Riya Gupta

Riya Gupta जय श्री राम 🚩

12/07/2025

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02/07/2025

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29/05/2025

Aapki Payment✅️ Bank Mein Credit Hua Ya Nahi ?

24/05/2025

3. खुशी कोई मंज़िल नहीं, एक यात्रा है।

24/05/2025

2. कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

24/05/2025

1. सपनों को सच करने का सबसे अच्छा तरीका है, जागना।

24/05/2025

सफलता की राह पर चलते रहो, क्योंकि मंज़िलें इंतज़ार कर रही हैं।

24/05/2025

आज से कुछ नया करना है

23/05/2025

रामु और सीता एक छोटे से गाँव में रहते थे। रामू एक सीधा-सादा आदमी था, जो अपनी पत्नी सीता से बहुत प्यार करता था। सीता एक गृहिणी थी, जो अपने पति और परिवार की सेवा में खुश रहती थी।

रामू को अपने काम से दूर जाना पड़ा, और इस दौरान उसे कई महीनों तक घर से दूर रहना पड़ा। जब वह लौटा, तो उसने देखा कि सीता में कुछ बदलाव आ गए हैं। वह पहले से कम बात करती थी और उसकी आँखों में एक अजीब सी उदासी थी। रामू ने इस पर ध्यान नहीं दिया, यह सोचकर कि शायद वह थक गई होगी।

धीरे-धीरे, रामू को सीता के व्यवहार में बदलाव दिखने लगा। वह अक्सर घर से बाहर चली जाती थी और जब वापस आती थी, तो उसकी आँखें लाल होती थी। रामू को शक होने लगा, लेकिन वह अपनी पत्नी पर विश्वास करना चाहता था। उसने खुद को तसल्ली दी कि शायद वह किसी दोस्त से मिलने जाती होगी।

एक दिन, रामू ने सीता का पीछा किया। उसने देखा कि सीता एक दूसरे आदमी से मिल रही थी। रामू का दिल टूट गया, लेकिन उसने तुरंत कोई रिएक्शन नहीं दिया। उसने सीता से बात करने का फैसला किया, लेकिन उसके अंदर का गुस्सा उसको रोक रहा था।

रामू ने सीता से पूछा कि वह क्या कर रही है। सीता ने जवाब देने से इनकार कर दिया, लेकिन रामू ने ज़िद की। अंत में, सीता ने बताया कि वह किसी और से प्यार करती है। रामू को बहुत दुःख हुआ। उसने सीता से कहा कि वह उसको जाने देगा, लेकिन उससे एक आखिरी बार मिलने की इच्छा त

23/05/2025

Ek sundar rajya mein, raja Vikram apni shauryata aur nyay ke liye prasiddh tha. Uska hriday ek nokrani, Priya ke liye prem se bhar gaya tha, jo mahal mein kam karti thi. Unka prem chupa hua tha, lekin phir bhi, woh har roz ek dusre se milne ke liye taraste the.

Ek din, Priya pregnant ho gayi. Jab rani, jo Vikram ki patni thi, ko is baat ka pata chala, to usne gussa aur dukha vyakt kiya. Raja Vikram dono mahilaon ke beech fans gaya tha. Usne Priya se vada kiya tha ki woh uski aur uske bacche ki raksha karega, lekin rani se uska vada tha ki woh rajya ko unke putr ko saup dega.

Jab baccha paida hua, to Vikram ko ek kathin faisla lena pada. Usne rani se kaha ki woh rajya ko Priya ke putr ko saup dega, kyunki woh uska apna khoon tha. Rani is faisle se dukhi thi, lekin usne Vikram ki ichha ka samman kiya.

Is tarah, Priya ka putr rajya ka agla raja bana. Rani ne Vikram ko kabhi maaf nahi kiya, lekin woh hamesha Priya aur uske putr ki raksha karti rahi. Is kahani mein, prem, vishwasghat aur nyay ki kathinaiyon ko darshaya gaya hai.

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