है भारत की पकड़?

Al Hind News | विशेष रिपोर्ट | 20 जून 2025

मोदी सरकार ने अपने अब तक के कार्यकाल में विदेश नीति को बड़ी प्राथमिकता दी है। 'विश्वगुरु भारत', 'ग्लोबल साउथ की आवाज' और 'सबके साथ, सबका विकास' जैसे नारे गढ़े गए।

बीते एक दशक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 65 से अधिक देशों का दौरा किया, कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत ने नेतृत्वकारी भूमिका की कोशिश भी की।

मगर जमीनी सच्चाई यह है कि वैश्विक राजनीति के मौजूदा परिदृश्य में भारत को कई कूटनीतिक मोर्चों पर झटके लगे हैं। ब्रिक्स से लेकर पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों तक, पारंपरिक सहयोगी रूस से लेकर संयुक्त राष्ट्र तक — हर जगह भारत की विदेश नीति की सीमाएं सामने आ रही हैं।

इस रिपोर्ट में हम तथ्यों के साथ विश्लेषण करेंगे कि भारत की विदेश नीति कहाँ लड़खड़ा रही है:

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1️⃣ ब्रिक्स विस्तार: भारत की आवाज अनसुनी

2023 के ब्रिक्स सम्मेलन में नए सदस्यों को जोड़ने का निर्णय लिया गया।

भारत ने स्पष्ट आपत्ति दर्ज कराई थी कि विस्तार की प्रक्रिया में पारदर्शिता होनी चाहिए और चीन के प्रभुत्व को सीमित किया जाना चाहिए।
इसके बावजूद ब्रिक्स में ईरान, सऊदी अरब, UAE, इथियोपिया और मिस्र को शामिल कर लिया गया — भारत की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए।

कई विशेषज्ञों के अनुसार, यह भारत की कूटनीतिक हार थी, जिसने संकेत दिया कि वैश्विक मंचों पर भारत की पकड़ कमजोर हो रही है।

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2️⃣ पड़ोसी देशों से रिश्तों में गिरावट

मालदीव:

2024 में सत्ता परिवर्तन के बाद राष्ट्रपति मोहम्मद मुज्जू के नेतृत्व में 'इंडिया आउट' अभियान तेज हुआ।
भारत को अपने सैनिक हटाने पड़े।
वहीं चीन ने \$400 मिलियन के नए इंफ्रास्ट्रक्चर समझौते साइन किए।

नेपाल:

कालापानी, लिपुलेख सीमा विवाद अब भी अटका हुआ है।
नेपाल ने Belt & Road Initiative के तहत \$5 बिलियन के चीनी निवेश को मंजूरी दी।

श्रीलंका:

हंबनटोटा पोर्ट पर पहले से चीन का नियंत्रण है।
2025 में श्रीलंका और चीन के बीच \$1.2 बिलियन के नए रक्षा समझौते हुए।

पाकिस्तान:

2024-25 में 1,200 से अधिक सीजफायर उल्लंघन हुए।
कूटनीतिक स्तर पर कोई ठोस संवाद नहीं हो पाया।

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3️⃣ रूस: पुराने मित्र से दूरी बढ़ती

रूस ने पहली बार पाकिस्तान को S-350 एयर डिफेंस सिस्टम बेचा।
भारत-रूस व्यापार 2024 में 14% घटा।
ऊर्जा समझौतों में रूस ने चीन को प्राथमिकता दी।
रणनीतिक स्तर पर भारत-रूस के रिश्तों में पुरानी गर्माहट नहीं बची है।

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4️⃣ वैश्विक दक्षिण (Global South) में नेतृत्व कमजोर

भारत ने 2023 में ग्लोबल साउथ समिट का आयोजन किया था।

मगर जब आंकड़े देखें:

चीन का अफ्रीका में निवेश (\$155 बिलियन) भारत के निवेश (\$30 बिलियन) से 5 गुना बड़ा है।
LATAM (लैटिन अमेरिका) में भारत की मौजूदगी सीमित है।
विकासशील देशों के बीच नेतृत्वकारी भूमिका निभाने का भारत का दावा हकीकत से दूर नजर आता है।

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5️⃣ अमेरिका के साथ रिश्ते: असंतुलित संतुलन नीति?

अमेरिका के साथ QUAD और I2U2 मंचों में भारत की भूमिका मजबूत हुई है।
लेकिन रूस और ईरान जैसे पारंपरिक सहयोगी अब नाराज दिखते हैं।
ईरान के साथ चाबहार पोर्ट डील बार-बार टल रही है।
चीन इस रिक्ति का लाभ उठाकर इन क्षेत्रों में अपने प्रभाव को बढ़ा रहा है।

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6️⃣ UNSC स्थायी सदस्यता: कोई ठोस परिणाम नहीं

2014 से लगातार भारत के नेताओं द्वारा यह कहा गया कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता मिलनी चाहिए।

लेकिन:

2025 तक न तो कोई औपचारिक प्रस्ताव पास हुआ, न ही UNSC में भारत को नए अधिकार मिले।
चीन और अन्य विरोधी गुट इसे लगातार रोकते रहे।

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निष्कर्ष: नीति में दिखावा ज्यादा, रणनीति कम

भारत की विदेश नीति के मौजूदा हालात को देखते हुए निम्न बिंदु सामने आते हैं:

✅ अति-प्रचार और इवेंट-ड्रिवन कूटनीति पर अत्यधिक जोर है।
✅ पड़ोस में चीन का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है।
✅ पुराने मित्रों से दूरी बढ़ती जा रही है।
✅ वैश्विक नेतृत्व की भूमिका अभी कमजोर है।

जब तक भारत अपनी विदेश नीति में दीर्घकालिक रणनीति, निवेश बढ़ाने की क्षमता और संतुलित कूटनीति नहीं लाता — तब तक 'विश्वगुरु' बनने का सपना सिर्फ नारे तक ही सीमित रहेगा।

• 27 मई को कुवैत में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने भारत का पक्ष रखा।• 28 मई को कुवैत ने 19 साल के बैन के बाद पाकिस्तानी वीजा...
09/06/2025

• 27 मई को कुवैत में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने भारत का पक्ष रखा।

• 28 मई को कुवैत ने 19 साल के बैन के बाद पाकिस्तानी वीजा आवेदनों को फिर से खोल दिया।

ये साफ तौर से हमारी विदेश नीति की एक और बड़ी चूक है, वो भी तब जब भारत का प्रतिनिधिमंडल कुवैत में मौजूद था।

ये सवाल बनता है कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के अलग-अलग देशों में जाने से क्या हासिल हुआ.?

-INC

06/06/2025

📢 अल हिंद न्यूज़ से ईद उल-अज़हा समारोह का आह्वान! 🌙🐐

इस खुशियों भरे ईद उल-अज़हा को हमारे साथ मनाएं! अपनी ईद समारोह की तस्वीरें अल हिंद न्यूज़ को भेजें, और हम आपके खास पलों को हमारी समुदाय के साथ साझा करेंगे। याद रखें, जब हम आपकी तस्वीरें साझा करेंगे तो आपको टैग भी करेंगे!

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सभी को ईद उल-अज़हा की हार्दिक शुभकामनाएं!

— अल हिंद न्यूज़ टीम

06/06/2025

📢 Eid ul-Adha Celebration Announcement from Al Hind News! 🌙🐐

Celebrate this joyous Eid ul-Adha with us! Send your Eid celebration pictures to Al Hind News, and we’ll share your special moments with our community. Don’t forget, we’ll tag you when we feature your photos!

📩 Send your pictures via message now and be part of our festive gallery!

Wishing everyone a blessed and joyful Eid ul-Adha!

— Al Hind News Team

ईद-उल-अज़्हा का इतिहास – कुरआनी दृष्टिकोणअल हिंद न्यूज़ विशेष प्रस्तुतिईद-उल-अज़्हा,  जिसे "बकरीद" भी कहा जाता है, इस्ला...
06/06/2025

ईद-उल-अज़्हा का इतिहास – कुरआनी दृष्टिकोण
अल हिंद न्यूज़ विशेष प्रस्तुति

ईद-उल-अज़्हा, जिसे "बकरीद" भी कहा जाता है, इस्लाम धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इसका इतिहास हज़रत इब्राहीम (अलैहिस्सलाम) की अल्लाह के प्रति उनकी सम्पूर्ण निष्ठा और कुर्बानी से जुड़ा हुआ है। यह पर्व हमें त्याग, समर्पण और ईमान की बुलंदियों की याद दिलाता है।

📖 कुरआन की रौशनी में

कुरआन मजीद में हज़रत इब्राहीम (अ.स.) और उनके बेटे हज़रत इस्माईल (अ.स.) की घटना का वर्णन सूरह अस-साफ़्फ़ात (37:102-107) में किया गया है:

> "फिर जब वह (इस्माईल) उनके साथ दौड़ने-भागने की उम्र को पहुँच गए, तो इब्राहीम ने कहा, ‘ऐ मेरे बेटे! मैं सपना देखता हूँ कि मैं तुझे ज़बह (कुर्बान) कर रहा हूँ, तो सोच कि तेरा क्या विचार है।’ उसने कहा, ‘ऐ मेरे पिता! जो आपको हुक्म दिया जा रहा है उसे करिए, इंशा अल्लाह आप मुझे सब्र करने वालों में पाएँगे।’"
> (सूरह अस-साफ़्फ़ात: 102)

इब्राहीम अलैहिस्सलाम ने अल्लाह के हुक्म के अनुसार अपने बेटे को कुर्बान करने की नीयत से तैयार किया। लेकिन जब उन्होंने यह क़दम उठाया, अल्लाह ने उनकी नीयत और ईमानदारी को क़ुबूल करते हुए इस्माईल (अ.स.) की जगह एक दुम्बा (मेंढ़ा) भेजा।

> "हमने उन्हें एक महान क़ुर्बानी के बदले में छुड़ा लिया।"
> (सूरह अस-साफ़्फ़ात: 107)

🕋 क्यों मनाई जाती है ईद-उल-अज़्हा?

यह पर्व हमें याद दिलाता है कि सच्चा ईमान वही है जिसमें अल्लाह के आदेश के सामने अपनी इच्छाओं को कुर्बान किया जाए। आज भी मुसलमान दुनिया भर में इस दिन जानवर की कुर्बानी देकर अल्लाह की राह में अपने समर्पण का प्रतीक प्रस्तुत करते हैं।

त्योहार की शिक्षा

ईमान की ताक़त
त्याग और समर्पण की भावना
ग़रीबों और ज़रूरतमंदों के साथ साझेदारी

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ईद-उल-अज़्हा सिर्फ एक धार्मिक रस्म नहीं, बल्कि एक जीवन का संदेश है – ईमान, सब्र और खुदा की राह में हर चीज़ कुर्बान करने की भावना।

🕌 अल हिंद न्यूज़ की ओर से आप सभी को ईद-उल-अज़्हा मुबारक! 🌙

मणिपुर के मामले में संसद में चर्चा के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने  लोकसभा में 2-3 अप्रैल की रात करीब दो बजे प्रस...
03/04/2025

मणिपुर के मामले में संसद में चर्चा के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में 2-3 अप्रैल की रात करीब दो बजे प्रस्ताव पेश किया।

- सांसदों के चर्चा के बाद गृह मंत्री शाह ने बताया कि मणिपुर में शांति बहाली के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

- लगभग 1:40 घंटे की चर्चा के बाद मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने का प्रस्ताव लोकसभा में 3:40 बजे मंज़ूर किया।

- विपक्ष ने आधी रात को चर्चा के औचित्य पर सवाल उठाए। इस पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि चर्चा कराई जा सकती है।

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